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नये पद स्वीकृत: 5 नगर पालिकाओं और 14 नगर पंचायतों में दस-दस पद स्वीकृति

रायपुर- राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने पांच नवगठित नगर पालिकाओं और 14 नगर पंचायतों में प्लेसमेंट पर दस-दस पदों की स्वीकृति प्रदान की है। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद विभाग ने मंत्रालय से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

राज्य शासन ने नवगठित अमलेश्वर, मंदिर हसौद, लोरमी, पंडरिया और बांकी मोंगरा नगर पालिकाओं तथा दाढ़ी, सरसीवा, बेरला, पामगढ़, भिंभोरी, रोहांसी, कोपरा, जनकपुर, पवनी, मरवाही, नरियरा, जरहागांव, लाल बहादुर नगर और पटना नगर पंचायतों के लिए प्लेसमेंट पर दस-दस पद मंजूर किए हैं। इनमें सफाई श्रमिकों के पांच-पांच पद तथा कम्प्यूटर ऑपरेटर, पंप अटेंडेंट, वाहन चालक, भृत्य और श्रमिक के एक-एक पद शामिल हैं।

मनरेगा से बना बकरी पालन शेड तो कांशीराम के चेहरे की बढ गई मुस्कान, आजीविका के साथ साथ आर्थिक रूप से हो रहा हैं सशक्त

रायपुर-   छोटे-छोटे स्वरोजगारों को अपनाकर लोग आर्थिक रुप से आगे बढ़ रहे हैं और वर्तमान समय में लोगों का रुझान बकरीपालन की तरफ तेजी से बढ़ते जा रहा है। राज्य सरकार भी स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचल के किसान बकरीपालन कर अपनी सफलता की नई कहानी गढ़ रहे हैं और लोगों के लिए नई मिसाल बन रहे हैं। ऐसा ही है हरदीविशाल का रहने वाले कांशीराम का जिन्होंने अपनी किस्मत को दूसरों के भरोसे पर नहीं छोड़ा बल्कि बदलते समय के साथ अपने को मजबूत बनाया और अपनी मेहनत के बल से अपनी किस्मत को बदल दिया।

जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा विकासखण्ड की ग्राम पंचायत हरदीविशाल निवासी कांशीराम अपने परिवार चलाने के लिए वह अपने खेती-किसानी पर ही निर्भर था और अपने परिवार का गुजारा चलाता था। इसके अलावा उनकी आय का कोई अन्य जरिया नहीं था। फिर कुछ साल पहले उन्होंने बकरी पालन कार्य शुरू किया और कम समय में ही बकरी पालन के व्यवसाय से अच्छा लाभ अर्जित करने लगा, लेकिन उनके सामने एक बड़ी समस्या खड़ी थी कि जिस घर में वह बकरी पालन का कार्य करता था, वह मिट्टी का था और जर्जर हो चुका था। ऐसे में बारिश और ठंड में बकरियों को सुरक्षित रखना उनके लिए मुश्किल हो रहा था। बीमारियों के चलते कई बार बकरियों की मृत्यु भी हो जाती थी, जिससे उन्हें बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ता था, जितनी भी आमदनी बकरीपालन से होती थी, उससे ही गुजरा बसर चल रहा था।

कांशीराम बताते हैं कि उनके पास वर्तमान में 20 बकरी है। एक वर्ष के अंतराल में चार बकरी को बेचकर बीस हजार रुपया कमाया और अपने परिवार का जीवन यापन में खर्च किया एवं चार वर्ष के अंतराल में 40 बकरी को बेचकर दो लाख रूपये कमाया। इस आमदनी से बच्चों की पढ़ाई, खेत एवं घर बनाने में खर्च किया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई थी क्योंकि अब भी बकरियों को रखने के लिए उनके पास कोई पक्का घर नहीं था। ऐसे में श्री कांशीराम बताते हैं कि इस समस्या के समाधान के लिए उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के व्यक्तिगत हितग्राही मूलक कार्य के तहत ग्राम पंचायत में बकरी पालन शेड के लिए आवेदन किया। आवेदन की मंजूरी के बाद 93 हजार 63 रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति मिली और एक पक्का शेड बनवाया। इस निर्माण कार्य के दौरान कांशीराम के परिवार को 52 दिनों का रोजगार भी प्राप्त हुआ। शेड बनने के बाद कांशीराम ने अपनी बकरियों को सुरक्षित छत प्रदान किया, जिससे उनकी बकरियों की सेहत में सुधार हुआ और उनकी आय में भी बढ़ोतरी हुई।

कांशीराम का कहना है कि अगर मनरेगा से शेड बनाने में मदद नहीं मिली होती, तो यह उनके लिए संभव नहीं था। अब वे अपने बकरी पालन व्यवसाय को और बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी और परिवार की आय से वह अपने बकरी पालन के व्यवसाय को आगे बढ़ा सकेगा।

दो आईपीएस अफसरों के तबादले

रायपुर- डीजी प्रमोट हुए अरूण देव गौतम की जिम्मेदारी में राज्य सरकार ने बदलाव किया है। उनकी सेवाओं को सामान्य प्रशासन विभाग से वापस लेते हुए डीजी होमगार्ड एवं नागरिक सुरक्षा व अग्निशमन सवाएं बनाया गया है। साथ ही राज्य सरकार ने उन्हें संचालक लोक अभियोजन का एडिश्नल चार्ज दिया गया है। 1992 बैच के आइपीएस अरुण देव गौतम अभी  वर्तमान में गृह जेल एवं परिवहन विभाग के सचिव थे।

वहीं 2004 बैच की IPS नेहा चंपावत को गृह विभाग में सचिव बनाया गया है। राज्य सरकार ने उनकी सेवाओं को GAD की प्रतिनियुक्ति पर भेजा है।

आपको बता दें कि अरूणदेव गौतम 1992 बैच के आईपीएस अफसर हैं। पहले चर्चा थी कि वो प्रदेश के नये डीजीपी बन सकते हैं, लेकिन अशोक जुनेजा को राज्य सरकार ने एक्सटेंशन देने का फैसला लिया है, जिसकी वजह से नये डीजीपी का चयन रूक गया। वैसे 1992 बैच के आईपीएस अरूणदेव के साथ 1994 बैच के आईपीएस हिमांशु गुप्ता का भी नाम डीजीपी के लिए लिया जा रहा था, लेकिन फिलहाल सभी संभावनाओं पर विराम लग गया है।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अमरकंटक में नर्मदा मैय्या और जलेश्वर महादेव मंदिर में की पूजा-अर्चना

रायपुर-     उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज सुबह अमरकंटक स्थित नर्मदा मैय्या मंदिर और जलेश्वर महादेव मंदिर पहुँचकर पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने माँ नर्मदा और भगवान शिव से प्रदेशवासियों के लिए की सुख-शांति-समृद्धि की कामना की।

उल्लेखनीय है कि उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कल अमरकंटक के मृत्युंजय आश्रम में कांवड़ियों के लिए की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया था और स्वयं कांवड़ियों के साथ बैठकर भोजन भी किया था। उन्होंने कांवड़ियों को भोजन का वितरण भी किया और उनके साथ पवित्र सावन माह की इस महत्वपूर्ण यात्रा में भागीदारी की थी। उन्होंने अमरकंटक से भोरमदेव मंदिर तक की 150 किलोमीटर लंबी कांवड़ यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, ताकि भक्तगणों को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। उनके निर्देशानुसार कांवड़ियों के लिए 15 से अधिक स्थानों पर चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। यात्रा के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से भी विशेष प्रबंध किए गए हैं, जिनमें 4 पुलिस पेट्रोलिंग टीमें और अनुविभागीय अधिकारी पुलिस की ड्यूटी शामिल है। पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में विस्तृत निर्देश दिए गए हैं, ताकि कांवड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

कांवड़ियों के लिए 20 से अधिक स्थानों पर ठहरने की विशेष व्यवस्था की गई है। अमरकंटक के मृत्युंजय आश्रम में निःशुल्क भोजन और रात्रि विश्राम की व्यवस्था की गई है, जिसमें दाल-भात, सब्जी, मिठाई जैसे खीर, पुड़ी और हलवा का समावेश है। इन व्यवस्थाओं की निगरानी में बोलबम समन्वय समिति और स्थानीय अधिकारी सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि हमारे लिए कांवड़ियों की सुविधा और सुरक्षा सर्वोपरि है। सावन माह के इस पवित्र अवसर पर हमने सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए हैं ताकि सभी भक्तजन बिना किसी कठिनाई के अपनी यात्रा पूरी कर सकें।

BJP विधायक टी राजा ने कहा – बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए प्रयास कर रही सरकार
रायपुर-     कावड़ यात्रा में शामिल होने छत्तीसगढ़ पहुंचे हैदराबाद विधायक टी राजा महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े के साथ विश्रामपुर के लिए रवाना हुए. इस दौरान टी राजा ने कहा, विपक्ष बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हिंसा पर भले बात ना करे, मोदी सरकार की पहल पर हिंदुओं के लिए कदम उठाया गया है. बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए सरकार प्रयास कर रही है. हर राज्य में हिंदुत्व को जगाने का प्रयास कर रहे हैं.


विधायज राजा ने कहा, हम सबको संगठित होकर विदेशी ताकतों को रोकना है. इस उद्देश्य से लेकर छत्तीसगढ़ की धरती पर आए हैं. छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने पर टी राजा ने कहा, सरकार लव जिहादियों को सबक सिखाने का काम कर रही है. सरकार को और मजबूती देने का प्रयास करना चाहिए, ताकि छत्तीसगढ़ में हिंदू विरोधी ताकतों को कमजोर किया जा सके.

वक्फ बोर्ड को लेकर हैदराबाद के विधायक टी राजा ने कहा, यह वही कांग्रेस है, जिसने भारत के दो टुकड़े कर दिए. वक्फ बोर्ड बनाया, जिसके लैंड 4 लाख एकड़ से लेकर 9 लाख एकड़ से ज्यादा हो गए. गरीबों, मंदिरों की जमीन को कब्जाया. कांग्रेस के कार्यकाल में यह सब हुआ है. इतना लैंड कहां से आए, इसकी इंक्वारी होनी चाहिए. विपक्ष वोट बैंक के चक्कर में इसके विरोध में खड़े हो रहे हैं, लेकिन कुछ होने वाला नहीं है.

बांग्लादेश में हिंसा और हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर टी राजा ने कहा, जो बांग्लादेश में हुआ वह भारत में भी हो सकता है. पासपोर्ट बने तो पास्कितान घुस जाएंगे. मुझ पर कांग्रेस ने इतने केस ठोक दिया है कि मेरा पासपोर्ट नहीं बना है. बनेगा तो हम बांग्लादेश और पाकिस्तान घुस जाएंगे.
मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष एवं सदस्यों ने की सौजन्य मुलाकात
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज यहाँ उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष आर. एस. विश्वकर्मा एवं सदस्यों ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने सदस्यों को उनकी नवीन नियुक्ति के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर आयोग के सदस्य कृष्णा प्रसाद गुप्ता, यशवंत वर्मा, बलदाऊ राम साहू, हरिशंकर यादव, नीलांबर नायक और शैलेन्द्री परगनिया भी उपस्थित थीं।
सरगुजा में भारी बारिश की संभावना, कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
रायपुर-    छत्तीसगढ़ में बीते दो दिनों में मानसून कमजोर रहा. सोमवार सुबह से भी राजधानी समेत अधिकांश जिलों में मौसम साफ है. हालांकि मौसम विभाग ने सरगुजा संभाग में अगले 2 दिन के लिए  भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है.

मौसम विभाग के अनुसार सरगुजा संभाग के सूरजपुर और बलरामपुर जिलों के एक दो स्थानों कपर गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना है. वहीं प्रदेश के सभी संभागों के कुछ जिलों में भी हल्की बारिश हो सकती है.
ऐसा रहा बीते दिन प्रदेश का मौसम

मानसून द्रोणिका के कमजोर पड़ने की वजह से प्रदेश में इसका असर कम होने लगा है। बीते दिन प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई. कोरबा में सबसे अधिक बारिश हुई दर्ज की गई. वहीं धूप-बदली की आंख मिचौली के चलते तापमान में बढ़ोतरी हुई और लोगों को उमस और गर्मी का सामना करना पड़ रहा है.

रविवार को प्रदेश का तापमान रविवार को प्रदेश का सर्वाधिक तापमान सुकमा में 34.2 डिग्री और सबसे कम तापमान नारायणपुर में 22.2 डिग्री दर्ज की गई.
आज भी जारी रहा संभागायुक्त महादेव कावरे का औचक निरीक्षण

रायपुर- संभागायुक्त महादेव कावरे ने आज रायपुर के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी कार्यालय और तहसील कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। श्री कावरे सुबह 10 बजे एसडीएम कार्यालय पहुंचे और उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों से राजस्व प्रकरणों की जानकारी तलब की। उन्होंने राजस्व संबंधी विवादित और अविवादित प्रकरणों का जल्द निपटारा करने के निर्देश अधिकारियों को दिये ताकि लंबित प्रकरणों की संख्या कम हो और लोगों को सहुलियत मिले।

श्री कावरे ने कार्यालयों में आने वाले लोगों की समस्याओं को संवेदनशीलता से सुनने और जल्द समाधान करने को कहा ताकि लोगों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर ना काटना पड़े। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर ही पक्षकार को बुलाया जाकर प्रकरणों पर त्वरित आदेश पारित करें। संभागायुक्त ने बटांकन के लिए अभियान चलाकर निपटारा करने और सीमांकन के प्रकरणों का समय-सीमा में समाधान करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कार्यालय में टूटे-फूटे कुर्सी, टेबलों-फर्नीचर की तत्काल मरम्मत कराने को कहा। श्री कावरे ने कर्मचारियों के टेबलों पर पद तथा नाम प्रदर्शित करने वाली पट्टिकायें भी लगाने के निर्देश दिए।

संभागायुक्त ने एसडीएम कार्यालय के निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों को टाईम टेबल बनाकर आवेदकों को बुलाने का सुझाव दिया। उन्होंने आवक-जावक शाखा का भी निरीक्षण किया और रिकार्ड दुरूस्त रखने और स्टॉक पंजी संधारण करने के निर्देश दिए। संभागायुक्त ने स्टॉक के वेरिफिकेशन का सुझाव भी दिया। उन्होंने नजूल शाखा के निरीक्षण के दौरान कैश बुक और पंजीकरण रजिस्टर दुरूस्त रखने के निर्देश दिए। संभागायुक्त ने लंबे समय से आदेश के लिए लंबित रखे गए प्रकरणों का भी अवलोकन किया और बिना किसी उचित कारण के आदेश लंबित रखने पर एसडीएम नंदकुमार चौबे को कारण बताओ नोटिस जारी किया।

कमिश्नर श्री कावरे ने रायपुर तहसील कार्यालय में कानून गो, वित्त, नाजिर शाखा, डब्ल्यूबीएन, रिकार्ड रूम सहित विभिन्न शाखाओं में संधारित पंजीयों और दस्तावेजों का निरीक्षण किया। संभागायुक्त ने तहसीलदार न्यायालय के प्रकरणों को बारिकी से जांचा और कई प्रकरणों के ऑनलाईन पंजीयन नहीं होना पाये जाने पर तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया। श्री कावरे ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों-कर्मचारियों को नांमाकन, सीमांकन इत्यादि प्रकरणों का निर्धारित समय-सीमा में निपटारा करने के निर्देश दिये। उन्होंने आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र भी निर्धारित समय-सीमा में बनाने को कहा। संभागायुक्त श्री कावरे ने सीमांकन, अतिक्रमण, व्यवस्थापन, नक्शा का बाटांकन आदि के संबंध में आवश्यक निर्देश तहसीलदार को दिए। उन्होंने तहसील कार्यालय के डब्ल्यूबीएन में उचित ढंग से कार्य करने, पंजीयों का संधारण पश्चात आवश्यक प्रवृष्टि करने तथा उसकी तहसीलदार द्वारा समय-समय पर समीक्षा करने के निर्देश भी दिए।

फूलो की खेती से दीदियों को मिलेगी अतिरिक्त आमदनी, तुड़पारास, भोगाम, भैरमबंद ग्रामों की दीदियों को दिया गया प्रशिक्षण

रायपुर-    फूलों का उपयोग अपने घर, मंदिरों, शादी एवं सजावट सहित अन्य कार्यों के लिए किया जाता है। फूल श्रद्धा और भावना का प्रतीक है। अपने घरों के बगीचे, गार्डन, गमलों में भी अलग-अलग फूल लगाएं जाते हैं। सुबह-सुबह सुंदर और सुगंधित फूल देखकर मन आनंदित हो जाता है। दूरस्थ वनांचल क्षेत्र की महिलाओं को फूलों के खेती के प्रति प्रेरित करना और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए उद्यान विभाग द्वारा निःशुल्क पौधे भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। दंतेवाड़ा जिले की स्व-सहायता समूह की 45 दीदियां मिलकर लगभग 4 एकड़ खेत में फूलों की खेती कर आगे बढ़ रही हैं।

जिला प्रशासन और बिहान योजना अंतर्गत जिले के महिला स्व सहायता समूह की दीदियों को फूलों की खेती करने के लिए उद्यान विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षण जिला दंतेवाड़ा के गाँव तुड़पारास, भोगाम, भैरमबंद में दीदियों को दिया गया। फूल उत्पादन के पश्चात महिला समूहों द्वारा फूलों से माला एवं गुलदस्ते बना कर माँ दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ा के प्रांगण में विक्रय किया जाएगा, ताकि वे अच्छी खेती करके मुनाफा कमा कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकें। दंतेवाड़ा के उद्यानिकी विभाग और सीएसआईआर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ के डायरेक्टर अजीत शासनी के मार्गदर्शन में महिला समूह की दीदियों को विभिन्न प्रकार के फूलों के 60 हजार पौधे वितरण किये गये हैं।

शराब घोटाले में ईडी का दावा, अनवर ढेबर ने पूर्व IAS अरुणपति त्रिपाठी के साथ मिलकर रची थी साजिश

रायपुर- शराब घोटाला केस में उत्तरप्रदेश के मेरठ जेल से रायपुर लाने के बाद 14 अगस्त तक ईडी की रिमांड पर चल रहे होटल कारोबारी अनवर ढेबर और पूर्व आबकारी अफसर अरूणपति त्रिपाठी से पूछताछ जारी है। इस बीच ईडी ने दावा किया है कि अनवर ढेबर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में काफी ताकतवर व्यक्ति और आबकारी मंत्री का वह ”’पावर”’ रखता था। तत्कालीन आईएएस रहे अनिल टुटेजा के साथ मिलकर वह शराब सिंडिकेट चलाता था। दोनों ने मिलकर पूरे घोटाले की साजिश रची। ईडी ने प्रेस नोट जारी कर यह बातें कही हैं।

त्रिपाठी की घोटाले में अहम भूमिका

ईडी के मुताबिक जांच में यह साफ हुआ है कि अरुणपति त्रिपाठी ने सरकारी शराब की दुकानों (जिसे पार्ट-बी कहा जाता है) के जरिए बेहिसाब शराब बिक्री की योजना को लागू करने में अहम भूमिका निभाई।

उसने ही 15 जिले जहां अधिक शराब बिक्री होती थी और राजस्व आता था, उन जिलों के आबकारी अधिकारियों के साथ बैठक कर अवैध शराब बेचने के निर्देश दिए थे।

त्रिपाठी ने ही विधु गुप्ता के साथ डुप्लीकेट होलोग्राम की व्यवस्था की थी।जांच में पता चला है कि शराब की बिक्री से आने वाले पैसों में एक निश्चित राशि त्रिपाठी को दी जाती थी।

2019 से 2022 तक चला भ्रष्टाचार

शराब घोटाले में भ्रष्टाचार 2019 से 2022 के बीच चला है। इसमें कई तरीकों से भ्रष्टाचार किया गया था। पार्ट ए में छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड़ (शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य का निकाय) की ओर से शराब की प्रत्येक पेटी के लिए डिस्टलरी से रिश्वत ली गई थी।त्रिपाठी को अपने पसंद के डिस्टिलर की शराब को परमिट करना था,जो रिश्वत-कमीशन को लेकर सिंडिकेट का हिस्सा हो गए थे।

पार्ट बी में सरकारी शराब दुकान के जरिए बेहिसाब कच्ची और देशी अवैध शराब की बिक्री की गई।यह बिक्री नकली होलोग्राम से हुई थी, जिससे राज्य के खजाने में एक भी रुपए नहीं पहुंचा और बिक्री की सारी राशि सिंडिकेट ने जेब में डाल ली।

पार्ट सी कार्टेल बनाने और बाजार में निश्चित हिस्सेदारी रखने की अनुमति देने के लिए डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई और एफएल 10 ए लाइसेंस धारक जो विदेशी शराब उपलब्ध कराते थे उनसे भी कमीशन लिया गया। इस घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।शराब सिंडिकेट के जेबों में 2100 करोड़ रुपए से अधिक गए।