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आज का इतिहास:आज ही के दिन भारत में एशिया का पहला न्यूक्लियर रिएक्टर हुआ था शुरू, जिसको नाम दिया गया ‘अप्सरा’


 नयी दिल्ली : देश दुनिया के इतिहास में 4 अगस्त की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है, लेकिन आज के दिन साल 1956 में कुछ ऐसा हुआ था। जिसने इतिहास रच दिया था, दरअसल, भारत का पहला परमाणु अनुसंधान रिएक्टर ‘अप्सरा’ 4 अगस्त 1956 को शुरू हुआ था।

जनवरी 1954 में होमी जहांगीर भाभा ने एटॉमिक एनर्जी इस्टैब्लिशमेंट ट्रॉम्बे (AEET) की स्थापना की थी। 

डॉ. भाभा भारत में एटॉमिक एनर्जी के क्षेत्र में रिसर्च को आगे बढ़ाना चाहते थे। जिसको लेकर एटॉमिक रिएक्टर की डिजाइनिंग और डेवलपमेंट पर काम कर रहे देशभर के तमाम इंजीनियर और वैज्ञानिकों को इस सेंटर में काम करने के लिए बुलाया गया।

वो दिन 15 मार्च 1955 था, जब भारत के पहले न्यूक्लियर रिसर्च रिएक्टर को बनाने का फैसला लिया गया। 

इस पूरे प्रोग्राम के हेड डॉ. भाभा थे। फैसला लिया गया कि ये रिएक्टर एक स्विमिंग पूल की तरह होगा और इसकी क्षमता 1 मेगावॉट थर्मल होगी।

भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) के परिसर में ही रिसर्च रिएक्टर को बनाने का काम शुरू किया गया। 

एक बड़ी समस्या रिएक्टर के लिए न्यूक्लियर फ्यूल की सामने आ रही थी। जिसको लेकर ब्रिटेन से बात की गई। ब्रिटेन और भारत के बीच एक डील हुई जिसमें ये फैसला लिया गया कि रिएक्टर के लिए जरूरी यूरेनियम की आपूर्ति ब्रिटेन भारत को कराएगा।

देशभर के तमाम वैज्ञानिकों ने दिन-रात मेहनत कर केवल 15 महीने में रिएक्टर का काम पूरा कर लिया। साल 1956 में आज ही के दिन इस रिएक्टर को शुरू किया गया। ये भारत के साथ ही पूरे एशिया का पहला न्यूक्लियर रिएक्टर था।

रिएक्टर का नाम ‘अप्सरा’ रखा गया। जिसके बाद अगले कई दशकों तक रिएक्टर का उपयोग एटॉमिक एनर्जी से जुड़ी रिसर्च करने में किया गया।

महत्वपूर्ण घटनाएं:-

1522: मेवाड़ के शासक और महाराणा प्रताप के पिता राणा उदयसिंह का जन्म 4 अगस्त 1522 को हुआ था।

1730: भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध मराठा वीर सदाशिवराव भाऊ का जन्म 4 अगस्त 1730 को हुआ था।

1845: प्रसिद्व भारतीय वकील और सामाजिक कार्यकर्ता फिरोजशाह मेरवानजी मेहता का जन्म 4 अगस्त 1845 को हुआ था।

1915: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मन सेना ने 4 अगस्त 1915 को वारसॉ पर कब्जा किया था।

1924: भारतीय साहित्यकार इन्दु प्रकाश पांडे का जन्म 4 अगस्त 1924 को हुआ था।

1930: यूरोपीय देश बेल्जियम में 4 अगस्त 1930 को बाल मजदूर कानून बनाया गया था।

1931: भारतीय क्रिकेटर नरेन तमहाने का जन्म 4 अगस्त 1931 को हुआ था।

1937: भारत के प्रसिद्ध इतिहासकार एवं पुरातत्त्व के अंतररष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान काशी प्रसाद जायसवाल का निधन 4 अगस्त 1937 को हुआ था।

1947: 4 अगस्त 1947 को जापान में सुप्रीम कोर्ट की स्‍थापना की गई था।

1956: भारत का पहला परमाणु अनुसंधान रिएक्टर ‘अप्सरा’4 अगस्त 1956 को शुरू हुआ था।

1967: विश्व के सबसे लम्बे नागार्जुन सागर बांध का निर्माण 4 अगस्त 1967 में हुआ था।

1967: अमरीका ने 4 अगस्त 1967 को नेवादा में परमाणु परीक्षण किया था।

2004: ‘नासा’ ने 4 अगस्त 2004 को एल्टिक्स सुपर कम्प्यूटर केसी को ‘कल्पना चावला’ का नाम दिया था।

2006: उड़ीसा की महिला मुख्यमंत्री तथा लेखिका नंदिनी सत्पथी का निधन 4 अगस्त 2006 को हुआ था।

2007: नासा ने 4 अगस्त 2007 में मंगल ग्रह की खोज के लिए फीनिक्स मार्स लैंडर नामक एक अमरीकी अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण किया था।

2008: सरकार ने 4 अगस्त 2008 को भारतीय जहाजरानी निगम (एससीआई) को नवरत्न का दर्जा प्रदान किया था।

सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक ओडिशा कैडर के आईपीएस अमृत मोहन प्रसाद बनाये गए


नई दिल्ली। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 1989 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी अमृत मोहन प्रसाद को सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के विशेष महानिदेशक के रूप में नियुक्ति के लिए गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने अमृत मोहन प्रसाद, आईपीएस (ओडी:89) को सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक के रूप में नियुक्त करने के गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।उन्हें पदभार ग्रहण करने की तिथि से 31.08.2025 तक अर्थात उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, वेतन मैट्रिक्स के लेवल-16 में नियुक्त किया जाता है।

कैबिनेट ने 50 हजार करोड़ की हाई स्पीड रोड कॉरिडोर की 8 परियोजनाओं को दी मंजूरी


नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लॉजिस्टिक क्षमता और संपर्क सुविधा बढ़ाने के लिए शुक्रवार को 50,655 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली 936 किलोमीटर लंबी आठ राष्ट्रीय द्रुतगामी सड़क गलियारा परियोजनाओं को मंजूरी दी। 

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

आज 108 वीं जयंती पर विशेष : 30 लाख हिंदुओं ने जिन 10 भजनों का चयन किया उनमें से 6 'शकील बदायुनी' ने लिखे हैं


नयी दिल्ली : शकील बदायूंनी ने हिंदुस्तानी सिनेमा को कई यादगार नग़मे दिए। बीबीसी ने पुरी दुनिया में रहने वाले 30 लाख हिंदुओं पर एक सर्वे कराया था कि हिंदुओं का सबसे प्रिय भजन कौन सा है ? इस सर्वे से जो परिणाम निकल कर सामने आया, वह करारा जबाब है उन धर्म के ठेकेदारों का जो हिन्दु मुस्लिम एकता के बीच दीवार खड़ी करते हैं ! 

30 लाख हिंदुओं ने जिन 10 भजनों का चयन किया उनमें से 6 'शकील बदायुनी' के लिखे हुए हैं, और 4 'साहिर लुधियानवी' के लिखे हुए हैं ! उन 10 के 10 भजनों में संगीत हैं 'नौशाद साहब' का ! उन सभी 10 भजनों को आवाज़ दिया हैं 'रफी साहब' ने ! ये 10 भजन 'महबूब अली खान' की फिल्मों में हैं, और इन 10 भजनों पर अभिनय किया हैं 'यूसुफ खान' उर्फ दिलीप कुमार ने !

यह जानकारी वर्तमान समय में जरुरी थी क्योंकि चुनावों में साम्प्रदायिकता कि आग लगाकर भाईचारे को रौंदती धार्मिक उन्माद की हवा जो लोग आज चला रहे हैं उन्हें यह जानना चाहिए कि धर्मनिरपेक्षता की भावना भारतीयों के नस-नस में रची बसी है।साम्प्रदायिकता की हवाओं के झोंको से उड़ाया नहीं जा सकता !

ज़रा गौर फरमाइये -

मन तडपत हरि दर्शन को आज

गीतकार : शक़ील बदायुंनी

गायक : मोहम्मद रफी

संगीतकार : नौशाद

फिल्म : बैजू बावरा (1952)

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इंसाफ का मंदिर है, ये भगवान का घर है

गायक -मोहम्मद रफी

संगीत : नौशाद

गीतकार : शकील बदायुंनी

फिल्म -अमर (1954)

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हे रोम रोम में बसने वाले राम

गीतकार : साहिर लुधियानवी

गायक : आशा भोसले, रफी

फिल्म : नीलकमल (1968)

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ओ पालनहारे निर्गुण और न्यारे

गीतकार - जावेद अख्तर

संगीतकार : ए. आर. रहमान 

फिल्म - लगान (2001)

जय रघुनन्दन जय सियाराम

गायक: मोहम्मद रफ़ी

गीतकार: शक़ील बदायुंनी

फिल्म -घराना (1961)

आना है तो आ राह में

गीतकार - साहिर लुधियानवी

संगीत - ओ पी नय्यर, खैयाम साहब

गायक - मोहम्मद रफ़ी

फिल्म - नया दौर (1957)

जान सके तो जान, तेरे मन में छुपे भगवान

गीतकार - जांनिसार अख्तर

संगीत - ओ पी नय्यर

गायक - मोहम्मद रफी

फिल्म - उस्ताद (1957)

संगीतकार जयदेव की 106 वीं जयंती आज :घर से भागकर हीरो बनने के लिए मुंबई गए थे जयदेव


नयी दिल्ली : साठ के दशक की बात है. मशहूर अभिनेता देव आनंद फिल्म- ‘हम दोनों’ बना रहे थे. इस फिल्म में उनके साथ नंदा, साधना शिवदासानी, लीला चिटनिस और ललिता पवार थे. अभिनेता देव आनंद और विजय आनंद ने इस फिल्म में संगीत बनाने का जिम्मा महान संगीतकार जयदेव को दिया था. 

आज उन्हीं दिग्गज संगीतकार जयदेव की सालगिरह है. देव आनंद अपनी फिल्मों के संगीत को लेकर बहुत मेहनत किया करते थे. गीत लिखने का जिम्मा साहिर लुधियानवी पर था. साहिर ने इस फिल्म के लिए एक से बढ़कर एक गीत लिखे.

‘अल्लाह तेरो नाम’ गाने के बनने की कहानी है दिलचस्प

‘मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया, ‘अभी ना जाओ छोड़कर, ‘कभी खुद पे कभी हालात पे रोना आया’ जैसे सुपरहिट नगमें इस फिल्म में थे. जयदेव ने यूं तो तमाम फिल्मों में संगीत दिया, लेकिन इन गानों को अब तक कोई भूला नहीं है. इसी फिल्म के भजन अल्लाह तेरो नाम की कहानी बहुत दिलचस्प है.

अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम…, इस गाने के लिए देव आनंद और विजय आनंद ने तय किया कि इसे लता मंगेशकर ही गाएंगी. परेशानी ये थी कि उन दिनों लता मंगेशकर और फिल्म के संगीतकार जयदेव के बीच बातचीत बंद थी. इस फिल्म से पहले किसी बात पर जयदेव और लता जी में मतभेद हो गया था और लता मंगेशकर ने जयदेव के संगीतबद्ध गानों को गाने से मना कर दिया था. 

मुसीबत तब और बढ़ गई जब देव आनंद और विजय आनंद ने तय किया कि अगर इस गाने को लता जी से गवाने के लिए संगीतकार को बदलना पड़ा तो उससे भी वो चूकेंगे नहीं.

अपनी बात को लता मंगेशकर के साथ साझा करने के लिए वो दोनों लता मंगेशकर के घर पहुंच गए. दोनों भाइयों ने लगभग जिद करने जैसी हालत में लता जी को बता भी दिया कि अगर वो गाना नहीं गाएंगी तो वो संगीतकार को ही बदल देंगे. 

लता मंगेशकर के लिए बड़ी दुविधा का वक्त था. वो ये नहीं चाहती थीं कि छोटी सी बात पर हुए मतभेद के लिए जयदेव को फिल्म से हटा दिया जाए.

नतीजा, उन्होंने गाने के लिए हामी भर दी. इस गाने को तैयार करने के दौरान ही जयदेव और लता मंगेशकर में फिर से बातचीत शुरू हुई. इस गाने की लोकप्रियता के बारे में कुछ भी कहा जाए वो कम है. 

लता मंगेशकर ने अपने लगभग ज्यादातर स्टेज शो में इस गाने को गाया है. इस गाने की रिकॉर्डिंग के बाद जयदेव और लता मंगेशकर ने काफी फिल्मों में साथ काम किया.

घर से भागकर हीरो बनने के लिए मुंबई गए थे जयदेव

जयदेव से जुड़ा दिलचस्प किस्सा ये भी है कि जब वो करीब 15 साल के थे, तो वो पंजाब से भागकर बॉम्बे गए थे. उन्हें अभिनेता बनना था. उन्होंने बतौर बाल कलाकार कुछ फिल्मों में अभिनय भी किया, लेकिन घर के आर्थिक हालात बिगड़ने पर उन्हें वापस लुधियाना लौटना पड़ा. 

40 के दशक में उन्होंने दिग्गज सरोद वादक उस्ताद अली अकबर खान से संगीत की बाकयदा तालीम ली थी. उन्होंने उस्ताद अली अकबर खान और एसडी बर्मन जैसे दिग्गज कलाकारों के सहायक के तौर पर भी काम किया.

फिल्म हम दोनों के अलावा रेशमा और शेरा, घरौंदा और गमन जैसी फिल्मों के संगीत के लिए भी उन्हें याद किया जाता है. 

अमिताभ बच्चन के पिता साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला का जो वर्जन हम लोगों ने मन्ना डे की आवाज में सुना है, उसका संगीत भी जयदेव का ही था.

आज का इतिहास:आज ही के दिन भारत की खोज करने निकला था कोलंबस, कांगों में हुआ था भीषण रेल हादसा


नयी दिल्ली : तीन अगस्त का दिन बहुत सी घटनाओं का चश्मदीद गवाह रहा है। समुद्र के रास्ते भारत की खोज पर निकले इटली के नाविक क्रिस्टोफर कोलंबस ने आज ही दिन भारत की खोज पर निकले थे। इसके साथ ही आज ही दिन लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो में एक ट्रेन दुर्घटना में 100 लोगों की मृत्यु हुई थी।

यह तो हम आप सभी जानते हैं कि इटली के नाबिक क्रिस्टोफर कोलंबस यूरोप से समुद्र मार्ग से भारत के रास्ते की खोज करने निकले थे, लेकिन यह बात बहुत कम लोगों को पता है कि उन्होंने अपनी यह यात्रा 1492 में तीन अगस्त के दिन ही शुरू की थी। इसके अलावा दुनिया को बेहतर बनाने के काम में जुटे लोगों के लिए भी आज का दिन महत्वपूर्ण है। 

दरअसल बाबा आम्टे को 1985 में आज के दिन ही जनसेवा के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार प्रदान किया गया था।

1108 : लुई षष्ठम फ्रांस का सम्राट बना।

1492 : यूरोपीय देश स्पेन से सभी यहूदियों को बाहर निकाला गया।

1492 : इटली का नाविक क्रिस्टोफर कोलंबस तीन पोत के साथ भारत की खोज के लिए रवाना हुआ।

1678 : राबर्ट लासैले ने अमेरिका में पहले जहाज का निर्माण किया।

1780 : मेहर पोफम के तहत कैप्टन ब्रूस ने ग्वालियर पर कब्जा किया।

1886 : हिंदी के विद्वान मैथिली शरण गुप्त का जन्म।

1900 : फर्स्ट वन टायर एंड रबर कंपनी की स्थापना।

1914 : पहला समुद्री जहाज पनामा नहर से गुजरा।

1925 : अमेरिका की अंतिम सैन्य टुकड़ी ने निकारागुआ छोड़ा।

1957 : अब्दुल रहमान को मलेशिया का नया नेता चुन लिया गया। उनके नेतृत्व में ब्रिटेन से मलेशिया को आजादी मिली थी।

1960 : पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर ने फ्रांस से स्वतंत्रता हासिल की।

1985 : बाबा आम्टे को जनसेवा के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार प्रदान किया गया।

2003 : अमेरिका के एंग्लिकन चर्च में एक समलैंगिक को बिशप बनाने का फ़ैसला किया गया। न्यू हैंम्पशायर के जेन रॉबिंसन को एपिस्कोपल चर्च के हाउस ऑफ़ डेपुटीज़ ने भारी बहुमत से बिशप बनाया।

2004 : अमेरिकी अंतरिक्ष यान मैसेंजर बुध ग्रह के लिए रवाना।

2007 : इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना हुआ रूसी अंतरिक्ष यान प्रोग्रेस एम-61 सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में पहुँचा।

2007 : लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो में एक ट्रेन दुर्घटना में 100 लोगों की मृत्यु।

3 अगस्त को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1966 में आज ही के दिन अभिनेता फैज़ल ख़ान का जन्म हुआ था।

1960 में आज ही के दिन भारतीय क्रिकेटर गोपाल शर्मा का जन्म हुआ था।

1939 में 3 अगस्त के दिन ही बांग्ला साहित्य के एक प्रमुख कवि उत्पलकुमार बसु का जन्म हुआ।

1939 में आज ही के दिन भारतीय क्रिकेटर अपूर्व सेनगुप्ता का जन्म हुआ था।

1936 में 3 अगस्त के दिन ही भारतीय शास्त्रीय गायक छन्नूलाल मिश्रा का जन्म हुआ था।

1919 में आज ही के दिन भारतीय संगीतकार और बाल अभिनेता जयदेव का जन्म हुआ था।

1916 में 3 अगस्त के दिन ही भारतीय गीतकार और शायर शकील बदायूंनी का जन्म हुआ था।

1886 में आज ही के दिन कालजयी रचनाओं के कवि मैथलीशरण गुप्त का जन्‍म हुआ था।

3 अगस्त को हुए निधन

1993 में 3 अगस्त के दिन ही हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के प्रमुख सदस्य प्रेमकृष्ण खन्ना का निधन हुआ था।

1990 में आज ही के दिन स्वतंत्रता सेनानी व उड़ीसा और मध्य प्रदेश के राज्यपाल रहे सी. एम. पुनाचा का निधन हुआ था।

3 अगस्त को प्रमुख उत्सव

हृदय प्रत्यारोपण दिवस (भारत)

दुखद : ऐसे में तो कमजोर हो जाएगी बुढ़ापे की लाठी ! रिटायरमेंट के पैसे पर बढ़ा 40 % का बोझ


नई दिल्‍ली : इनकम टैक्‍स का यह सामान्‍य नियम है कि इसे हमेशा आगे की योजनाओं पर लागू किया जाता है. आपने कोई निवेश पहले किया है तो उस पर लागू नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन 23 जुलाई को पेश किए गए बजट 2024 में सरकार ने सभी तरह के कैपिटल गेन पर डंडेक्‍सेशन यानी महंगाई के सापेक्ष मिलने वाली छूट को समाप्‍त कर दिया.

बजट के बाद ज्‍यादा विपक्ष ने भी इस पर हो-हल्‍ला मचाया, लेकिन ज्‍यादातर बातें प्रॉपर्टी के इर्द-गिर्द ही होती रहीं. लेकिन, क्‍या आपको पता है कि इस नए नियम से आपकी बुढ़ापे की लाठी भी कमजोर हो जाएगी. क्‍यों और कैसे, चलिए आपको बहुत ही साधारण भाषा और कैलकुलेशन के साथ समझाते हैं.

पहले आपको याद दिला दें कि सरकार ने कैपिटल गेन पर बदला क्‍या है. इसके लिए एक साल पीछे ले चलते हैं. साल 2023 में सरकार ने रिटायरमेंट के लिए सबसे ज्‍यादा पसंद की जाने वाली म्‍यूचुअल फंड कैटेगरी पर इंडेक्‍सेशन का लाभ खत्‍म किया था।

हम बात कर रहे हैं डेट म्‍यूचुअल फंड की, जिस पर आपको मुश्किल से 7 से 8 या बहुत हो गया तो 9 फीसदी तक रिटर्न मिलता है. इसका मतलब है कि इस फंड पर आपको 10 फीसदी का सालाना रिटर्न शायद ही मिले. बावजूद इसके कम्‍पाउंडिंग की ताकत के भरोसे यह फंड लांग टर्म में अच्‍छा खास कॉपर्स तैयार करने की क्षमता रखता है. यही कारण है कि ज्‍यादातर लोग अपना रिटायरमेंट फंड तैयार करने के लिए डेट म्‍यूचुअल फंड को पसंद करते थे.

क्‍या हुआ था बदलाव

डेट म्‍यूचुअल फंड को पसंद का सिलसिला साल 2023 तक था, लेकिन पिछले साल के बजट में सरकार ने इस कैटेगरी पर इंडेक्‍सेशन का लाभ खत्‍म कर दिया. इसका मतलब हुआ कि लोगों के रिटायरमेंट बचत पर सीधे चोट लगी. इससे पहले तक इस कैटेगरी के म्‍यूचुअल फंड पर लांग टर्म में मिले रिटर्न पर 20 फीसदी टैक्‍स लगता था, लेकिन महंगाई के सापेक्ष रिटर्न पर छूट भी मिलती थी. जिससे प्रभावी टैक्‍स काफी कम रह जाती थी. सरकार ने कहा था कि साल 2023 के बाद इस कैटेगरी में निवेश किया तो इंडेक्‍सेशन का लाभ नहीं मिलेगा. इसका मतलब सीधे तौर पर 20 फीसदी लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स चुकाना होगा. चलो, यहां तक तो ठीक था कि भाई अब हम आगे इसमें पैसे ही नहीं लगाएंगे. लेकिन, असली समस्‍या अब शुरू हुई.

2024 में क्‍या किया

बीते एक साल में लोगों ने मन बना लिया कि चलो भाई यहां पैसे ही नहीं लगाते हैं. लेकिन, 2024 वाले बजट में सरकार ने सभी तरह के कैपिटल गेन वाले निवेश पर इंडेक्‍सेशन खत्‍म कर लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया. इसका असर 1 अप्रैल, 2023 से पहले इस फंड में लगाए पैसों पर भी पड़ेगा.

देखने में तो आपको लग रहा है कि सरकार ने टैक्‍स की दर घटा दी है, लेकिन जब आप इंडेक्‍सेशन के साथ इसे देखेंगे तो होश उड़ जाएगा. कैसे, बस यह कैलकुलेशन देख लीजिए.

होश उड़ा देगा कैलकुलेशन

मान लेते हैं आपने 31 मार्च, 2023 को डेट म्‍यूचुअल फंड में 10 लाख रुपये का निवेश किया कि इससे रिटायरमेंट तक मोटा कॉपर्स तैयार कर लेंगे. हम आपको रिटायरमेंट तक ले जाने के बजाए सिर्फ 3 साल आगे यानी साल 2026 तक ले चलते हैं. इस दौरान आपको सिर्फ 7 फीसदी का भी रिटर्न मिला तो कंपाउंड के साथ आपकी रकम बढ़कर 12,25,043 रुपये हो जाएगी. इसका मतलब आपने 2,25,043 रुपये का कैपिटल गेन यानी रिटर्न कमाया.

इस दौरान महंगाई 4 फीसदी की दर से बढ़ी तो इंडेक्‍सेशन के साथ आपके पास वास्‍तव में टैक्‍स चुकाने लायक रिटर्न सिर्फ 1,00,179 रुपये होगा. इस पर आप 20 फीसदी सीधा लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स यानी 20,035.80 रुपये का टैक्‍स चुका दीजिए.

लेकिन, बजट 2024 में इंडेक्‍सेशन खत्‍म किए जाने के बाद आपको 12.5 फीसदी टैक्‍स पूरे कैपिटल गेन पर चुकाना होगा. इसका मतलब हुआ कि 2,25,043 रुपये 12.5 फीसदी टैक्‍स जो होगा 28,130 रुपये. आपके ऊपर जो बढ़ा हुआ टैक्‍स आया, उसकी रकम होगी 8,095 रुपये. अब इसे फीसदी में बदलकर देखें तो टैक्‍स का बोझ सीधे 40 फीसदी बढ़ गया है. यह गणित सिर्फ 3 साल निवेश के बाद है, जरा अंदाजा लगाइये कि आपने 30 साल का रिटायरमेंट फंड तैयार किया तो क्‍या होगा. हो गई न बुढ़ाने की लाठी कमजोर!

कहते है ना सब्र का फल मीठा होता है इस वाक्य को साबित की हैं गाजियाबाद की इस महिला ने 7 करोड़ की प्लाट महिला को मिला सिर्फ 4 लाख में।


दिल्ली:- दिल्ली एनसीआर में फ्लैट खरीदना तो जैसे आम लोगों के लिए एक सपना हो गया है, ऐसे में आपको पता चले कि सिर्फ 4 लाख रुपये में किसी को 500 वर्ग मीटर का प्लॉट मिल जाए तो कैसा लगेगा? जी हां ऐसा ही हुआ है एक 70 साल की महिला के साथ.

उन्हें इंदिरापुरम जैसे पॉश इलाके में 500 वर्ग मीटर का प्लॉट सिर्फ 4 लाख रुपये में मिला है जिसकी वर्तमान में कीमत करीब 7 करोड़ रुपये है.

एक कहावत है कि सब्र का फल मीठा होता है, कुछ ऐसा ही असल जीवन में देखने को मिला है. जहां एक महिला ने लगातार तीन दशकों तक कानून की लड़ाई लड़ी और जीडीए को आखिरकार हरा दिया.

महिला का नाम लता जैन है जिन्होंने 16 अगस्त 1988 को नर्सिंग होम बनाने के लिए पटेल नगर में एक 500 वर्ग मीटर का प्लॉट बुक किया था. प्लॉट बुक करने के लिए लता जैन ने जीडीए (गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी) को 50 हजार रुपये बुकिंग अमाउंट भी दिया था.

कंज्यूमर फॉरम ने सुनाया फैसला

कुछ दिन बाद जीडीए ने प्लॉट को विवादित बताते हुए लता जैन को उनकी बुकिंग अमाउंट का रिफंड ऑफर कर दिया. बुकिंग अमाउंट को लता ने लेने से इनकार कर दिया और वह कंज्यूमर फॉरम चली गईं.

कंज्यूमर फॉरम के सामने जीडीए ने कहा कि लता ने बिना अलॉटमेंट के ही प्लॉट किसी दूसरी पार्टी को बेच दिया था. लेकिन, इस आरोप को जीडीए साबित नहीं कर पाया और कंज्यूमर फॉरम ने लता के हित में फैसला दिया.

2009 में कंज्यूमर फॉरम ने लता के पक्ष में फैसला सुनाया था. इसके 1 साल बाद जीडीए ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया. जीडीए ने इस केस में हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की.

1988 के रेट से ही मिले प्लॉट

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी कंज्यूमर फॉरम का फैसला बरकरार रखा और लता के पक्ष के फैसला सुनाया. इसके बाद 2010 में जीडीए ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.

सुप्रीम कोर्ट में यह केस करीब 14 साल और चला. जिसके बाद अब जाकर लता को न्याय मिला है. 5 अप्रैल 2024 को लता के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने जीडीए को आदेश दिया है कि महिला को इंदिरापुरम में न्याय खंड 1 में 500 वर्ग मीटर का प्लॉट अलॉट किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान कहा कि महिला को 1988 के रेट पर ही प्लॉट अलॉट किया जाए.

क्या है जमीन का भाव

1988 में इस जगह पर प्लॉट की कीमत 350 रुपये वर्ग मीटर के हिसाब से मिल रही थी. जो कि 2024 में करीब 1.35 लाख रुपये वर्ग मीटर हो गई है. इस हिसाब से महिला को करीब 7 करोड़ रुपये का प्लॉट महज 3.75 लाख रुपये मिल रहा है. लेकिन इसके पीछे करीब 36 सालों का लंबा इंतजार भी है. महिला के रिश्तेदार ने एक अखबार से चर्चा करते हुए बताया है कि महिला इस प्लॉट पर नर्सिंग होम खोलना चाहती थी लेकिन अब वह 70 साल से ज्यादा की उम्र की हैं.

इस उम्र में वह नर्सिंग होम खोलेंगी यह तो नहीं पता लेकिन वह एक लंबी कानूनी जंग लड़कर यहां पहुंची हैं.

सोशल मीडिया में इन दिनों ऋतिक रोशन के हमशक्ल का वीडियो जूस बेचते वायरल हो रहा है,वीडियो देख फैंस हुए हैरान।


नई दिल्ली:- सोशल मीडिया पर अक्सर वीडियो वायरल होते रहते हैं। जिन्हे देख कभी हंसते- हंसते लोट-पोट हो जाते हैं तो कभी हैरान रह जाते है कि ऐसा भी हो सकता है। वही ऋतिक रोशन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसे देख आप हैरान हो जाएंगे।

एक शक्ल के कई लोग होते हैं ये तो हम सभी जानते हैं लेकिन उन्हें देख पाना या मिल पाना मुश्किल होता है मगर सोशल मीडिया ने अब वो भी आसान बना दिया है. सोशल मीडिया पर अब ऋतिक रोशन के हमशक्ल का वीडियो वायरल हो रहा है. इसे देखकर एक बार आप भी चौंक जाएंगे कि ये कहीं असली वाले ऋतिक तो नहीं हैं.

ऋतिक रोशन का मिला हमशक्ल

ऋतिक रोशन का ये हमशक्ल तासगांव का रहने वाला है. ये एक जूस सेंटर पर काम करता है. जिसे देखने के बाद एक बार तो हर कोई उसके साथ सेल्फी लेता ही है क्योंकि उसकी शक्ल, आंखें हूबहू ऋतिक से मिलती हैं. उसे देखने के बाद हर किसी के मुंह से निकल रहा है अरे ऋतिक रोशन. इस शख्स की वीडियो देखने के बाद हर कोई वीडियो पर ढेर सारे कमेंट कर रहे हैं.

लोग हुए हैरान

ऋतिक रोशन के हमशक्ल के वीडियो पर लोग कमेंट करते नहीं रुक रहे हैं. एक ने लिखा- ऋतिक रोशन के हाथ से कौन जूस नहीं पीना चाहेगा. वहीं दूसरे ने लिखा- कोई ना एक दिन ऋतिक आएगा आपके पास. एक ने लिखा- कोरियन ग्लास ट्रीटमेंट करा ले भाई 2-3 साल में रियल से भी ज्यादा आगे होगा. 

इन वीडियो को लोग खूब शेयर भी कर रहे हैं. बता दें ये पहली बार नहीं हुआ है कि किसी सेलेब के हमशक्ल का वीडियो वायरल हुआ हो. पहले भी कई सितारों के हमशक्ल की वीडियोज वायरल हो चुके हैं.

दुर्लभ संयोग में श्रावण शिवरात्रि आज,जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, जल चढ़ाने का समय और शिव आरती


नयी दिल्ली : आज यानी 02 अगस्त के दिन सावन शिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। ये दिन शिव जी की पूजा करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। मान्यता है कि सावन शिवरात्रि पर महादेव की पूजा के साथ-साथ शिवलिंग का जलाभिषेक करने पर मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती हैं। साथ ही सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। 

सावन शिवरात्रि के खास दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समय सुबह 10:59 से लेकर 3 अगस्त सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहने वाला है। ऐसे में भगवान शिव की अर्चना करने से तरक्की के योग का निर्माण होता है। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है।

वहीं 22 जुलाई से शुरू हुई कांवड़ यात्रा का समापन सावन शिवरात्रि यानी आज होगा। 

इस दौरान सभी कांवड़िए गंगा तट से लाए हुए जल को शिवलिंग पर अर्पित करेंगे। इस दौरान पूजा करने से यात्रा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। वहीं कुछ लोग घर या मंदिरों में शिव जी की पूजा करते हैं। ऐसे में आइए महादेव की पूजा विधि के बारे में जान लेते हैं।

सावन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त 

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4 बजकर 31 मिनट से 5 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।

विजय मुहूर्त – दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से 3 बजकर 37 मिनट तक रहने वाला है।

गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 08 मिनट से 08 बजकर 13 मिनट तक होगा।

निशिता मुहूर्त – रात 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।

सर्वार्थ सिद्धि योग – 2 अगस्त 2024 सुबह 10 बजकर 59 मिनट से 3 अगस्त 2024 को सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा।

सावन शिवरात्रि पूजा सामग्री

भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र, धतूरा, भांग, बेर, गुलाल और सफेद चंदन को शामिल करें। साथ ही दूध दही, कपूर, धूप, दीप, रूई, शहद, घी,पंच फल, गन्ने का रस, गंगाजल, और श्रृंगार की सामग्री को भी रखें। माना जाता है कि इन सामग्रियों से पूजा करने पर महादेव प्रसन्न होते हैं। 

जलाभिषेक विधि

सावन शिवरात्रि पर यदि आप महादेव का जलाभिषेक करते हैं, तो सबसे पहले शिवलिंग का दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, गन्ने के रस से अभिषेक करें। इसके बाद एक लोटे में गंगाजल लें। जल में काला तिल मिलाकर रख लें। फिर शिव जी के मंत्र का जाप करें। अब इस जल को शिवलिंग पर अर्पित कर दें। इसके बाद आप फूल, फल और मिठाई आदि चीजों को अर्पि करें।

रुद्राभिषेक विधि

रुद्राभिषेक करने के लिए पहले शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर और गंगाजल से अभिषेक करें। इसके बाद रुद्राभिषेक मंत्र का जाप करें। फिर शिवलिंग पर चावल चढ़ाएं। इस दौरान फूल, बेलपत्र, धतूरा, और भांग भी अर्पित करते रहें। बाद में आरती करते हुए शंखनाद करें।

महादेव पूजन विधि

सावन शिवरात्रि पर सुबह ही स्नान कर लें। फिर पूजा स्थल पर सभी सामग्रियों को एकत्रित करते हुए, पूजा की तैयारी शुरू करें। घर या मंदिर जहां भी पूजा करनी है, वहां पर अपना स्थान लें। सबसे पहले शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके बाद शिव जी को बेलपत्र, धतूरा और गंगाजल चढ़ाएं। फिर महादेव को आक का फूल अर्पित करें। अंत में शिव चालीसा का पाठ करें।

भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र

ओम साधो जातये नम:।। ओम वाम देवाय नम:।।

ओम अघोराय नम:।। ओम तत्पुरूषाय नम:।।

ओम ईशानाय नम:।। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।

शिव जी की आरती

ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा।।

ओम जय शिव ओंकारा।।

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसानन गरूड़ासन

वृषवाहन साजे।।

ओम जय शिव ओंकारा।।

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।

त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।।

ओम जय शिव ओंकारा।।

अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।

त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी।।

ओम जय शिव ओंकारा।।

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।

सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे।।

ओम जय शिव ओंकारा।।

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।

मधु कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।

ओम जय शिव ओंकारा।।

लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा।

पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा।।

ओम जय शिव ओंकारा।।

पर्वत सोहें पार्वतू, शंकर कैलासा।

भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा।।

ओम जय शिव ओंकारा।।

जया में गंग बहत है, गल मुण्ड माला।

शेषनाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला।।

ओम जय शिव ओंकारा।।

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।

नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी।।

ओम जय शिव ओंकारा।।

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोई नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवान्छित फल पावे।।

ओम जय शिव ओंकारा।। ओम जय शिव ओंकारा।।