कहते है ना सब्र का फल मीठा होता है इस वाक्य को साबित की हैं गाजियाबाद की इस महिला ने 7 करोड़ की प्लाट महिला को मिला सिर्फ 4 लाख में।
दिल्ली:- दिल्ली एनसीआर में फ्लैट खरीदना तो जैसे आम लोगों के लिए एक सपना हो गया है, ऐसे में आपको पता चले कि सिर्फ 4 लाख रुपये में किसी को 500 वर्ग मीटर का प्लॉट मिल जाए तो कैसा लगेगा? जी हां ऐसा ही हुआ है एक 70 साल की महिला के साथ.
उन्हें इंदिरापुरम जैसे पॉश इलाके में 500 वर्ग मीटर का प्लॉट सिर्फ 4 लाख रुपये में मिला है जिसकी वर्तमान में कीमत करीब 7 करोड़ रुपये है.
एक कहावत है कि सब्र का फल मीठा होता है, कुछ ऐसा ही असल जीवन में देखने को मिला है. जहां एक महिला ने लगातार तीन दशकों तक कानून की लड़ाई लड़ी और जीडीए को आखिरकार हरा दिया.
महिला का नाम लता जैन है जिन्होंने 16 अगस्त 1988 को नर्सिंग होम बनाने के लिए पटेल नगर में एक 500 वर्ग मीटर का प्लॉट बुक किया था. प्लॉट बुक करने के लिए लता जैन ने जीडीए (गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी) को 50 हजार रुपये बुकिंग अमाउंट भी दिया था.
कंज्यूमर फॉरम ने सुनाया फैसला
कुछ दिन बाद जीडीए ने प्लॉट को विवादित बताते हुए लता जैन को उनकी बुकिंग अमाउंट का रिफंड ऑफर कर दिया. बुकिंग अमाउंट को लता ने लेने से इनकार कर दिया और वह कंज्यूमर फॉरम चली गईं.
कंज्यूमर फॉरम के सामने जीडीए ने कहा कि लता ने बिना अलॉटमेंट के ही प्लॉट किसी दूसरी पार्टी को बेच दिया था. लेकिन, इस आरोप को जीडीए साबित नहीं कर पाया और कंज्यूमर फॉरम ने लता के हित में फैसला दिया.
2009 में कंज्यूमर फॉरम ने लता के पक्ष में फैसला सुनाया था. इसके 1 साल बाद जीडीए ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया. जीडीए ने इस केस में हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की.
1988 के रेट से ही मिले प्लॉट
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी कंज्यूमर फॉरम का फैसला बरकरार रखा और लता के पक्ष के फैसला सुनाया. इसके बाद 2010 में जीडीए ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
सुप्रीम कोर्ट में यह केस करीब 14 साल और चला. जिसके बाद अब जाकर लता को न्याय मिला है. 5 अप्रैल 2024 को लता के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने जीडीए को आदेश दिया है कि महिला को इंदिरापुरम में न्याय खंड 1 में 500 वर्ग मीटर का प्लॉट अलॉट किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान कहा कि महिला को 1988 के रेट पर ही प्लॉट अलॉट किया जाए.
क्या है जमीन का भाव
1988 में इस जगह पर प्लॉट की कीमत 350 रुपये वर्ग मीटर के हिसाब से मिल रही थी. जो कि 2024 में करीब 1.35 लाख रुपये वर्ग मीटर हो गई है. इस हिसाब से महिला को करीब 7 करोड़ रुपये का प्लॉट महज 3.75 लाख रुपये मिल रहा है. लेकिन इसके पीछे करीब 36 सालों का लंबा इंतजार भी है. महिला के रिश्तेदार ने एक अखबार से चर्चा करते हुए बताया है कि महिला इस प्लॉट पर नर्सिंग होम खोलना चाहती थी लेकिन अब वह 70 साल से ज्यादा की उम्र की हैं.
इस उम्र में वह नर्सिंग होम खोलेंगी यह तो नहीं पता लेकिन वह एक लंबी कानूनी जंग लड़कर यहां पहुंची हैं.
Aug 02 2024, 20:32