आज कामिका एकादशी व्रत,जानते हैपूजा के लिए शुभ मूहर्त,पूजन विधि, और महत्व
नयी दिल्ली : आज कामिका एकादशी व्रत है। साथ ही आज रोहिणी नक्षत्र पूर्वाह्न 10 बजकर 13 मिनट तक उपरांत मृगशिरा नक्षत्र का आरंभ। आइए जानते हैं आज शुभ मुहूर्त और पूजा का समय कब से कब तक रहेगा।
राष्ट्रीय मिति श्रावण 09, शक संवत 1946, श्रावण कृष्ण एकादशी, बुधवार, विक्रम संवत 2081। सौर श्रावण मास प्रविष्टे 16, मुहर्रम 24, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 31 जुलाई सन् 2024 ई। सूर्य दक्षिणायन, उत्तर गोल, वर्षा ऋतु। राहुकाल मध्याह्न 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक।
एकादशी तिथि अपराह्न 03 बजकर 56 मिनट तक उपरांत द्वादशी तिथि का आरंभ। रोहिणी नक्षत्र पूर्वाह्न 10 बजकर 13 मिनट तक उपरांत मृगशिरा नक्षत्र का आरंभ। ध्रुव योग अपराह्न 02 बजकर 14 मिनट तक उपरांत व्याघात योग का आरंभ। बालव करण अपराह्न 03 बजकर 56 मिनट तक उपरांत तैतिल करण का आरंभ। चन्द्रमा रात्रि 10 बजकर 16 मिनट तक वृष उपरांत मिथुन राशि पर संचार करेगा।
आज के व्रत त्योहार कामिका एकादशी व्रत, सर्वार्थ सिद्धि योग।
सूर्योदय का समय 31 जुलाई 2024 : सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 31 जुलाई 2024 : शाम में 7 बजकर 12 मिनट पर।
कामिका एकादशी का महत्व
पदम पुराण के अनुसार जो मनुष्य शिव के प्रिय श्रावण मास में भगवान श्रीधर का पूजन करता है उसके द्वारा गंधर्वों और नागों सहित सम्पूर्ण देवताओं की पूजा हो जाती है। यह एकादशी स्वर्गलोक तथा महान पुण्यफल प्रदान करने वाली है। जो मनुष्य श्रद्धा के साथ इसकी महिमा का श्रवण करता है वह सब पापों से मुक्त हो श्री विष्णु लोक में जाता है। विशेष रूप से, इस दिन तुलसी के पत्ते का प्रयोग करने से व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है। कामिका एकादशी के व्रत के दौरान किए गए दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है, जिससे व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के मन, वचन और कर्म की शुद्धि होती है और उसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
कामिका एकादशी की पूजा विधि
इस दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से शुद्ध करें। पूजा स्थल को साफ कर एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। धूप, दीप, फूल, चंदन, अक्षत और नैवेद्य आदि से भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करें। पूजा में तुलसी पत्र का विशेष महत्व है, इसलिए तुलसी के पत्तों का उपयोग अवश्य करें। इसके बाद, विष्णु सहस्रनाम, भगवद गीता का पाठ करें और विष्णु मंत्रों का जाप करें। "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप विशेष रूप से लाभकारी होता है। दिनभर निराहार रहकर भगवान विष्णु का स्मरण करें और सत्कर्म करें।
शाम को पुनः भगवान विष्णु की आरती करें और फलाहार ग्रहण करें। रात्रि में जागरण कर विष्णु भजन-कीर्तन करें। अगले दिन द्वादशी को ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।भगवान कृष्ण ने कहा है कि- 'कामिका एकादशी के दिन जो व्यक्ति भगवान के सामने घी अथवा तिल के तेल काअखंड दीपक जलाता है उसके पुण्यों की गिनती चित्रगुप्त भी नहीं कर पाते हैं।'जो लोग किसी कारण से एकादशी व्रत नहीं कर पाते हैं, उन्हें भी एकादशी के दिन खानपान एवं व्यवहार में पूर्ण संयम का पालन करना चाहिए। एकादशी के दिन चावल खाना भी वर्जित है।
मंत्र-
यहां कुछ विष्णु मंत्र दिए गए हैं जिन्हें कामिका एकादशी के दिन जप कर पुण्य अर्जित कर सकते हैं।
विष्णु गायत्री मंत्र
"ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्"
नारायण मंत्र
"ॐ नारायणाय नमः"
अच्युतानंद गोविंद मंत्र
"अच्युतानंद गोविंद माधव शत कीर्तनं वासुदेव हृषीकेश"
अष्टाक्षर मंत्र:
"ॐ नमो नारायणाय"
आज का शुभ मुहूर्त 31 जुलाई 2024 :
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 18 मिनट से 5 बजे तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 42 मिनट से 3 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्यरात्रि रात में 12 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 7 बजकर 13 मिनट से 7 बजकर 34 मिनट तक। अमृत काल सुबह 7 बजकर 23 मिनट से 9 बजकर 5 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त 31 जुलाई 2024 :
राहुकाल सुबह 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक। सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक गुलिक काल। सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक यमगंड। दुर्मुहूर्त काल दोपहर में 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक।
Jul 31 2024, 13:43