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विरोध : केंद्रीय कोयला मंत्री के कार्यक्रम में हंगामा : लोगों ने सांसद ढुल्लू महतो के खिलाफ की नारेबाजी

धनबाद :धनबाद में केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी के कार्यक्रम में हंगामा हुआ. जहां ग्रामीणों ने सांसद ढुल्लू महतो के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके बाद पुलिस के हस्तक्षेप से लोगों को शांत कराया गया. 

केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी बीसीसीएल सिजुआ क्षेत्र के बांसजोड़ा अग्नि प्रभावित भू-धंसान क्षेत्र का दौरा कार्यक्रम में पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. धनबाद सांसद ढुलू महतो के खिलाफ स्थानीय लोगों ने जमकर नारेबाजी की. लोगों के द्वारा खुलकर सांसद का विरोध किया गया, थोड़ी देर के लिए काफी हो हंगामा होता रहा. 

पुलिस और सीआईएसएफ की टीम हंगामा कर रहे लोगों को शांत कराने में जुटी रही. कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस और सीआईएसएफ की टीम ने हंगामा को शांत कराया.

केंद्रीय कोयला मंत्री के कार्यक्रम में हंगामा

सांसद समर्थक मंच से भाषण दे रहे थे आउटसोर्सिंग कंपनी में रोजगार देने की बात सांसद समर्थक कर रहे थे. इसी बीच समर्थक के द्वारा गुंडे लोगों को कंपनी में काम देने की बात मंच से कही गई. जिसके बाद लोग आक्रोशित हो गए और कार्यक्रम के दौरान हंगामा करने लगे और लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. 

इसके बाद लोगों ने सांसद ढुल्लू महतो के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस मौके पर उपस्थित पुलिस और सीआईएसएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद समझा बुझाकर लोगों को शांत कराया.

इससे पहले केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने बांसजोड़ा के अग्नि प्रभावित और भू-धंसान क्षेत्र का दौरा निरीक्षण कर मौके पर पहुंचे. इसके बाद लोगों को जल्द सुरक्षित पुनर्वास और उचित मुवाबजा देने का आश्वासन दिया है. 

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्थिति से अवगत कराने का आश्वासन दिया है. बता दें कि इस कार्यक्रम के दौरान मंच पर केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी के अलावा सांसद ढुल्लू महतो, कोल सचिव अमृतलाल मीणा, कोल चेयरमैन पीएम प्रसाद, डीसी माधवी मिश्रा, बीसीसीएल सीएमडी समीरण दत्ता, सिटी एसपी अजित कुमार, डीएसपी, बीसीसीएल जीएम, वरीय बीसीसीएल अधिकारी मौजूद रहे.

सावधान ! तोपचांची में बचा है मात्र 33 फीट पानी, जल संचयन की डाल लें आदत


माडा अधिकारियों ने भी खड़े कर दिए हाथ, बरसात ने भी दिया धोखा,कल चौथे दिन खुलेगा झमाडा का पानी कतरास कोयलांचल में आज तीसरे दिन भी झमाडा का पानी नहीं चलने से एक बार फिर चहुंओर कोहराम मच गया। लोग अहले सुबह से ही पीने के पानी के लिए इधर से उधर मारे फिर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बरसात के इस मौसम में झमाडा द्वारा एक दिन बीच कर जलापूर्ति की जा रही थी परन्तु इधर आज तीसरे दिन भी जलापूर्ति नहीं हुई जिससे लोग हलकान हो रहे हैं।

झमाडा अधिकारी का कहना है कि पर्याप्त मात्रा में बरसात का पानी नहीं होने से तोपचांची झील में मात्र 33 फीट ही पानी बचा है। जिससे झमाडा ने भी जलापूर्ति में कटौती करना आरंभ कर दिया है। अब प्रत्येक तीन पर पानी की आपूर्ति होगी।
बदले गये 54 अंचल के CO, 24 बदोबस्त पदाधिकारियों का भी तबादला

रांची :   राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर अंचल अधिकारियों का तबादला किया है. भू-राजस्व विभाग ने बुधवार की देर शाम इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी है.

रांची के मांडर , गुमला के चैनपुर , चतरा के प्रतापपुर , हजारीबाग के विष्णुगढ़, देवघर के देवीपुर समेत अन्य कई जिलों में पदस्थापित सीओ का तबादला किया गया है. इसके अलावा 24 बदोबस्त पदाधिकारियों की भी ट्रांसफर-पोस्टिंग हुई है.
'मैं यहां के लोगों से मिलने आया हूं. उनकी समस्याओं को जानने के लिए पहुंचा हूं' : जी किशन रेड्डी

धनबाद झा.डेस्क : केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी धनबाद पहुंचे हैं. बरवाअड्डा एयरपोर्ट पर उनके हेलिकॉप्टर की लैंडिंग हुई. कोल इंडिया चेयरमैन और बीसीसीएल सीएमडी समेत तमाम अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. हवाई अड्डा पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

इसके बाद कोयला मंत्री अधिकारियों के साथ रवाना हो गए. कोयला मंत्री बीसीसीएल की परियोजनाओं का दौरा करेंगे. साथ ही अग्नि प्रभावित और भूधंसान क्षेत्र में रह रहे लोगों से रूबरू होंगे.

*धनबाद दौरे पर पहुंचे केंद्रीय कोयला मंत्री*

केंद्रीय कोयला मंत्री सबसे पहले सिजुआ का दौरा करेंगे. सिजुआ के बाद वह कुसुंडा झरिया की परियोजना का दौरा करेंगे. झरिया अग्नि प्रभावित क्षेत्र से विस्थापित होकर बेलगड़िया टाउनशिप का भी कोयला मंत्री आज दौरा करेंगे. बेलगड़िया में बसे लोगों से वह रूबरू होंगे. उनकी समस्याओं को भी सुनेंगे. बीसीसीएल की कोयला नगर स्थित पंचवटी इको पार्क में पौधारोपण भी किया जाना है. कोयला मंत्री के इस इको पार्क में पौधा रोपण के साथ कोल इंडिया की सभी इकाईयों में आज से पौधा रोपण का कार्य शुरू होगा.

देश में कोकिंग कोल के बढ़ती मांग के मद्देनजर बीसीसीएल पर विशेष फोकस है. इसके लिए बीसीसीएल अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी होगी. कैबिनेट के एजेंडे में झरिया पुनर्वास योजना शामिल है. एक बड़ी आबादी अग्नि प्रभावित और भूधंसान क्षेत्र में रहती है. विस्थापन और पुर्नावास कोयलांचल के लिए एक प्रमुख मुद्दा भी है. मीडिया से बातचीत के दौरान कोयला मंत्री ने कहा कि मैं यहां के लोगों से मिलने आया हूं. उनकी समस्याओं को जानने के लिए पहुंचा हूं.

झारखंड में विधानसभा चुनाव भी नजदीक है. ऐसे में कोयला मंत्री का धनबाद आना और अग्नि प्रभावित और भूधंसान क्षेत्र में बसे लोगों से मुलाकात को चुनाव से जोड़कर कई मायने भी लगाए जा रहे हैं. ऐसे में संभावना है कि विधानसभा चुनाव से पहले झरिया पुर्नावास योजना को मंजूरी मिल जाए.
केंद्रीय कोयला मंत्री पहुंचे धनबाद, भू-धंसान व अग्नि प्रभावित क्षेत्र का करेंगे दौरा, विभिन्न कार्यक्रमों में लेंगे भाग

धनबाद, झा. डेस्क : केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी पहुंचे धनबाद,साथ मे सांसद ढुलू महतो भी पहुंचे।

भाजपाईयों ने किया जोरदार स्वागत। यह उनका पहला बीसीसीएल दौरा है.

मंत्री दिल्ली से विशेष विमान से रांची एयरपोर्ट पहुंचें, रांची से विशेष विमान से धनबाद हवाई अड्डा पहुंचें।जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया,एयरपोर्ट से कोयला मंत्री का काफिला कोयला नगर स्थित शहीद चौक के लिए होगा रवाना,शहीद चौक पर शहीद श्रमवीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.

केंद्रीय कोयला मंत्री कोयला नगर स्थित पंचवटी पार्क का उद्घाटन करेंगे,पौधरोपण कर बीसीसीएल समेत कोल इंडिया व अनुषंगी कंपनी के कुल 300 स्थानों पर पौधरोपण कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे, इसके पश्चात मंत्री बीसीसीएल के सिजुआ एरिया के भू-धंसान व अग्नि प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगे.एयरपोर्ट पर बीसीसीएल सीएमड़ी समेत बीसीसीएल के तमाम अधिकारी, भाजपा नेता गण मौजूद.
कुसुंडा तालाब मे एक व्यक्ति की डूबने से हो गयी मौत

झा. डेस्क
धनबाद : गोंदूडीह ओपी क्षेत्र के कुसुंडा तालाब में बुधवार की शाम संजय यादव नामक एक व्यक्ति डूब गया. इसका पता चलने पर लोग उसे निकालकर अस्पताल ले जाने लगे. इस दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी.

घटना शाम लगभग छह बजे की है. मृतक संजय यादव खास कुसुंडा प्रमाणिक बस्ती खटाल का रहनेवाला था. वह पहले जालान फैक्ट्री में काम करता था.

उसके परिजनों ने बताया कि वह नहाने के लिए तालाब गया हुआ था. इस दौरान यह घटना घट गयी. परिवार में उसकी पत्नी, दो बेटा व एक बेटी व अन्य लोग हैं.

*डूबने पर स्थानीय लोगों ने किया था बचाने का प्रयास :*

स्थानीय लोगो ने बताया कि संजय यादव को तालाब में डूबता देख उसे बाहर निकालने का प्रयास किया. इस बीच लोगों ने घटना की जानकारी गोंदूडीह ओपी व उसके परिजनों को दी. इसके बाद ओपी से एएसआइ जेपी यादव पुलिस बल के साथ पहुंचे. उसके परिजन भी आ गये. पुलिस ने स्थानीय लोगो के सहयोग से संजय को तालाब से बाहर निकाला और तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया. लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. इस संबंध में गोंदूडीह ओपी प्रभारी राजन कुमार झा ने कहा कि घटना की जानकारी मिली है. आगे की कार्यवाही की जा रही है.
38 वर्षीय युवक अजय चंद्रवंशी को उसके सगे भाई और भतीजा ने कर दी हत्या, था दोनों के बीच जमीन का विवाद

झा. डेस्क
पलामू : पलामू जिले के पांकी मुख्यालय स्थित बिजली ऑफिस के समीप 38 वर्षीय युवक अजय चंद्रवंशी को उसके ही सगे भाई सत्येंद्र राम और भतीजा सोनू ने चाकू से गला रेत कर हत्या कर दी.घटना बुधवार की रात्रि 12:15 बजे की बतायी जाती है.

सूचना मिलने के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर मेदिनीनगर के एमएमसीएच भेज दिया है. घटना के बाद से ही दोनों आरोपी फरार है. जानकारी के मुताबिक वारदात की असली वजह जमीन विवाद बतायी जा रही है.

*मृतक की पत्नी के सामने कर दी गयी उसकी हत्या*

मृतक अजय राम की पत्नी अमृता देवी ने बताया कि रात्रि 12 बजे के करीब पति बाथरूम के लिए घर से बाहर निकले थे. पति के चिल्लाने की आवाज सुनकर वह बाहर निकली तो देखा कि बड़े भाई सत्येंद्र राम व उनका बेटा सोनू उन्हें पकड़ कर चाकू मार रहा है. जब भतीजा सोनू की नजर मुझपर पड़ी तो मुझे आकर पकड़ लिया. इस दौरान उसके भैसुर सत्येंद्र राम ने पत्नी के सामने ही चाकू से मारकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद मेरे भैसुर और भतीजा वहां से फरार हो गये.

*जमीन का था भाई के साथ. पुराना विवाद*

बताया जाता है कि सत्येंद्र राम व अजय चंद्रवंशी के बीच लंबे समय से जमीन विवाद का मामला चल रहा है. इस वजह आरोपियों ने पहले भी मृतक के परिजनों ने हमला किया था. दरअसल साल 2020 में आरोपियों ने मृतक की पत्नी अमृता देवी का सिर फोड़ दिया था. इस मामले में अब न्यायालय में केस चल रहा है. पांकी के इमली चौक के पास आरोपी सत्येंद्र राम का सत्तू का दुकान है, जबकि मृतक अजय चंद्रवंशी ठेला लगाकर धुसका बेचा करता था. वहीं, उसका भतीजा सोनू का मोबाइल दुकान है. मृतक के चार बच्चे हैं. पुलिस शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है. पुलिस मामले की छानबीन कर आरोपियों की धर-पकड़ में जुट गयी है.
आज नक्सलियों ने किया झारखण्ड और बिहार बंद का आह्वान,अति संवेदनशील इलाकों में बढ़ी गश्ती, रेल विभाग भी सतर्क

झा. डेस्क
नक्सलियों ने आज गुरुवार को बिहार और झारखंड बंद की घोषणा की है. बंद को लेकर रेलवे ने अलर्ट जारी किया है. नक्सल प्रभावित इलाकों से गुजरने वाली ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. सभी स्टेशनों पर सतर्कता बरतने को कहा गया है.

अति संवेदनशील इलाकों में गश्ती बढ़ा दी गयी है. वहीं, 28 जुलाई से तीन अगस्त तक शहीद स्मृति सप्ताह को लेकर सोनुआ थाना अंतर्गत सोनुआ-लोंजो मुख्य सड़क के ग्रिड चौक और मदांगजाहिर चौक के पास नक्सलियों ने मंगलवार देर रात दर्जनों बैनर व पोस्टर लगाये. इसमें पोड़ाहाट-कोल्हान-सारंडा वन क्षेत्र को शोषण मुक्त बनाने की अपील की है. सूचना मिलने पर सोनुआ पुलिस ने बैनर, पोस्टर को जब्त कर लिया है

*क्या है बंदी का कारण..?*

नक्सली नेता कॉमरेड की पत्नी जया हेम्ब्रम समेत तीन नक्सलियों की गिरफ्तारी के विरोध में 25 जुलाई गुरुवार को झारखंड-बिहार बंद का ऐलान किया गया है. रेलवे ने वरीय अधिकारियों के नाम आदेश जारी कर चक्रधरपुर स्टेशन पर बालू भरा बैग, पानी, पंखा और लाइट का इंतजाम करने के साथ एक डीजल इंजन और लाइट इंजन को तैयार रखने को कहा है.

*चक्रधरपुर- राउरकेला सेक्शन पर विशेष अलर्ट*

चक्रधरपुर के सीनियर डीइएन को कहा गया है कि रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक ट्रैक में पेट्रोलिंग की जाये. चक्रधरपुर- राउरकेला सेक्शन में विशेष रूप से सतर्क रहने को कहा गया है. चक्रधरपुर में लोको पायलट और असिस्टेंट लोको पायलट को अलर्ट रहने को कहा गया है ताकि आरपीएफ और जीआरपी को सारी सूचना का आदान प्रदान हो सके. रेल एसपी प्रवीण पुष्कर ने बताया कि नक्सली बंदी को लेकर आरपीएफ, रेलवे के पदाधिकारियों के साथ हर थाना क्षेत्र में सतर्कता बरतने को कहा गया है.
झारखंड में बढ़ती बांग्लादेशी घुसपैठिया क्या सिर्फ चुनावी मुद्दा है या इसे रोकने के लिए जिम्मेबारी तय करने की जरूरत...?

-विनोद आनंद

गृहमंत्री अमित शाह 20 जुलाई 2024 को रांची में झारखंड विधान सभा चुनाव 2024 का शंखनाद किया और अपने कार्यकर्ताओं को जो चुनावी मुद्दा दिया उसमें कई मुद्दों में एक मुद्दा झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठिये का भी है।

अब सवाल उठता है कि देश के गृहमंत्री के लिए क्या बंगला देशी घुसपैठिया का मुद्दा महज़ एक चुनावी मुद्दा है।या गंभीरता के साथ इसे लेकर अपने केंद्रीय एजेंसियों से इसकी जांच कराकर   उसपर उचित कारबाई कराने की है यह एक बड़ा सवाल है।

अगर सच पूछा जाए तो इन दिनों

सिर्फ झारखंड ही नही बिहार, बंगाल मणिपुर असम और देश के विभिन्न भागों में बंगला देशी घुसपैठिये आसानी से घुसपैठ कर स्थानीय लोगों से मिलकर आधारकार्ड,वोटरकार्ड राशनकार्ड बनाकर यहां स्थायी रूप से बसते जा रहे हैं। इस पूरे मुहिम में स्थानीय लोग, स्थानीय प्रशासन और सरकार की पूरी व्यवस्था सवालों के घेरे में है।

 अब इन घुसपैठियों को रोकने में सरकार कहाँ विफल हो रही है, इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार की कहाँ चूक है,चुकी यह मामला अंतर्राज्यीय है, कहीं सीधे राज्य में बंगाला देशी घुसपैठ कर रहे हैं तो कहीं दूसरे राज्यों को पार कर दूसरे राज्य में आ रहे हैं और इन सभी मामले में इसे रोकने के लिए किसकी क्या जिम्मबरी है ? इस पर पूरे सरकारी तंत्र की समीक्षा करने और राज्य और केंद्र सरकार को आपसी समन्वय से इस गंभीर स्थिति से नियंत्रण के लिए जिम्मबरी तय करने की जरूरत है।

अब अगर हम बात करें झारखंड में बंगला देशी घुसपैठिये की तो झारखंड के बंगाल के कई सीमावर्ती इलाकों में बंगला देशी घुसपैठिये की संख्यां लगातार बढ़ती जा रही है जो चिंता का विषय है। झारखंड के संथाल परगना के कई जिलों में तो इन दिनों अचानक मुस्लिम आवादी में बृद्धि हुई है, जिसके कारण डेमोग्राफी ;( जनसांख्यिकी) चेंज हुआ है।अब बीजेपी लगातार इसको लेकर झारखंड सरकार पर सवाल खड़े कर रही है।भाजपा हर मंच से बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा उठाते हुए डेमोग्राफी चेंज की बात करती है, लेकिन सवाल यह है कि इसका असली जिम्मेवार कौन है ?  राज्य या केंद्र की सरकार! इसपर जिम्मबरी तय करने और इसे रोकने के लिए ईमानदार कोशीश नही हो रही है।

इधर साल 2011 के बाद से देश में जनगणना नहीं हुई है। ऐसे में किसकी संख्या कितनी बढ़ी या कम हुई है और डेमोग्राफी में क्या बदलाव आये है, इसके बारे में सिर्फ अंदाजा लगाया जा सकता है। डेमोग्राफी चेंज मुद्दे पर भाजपा संथाल परगना में मुखर है। बीजेपी 2011 की जनगणना के आधार पर यह मुद्दा उठा रही है। इसके अलावा और भी कई आधार हैं। जिसके कारण भाजपा हावी है।आंकड़ों की बात करें तो 2001 की जनगणना में दुमका की जनसंख्या करीब 11 लाख 7 हजार थी। साल 2011 में दुमका की जनसंख्या बढ़कर करीब 14 लाख हो गई। आंकड़े बताते हैं कि संथाल के सभी 6 जिलों में 12 लाख से ज्यादा नई आबादी बढ़ गई है। बीजेपी का मानना है की यह आंकड़े एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करते हैं और बांग्लादेशी घुसपैठियों के बिना इतनी तेजी से आबादी का बढ़ना नामुमकिन है। 

संथाल में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी पाकुड़ में बढ़ी है। पाकुड़ में मुस्लिम आबादी में करीब 40 इसीसी फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, साहिबगंज में मुस्लिम आबादी में 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बीजेपी ने इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण बांग्लादेशी घुसपैठ को माना है। संथाल परगना के 6 जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाने में यहां के जमीन दलालों की सबसे बड़ी भूमिका रही है। जमीन दलाल गिफ्ट डीड के जरिए बांग्लादेशियों को बसा रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि झारखंड बनने के बाद संथाल परगना में रजिस्ट्री कराने वाली जमीन खरीदने वालों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।

क्या कहता है भारत सरकार के गृह मंत्रालय का दस्ताबेज

13 दिसंबर 2023 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने एक दस्तावेज जारी किया। जिसमें बताया गया कि 120 से अधिक फर्जी वेबसाइट के जरिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। पत्र के जरिए झारखंड को लेकर खास चेतावनी दी गई। 2 जून 2023 को झारखंड पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने सभी जिलों के एसपी और डीसी को पत्र लिखा। पत्र संख्या 211/23 के जरिए स्पेशल ब्रांच ने लिखा है कि झारखंड राज्य अंतर्गत संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश की सूचना है।

 स्पेशल ब्रांच को मिली जानकारी के मुताबिक बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहले विभिन्न मदरसों में ठहराया जाता है। उसके बाद उनका सरकारी दस्तावेज तैयार किये जाते हैं और फिर उनका नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाता है। मतदाता सूची में शामिल होने के बाद उन्हें साजिश के तहत यहां बसाया जाता है। हाल ही में झारखंड हाई कोर्ट द्वारा भी इस मामले की सुनवाई के दौरान गंभीरता से ली गयी है ।

इस मुद्दा को लेकर झारखंड हाई कोर्ट मे पीआईएल दाखिल

जमशेदपुर के रहने वाले दानियाल दानिश ने झारखंड हाई कोर्ट में PIL फाइल की थी कि संथाल परगना में बड़ी तादाद में घुसपैठिए दाखिल हो गए हैं जिससे वहां की डेमोग्राफी चेंज हो रही है और आदिवासियों की संख्या घट रही है। याचिकाकर्ता दानियाल ने अदालत से कहा कि संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासी महिलाओंसे शादी करके उनका धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, और उनकी ज़मीनों को गिफ्ट डीड के ज़रिए हथिया रहे हैं। उन्होंने कहा कि घुसपैठिए आदिवासी महिलाओं से शादी करके उनके नाम पर रिजर्व पोस्ट को रिमोट से चला रहे हैं।

घुसपैठियों ने यहां बनवाईं मस्जिद और मदरसे

दानियाल ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट से यह भी कहा कि झारखंड के बंगाल से लगने वाले जिलों में घुसपैठियों ने बहुत बड़ी तादाद में मस्जिदें और मदरसे कायम कर लिए हैं। झारखंड हाई कोर्ट ने जिस मसले पर सुनवाई की,

 उसको लेकर संथाल परगना के लोग काफी दिनों से आवाज उठा रहे हैं। कई सोशल वर्कर, आदिवासियों की कम होती आबादी और बदलती डेमोग्राफी को लेकर चिंता जता चुके हैं। संथाल परगना में घुसना इसलिए आसान है क्योंकि वहां से बांग्लादेश केवल 15 किलोमीटर दूर है। संथाल परगना की सीमा पश्चिम बंगाल से लगती है और वहां से बांग्लादेश बॉर्डर ज्यादा दूर नहीं है।

लेकिन सवाल अभी भी वही है, इस बदलती डेमोग्राफी का जिम्मेवार कौन है..?

 इस पर पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक रणधीर सिंह का कहना है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण संथाल की डेमोग्राफी प्रभावित हुई है। झारखंड में उनकी सरकार आने पर इस पर कानून बनाया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि घुसपैठ रोकना केंद्र का काम है तो उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सीमाएं खुली हैं। फिर उन्होंने इसका दोष पश्चिम बंगाल सरकार पर लगा दिया।

 लेकिन अंत में उन्होंने कहा कि वे गृह मंत्री अमित शाह से इस पर रोक लगाने का अनुरोध करेंगे।'घुसपैठ रोकना केंद्र का काम' है इस मामले में झामुमो नेता प्रेमानंद मंडल का कहना है कि सीमा पर घुसपैठ रोकना केंद्र का काम है।आज भाजपा कानून बनाने की बात करती है, लेकिन जब झारखंड में भाजपा की पांच साल तक रघुवर दास की सरकार के अलावा बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा की सरकार थी, तब वे क्या कर रहे थे? यह सब चुनावी हथकंडा है।

वहीं इस इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि डेमोग्राफी में बदलाव आया है, लेकिन यह सब एक दिन में नहीं हुआ, इसके लिए किसी विशेष पार्टी या सरकार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, इसके लिए दोषी केंद्र और राज्य सरकारें दोनों हैं. अगर कोई वास्तव में इसका समाधान चाहता है तो एक सार्थक प्रयास किया जाना चाहिए, जिसमें सभी दलों के बीच आपसी सहमति जरूरी है.

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अफ्रीका में फंसे झारखंड के 27 प्रवासी मजदूरों की वतन वापसी पर मंत्री सत्यानंद भोक्ता,कल्पना सोरेन समेत कई जन प्रतिनिधि ने किया गिरिडीह में स्वाग

*सीएम सोरेन ने दूरभाष से बात कर दिया हर सम्भव सहयोग का आश्वासन,सरकार ने दी तत्काल 25000 रुपये अनुग्रह राशि* गिरिडीह: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश एवं श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग की त्वरित पहल पर दक्षिण अफ्रीका के कैमरून के याउंडे में विनायक कंस्ट्रक्शन, फेस जेंडरमेरी, Apres Auditorium और जीन पॉल टू मबांकलो कंपनी में कार्यरत झारखंड के 27 श्रमिकों की बुधवार काे सवेरे सुरक्षित घर वापसी हो गई। मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री बैद्यनाथ राम, मंत्री बेबी देवी, विधायक कल्पना सोरेन और विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने श्रमिकों के गिरिडीह पहुंचने पर उनका स्वागत किया। साथ ही सभी श्रमिकों को तत्काल 25-25 हजार रुपये की सहायता राशि दी। उन्होंने श्रमिकों से बात कर उनकी पूरी व्यथा को जाना। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भी मोबाइल की जरिए श्रमिकों से संवाद किया और उन्हें राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग मदद करने का आश्वासन दिया। श्रमिकों ने विकट परिस्थितियों में दक्षिण अफ्रीका से घर लौटने के लिए राज्य सरकार के पहल पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। *यह है पूरा मामला* दक्षिण अफ्रीका में फंसे 27 श्रमिकों में बोकारो के 18, गिरिडीह के चार और हजारीबाग-पांच श्रमिक हैं। ये सभी श्रमिक इस वर्ष 29 मार्च से वहां काम कर रहे थे। उन्होंने 16 जुलाई को एक्स हैंडल पर चार महीने से पारिश्रमिक बकाया रहने और वापस भारत लौटने की इच्छा जताई थी। मुख्यमंत्री ने इसकी जानकारी प्राप्त होते ही श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग को आवश्यक पहल करने का निर्देश दिया। साथ ही पीओई, रांची को सचिव, श्रम विभाग की ओर से मामले पर संज्ञान लेने के लिए पत्र भेजा गया। पत्र के माध्यम से कामगारों को उनका बकाया पारिश्रमिक और उनके सुरक्षित झारखंड वापसी किस दिशा में पहल करने को कहा था। *राज्य सरकार की पहल पर श्रमिकों की हुई वापसी* श्रम विभाग के तहत कार्यरत राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा एल एंड टी कंपनी से संपर्क कर निर्देशित किया गया कि जल्द से जल्द श्रमिकों के बकाया पारिश्रमिक का भुगतान किया जाय। इस संबंध में कोलकाता मुख्य कार्यालय से संपर्क कर पुन: कैमरून, दक्षिण अफ्रीका को मामले से अवगत कराया गया। राज्य सरकार के इस पहल के बाद L&T कंपनी ने 17 जुलाई को सभी 27 श्रमिकों को तीन महीने के बकाया पारिश्रमिक के रूप में 30 लाख रुपये का भुगतान किया। श्रमिकों ने बकाया पारिश्रमिक मिलने की जानकारी वीडियो के माध्यम से राज्य सरकार को दी। कंपनी ने श्रमिकों को भारत वापस भेजने के लिए एयर टिकट की भी व्यवस्था की। इसके बाद 21 जनवरी को सभी श्रमिक वहां से भारत के लिए उड़ान भरे और 22 जुलाई को मुंबई पहुंचे। फिर ट्रेन से बुधवार सुबह झारखंड के पारसनाथ स्टेशन आए।