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पंचांग, 26 जुलाई 2024: आज सावन कृष्ण षष्ठी तिथि, जानें आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

 आज सावन मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है। साथ ही आज उत्तराभाद्रपद नक्षत्र अपराह्न 02 बजकर 30 मिनट तक उपरांत रेवती नक्षत्र का आरंभ होगा। आइए जानते हैं आज शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय।

राष्ट्रीय मिति श्रावण 04, 

शक संवत 1946, श्रावण कृष्ण षष्ठी,

 शुक्रवार, विक्रम संवत् 2081। 

सौर श्रावण मास प्रविष्टे 11, मुहर्रम 19, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 26 जुलाई सन् 2024 ई। 

सूर्य दक्षिणायन, उत्तर गोल, वर्षा ऋतु। राहुकाल पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट तक। षष्ठी तिथि रात्रि 11 बजकर 31 मिनट तक उपरांत सप्तमी तिथि का आरंभ।

उत्तराभाद्रपद नक्षत्र अपराह्न 02 बजकर 30 मिनट तक उपरांत रेवती नक्षत्र का आरंभ। 

सुकर्मा योग अर्धरात्रोत्तर 01 बजकर 32 मिनट तक उपरांत धृतिमान योग का आरंभ।

 गर करण मध्याह्न 12 बजकर 45 मिनट तक उपरांत विष्टि करण का आरंभ। 

चन्द्रमा दिन रात मीन राशि पर संचार करेगा।

सूर्योदय का समय

 26 जुलाई 2024 : सुबह 5 बजकर 39 मिनट पर।

सूर्यास्त का समय

 26 जुलाई 2024 : शाम में 7 बजकर 15 मिनट पर।

आज का शुभ मुहूर्त 26 जुलाई 2024 :

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 16 मिनट से 4 बजकर 58 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से 3 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्‍यरात्रि रात में 12 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 7 बजकर 16 मिनट से 7 बजकर 37 मिनट तक। अमृत काल सुबह 7 बजकर 21 मिनट से 9 बजकर 3 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 26 जुलाई 2024 :

राहुकाल सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक गुलिक काल। दोपहर में 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 30 मिनट तक यमगंड। दुर्मुहूर्त काल का समय सुबह 8 बजकर 23 मिनट से 9 बजकर 17 मिनट तक। भद्राकाल का समय रात में 11 बजकर 30 मिनट से अगले दिन यानी 27 अगस्त को सुबह 5 बजकर 40 मिनट तक।

आज का उपाय : शहद और दूध मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।

काशी को साथ बहा ले जाना चाहती थी गंगा,इस जगह शिव ने त्रिशूल से रोका था, अद्भुत है मान्यता

काशी के दक्षिण में बसे शूलटंकेश्वर महादेव के घाट से टकराकर गंगा काशी में उत्तरवाहिनी होकर प्रवेश करती हैं। भगवान शिव ने इसी स्थान पर अपने त्रिशूल से मां गंगा के वेग को रोक दिया था।

मान्यता है कि शूलटंकेश्वर महादेव के दर्शन करने वाले भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर शूलटंकेश्वर महादेव का मंदिर विराजमान है।

माधोपुर गांव में शूलटंकेश्वर महादेव का शिवलिंग स्थापित है। मंदिर में महादेव के अलावा हनुमान जी, मां पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय के साथ नंदी विराजमान हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव ने मां गंगा के वेग को शांत करने के लिए अपना त्रिशूल फेंका था। इस वजह से काशी में गंगा उत्तरवाहिनी हुईं। 

मंदिर के पुजारी राजेंद्र गिरी ने बताया कि पुराणों के प्रसंग के अनुसार गंगा अवतरण के बाद गंगा काशी में अपने रौद्र रूप में प्रवेश करने लगीं। वह काशी को अपने साथ बहा ले जाना चाहती थीं।

नारद ऋषि के अनुरोध पर भगवान शिव ने काशी के दक्षिण में ही त्रिशूल फेंककर गंगा के वेग को रोक दिया। भगवान शिव के त्रिशूल से मां गंगा को पीड़ा होने लगी। उन्होंने भगवान से क्षमा याचना की। भगवान शिव ने गंगा से यह वचन लिया कि वह काशी को स्पर्श करते हुए प्रवाहित होंगी। साथ ही काशी में गंगा स्नान करने वाले किसी भी भक्त को कोई जलीय जीव हानि नहीं पहुंचाएगा। गंगा ने जब दोनों वचन स्वीकार कर लिए तब शिव ने अपना त्रिशूल वापस लिया।

मान्यता है माधेश्वर ऋषि ने किया था घोर तप

पुजारी राजेंद्र गिरी ने बताया कि मान्यता यह भी है कि माधोपुर में माधेश्वर ऋषि ने घोर तप किया था। उनसे प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने दर्शन दिए और वरदान मांगने को कहा। उन्होंने कहा कि आप यहीं विराजमान हो जाएं तो स्वयंभू शिवलिंग प्रकट हुए और वह माधेश्वर महादेव कहलाए। गंगा अवतरण के समय भगवान शिव ने अपना त्रिशूल फेंका, तबसे वह शूलटंकेश्वर महादेव कहलाने लगे।

कश्मीर की बर्फीली पहाड़ियों में स्थित अमरनाथ मंदिर, है प्रमुख आस्था का केंद्र, सावन मे अमरनाथ का दर्शन बहुत फलदायी होता है

अमरनाथ गुफा भगवान शिव का एक पवित्र तीर्थ स्थल है, जो कश्मीर की बर्फीली पहाड़ियों में स्थित है। इस गुफा में प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग बनता है, जिसे ‘अमरनाथ का शिवलिंग’ कहा जाता है।

सावन के महीने में यहां का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस समय वार्षिक यात्रा होती है, जिसे अमरनाथ यात्रा कहा जाता है। 

इस यात्रा में लाखों भक्त कठिन पहाड़ी रास्तों को पार करते हुए भगवान शिव के दर्शन करने आते हैं। यह यात्रा भक्ति, श्रद्धा और साहस का प्रतीक है, जिसमें भक्त भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

इन मंदिरों की विशेषता और धार्मिक महत्व सावन के दौरान और भी बढ़ जाता है। इन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जो भक्तों को एक अद्वितीय और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं। 'न्यूज़ फास्ट' आपको सावन मास की पहली सोमवारी को शुभकामनाएं देता है। बता दें कि इन मंदिरों की यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्राकृतिक सुंदरता का भी आनंद लेने का एक सुनहरा अवसर होता है। तो इस सावन में इन मंदिरों की यात्रा अवश्य करें.

प्रथा : सावन में पांच दिनों तक कपड़े नहीं पहनतीं इस गांव की महिलाएं,वजह जानकार रह जाएंगे आप दंग

 

सावन का महीना शुरू हो गया है. ऐसे में हिंदू धर्म को मानने वाले लोग इस पवित्र महीने में अपनी परंपराओं के अनुसार कई ऐसी चीजें करते हैं, जिनके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे. चलिए आज आपको भारत के एक ऐसे ही गांव की कहानी बताते हैं, जहां सावन के महीने में 5 दिनों तक महिलाएं कपड़े नहीं पहनती हैं.इसके साथ ही आपको ये भी बताएंगे कि आखिर वहां की महिलाएं ऐसा क्यों करती हैं और क्या पुरुषों के लिए भी इस गांव में कोई नियम लागू होते हैं.

कहां है ये गांव


हम जिस भारतीय गांव की बात कर रहे हैं वो हिमाचल प्रदेश के मणिकर्ण घाटी में स्थित है. इस गांव का नाम पिणी गांव है. यहां सदियों से ये परंपरा चली आ रही है. सावन के महीने में खास 5 दिनों तक यहां की महिलाएं कपड़े नहीं पहनतीं. यही वजह है कि इन पांच दिनों में बाहरी लोगों का गांव में प्रवेश पूरी तरह से बैन रहता है.

महिलाएं ऐसा क्यों करती हैं


हिमाचल प्रदेश के इस गांव का इतिहास सदियों पुराना है. इसलिए यहां कई ऐसी परंपराएं हैं जो कहीं और देखने को नहीं मिलतीं. सावन में पांच दिनों तक कपड़े ना पहनने की परंपरा भी सदियों पुरानी है. चलिए अब जानते हैं कि इसके पीछे की वजह क्या है.

दरअसल, एक समय में इस गांव में राक्षसों का इतना आतंक था कि गांव वालों का जीना मुश्किल हो गया था. जब राक्षसों का आतंक बहुत बढ़ा तो इस गांव में लाहुआ घोंड नाम के एक देवता आए और उन्होंने राक्षस का वध कर के गांव वालों को बचा लिया. बताया जाता था कि राक्षस जब गांव में आते थे तो वह सजी-धजी महिलाओं को उठा ले जाते थे. यही वजह है कि आज भी सावन के इन पांच दिनों में महिलाएं कपड़े नहीं पहनतीं.

तो फिर क्या पहनती हैं महिलाएं?

पिणी गांव में आज हर महिला इस परंपरा को नहीं निभाती. लेकिन जो महिलाएं अपनी इच्छ से ये परंपरा निभाती हैं वो इन पांच दिनों में ऊन से बना एक पटका पहनती हैं. परंपरा निभाने वाली महिलाएं इन पांच दिनों में घर से बाहर नहीं निकलीं. इस परंपरा को खासतौर से गांव की शादीशुदा महिलाएं ही निभाती हैं.

क्या पुरुषों के लिए भी कोई नियम है?


ऐसा नहीं है कि इस गांव में सिर्फ महिलाओं के लिए ही नियम है. पुरुषों के लिए नियम है कि वह सावन के महीने में शराब और मांस का सेवन नहीं करेंगे. इन खास पांच दिनों में तो इस परंपरा का पालन करना सबसे ज्यादा जरूरी है. वहीं इस परंपरा के अनुसार, इन पांच दिनों में पति पत्नी एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा भी नहीं सकते. अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो आप इस गांव में जा सकते हैं. हालांकि, सावन के इन पांच दिनों में आपको इस गांव में प्रवेश नहीं मिलेगा. गांव वाले लोग इन पांच दिनों को बेहद पवित्र मानते हैं और इसे त्योहार की तरह मनाते हैं. ऐसे में वह किसी बाहरी व्यक्ति को इन पांच दिनों में अपने गांव में प्रवेश नहीं देते.

जंगल के बीच मौजूद इस प्राचीन मंदिर में साक्षात निवास करते हैं भगवान शिव

रांची: झारखंड के प्रसिद्ध टांगीनाथ धाम में मौजूद हैं अनेकों शिवलिंग. यह श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है. यहां सावन महीने में खास श्रावणी मेले का आयोजन किया जाता है. 

झारखंड के गुमला जिले में स्थित है टांगीनाथ धाम. यह पवित्र धाम अपने समृद्ध इतिहास और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. यहां भगवान शिव और फरसे की पूजा होती है. गुमला जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर मौजूद यह प्राचीन शिवालय टांगीनाथ पहाड़ पर स्थित है. लगभग 300 फीट ऊंचे पहाड़ पर मौजूद टांगीनाथ में भगवान परशुराम के फरसे की पूजा की जाती है. 

वैसे तो पूरे साल टांगीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है. मगर सावन के मौके पर बड़ी संख्या में भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन-पूजन करने टांगीनाथ धाम पहुंचते हैं. टांगीनाथ पहाड़ पर अनेकों शिवलिंग के साथ कई देवी देवताओं की मूर्तियां भी मौजूद हैं. श्रावण मास में टांगीनाथ धाम में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इस दौरान टांगीनाथ पहाड़ पर श्रावणी मेले का भी आयोजन किया जाता है जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं.

यहां होता है श्रावणी मेले का आयोजन

हर साल सावन महीने में टांगीनाथ पहाड़ पर श्रावणी मेले का आयोजन किया जाता है. इस दौरान प्रशासन मंदिर में उमड़ने वाली भक्तों की भीड़ और मेले की तैयारियों का जायजा लेती है. इस साल 22 जुलाई से शुरू हुए सावन माह के साथ श्रावणी मेले का भी आगाज हो गया. सावन के पहले सोमवार पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने टांगीनाथ धाम में भगवान शिव के दर्शन किए. इस दौरान विधि व्यवस्था सुदृढ़ रही. घने जंगल के बीच स्थित टांगीनाथ धाम में हजारों शिव भक्त बाबा के दर्शन करने आते हैं. सावन के दौरान इस जगह का महत्व बढ़ जाता है दूर-दूर से लोग भगवान शिव की आराधना करने टांगीनाथ धाम आते हैं.

इसका भगवान परशुराम से है खास नाता

टांगीनाथ धाम को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं सुनने को मिलती है. इसमें सबसे प्रचलित मान्यता के अनुसार प्राचीन युग में भगवान परशुराम ने टांगीनाथ पहाड़ पर भगवान शिव की आराधना की थी. जिस जगह परशुराम तपस्या कर रहे थे, वहीं बगल में उन्होंने अपना परशु यानी फरसा गाढ़ दिया था. फरसा को टांगी भी कहा जाता है. यही कारण है इस जगह का नाम टांगीनाथ धाम पड़ा. टांगीनाथ पहाड़ पर गड़ा भगवान परशुराम का फरसा काफी रहस्यमय है. इस फरसे की आकृति त्रिशूल से मिलती है, इस कारण भक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ इस फरसे की पूजा करते हैं. सालों से खुले आसमान के नीचे गड़े इस फरसे पर कभी जंग नहीं लगती है. टांगीनाथ धाम भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है.

आज का पंचांग- 25 जुलाई 2024:जानिये पंचांग के अनुसार आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

विक्रम संवत - 2081, पिंगल

शक सम्वत - 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत - श्रावण

अमांत - आषाढ़

तिथि

पञ्चमी - 01:58 ए एम, जुलाई 26 तक

नक्षत्र

पूर्व भाद्रपद - 04:16 पी एम तक

उत्तर भाद्रपद-26 जुलाई 2ः 30 पी एम तक

योग

शोभन - 07:49 ए एम तक

अतिगण्ड - 04:35 ए एम, जुलाई 26 तक

अशुभ काल

राहू - 02:10 पी एम से 03:52 पी एम

यम गण्ड - 05:39 ए एम से 07:21 ए एम

कुलिक - 09:03 ए एम से 10:45 ए एम

दुर्मुहूर्त - 10:11 ए एम से 11:06 ए एम

वर्ज्यम् - 01:10 ए एम, जुलाई 26 से 02:39 ए एम, जुलाई 26

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त - 12:00 पी एम से 12:55 पी एम

अमृत काल - 11:39 AM- 01:07 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:16 ए एम से 04:57 ए एम

आज का राशिफल, 25जुलाई 2024:जानिए राशिफल के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा..?

मेष दैनिक राशिफल 

यदि आप निर्णय लेने में साहसिक दृष्टिकोण अपनाते हैं और पिछले निर्णयों पर विचार करते हैं तो आप कई स्थानों पर जा सकते हैं। ऐसे किसी भी कार्य से शुरुआत करें जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता हो; आपकी कड़ी मेहनत और बारीकियों पर ध्यान आपको एक सफल व्यवसाय स्वामी बनाएगा।

 वृषभ दैनिक राशिफल 

व्यक्तिगत स्तर पर, प्रगति पर यह ध्यान आपके प्रेम जीवन में बदल जाता है। संभावना है कि आप अपने दिल की इच्छाओं को पूरा करेंगे और अपने रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे, एक मजबूत बंधन बनाने के लिए किसी भी अनकही कठिनाइयों का समाधान करेंगे।

मिथुन दैनिक राशिफल 

आज, आपकी फिटनेस को बेहतर बनाने के लिए बेहतर अवसर आने की संभावना है, जिससे आपके पास सुधार के लिए काफी गुंजाइश बचेगी। कार्यस्थल पर आपकी मुलाकात नए साथियों से हो सकती है और आप उनसे मित्र बनाने में सक्षम होंगे।

कर्क दैनिक राशिफल.

आज आपका विनम्र रवैया आपको अपना कौशल दिखाने और पहचान हासिल करने में मदद करेगा। हालाँकि, घर पर आपको अधिक सावधान रहने की आवश्यकता हो सकती है। कठिन विषयों पर बात करते समय सावधान रहें कि आप किन शब्दों का प्रयोग करते हैं।

सिंह दैनिक राशिफल 

आज आपको अपने आवेगपूर्ण व्यवहार पर दृढ़ नियंत्रण बनाए रखना होगा अन्यथा यह आपके प्रेम जीवन को नुकसान पहुंचाएगा। सिंह, आपके काम और निजी जीवन के बीच एक सुंदर संतुलन के लिए सितारे संरेखित हो रहे हैं। घरेलू मोर्चे पर, अपने साथी को अधिक समय देने के आपके प्रयासों को गर्मजोशी और सराहना मिलने की संभावना है।

कन्या दैनिक राशिफल 

आपके द्वारा हाल ही में बनाए गए नए सामाजिक संबंध भविष्य में भी फायदेमंद साबित हो सकते हैं, इसलिए इन रिश्तों को पोषित करें। अपने करियर की ओर मुड़ते हुए, प्रेरणा की एक मजबूत भावना आपको नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करती है। हालाँकि, याद रखें कि अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच स्वयं की देखभाल को प्राथमिकता दें।

तुला दैनिक राशिफल 

एक संतुलित दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करेगा कि आप आज भी अपने जीवन के सभी पहलुओं में चमकते रहें। आज आप स्वास्थ्य संबंधी जो भी निर्णय लेंगे, उससे बाद में आपको लाभ होने की संभावना है, इसलिए शुरुआत से ही अनुशासित अभ्यास स्थापित करने का लक्ष्य रखें।

वृश्चिक दैनिक राशिफल 

अपने जीवन के प्यार के सहयोग से, आप किसी उत्कृष्ट कार्य ज़िम्मेदारी को पूरा करने में सक्षम हो सकते हैं। यदि आपमें अधिक ऊर्जा और उत्साह है तो सफलता की सीढ़ी चढ़ना आसान होगा। आज वह दिन हो सकता है जब प्रबंधन आपको अधिक जिम्मेदारी देकर आपके नेतृत्व कौशल को क्रियान्वित करेगा।

धनु दैनिक राशिफल 

आज, आप ऐसी गतिविधियों में शामिल होने की अधिक संभावना रखते हैं जो आपको आनंदित करती हैं, और आपके जीवन में बहुत आवश्यक संतुलन लाती हैं। अपने बच्चे के स्वास्थ्य पर आपका ध्यान ताज़ा फिटनेस दिनचर्या का अवसर प्रदान करता है जिसे आप एक साथ शुरू कर सकते हैं।

मकर दैनिक राशिफल 

कुछ दिलचस्प अवसर, व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों, आपके बायोडाटा को बढ़ाएंगे और एकल लोगों को आगे बढ़ने में मदद करेंगे। ग्रह आपके पक्ष में हैं, और बढ़े हुए फोकस और ऊर्जा के साथ, आप अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में अधूरे काम को पूरा करने में सक्षम होंगे।

कुंभ दैनिक राशिफल 

जीवनशैली में बदलाव करना, जैसे अनुशासित दिनचर्या स्थापित करना और सकारात्मक पर ध्यान केंद्रित करना, आपको जीवन का एक नया तरीका खोजने में मदद करेगा। रिश्ते संबंधी संदेह अपरिहार्य हैं लेकिन उन्हें आप जो मानते हैं उसे प्रभावित करने की अनुमति न दें। इसके बजाय, इन चिंताओं को शांत और स्पष्ट दिमाग से देखें।

मीन दैनिक राशिफल 

कार्यस्थल पर बातचीत के दौरान भावनात्मक नियंत्रण बनाए रखना समाधान खोजने की कुंजी होगी। सौभाग्य से, आपके करियर की संभावनाओं में सुधार होता दिख रहा है! इसलिए, अपने रास्ते में आने वाले किसी भी मौके का लाभ उठाएं, क्योंकि यह एक सफल यात्रा की शुरुआत हो सकती है।

आज का राशिफल, 24 जुलाई 2024:जानिए राशिफल के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा....?

ग्रहों की स्थिति : वृषभ राशि में मंगल और गुरु, सूर्य और शुक्र कर्क राशि में, केतु कन्या राशि में, शनि और चंद्रमा का विष योग, अप्रत्यक्ष विष योग क्योंकि शनि वक्री हैं, कुंभ राशि में चल रहे हैं। राहु मीन राशि के गोचर में चल रहे हैं। राशिफल देखते हैं-

मेष राशि : मन परेशान रहेगा। आर्थिक स्थिति में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। भ्रामक समाचार की प्राप्ति होगी। स्वास्थ्य, प्रेम, व्यापार मध्यम दिख रहा है। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।

वृषभ राशि : किसी नए व्यापार की शुरुआत न करें। पिता के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। स्वयं के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें। सीने में विकार संभव है, उस पर भी ध्यान दें। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम-संतान अच्छा। व्यापार मध्यम। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।

मिथुन राशि : अपमानित होने का भय रहेगा। यात्रा कष्टकारी हो सकती है। भाग्य पर भरोसा करके कोई काम न करें। स्वास्थ्य ठीक है। प्रेम-संतान ठीक है। व्यापार मध्यम है। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।

कर्क राशि : चोट-चपेट लग सकती है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। परिस्थितियां प्रतिकूल हैं। बहुत बचकर पार करें। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम-संतान लगभग ठीक है। व्यापार भी ठीक है। लाल वस्तु पास रखें।

सिंह राशि : जीवनसाथी के स्वास्थ्य व साथ पर ध्यान दें। खुद के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें, प्रेम-संतान और व्यापार मध्यम दिख रहा है। बचकर पार करें। नीली वस्तु का दान करें।

कन्या राशि : शत्रुओं पर विजय पाएंगे। गुण-ज्ञान की प्राप्ति होगी। बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा। स्वास्थ्य थोड़ा मध्यम रहेगा। प्रेम-संतान भी मध्यम और व्यापार अच्छा। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।

तुला राशि : मन व्यथित रहेगा। बच्चों की सेहत को लेकर मन परेशान रहेगा। प्रेम में तूतू-मैंमैं का संकेत है। मानसिक स्वास्थ्य गड़बड़ रहेगा। व्यापार सही चलता रहेगा। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।

वृश्चिक राशि : घरेलू सुख बाधित होगा। घर में कोई बड़े स्तर का लड़ाई-झगड़ा न हो इस बात का ध्यान रखें। स्वास्थ्य मध्यम। सीने में विकार संभव है। प्रेम-संतान अच्छा और व्यापार अच्छा है। पीली वस्तु पास रखें।

आज 18 साल बाद भारत में दिखेगा शनि का चंद्रग्रहण, कुछ घंटों के लिए रात में जारी रहेगी लुकाछिपी

धनु राशि : पराक्रम रंग लाएगा। रोजी-रोजगार में तरक्की करेंगे। लेकिन नए व्यापार की शुरुआत अभी न करें। स्वास्थ्य मध्यम, नाक-कान व गला की परेशानी हो सकती है। प्रेम-संतान अच्छा और व्यापार अच्छा है। लाल वस्तु पास रखें।

मकर राशि: धन हानि के संकेत हैं। निवेश मत करिएगा। जुआ-सट्टा लॉटरी में पैसे न लगाएं। मुख रोग के शिकार हो सकते हैं। बाकी प्रेम-संतान, व्यापार अच्छा है। काली जी को प्रणाम करते रहें।

कुंभ राशि : घबराहट, बेचैनी बनी रहेगी। ऊर्जा का स्तर घटता-बढ़ता रहेगा। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम-संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। हरी वस्तु पास रखें।

मीन राशि : खर्च की अधिकता मन को परेशान करेगी। सिर दर्द, नेत्र पीड़ा संभव है। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम-संतान मध्यम, व्यापार मध्यम। शिवजी को प्रणाम करते रहें और उनका जलाभिषेक करते रहें, शुभ होगा।

आज का पंचांग- 24 जुलाई 2024:जानिए पंचांग के अनुसार. आज का मुहूर्त और ग्रहयोग

विक्रम संवत - 2081, पिंगल

शक सम्वत - 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत - श्रावण

अमांत - आषाढ़

तिथि

कृष्ण पक्ष तृतीया- जुलाई 23 10:23 AM- जुलाई 24 07:30 AM

कृष्ण पक्ष चतुर्थी [ क्षय तिथि ] - जुलाई 24 07:30 AM- जुलाई 25 04:40 AM

कृष्ण पक्ष पंचमी- जुलाई 25 04:40 AM- जुलाई 26 01:58 AM

नक्षत्र

शतभिषा - जुलाई 23 08:18 PM- जुलाई 24 06:14 PM

पूर्वभाद्रपदा - जुलाई 24 06:14 PM- जुलाई 25 04:16 PM

पंचांग- 24 जुलाई 2024

विक्रम संवत - 2081, पिंगल

शक सम्वत - 1946, क्रोधी

पूर्णिमांत - श्रावण

अमांत - आषाढ़

तिथि

कृष्ण पक्ष तृतीया- जुलाई 23 10:23 AM- जुलाई 24 07:30 AM

कृष्ण पक्ष चतुर्थी [ क्षय तिथि ] - जुलाई 24 07:30 AM- जुलाई 25 04:40 AM

कृष्ण पक्ष पंचमी- जुलाई 25 04:40 AM- जुलाई 26 01:58 AM

नक्षत्र

शतभिषा - जुलाई 23 08:18 PM- जुलाई 24 06:14 PM

पूर्वभाद्रपदा - जुलाई 24 06:14 PM- जुलाई 25 04:16 PM

योग

सौभाग्य - जुलाई 23 02:35 PM- जुलाई 24 11:10 AM

शोभन - जुलाई 24 11:10 AM- जुलाई 25 07:48 AM

अशुभ काल

राहू - 12:33 PM- 2:12 PM

यम गण्ड - 7:37 AM- 9:15 AM

कुलिक - 10:54 AM- 12:33 PM

दुर्मुहूर्त - 12:07 PM- 12:59 PM

वर्ज्यम् - 12:07 AM- 01:35 AM

शुभ काल

अभिजीत मुहूर्त - Nil

अमृत काल - 11:39 AM- 01:07 PM

ब्रह्म मुहूर्त - 04:22 AM- 05:10 AM

आस्था : भगवान राम के पुत्र से जुड़ा है अयोध्या के इस प्राचीन शिव मंदिर का इतिहास! जानें मान्यता

मान्यता : इस मंदिर में गये बगैर अयोध्या में श्रीराम के दर्शन रह जाते हैं अधूरे


अयोध्या : सावन का पवित्र महीना चल रहा है और सावन के इस पवित्र महीने में शिव भक्त प्राचीन मठ-मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक कर रहे हैं. तो वहीं मंदिर और मूर्तियों की नगरी अयोध्या में भी प्रभु राम से जुड़ा एक ऐसा शिव मंदिर है जिसकी महिमा अपरंपार है .भगवान राम की जन्मस्थली में कई ऐसे गुप्त दिव्य स्थान है जिसे अधिकतर लोग नहीं जानते हैं. उन्हीं में से एक स्थान है नागेश्वरनाथ मंदिर. यह अयोध्या के उन महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच उतना प्रसिद्ध नहीं है, लेकिन इसका धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व अत्यधिक है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।

इस मंदिर का निर्माण प्रभु राम के पुत्र कुश ने कराया था

पंडित कल्कि राम बताते हैं कि धार्मिक ग्रंथो के अनुसार कहा जाता है कि नागेश्वरनाथ मंदिर का निर्माण त्रेता युग में भगवान राम के पुत्र कुश ने करवाया था. पौराणिक मान्यता है कि एक बार भगवान राम के पुत्र कुश सरयू में स्नान कर रहे थे। उस वक्त उनकी बांह से कड़ा निकलकर सरयू में गिर गया. कुश ने उसे खूब तलाशा, लेकिन वह नहीं मिला। वह कड़ा सरयू में ही रहने वाले नागराज कुमुद को मिल गया, जिसे उन्होंने अपनी बेटी को दे दिया. जब कुश को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने कुमुद से अपना कड़ा मांगा, लेकिन नागराज ने वह कड़ा देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया और कहा कि बेटी को दिया गया उपहार वापस नहीं लिया जाता है. इस तर्क पर क्रोध से तिलमिलाए कुश ने धनुष उठा लिया और पृथ्वी से संपूर्ण नाग जाति का संहार करने के लिए आगे बढ़ गए. तब कुमुद ने भगवान शिव से प्रार्थना की. भगवान शिव प्रकट हुए और कुश को शांत करवाया.

मान्यता : नागेश्वरनाथ मंदिर में गये बगैर अयोध्या में श्रीराम के दर्शन अधूरे रह जाते हैं

पंडित कल्कि राम बताते हैं कि यहां विधि विधान के साथ भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है. सावन और शिवरात्रि के दिन इस मंदिर में काफी भीड़ होती है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं. इसके अलावा अयोध्या में मंदिरों के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु भी इस मंदिर में जाते हैं. मान्यता कि इस मंदिर में गए बिना अयोध्या में श्रीराम के दर्शन अधूरे रह जाते हैं.