भ्रष्टाचार के सरगना हैं शरद पवार' अमित शाह ने राहुल गांधी पर भी बोला हमला, बताया अहंकारी
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केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शरद पवार पर जोरदार हमला बोला है। अमित शाह ने पवार को राजनीति के भ्रष्टाचार का सरगना करार दिया है।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह पुणे में भाजपा महाराष्ट्र के प्रदेश अधिवेशन को संबोधित किया। अपने इस संबोधन में पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। इसी दौरान आसाह ने एक तरफ शरद पवार को भ्रष्टाचार का सरगना बताया तो दूसरी ओर राहुल गांधी को अहंकारी कहा।
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पुणे में भाजपा महाराष्ट्र के प्रदेश अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा, “2014 में मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में आपको मराठा आरक्षण मिला और यदि आप मराठा आरक्षण जारी रखना चाहते हैं, तो आपको भाजपा को जिताना होगा!” उन्होंने आगे कहा कि मैं काफी सोच समझकर बोल रहा हूं कि महाराष्ट्र में जब जब भाजपा सरकार आती है, मराठा को रिजर्वेशन प्राप्त होता है और जब-जब शरद पवार की सरकार आती है मराठा रिजर्वेशन गायब हो जाता है।
उद्धव ठाकरे पर भी हमला
शाह ने कहा, “देश में बहुत-सी भ्रांतियां चलाई गईं, लेकिन हमें उनकी (विपक्ष) भ्रांतियों में नहीं आना है। उन्होंने (विपक्ष) कहा कि भाजपा आरक्षण समाप्त कर देगी, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि 10 साल का एक्सटेंशन पीएम मोदी के ही समय मिला और पूर्ण बहुमत होने के बावजूद आरक्षण को बल देने का काम हमारे नेता पीएम मोदी ने किया।” शरद पवार के साथ ही अमित शाह ने उद्धव ठाकरे पर भी हमला बोला और कहा कि वे आज 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन के लिए क्षमादान मांगने वालों के साथ बैठे हैं। उन्होंने कहा कि ‘औरंगजेब फैन क्लब’ भारत की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकता।
राहुल गांधी अहंकारी हो गए हैं-शाह
अमित शाह ने कहा, ‘मैंने राजनीतिक जीवन में कई जय-पराजय देखे। परंतु, मैंने यह भी देखा कि कई लोग जीतने के बाद अहंकारी हो जाते हैं। जीतने के बाद अंहकार आने के सैकड़ों उदाहरण आपको दुनियाभर की राजनीति में मिल जाएंगे। लेकिन एक अनूठा उदाहरण राहुल गांधी दुनिया को दे रहे हैं। वो हारने के बाद अहंकारी हो गए हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीटें में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 300 सीटें मिलीं और विपक्षी गठबंधन इंडिया को एकजुट होकर भी 240 सीटें नहीं मिलीं हैं। इस चुनाव में देश की जनता ने नरेंद्र मोदी के 10 वर्ष के शासन पर मुहर लगाई है।









पड़ोसी देश बांग्लादेश इन दिनों हिंसा की आग में झुलस रहा है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में छात्रों का हिंसक आंदोलन लगातार तेज हो रहा है। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन देशभर में उग्र रूप ले चुका है। इस प्रदर्शन में अब तक 150 लोगों की मौत हो गई है जबकि 2500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हालात को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने देश में देशव्यापी कर्फ्यू को आज दोपहर तीन बजे तक के लिए बढ़ा दिया है। पहले यह सुबह 10 बजे तक के लिए तय था। हिंसा के चलते देश के कई शहरों में मोबाइल और इंटरनेट की सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गई है। इधर, बांग्लादेश में आंदोलन छात्रों के हाथ से निकलकर इस्लामिक कट्टरपंथियों के हाथों में चला गया है। इस्लामिक कट्टरपंथी पार्टियों जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) जैसी ताकतों के हाथों में चला गया है। जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश जैसी शक्तियां इसके पीछे हैं। ये ताकतें पूरी तरह से पाकिस्तान और चीन समर्थक मानी जाती हैं। ऐसे में इन शक्तियों की बढ़ती ताकत निश्चित रूप से भारत के लिए मुश्किल पैदा करेगी। सेंटर फॉर रिचर्स इन इंडो बांग्लादेश रिलेशंस कोलकाता द्वारा प्रकाशित पुस्तक हिंदू डिक्रेसेंट बांग्लादेश एंड वेस्ट बंगाल के लेखक और बांग्लादेश मामलों के विशेषज्ञ बिमल प्रमाणिक कहते हैं कि आंदोलन से पूरी तरह से साफ है कि आंदोलन छात्रों के हाथ से निकलकर इस्लामिक कट्टरपंथियों के हाथों में चला गया है। आरक्षण विरोधी आंदोलन ने हसीना सरकार विरोधी आंदोलन का रूप ले लिया है।उन्होंने कहा कि ऐसे में बांग्लादेश की स्थिति निश्चित रूप से भारत के लिए चिंता का विषय है. बांग्लादेश से सटे इलाके त्रिपुरा, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, सिक्किम, पश्चिम बंगाल और यहां तक झारखंड जैसे राज्यों पर भी इसका प्रभाव पड़ने के आसार हैं। इस्लामिक कट्टरपंथी ताकतों के मजबूत होने से भारत की सीमावर्ती इलाकों में कट्टरपंथी ताकतों को बल मिलेगा और अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे में भारत सरकार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है। पड़ोसी देशों में अशांति के कारण देशभर में बीजीबी जवानों की तैनाती की जा रही है, लेकिन भारत की सीमा पर बीएसएफ पूरी तरह से सतर्क है। हिंसा प्रभावित देश से लोग पलायन कर रहे हैं।यहां से भारी संख्या में लोग अलग-अलग देशों में जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, देशभर में बीजीबी जवानों की तैनाती से सीमा पर बीजीबी जवानों की संख्या कम हो सकती है। ऐसे में घुसपैठ की आशंका के चलते बीएसएफ भारतीय सीमा पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर रही है। बता दें कि साल 2021 में भारत में घुसपैठ की कोशिश करते हुए 2,951 लोगों को गिरप्तार किया गया था। इनमें 2036 बांग्लादेशी नागरिक थे और 58 रोहिंग्या थे। 2022 में सीमा पर 2,966 लोगों को अरेस्ट किया गया था। इनमें 1951 बांग्लादेशी और 79 रोहिंग्या थे। 2023 में 2,565 लोगों को अरेस्ट किया गया था, इनमें 1548 बांग्लादेशी और 86 रोहिंग्या थे। इस साल 15 जुलाई तक 1032 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, इनमें 693 बांग्लादेशी और 21 रोहिंग्या हैं।

Jul 21 2024, 20:06
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