बंद करिए सबका साथ, सबका विकास का नारा, अल्पसंख्यक मोर्चे की भी जरूरत नहीं’, शुभेंदु अधिकारी का ये कैसा बयान
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सबका साथ, सबका विकास का नारा दिया था। 10 साल बाद अब नारे का पश्चिम बंगाल भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने विरोध किया है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा है कि ‘सबका साथ-सबका विकास’ नहीं चाहिए। पार्टी को तुरंत अल्संख्यक मोर्चा भंग कर देना चाहिए।बंगाल के चुनावों में मिली हार और हिन्दुओं पर हो रहे हमले को लेकर उन्होंने यह बयान दिया, जिसके बाद सियासी भूचाल आ गया है।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में शुभेंदु अधिकारी ने अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि 'मैं राष्ट्रवादी मुस्लिमों की बात करता था और आपने भी नारा दिया था कि 'सबका साथ, सबका विकास', लेकिन अब मैं ऐसा नहीं कहूंगा। इसकी जगह मैं कहूंगा कि 'जो हमारे साथ, हम उनके साथ'। बंद करिए ये 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा। हमें अल्पसंख्यक मोर्चे की भी जरूरत नहीं है।'
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि 'हम जीतेंगे, हम हिंदुओं को बचाएंगे और संविधान को बचाएंगे।' इसके बाद शुभेंदु अधिकारी ने जय श्री राम के नारे लगाए और भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी तालियां बजाकर उनका स्वागत किया।
अधिकारी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब वोटिंग पैटर्न के विश्लेषण से पता चला है कि बंगाल में बीजेपी की जीत में अल्पसंख्यक समुदाय बड़ी बाधा बनकर उभरा है। हाल ही में शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव और हालिया उपचुनाव में 50 लाख हिंदुओं को वोट नहीं देने दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल में लोकतंत्र मर चुका है।
लोकसभा चुनाव 2024 में पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में बीजेपी के खाते में केवल 12 सीटें आई। 2019 में 18 सीट पर जीत मिली थी। बीजेपी को इस बार 6 सीट का नुकसान हुआ। बीजेपी ने इस बार लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में 30 सीटें जीतने का टारगेट रखा था। सीएए, आरक्षण, संदेशखाली और करप्शन जैसे मुद्दे उठाने के बावजूद पार्टी कामयाब नहीं हो पाई। पार्टी के बड़े नेता जैसे निशीथ प्रमाणिक, लॉकेट चटर्जी और एसएस आहलूवालिया अपनी सीट नहीं बचा पाए।
15 जुलाई को पश्चिम बंगाल की 4 विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव का रिजल्ट आया था। बीजेपी को यहां भी नुकसान हुआ। ममता बनर्जी की टीएमसी ने चारों पर जीत दर्ज की। जिन सीटों को बीजेपी को हार मिली, पिछली बार इनमें से 3 सीटें भाजपा के पास थीं, लेकिन इस बार टीएमसी ने तीनों सीटें छीन लीं।
Jul 17 2024, 17:32