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*शराब घोटाले मामलें में बड़ा अपडेट, दिलीप पांडेय ने किया बड़ा खुलासा

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब EOW की जांच में खुलासा हुआ है कि आबकारी विभाग के मुख्यालय के स्टेट फ्लाइंग स्क्वायड के जिला स्तर के अधिकारियों को 15 जिलों में नकली शराब भेजी जा रही थी। वहीं कुछ सहायक जिला अधिकारी के कुछ अधिकारी शराब दुकानों से कलेक्शन का काम करते थे। साथ ही यह आरोप है कि पैसों को अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, एपी त्रिपाठी द्वारा संचालित सिंडिकेट तक पहुंचाया जाता था। इस कड़ी में EOW ने आबकारी इकबाल और जनार्दन कौरव से लंबी पूछताछ की है। पूछताछ में अहम जानकारी मिलने का खुलासा हुआ है। जिसमें शराब की बाटलिंग, ट्रांसपोर्टिंग, दुकानों में ब्रिकी और ब्रिकी से आने पैसों के कलेक्शन को लेकर जानकारी मिली है।

सूत्रों के अनुसार जल्द ही इस मामले में जिला स्तर के अधिकारियों की गिरफ्तारी हो सकती है। बता दें कि नया रायपुर के जीएसटी भवन के ग्राउंड फ्लोर में शराब सिंडिकेट के लिए नकली होलोग्राम छापने वाली कंपनी का खुलासा हुआ है। जो कि प्रिज्म होलोग्राफिक एंड फिल्म्स सिक्यूरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से संचालित थी। जिसके स्टेट हेड दिलीप पांडे कि गिरफ्तारी के बाद आबकारी विभाग भी कंपनी पर कार्रवाई करने वाली है। कहा जा रहा है कि दिलीप पांडे की निशानदेही पर EOW ने कंपनी द्वारा संचालित प्रेस से हार्डड्राइव जब्त की है। जिससे नकली होलोग्राम में छपने वाले सिरीयल नंबर जारी किए जाते थे। इस कार्रवाई के बाद आबकारी विभाग प्रिज्म होलोग्राफिक का टेंडर रद्द करने वाली है। कंपनी को इस बाबत नोटिस भी जारी किया गया है। आबकारी सचिव आर संगीता जल्द से जल्द से तकनीकी रूप से सुरक्षित होलोग्राम बनाने तकनीकी एक्सपर्ट की बैठक भी ले रही हैं। सूत्रों के अनुसार गड़बड़ी से बचने अब सरकारी प्रेस से होलोग्राम छपवाने की तैयारी कर रही है।

मनोज साहू बने टिकरापारा थाना के नए थाना प्रभारी, दुर्गेश रावटे लाईन अटैच

रायपुर-   राजधानी रायपुर के टिकरापारा थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे लाईन अटैच कर दिए गए है. उनकी जगह निरीक्षक मनोज साहू को टिकरापारा थाना प्रभारी नियुक्त किया गया है. एसएसपी रायपुर संतोष कुमार सिंह ने इसका आदेश जारी किया है.

स्थानांतरण की आड़ में शिक्षकों का अटैचमेंट, हाईकोर्ट ने किया निरस्त, कहा- डीईओ को अधिकार नहीं

बिलासपुर-  स्थानांतरण की आड़ में शिक्षकों के किए गए अटैचमेंट को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा डीईओ को शिक्षकों के अटैचमेंट का अधिकार नहीं है। मामले में सिंगल बेंच से याचिका खारिज होने पर शिक्षकों ने डीबी में अपील की थी।

दरअसल, बस्तर क्षेत्र के शिक्षक दयानाथ कश्यप, चंद्रशेखर पांडे, दयाराम बघेल, मिरी राम देवांगन बस्तर क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों में पदस्थ हैं। उन्होंने अपने अटैचमेंट को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सिंगल बेंच से याचिका खारिज होने पर उन्होंने रिट अपील दायर की। इन शिक्षकों को 14 एवं 15 मार्च 2024 को आदेश जारी कर मूल स्थान से स्थानान्तरण कर अन्य जगहों पर अटैच कर दिया गया था।

याचिकाकर्ताओं ने जिला शिक्षा और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पर द्वेषवश कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा कि उनको ऐसा आदेश पारित करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। राज्य शासन की स्थानांतरण नीति के अनुसार मंत्री से अनुमोदन प्राप्त कर कलेक्टर द्वारा उनका स्थानांतरण किया जा सकता है। साथ ही यह कार्रवाई चुनाव आचार संहिता लागू होने के दौरान की गई, इसलिए चुनाव आयोग से भी अनुमति लेना जरूरी था। सिंगल बेंच ने याचिका खारिज कर शिक्षकों को स्थानांतरित पद पर तत्काल कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए। इस आदेश के विरुद्ध डिवीजन बेंच में रिट अपील की गई थी।

संसदीय कार्य मंत्री बनाये गये केदार कश्यप, वर्तनाम दायित्वों के साथ संभालेंगे प्रभार

रायपुर- वन मंत्री केदार कश्यप को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. वर्तमान दायित्व के साथ उन्हें संसदीय कार्य मंत्री का प्रभार भी सौंपा गया है. बता दें कि अभी मंत्री केदार कश्यप के पास वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता विभाग का प्रभार है. नए दायित्व के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वन मंत्री केदार कश्यप को बधाई और शुभकामनाएं दी है.

सीएम साय ने अपने संदेश में लिखा कि मंत्रिमंडल के मेरे साथी केदार कश्यप को वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता के वर्तमान दायित्वों के साथ संसदीय कार्य विभाग का प्रभार मिलने पर बहुत-बहुत बधाई एवं सफल कार्यकाल हेतु हार्दिक शुभकामनाएं।

केंद्रीय वित्त आयोग के दल ने की पंचायत, नगरीय निकाय एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ परिचर्चा

रायपुर-   16वें केंद्रीय वित्त आयोग की पंचायत, नगरीय निकाय एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ आज मेफेयर लेक रिसोर्ट, नवा रायपुर अटल नगर में परिचर्चा का आयोजन किया गया। केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में आयोजित इस परिचर्चा में आयोग के सदस्य अजय नारायण झा, एन्नी जार्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्यकांति घोष सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

16 वें वित्त आयोग के साथ पंचायत प्रतिनिधियों के साथ आयोजित परिचर्चा में पंचायत विभाग के सचिव एस भारती दासन ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से पंचायतों को प्राप्त राशि, उनकी आवश्यकताओं और उनके वित्तीय प्रबंधन की जानकारी आयोग को दी। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आये पंचायत प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं और आवश्यकताओं को रखते हुए आयोग के समक्ष सुझाव और मांगें प्रस्तुत कीं। उन्होंने पंचायतों की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए केंद्र से अधिक सहायता की मांग की।

नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित परिचर्चा में नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस ने नगरीय निकायों की वित्तीय स्थिति, उनकी चुनौतियों और आवश्यकताओं के बारे में विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। नगरीय निकायों से आए प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों की वित्तीय चुनौतियों और विकास की आवश्यकताओं पर चर्चा की और आयोग के समक्ष अपने सुझाव एवं मांगें रखीं। उन्होंने नगरीय निकायों के लिए वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता बढ़ाने और उनके वित्तीय प्रबंधन को सुधारने की मांग की।

आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी परिचर्चा की। इस बैठक में विभिन्न दलों के जनप्रतिनिधियों ने आयोग के समक्ष अपने-अपने दलों की ओर से सुझाव और मांगें प्रस्तुत कीं। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाने, केंद्र और राज्य के बीच वित्तीय समन्वय को सुधारने, और विभिन्न योजनाओं के लिए अधिक वित्तीय आवंटन की मांग की।

केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने छत्तीसगढ़ की तरक्की को सराहा

रायपुर-  केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस ली. उन्होंने कहा, 28 राज्यों में केंद्रीय वित्त आयोग का दौरा होगा. पूरे देश के मद्देनजर जो आवश्यकता होगी उस पर आयोग विचार करेगा. छत्तीसगढ़ वित्त आयोग का दूसरा पड़ाव है. राज्यों में आंतरिक तौर पर चर्चाएं चल रही है. अलग-अलग जनप्रतिनिधियों से भी आयोग चर्चा करने वाला है. उनसे भी सुझाव लिए जाएंगे. अलग-अलग प्रदेशों के सेंट्रल टैक्स की अनुशंसाएं ली जाएगी. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों सहित डिजास्टर रिलीफ फंड पर भी अनुशंसाएं ली जाएगी. राज्य सरकार ने अपनी समस्याओं को अपने समक्ष प्रस्तुत किया है.

साय मंत्रिमंडल से मुलाकात पर आयोग के अध्यक्ष पनगढ़िया ने कहा, छत्तीसगढ़ से जुड़ी परियोजनाओं की जानकारी दी गई है. छत्तीसगढ़ ने एक अच्छा प्रोग्रेस दिखाया है. चाहे किसी भी क्षेत्र में हो. रेल, रोड और एयर कनेक्टिविटी को कैसे बढ़ाया जाएगा, इस पर विचार हुआ है. छग एक प्रोड्यूसिंग स्टेट है तो उसकी भरपाई कैसे की जाएगी, केंद्रीय वित्त आयोग का क्या फार्मूला होना चाहिए, पॉपुलेशन, डेंसिटी और एसटी एससी पॉपुलेशन के लिए क्या किया जाए, इस पर भी बातें हुई है.

बैठक में राज्यों में टैक्स संबंधित चर्चा पर वित्त आयोग के अध्यक्ष ने कहा, सेंट्रल टैक्स का वर्टिकल डिविजिबल पूल 41% राज्यों के बीच डिवाइड होता है. 41 % को बढ़ाकर 50% करने की मांग रखी जा रही है. राज्य गठन से अब तक प्रोग्रेस का रिपोर्ट प्रस्तुत हुआ है. 15वे वित्त आयोग के ग्रांट के बाद छग में हुए विकास की रिपोर्ट पर उन्होंने कहा, 15वें वित्त आयोग के प्लान पर चर्चा हुई है. राज्य सरकार ने छग गठन के बाद से अब तक की पूरी रिपोर्ट आयोग के समक्ष रखी है.

राज्य सरकार को दिए हुए ग्रांट की मॉनिटरिंग पर पनगढ़िया ने कहा, ग्रांट दिए जाने के बाद मॉनिटरिंग केंद्र सरकार करती है. पंचायतों को एक ग्रांट दिया गया है. नगरीय निकायों को एक ग्रांट दिया गया. तीसरा ग्रांट आपदा के लिए दिया गया था. अब तक का ब्योरा राज्य सरकार ने प्रस्तुत किया है. सेक्रेटेरिएट में आयोग इसकी प्रस्तुति देगी.

विधानसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में हुई वित्तीय समितियों की संयुक्त बैठक, डॉ. रमन सिंह ने कहा- संसदीय समितियों का स्वरूप व्यापक, दी जाती है लघु सदन

रायपुर-   विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में वित्तीय समितियों की संयुक्त बैठक विधानसभा सचिवालय में हुई. बैठक में डॉ. रमन सिंह ने कहा कि संसदीय समितियों का दायरा अत्यंत विस्तृत और व्यापक स्वरूप का होता है, इनकी इसी महत्ता के कारण संसदीय समितियों को लघु सदन की संज्ञा दी जाती है. अन्तः सत्र काल में विधायिका समितियों के माध्यम से ही कार्यपालिका पर नियंत्रण बनाए रखती है और इस सत्र में सभी वित्तीय समितियों के सभापति अनुभवी और संसदीय ज्ञान से परिपूर्ण हैं, जिससे कि उनके सुदीर्घ संसदीय ज्ञान और अनुभवों से हमारे सदन की वित्तीय समितियां लाभान्वित होंगी साथ ही परिणाम मूलक सिद्ध होंगी.

डॉ. रमन सिंह ने सभी वित्तीय समितियों के सभापतियों एवं सदस्यों को वर्ष 2024-25 के लिए सभापति एवं सदस्य चुने जाने पर बधाई दी. बैठक में लोक लेखा समिति के सभापति डॉ. चरणदास महंत, प्राक्कलन समिति के सभापति अजय चन्द्राकर, सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति के सभापति अमर अग्रवाल, स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति के सभापति धरमलाल कौशिक, प्रधान महालेखाकार यशवंत कुमार, वित्त विभाग के सचिव, संचालक, राज्य संपरीक्षा विधानसभा के सचिव दिनेश शर्मा और वित्त सचिव शारदा वर्मा एवं इन वित्तीय समितियों से संबंद्ध अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे.

वित्तीय समितियां का एक अलग महत्व

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने वित्तीय समितियों के महत्व और उनकी उपयोगिता पर चर्चा करते हुए कहा कि संसदीय समितियां में वित्तीय समितियां का एक अपना अलग महत्व है क्योंकि यही वह समितियां होती हैं, जो विधानसभा द्वारा पारित बजट की राशि को विभिन्न शासकीय विभागों में किस तरह से व्यय किया जा रहा है इस पर नजर रखती हैं, उसकी समीक्षा करती हैं और समीक्षा से प्राप्त निष्कर्ष कार्यपालिका पर वित्तीय अनुशासन को बनाये रखने के लिए सुनिश्चित करती है. इसके बाद उन्होंने वित्तीय समितियों में लोक लेखा समिति को सबसे महत्वपूर्ण समितियों में से एक बताते हुए कहा कि इस समिति के माध्यम से भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदन में प्रस्तुत आर्थिक अंकेक्षण से संबंधित कार्यों की समीक्षा होती है और अगर इसमें अनियमितता सामने आती है तो उस आर्थिक अनियमितता से संबंधित सभी कंडिकाओं का मौखिक परिक्षण तथा शेष अन्य कंडिकाओं पर लिखित जानकारी के आधार पर लोक लेखा समिति परीक्षण करती है.

वित्तीय संसदीय समितियों में प्राक्कलन समिति विभागों के प्राक्कलनों पर विचार तथा बजट एवं अनुदान की मांगों को विधानसभा द्वारा पारित करने के बाद कार्यपालिका की ओर से किए गए खर्च पर सभा का वित्तीय नियंत्रण बनाए रखने का कार्य करती है. इस दौरान प्राक्कलन समिति के सदस्यों से विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने विस्तृत चर्चा करते हुए उनके विचार भी प्राप्त किए.

विधानसभा में समितियां करती है प्रतिवेदन प्रस्तुत

इसके उपरांत विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति को एक और महत्वपूर्ण वित्तीय समिति बताते हुए कहा कि इस समिति के माध्यम से राज्य के विभिन्न निगम अथवा मंडलों के लेखों की जांच महालेखाकार की ओर से की जाती है तथा प्रतिवर्ष प्रतिवेदन तैयार कर विधानसभा में यथासमय प्रस्तुत किया जाता है. सभा में प्रस्तुत सार्वजनिक उपक्रमों से संबंधित महालेखाकार के प्रतिवेदन में ऑडिट आपत्तियों पर विभाग एवं सार्वजनिक उपक्रमों से जानकारी प्राप्त कर आवश्यकतानुसार विभागीय सचिव का मौखिक साक्ष्य को लेकर प्रक्रिया को पूर्ण कर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है.

स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं के लेखों की जांच महालेखाकार की ओर से किए जाने के पश्चात् प्रतिवेदन विधानसभा में प्रस्तुत किया जाता है. उसी प्रकार छत्तीसगढ़ राज्य संपरीक्षा की ओर से भी इन संस्थाओं के लेखों का परीक्षण किया जाकर प्रतिवेदन को विधानसभा में प्रस्तुत किया जाता है. इन प्रतिवेदनों का परीक्षण विधानसभा की स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति की ओर से किया जाकर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाता है.

उत्कृष्ट कार्यशैली स्थापित करने का कार्य करना है : डॉ. रमन

बैठक में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अनुरोध करते हुए कहा कि वित्तीय समितियों के सभापति एवं सदस्यों को समिति की बैठकों के प्रति अपनी उपस्थिति के प्रति सदैव गंभीर रहना है क्योंकि बैठकों की निरंतरता और सभापति एवं सदस्यों की उपस्थिति ही समितियों की सार्थकता को सिद्ध कर सकेगी. समितियों के सभापति एवं सदस्यों का यह सामूहिक प्रयास होना चाहिए कि वित्तीय समितियां बेहतर कार्यकरण के लिए अग्रसर हो साथ ही अन्य राज्यों की समितियों की तुलनात्मक समीक्षा करते हुए छत्तीसगढ़ विधान सभा की वित्तीय समितियों की उत्कृष्ट कार्यशैली को स्थापित करने में सफल हो.

अंत में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने समितियों के प्रति शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की यह षष्ठ्म विधान सभा अभी अपने शैशव काल पर है, शेष कार्य अवधि में हमारी वित्तीय संसदीय समितियां बेहतर से बेहतर परिणाम दे पाने में सफल हो और उन्होंने आशा जताई है कि इन सभी महत्वपूर्ण समितियों की अधिक से अधिक बैठकें आयोजित कर मेहनत एवं लगन से कार्य करते हुए सभी सदस्य अपने-अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करेंगे।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण: बेघर को मिल रहा है खुद का घर

रायपुर- महल हो या झोपड़ी अपना घर अपना होता है, हर व्यक्ति का एक सपना होता है कि छांव के लिए उसका एक खुद का घर हो। स्वयं का घर होने से कई सारे फायदे है, अपना घर व्यक्ति को वित्तीय सुरक्षा देता है। एक घर को अपना घर कहने में जो गौरव की अनुभूति होती है, इसी सपने सरकार द्वारा साकार किया जा रहा है। समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके की भलाई के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना संचालित की जा रही है।

प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य लक्ष्य है कि गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले हर परिवार को अपना खुद का घर मिल सके ताकि उन्हे किराया के घर नहीं लेना पड़े। भारत सरकार के इसी उददेश्य को पूर्ण करने की दिशा में छत्तीसगढ़ में भी विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली राज्य शासन द्वारा इस महत्वकांक्षी योजना को शत् प्रतिशत् पूर्ण करने में कोई कसर नहीं छोड़ा है। नगरों व ग्रामीण इलाकों में रहने वाले निर्धन लोगों को उनकी क्रयशक्ति के अनुकूल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् घर प्रदान किये जा रहे हैं।

इसी कड़ी में राज्य के जशपुर जिले के दुलदुला विकासखण्ड के ग्राम दुलदुला निवासी केश्वर राम को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत पक्का आवास मिला है। जब इन्हें आवास मिला तो उसने इस योजना की महत्व को समझते हुए आवास को बड़ी ही उत्सुकता लगन के साथ अनुदान राशि और स्वयं के पास के बचत राशि को मिला कर बहुत ही सुंदर एवं समय पर पक्का आवास बनाया। उसने शासन की महत्वकांक्षी योजनाओं को शत् प्रतिशत् पूर्ण कर ग्राम पंचायत एवं शासन का सहयोग कर गौरन्वित का कार्य किया है। केश्वर के परिवार में इनकी पत्नी जुगनी बाई, 1 पुत्र और 2 पुत्री निवासरत है। केश्वर को आवास 2019-20 में स्वीकृत हुई थी जो कि अब पूर्ण हो चुका है। पक्का आवास बन जाने से अब केश्वर का परिवार चिंतामुक्त और खुशाल जीवन यापन कर रहे है। पहले इनका परिवार एक छोटा सा कच्चा एवं जर्जर मकान में रहकर मजदूरी एवं खेती का कार्य करके अपना परिवार का भरण पोषण करते थे। कच्चे मकान में अपने पत्नी और बच्चों के साथ मुश्किल से जीवन यापन कर रहे थे। कच्चे जर्जर मकान में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता था, जैसे बारिश के मौसम में छत से पानी टपकना, जमीन पर सिलन आना, हर साल घर के छत के लकड़ी को बदलना और जहरीली जीव जंतु से डर का भय बना रहता था।

केश्वर प्रसाद और उनका परिवार पक्का मकान मिलने से खुशी-खुशी जीवन यापन कर रहे है। इन्हें स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय, उज्ज्वला योजना के तहत गैस एवं अन्य सरकारी सुविधाओं का भी लाभ मिल रहे है और उन्होंने प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया।

भीम सिंह कंवर सीएसपीडीसीएल में संचालक एवं प्रबंध संचालक पदस्थ

रायपुर- राज्य शासन के ऊर्जा विभाग द्वारा आज जारी आदेश के तहत छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के कार्यपालक निदेशक (संचालन/संधारण), भीम सिंह कंवर को छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड में संचालक एवं प्रबंध संचालक के पद पर पदस्थ किया गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना से रवींद्र पांडे का पक्का मकान बनाने का सपना हुआ साकार


रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने आवासहीन परिवारों को पक्की छत देने के लिए कृतसंकल्पित है। यह योजना न केवल लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर आवास भी प्रदान करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में गरीब परिवारों को उनका खुद का पक्का मकान मिल रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की इसी पहल से नारायणपुर जिले के कुम्हारपारा निवासी रवींद्र पांडे और उनके बड़े भाई काशीराम पांडे का पक्का मकान बनाने का सपना साकार हुआ है।

रवींद्र पांडे ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना उनके लिए वरदान साबित हुई है। पुराने दिनों की कठिनाइयों को याद करते हुए उन्होंने बताया कि पहले कच्चे घरौंदे में रहना काफी तकलीफदायक था। मौसम के अनुसार विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता था; कभी छत टपकती थी तो कभी ठंड से रात भर नींद पूरी नहीं होती थी। अब पक्का मकान मिलने से उनकी ये समस्याएं दूर हो गई हैं। उनके परिवार में उनके बड़े भाई और उनके नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत पक्का मकान बना है।

श्री रवींद्र ने बताया कि उनके परिवार को महतारी वंदना योजना के तहत प्रतिमाह 1 हजार रुपए, उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन और इस वर्ष 3100 रुपए समर्थन मूल्य पर धान बिक्री का लाभ मिला है। उन्होंने जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और लाभ पहुंचाने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध कराना है, जिससे वे बिना परेशानियों के अपना जीवन व्यतीत कर सकें। आज इस योजना का लाभ सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी मिल रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन की सरकार और संवेदनशील सरकार ने इस योजना के माध्यम से कई परिवारों की जिंदगी को बदल दिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना न केवल लोगों को आवास प्रदान करती है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर जीवन जीने का अवसर भी देती है। यह योजना प्रदेश में उन सभी लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है जो अपने घर का सपना देख रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सरकार की प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता को दर्शाती है, जिससे लाखों लोगों को अपने सपनों का घर मिल रहा है।