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यूपी में जनवरी से अब तक कुल 352 डेंगू के केस आये सामने,डेंगू तथा चिकनगुनिया की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए उठाये गये रणनीतिक कदम

लखनऊ। जुलाई माह को डेंगू रोधी माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य डेंगू तथा चिकनगुनिया रोग पर प्रभावी रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए व्यापक जन जागरूकता फैलाना तथा अन्य विभागों व जनसामान्य का सहयोग लेना है। सयुंक्त निदेशक मलेरिया एवं वीबीडी डॉक्टर विकास सिंघल ने बताया कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निदेर्शों का अनुपालन करते हुए डेंगू रोधी माह मनाये जाने के निर्देश सभी जिलों को दिए जा चुके हैं। वैसे तो डेंगू का प्रसार पूरे प्रदेश में ही है लेकिन 8 (लखनऊ, झांसी, बरेली, अयोध्या, बाराबंकी, प्रयागराज, गोंडा एवं कानपुर नगर) जनपद संवेदनशील हैं।

इस साल जनवरी से अब तक कुल 352 डेंगू के केस सामने आये हैं। डेंगू एडीज मच्छर से होने वाला रोग है। मानसून और उसके बाद की अवधि में डेंगू बुखार का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण के लिए निवारक गतिविधियों में तेजी लाने पर जोर है जिससे कि किसी भी तरह के आउटब्रेक से बचा जा सके। डेंगू की जनजागरूकता पर इसलिए जोर है क्योंकि डेंगू की कोई वैक्सीन नहीं है। ऐसे में डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सोर्स रिडक्शन गतिविधियों में समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण है। समुदाय सजग रहे और जिम्मेदार बनें और वह मच्छरजनित परिस्थियों को उत्पन्न ही न होने दे तो काफी हद तक डेंगू व अन्य मच्छरजनित बिमारियों को रोका जा सकता है। हम तैयारियों को लेकर बात करें तो प्रदेश में डेंगू सहित अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के उपाय मार्च महीने से ही शुरू कर दिए गए थे। वर्तमान में भी यह की जा रही है क्योंकि संचारी रोग नियंत्रण अभियान चल रहा है।

सभी अस्पतालों में बनाये गए डेंगू वार्ड

डेंगू के प्रसार को रोकने हेतु डेंगू के मामलों में केस आधारित गतिविधि की जाती है जिसमें डेंगू के संभावित मरीजों और पुष्ट मरीजों के इलाज पर जोर दिया जा रहा है। सभी अस्पतालों में डेंगू वार्ड बनाये गए हैं जहाँ मच्छरदानी युक्त बेड हैं। इसके साथ ही डेंगू सहित अन्य वेक्टरजनित बीमारियों के मामलों की रिपोर्टिंग के लिए यूडीएसपी पोर्टल भी विकसित किया गया है जिसके बाद से मामलों की रिपोर्टिंग और प्रारंभिक निवारक गतिविधियों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। डेंगू और चिकनगुनिया की जाँच के लिए प्रदेश में पर्याप्त मात्र में एनएस1 और आईजीएम एलाइजा किट उपलब्ध है।

डेंगू होने पर घबराने की जरूरत नहीं

डाक्टर सिंघल बताते हैं कि डेंगू के हर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती। ये जांच करने वाले चिकित्सक की सलाह पर निर्भर है। यदि मरीज को उल्टी आ रही है, पेट मे तेज दर्द है, सांस लेने में कठिनाई है, रक्तचाप गिर रहा है, घबराहट हो रही है, बहुत कमजोरी महसूस हो रही हो या शरीर मे कहीं भी रक्तस्राव हो रहा हो तो ऐसी दशा मे तुरंत भर्ती करा कर पूर्ण इलाज करना चाहिए। डेंगू में इस बात का विशेष ध्यान रखें कि शरीर में पानी की कमी न होने पाए क्योंकि पानी की कमी से मरीज शॉक में चला जाता है। इसलिए डेंगू होने पर ओ आर एस का घोल, तरल पेय पदार्थ का सेवन करें। डेंगू के उपचार में फ्लूड मैंजमनेट ही महत्वपूर्ण है। डेंगू की पुष्टि होने पर घबराने की जरूरत नहीं है। अधिकांश मामलों में इस बीमारी को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। केवल कम प्लेटलेट काउंट ही प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन का संकेत नहीं है, योग्य चिकित्सक से परामर्श के बाद ही इसकी आवश्यकता होती है, वह भी दुर्लभ मामलों में।

मच्छरों से बचने के उपाय

-सोते समय मच्छर दानी या मच्छररोधी क्रीम का उपयोग करें।
-पूरी बांह के कपड़े पहने।
-घर की खिड़की और दरवाजों पर जाली लगवाएं।
-कूलर और जलजमाव वाले स्थानों की सफाई करें।
-यदि कहीं पानी इकट्ठा है तो उसमें जला हुआ मोबिल आॅयल डाल दें।
-घर में गमलों , फ्रिज की ट्रे, शो प्लांट अदि में पानी न इकट्ठा होने दें।
हाथरस भगदड़ मामले में बड़ी कार्रवाई, आयोजन समिति से जुड़े छह सेवादार गिरफ्तार, मुख्य आयोजक अभी फरार
लखनऊ । हाथरस भगदड़ मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। अब तक इस घटना में आयोजन समिति से जुड़े छह सेवादारों को गिरफ्तार किया गया। वहीं इस घटना के मुख्य आयोजक-मुख्य सेवादार की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई है। गिरफ्तार लोगों में उपेंद्र, मंजू यादव, मुकेश कुमार शामिल हैं। घटना पर अलीगढ़ के आईजी शलभ माथुर ने कहा कि जोन स्तर पर सभी जिलों में एसओजी की टीमों को आरोपियों के चिह्नीकरण व गिरफ्तारी के लिए लगाया गया है। साथ ही मौके से मिले साक्ष्यों को विवेचना का हिस्सा बनाया जा रहा है।

गिरफ्तार लोगों ने बताया है कि बाबा के चरण रज लेने से काफी कष्ट दूर हो जाते हैं। गिरफ्तार लोगों ने बताया कि सेवादार के रूप में कार्य करते हैं, समिति के अध्यक्ष व सदस्य हैं। विवेचना में अगर बाबा का नाम आता है तो उस बिंदु पर कारवाई होगी। जरूरत पड़ने पर बाबा से पूछताछ की जाएगी। आईजी ने बताया कि मृतकों की संख्या 121 है। सभी शवों की पहचान हो गई है और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी हो गई है। आईजी शलभ माथुर ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा-105, 110, 126(2), 223 और 238 के अंतर्गत मामला दर्ज़ किया गया है।
मुख्य आरोपी मधुकर पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया है। जल्द ही उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा। आईजी ने कहा कि हम इस बात की भी जांच करेंगे कि क्या यह घटना किसी साजिश के चलते हुई है।

आईजी ने कहा कि आयोजकों ने पहले भीड़ को रोक लिया था, फिर एक दम लोगों को छोड़ने से यह हादसा हुआ। महिलाएं और बच्चे एक-दूसरे के ऊपर गिर गए। चरणरज के लिए भीड़ बाबा की गाड़ी के पास थी। आईजी शलभ माथुर का कहना है कि हम 'भोले बाबा' के आपराधिक इतिहास की जानकारी ले रहे हैं। उनके नाम पर कार्यक्रम की अनुमति नहीं ली गई थी। अलीगढ़ आईजी शलभ माथुर ने हाथरस हादसे को लेकर हाथरस में पत्रकार वार्ता की। जिसमें बताया कि 2 जुलाई को हाथरस के सिकंद्राराराऊ के ग्राम फुलरई मुगलगढ़ी की दुखद घटना सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग कार्यक्रम में घटित हुई, यहां पर भगदड़ मचने से आज तक की तारीख में 121 मौत हुईं। जिनमें 112 महिला, 2 पुरूष, 6 बच्चे, 1 बच्ची है।

इनकी हुई गिरफ्तारी
राम लडैते पुत्र रहबारी सिंह यादव निवासी भानपुरा थाना कुरावली जनपद मैनपुरी
उपेन्द्र सिंह यादव पुत्र रामेश्वर सिंह निवासी बाईपास एटा रोड थाना  शिकोहाबाद
मेघसिंह पुत्र9 हुकुम सिंह निवासी  मौ दमदपुरा थाना सिकंदराराऊ, हाथरस
मंजू यादव पत्नी सुशील कुमार निवासी कचौरा थाना सिकंदराराऊ, हाथरस
मुकेश कुमार पुत्र मोहर सिंह प्रेमी निवासी न्यू कॉलोनी दमदपुरा थाना सिकंदराराऊ हाथरस
मंजू देवी पत्नी किशन कुमार यादव निवासी कचौरा थाना सिकंदराराऊ, हाथरस



जनपद अनुसार मौतें इस प्रकार हैं-
हाथरस- 19,बदायूं- 6,ललितपुर- 1,कासगंज-10,अलीगढ़- 17,शाहजहांपुर- 5,आगरा- 18,फिरोजाबाद- 1,गौतमबुद्ध नगर- 1,एटा- 10
मथुरा- 11,औरेया-2,बुलंदशहर-5,पीलीभीत- 2,संभल- 2,लखीमपुर-1,उन्नाव-1,गाजियाबाद-1,ग्वालियर-1,मुरैना- 1,पलवल-1,फरीदाबाद-1, डींग-1।

घटना के संबंध में पीएमओ ने 2 लाख और यूपी सरकार ने 2 लाख रुपए देने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए न्यायमूर्ति बृजेश कुमार  श्रीवास्तव  की अध्यक्षता में सेवानिवृत आईएएस हेमनत राव और सेवानिवृत आईपीएस भवेश कुमार सिंह सदस्यों की समिति गठित की गई है। थाना सिकंदराराऊ में हादसे वाली तारीख 2 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता की धारा105, 110, 126 (2), 223, 238 में मुकदमा पंजीकृत किया गया। विवेचना प्रारंभ करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जोन स्तर पर एसओजी का गठन किया गया है।

गिरफ्तार लोगों ने बताया ऐसे हुआ हादसा
आयोजन समिति के सदस्य  हैं और सेवादार के रूप में कार्य करते हैं। आयोजक व पकड़े लोगों द्वारा सत्संग कमेटी में भीड़ व चंदा इकट्ठा कर सहयोग देते हैं। कार्यक्रम आयोजन के लिए विभिन्न प्रकार की वर्दी  दी गयी। बाबा के अनुयायियों में मान्यता है कि बाबा के चरण रज  से बहुत सारे संकट दूर हो जाते हैं। बाबा की चरण रज लेने के लिए भीड़ गाड़ी के पास आई, तो सेवादारों ने उन्हें रोका और काफिला निकल जाने के बाद भीड़ को अनियंत्रित छोड़ दिया। जिससे महिलाएं और बच्चे एक-दूसरे पर गिरने लगे। यह देखकर सभी  वहां से जल्दी निकल लिए। विवेचना में आया कि यह लोग पुलिस-प्रशासन को आयोजन की फोटो, वीडियो बनाने से रोकते थे और उनके साथ अभद्रता करते थे। मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी पर 1 लाख का इनाम घोषित किया गया है।
प्रदेशभर में चलेगा एक पेड़ मां के नाम अभियान : सीएम योगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पांच कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर पौधरोपण किया। इस अवसर पर प्रदेश के वन मंत्री डा.अरूण कुमार सक्सेना भी उपस्थित रहे। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 20 जुलाई को पूरे प्रदेश में एक पेड़ मां के नाम अभियान चलाया जायेगा। इस दौरान प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों के यहां भी पौधे लगाये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी घरों में सहजन के पेड़ लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि हर कोई मां के नाम एक पेड़ जरूर लगाए। इस अभियान के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है। वन मंत्री डा.अरूण सक्सेना ने कहा कि 'एक पौधा मां के नाम' लगाने के लिए आम जनता से अपील करते हुए कहा कि पौधरोपण से पूर्व उनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कर लिया जाये। वृक्षारोपण जन अभियान को सफल बनाने के लिए पौधों को लगाने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा में टेक्नोलाजी का भी प्रयोग किया जाये। वन मंत्री ने कहा कि पौधरोपण के बाद उसे टीगार्ड लगाकर सुरक्षित किया जाए तथा स्कूल कालेजों व अन्य खाली जगहों पर पौधरोपण की तैयारी की जाये।
उपचुनाव की दस सीटों पर सपा की बैठक में कांग्रेस की दावेदारी पर होगा फैसला


लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव नई दिल्ली से लखनऊ पहुंचते ही उत्तर प्रदेश में दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी पर बैठक बुलायी। बैठक में उपचुनाव की दस सीटों पर कांग्रेस की दावेदारी वाली सीटों पर फैसला होगा।



विक्रमादित्य मार्ग पर समाजवादी पार्टी के मुख्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री व अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को उपचुनाव में सभी दस सीटों पर मंथन करेंगे। बैठक में उपचुनाव वाले जनपद के नेताओं को बुलाया गया है। प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस उपचुनाव में गठबंधन धर्म में कुछ सीटें पाना चाहती है। वहीं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि दस सीटों में एक या दो सीटें ही कांग्रेस लड़े तो बेहतर होगा। वैसे दस की दस सीटें समाजवादी पार्टी को ही लड़ना चाहिए। आखिरी फैसला पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को ही लेना है।
छात्रा और उसके भाई पर एसिड अटैक करने वाला युवक पुलिस मुठभेड़ में घायल, गिरफ्तार
लखनऊ । राजधानी के चौक इलाके में बुधवार सुबह एक छात्रा पर शोहदे ने एसिड फेंक दिया। उसको बचाने के फेर में उसका मौसेरा भाई भी चपेट में आ गया। दोनों झुलस गए। दोनों को ट्रामा में भर्ती कराया गया है। वहीं, बुधवार की देर रात एसिड अटैक करने वाला युवक पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गया। उसके पैर में गोली लगी है। वारदात लखनऊ के गुलालाघाट में हुई। आरोपी का असली नाम अभिषेक वर्मा है। वह लखीमपुर का रहने वाला है।

व्यापार मंडल के एक पदाधिकारी की 22 वर्षीय बेटी बुधवार सुबह आठ बजे लोहिया पार्क के पास मौसेरे भाई के साथ खड़ी थी। इसी बीच शोहदा उसके पास पहुंचा और कुछ बातचीत की और वहां से चला गया। इसके बाद अचानक वापस लौटकर उस पर एसिड फेंक दिया। जैसे ही एसिड फेंका उसका भाई आगे आ गया जिससे उस पर भी एसिड पड़ गया। पुलिस ने जब घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की तो पता चता कि हमलावर शोहदा काली टीशर्ट पहने हुए था।


डीसीपी पश्चिम दुर्गेश कुमार ने बताया कि दोनों काफी दहशत में हैं। इलाज जारी है। स्थिति सामान्य होने पर उनसे बातचीत कर जानकारी ली जाएगी। दूसरी तरफ सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस  ने तफ्तीश शुरू की। जिसके आधार पर हमलावार शोहदे की लोकेशन मिली है और देर रात मुठभेड़ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। 

छात्रा के पिता के मुताबिक बेटी ने घटना के बाद बताया कि चार पांच दिन से उसके पास अंजान नंबर से कॉल आ रही थी। परेशान होकर उसने उस नंबर को ब्लॉक कर दिया था। तब वह व्हाट्सएप पर काॅल करने लगा। उस पर भी उसने ब्लॉक कर दिया। इसके बाद सिरफिरा शोहदा दूसरे नंबर से व्हाट्सएप कॉल व मैसेज करने लगा। जब कोई जवाब नहीं दिया तब उसने देर रात धमकी भरा मैसेज भेजा। इसके चंद घंटे बाद ही उसने घटना को अंजाम दिया। इससे साफ है कि शोहदे ने एसिड अटैक की साजिश पहले से ही रची थी।

उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक ने नासरीगंज, सासाराम, बिहार   लखनऊ में अपने नए बैंकिंग आउटलेट के साथ उपस्थिति का विस्तार किया

लखनऊ । सासाराम, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड ने आज बिहार राज्य में अपने नए बैंकिंग आउटलेट के उद्घाटन की घोषणा की। इस लॉन्च के साथ, बैंक बिहार में 223 बैंकिंग आउटलेट और देश भर में 909 बैंकिंग आउटलेट तक पहुंच गया है। नासरीगंज, सासाराम में ग्राहक बैंक के उत्पादों और सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे, जिनमें बचत खाते, चालू खाते, सावधि जमा और आवर्ती जमा के साथ-साथ आवास ऋण, व्यवसाय ऋण, संपत्ति के विरुद्ध ऋण, क्रेडिट, बीमा जैसे विभिन्न ऋण उत्पाद शामिल हैं। , और निवेश उत्पाद। अपने बैंकिंग आउटलेट बुनियादी ढांचे, डिजिटल बैंकिंग क्षमताओं और एटीएम नेटवर्क के साथ, बैंक का लक्ष्य एकीकृत ग्राहक सेवा प्रदान करना है।


उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड के एमडी और सीईओ गोविंद सिंह ने बिहार के प्रति बैंक की प्रतिबद्धता व्यक्त की. उन्होंने कहा, "नासरीगंज, सासाराम में हमारा नया बैंकिंग आउटलेट स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने और क्षेत्र में वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के लिए हमारे समर्पण को मजबूत करता है। सासाराम, जो अपने ऐतिहासिक महत्व और कृषि क्षमता के लिए जाना जाता है, आर्थिक विकास के लिए अद्वितीय अवसर प्रस्तुत करता है। आवश्यक पहुंच प्रदान करके जेएलजी मॉडल के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं और माइक्रो-बैंकिंग ऋणों के माध्यम से, हमारा उद्देश्य वंचित समुदायों की आर्थिक लचीलापन को रेखांकित करना और बिहार की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में योगदान करना है।

यह बैंकिंग आउटलेट उन वंचित या कम आय वाले व्यक्तियों या समूहों को व्यवसाय विकास सेवाओं के लिए माइक्रो-बैंकिंग ऋण प्रदान करेगा जिनकी वित्तीय सेवाओं तक सीमित पहुंच है। समूह ऋण के जेएलजी मॉडल में एक सहकर्मी-गारंटी ऋण मॉडल शामिल है, जो व्यक्तियों को व्यक्तिगत आधार पर संपार्श्विक या सुरक्षा प्रदान किए बिना ऋण लेने में सक्षम बनाता है, जबकि समूह के भीतर आपसी सहयोग के माध्यम से ऋण अनुशासन को बढ़ावा देता है और उनके ऋणों का त्वरित पुनर्भुगतान करता है।

ग्राहक बैंकिंग आउटलेट, माइक्रो एटीएम (बैंकिंग समय के दौरान), इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और कॉल सेंटर जैसे विभिन्न चैनलों के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच सकते हैं। इसके अतिरिक्त, बैंक ग्राहकों को टैबलेट-आधारित एप्लिकेशन-असिस्टेड मॉडल, डिजी आॅन-बोर्डिंग के माध्यम से बैंकिंग आउटलेट पर जाए बिना बैंक खाता खोलने की सुविधा प्रदान करता है।
हाथरस घटना की न्यायिक जांच होगी : योगी
लखनऊ/ हाथरस। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हाथरस में हुई भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच कराई जाएगी। हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। उन्होंने बुधवार को यहां पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि इस घटना में 121 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। इसमें उप्र के साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश के भी लोग थे। उप्र में हाथरस, बदायूं, कासगंज, अलीगढ़, एटा, हमीरपुर, आगरा, शाहजहांपुर, गौतमबुद्धनगर और लखीमपुर खीरी समेत 16 जिलों के श्रद्धालुओं की मौत हुई है। मृतकों में छह अन्य राज्यों के थे।

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि हाथरस, एटा, अलीगढ़ और आगरा में घायलों का इलाज चल रहा है। घायलों से मैंने बातचीत भी की। वे सभी कहते हैं कि हादसा कार्यक्रम के उपरांत हुआ है। इस कार्यक्रम में जो सज्जन कथा कहने आए थे, वह जाने लगे तो उन्हें छूने के लिए महिलाओं का हुजूम उनकी ओर बढ़ा। उसी में कुछ लोग गिर गए। उनके ऊपर लोग चढ़ते गए। फिर दुर्भाग्यपूर्ण घटना हो गयी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले तो आयोजकों ने प्रशासन को परिसर के अंदर जाने नहीं दिया। दुर्घटना के बाद पुलिस घायलों को इलाज के लिए ले जाने लगी तो सभी सेवादार भाग गए। प्रथम दृष्टया राहत एवं बचाव कार्य और फिर आयोजकों के बयान दर्ज करने, उनसे पूछ ताछ करने और कार्रवाई करने का कार्य किया जाएगा। इसे केवल हादसा कह कर टाला नहीं जा सकता। उसकी भी जांच होगी कि हादसा कैसे हुआ। हादसा नहीं तो क्या साजिश है। साजिश है तो दोषियों को ढूढ़ निकाला जाएगा। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ताकि ऐसी घटना फिर कभी दोहराई न जा सके।

सीएम योगी ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच हाई कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी से कराई जाएगी। एडीजी आगरा जोन के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम पहले से जांच कर रही है। सरकार के तीन मंत्री हाथरस में कैम्प कर रहे हैं।

विपक्ष के लोगों द्वारा सरकार पर उठाए गए सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोगों की ऐसी प्रकृति होती है। ऐसी घटना पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सबको पता है कि आयोजकों के साथ किसके संबंध हैं।

उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस हादसे में मौत का जिम्मेदार सरकार को बताया था। एक अन्य सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है कि इतना बड़ा धार्मिक आयोजन नहीं होता है। इससे भी बड़े कार्यक्रम होते रहे हैं। सेवादारों को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि कोई दुखद घटना न हो। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि घटना के बाद लोग मरते रहे और सेवादार भाग गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों की इस घटना में जान गयी है, उनके बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा राज्य सरकार उठाएगी। उनकी व्यवस्था कराएगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे हाथरस, भगदड़ की घटना में घायल हुए लोगाें से की मुलाकात
लखनऊ । यूपी के हाथरस में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां फुलराई गांव में साकार हरि बाबा का सत्संग चल रहा था।। सत्संग समाप्त होने के बाद यहां से जैसे भी भीड़ निकलना शुरू हुई तो भगदड़ मच गई। कार्यक्रम में शामिल होने आए 124 लोगों की इस हादसे में मौत हो गई। हाथरस के सिकंदराराऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना स्थल पर पहुंचे हैं। वहां से अलीगढ़ आकर सीएम अफसरों के साथ बैठक करेंगे। फिर पुलिस लाइन में प्रेस कांफ्रेंस करेंगे।   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के सरकारी अस्पताल में भगदड़ की घटना में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।

यह सरकार की लापरवाही है: अखिलेश यादव

हाथरस हादसे पर समाजवादी पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने कहा, 'यह बहुत दर्दनाक है। जिन परिवारों के सदस्यों की जान गई है उन्हें दुख सहने की शक्ति मिले। जो हादसा हुआ है यह सरकार की लापरवाही है। ऐसा नहीं है कि सरकार को इस कार्यक्रम की जानकारी न हो। जब कभी भी इस प्रकार के कार्यक्रम होते हैं तो बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं। इस लापरवाही से जो जानें गईं है उसकी ज़िम्मेदार सरकार है। कोई अगर अस्पताल पहुंच भी गया तो उन्हें पर्याप्त इलाज नहीं मिल पाया। ना ऑक्सीजन, ना दवाई, ना इलाज मिल पाया। इसकी ज़िम्मेदार भाजपा है जो बड़े-बड़े दावे करती है कि हम विश्वगुरु बन गए हैं। क्या अर्थव्यवस्था का मतलब यह है कि किसी आपातकाल स्थिति में आप लोगों का इलाज न कर पाएं?'

हाथरस भगदड़ घटना के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें हाथरस भगदड़ घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति नियुक्त करने का निर्देश देने की मांग की गई है। इसमें सार्वजनिक समारोहों में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए दिशानिर्देश और सुरक्षा उपाय सुझाने और तैयार करने के लिए समिति को निर्देश देने की मांग की गई है। एक वकील द्वारा दायर याचिका में उत्तर प्रदेश राज्य को हाथरस भगदड़ की घटना में शीर्ष अदालत के समक्ष एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने और उनके लापरवाह आचरण के लिए व्यक्तियों, अधिकारियों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
नियम के विरुद्ध तीन सवारी करना पड़ा महंगा, बस से टक्कर में मौत
लखनऊ। लखनऊ के हुसैनगंज क्षेत्र में नियम के विरुद्ध एक स्कूटी पर तीन सवारी करना महंगा पड़ा। बीती रात देवरिया डिपो की बस से स्कूटी टकराने के बाद बहाब नामक व्यक्ति की मौत हो गयी। वहीं स्कूटी पर सवार रहे मोहित धानुक और लकी कुमार बुरी तरह से जख्मी हो गये।

हुसैनगंज थाना के निरीक्षक राजकुमार गुप्ता ने बताया कि मृतक की पहचान बहाब निवासी घसियारी मंडी कैसरबाग के रुप में हुई है। उसके परिजन के आने के बाद शव का पंचनामा भर आगे की कार्रवाई के लिए भेजा गया है। वहीं छितवापुर निवासी दोनों घायलों मोहित और लकी को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां दोनों का उपचार चल रहा है।

उन्होंने बताया कि घटना के बाद बस चालक जितेन्द्र को हिरासत में ले लिया गया। स्कूटी चालक के मौत के आरोप में उसके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार घटना के वक्त स्कूटी चालक बहाब भी खराब तरीके से वाहन चला रहा था और बस से टकरा कर गिर पड़ा। स्कूटी को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।
हाथरस हादसा : भोले बाबा जेल से छूट कर बन गया कथावाचक


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नब्बे के दशक में यूपी पुलिस का कांस्टेबल सूरल पाल उर्फ भोले बाबा को यौन शोषण के आरोप में मुकदमा लिखकर जेल भेज दिया गया। जेल से छूटने के बाद सूरज पाल अपने दोस्तों की मदद से कथावाचक बन गया। हाथरस में सूरज पाल ही कथा कह रहा था।

आयोजकों और कथा करने वाले संत की जुटाई जा रही जानकारी

हाथरस में कथा सत्संग के दौरान भगदड़ हुई और एक सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी। प्रदेश में बड़े हादसे की सूचना के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव मौके पर पहुंचें तो कथा के आयोजकों और कथा करने वाले संत की जानकारी जुटायी जाने लगी। इस दौरान कथावाचक सूरज पाल उर्फ बाबा भोले उर्फ बाबा साकार हरी का पुराना इतिहास निकल कर सामने आ गया।

सूरज बतौर कांस्टेबल अपनी ड्यूटी करता था

सूरज पाल जो अट्ठाईस वर्ष पूर्व में यूपी पुलिस में नौकरी करता था। सूरज बतौर कांस्टेबल अपनी ड्यूटी करता था। उसी वक्त उसके ऊपर यौन शोषण के आरोप लगे और वह जेल चला गया। कुछ समय बीतने के बाद वह जेल से छूटा और फिर छोटे मोटे काम करने लगा। जीवन चलाने के लिए उसके दोस्तों ने उसे कथा कहने की सलाह दे डाली।

कुम्भ के बाद सूरज पाल कथावाचक बनकर उभरा

वर्ष दो हजार बारह में हुए कुम्भ के बाद सूरज पाल कथावाचक बनकर उभरा और हाथरस, आगरा, इटावा, मैनपुरी जैसे क्षेत्रों में कथा करने लगा। हाथरस में हुए हादसे से पहले सूरज पाल की कथा चल रही थी। घटना के दिन कथावाचक सूरज का आगमन हुआ तो वहां लोगों को रोका गया। जब भीड़ को छोड़ा गया तो आगे बढ़कर पंडाल में पहुंचने की होड़ थी, जो हादसे में बदल गयी।

सूरज पाल की कथा सुनने पहुंचे थे अखिलेश यादव

सूरज पाल को जानने वाले बताते हैं कि सूरज पाल की कथा सुनने के लिए अखिलेश यादव पहुंचे थे। अखिलेश ने कथा की फोटो को सोशल मीडिया पर भी भेजा था। जिसे हजारों लोगों ने लाइक भी किया था।