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कम नहीं हो रही केजरीवाल की मुश्किलें, न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक बढ़ी

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दिल्ली शराब नीति से जुड़े सीबीआई के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत अर्ज़ी पर हाई कोर्ट 5 जुलाई को सुनवाई करेगा। वहीं, राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक बढ़ा दी है। केजरीवाल को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राउज़ एवन्यू कोर्ट में पेश किया गया था।

इससे पहले बीती 29 जून को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई ने पेश किया गया था। दिल्ली शराब नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 26 जून को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था। केजरीवाल की सीबीआई रिमांड खत्म होने के बाद 29 को फिर पेश किया गया। 

दूसरी ओर, आबकारी मामले में कथित घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में अरविंद केजरीवाल ने जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आबकारी मामले में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के सीबीआई मामले में जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि वह सीबीआई द्वारा जांच किए जा रहे दिल्ली आबकारी नीति मामले में जमानत की मांग करने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा।

बदहाल हैं देश के 80 फीसदी सरकारी अस्पताल, सरकार ने खुद माना, क्या होगा सुधार?

#80ofthegovernmenthospitalsareinpoorcondition 

स्वस्थ समुदाय किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है। यह एक सुविचारित संबंध है कि जैसे-जैसे किसी देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होता है, वैसे-वैसे उसके नागरिकों का स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। जो बात शायद कम स्पष्ट हो, वह यह है कि इसका विपरीत भी सच है - किसी देश के नागरिकों के स्वास्थ्य में सुधार का सीधा परिणाम आर्थिक विकास हो सकता है, क्योंकि कार्यबल में प्रभावी गतिविधियों का संचालन करने में सक्षम अधिक लोग होंगे। आज हमारा देश विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है। वाबजूद ये कहना कि यहां 80 फीसदी सरकारी अस्पताल में ना तो नर्सें उपलब्ध हैं ना डॉक्टर कैसा लगेगा? शादय ये सुनने में अजीब लगे लेकिन ये सच है कि देश के देश के 80 फीसदी सरकारी अस्पतालों की हालत बहुत खराब है।

हाल के सालों में सरकार ने देश की ग्रामीण आबादी के लिये स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच में सुधार के लिये कई पहलों की शुरुआत की है, जैसे “आयुष्मान भारत योजना” जिसका उद्देश्य 500 मिलियन से अधिक लोगों को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करना है। हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली अभी भी कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें अपर्याप्त वित्तपोषण, स्वास्थ्य कर्मियों की कमी और अपर्याप्त आधारभूत संरचना शामिल हैं। देश में लगभग 80 प्रतिशत सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं सरकार द्वारा निर्धारित बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य कर्मी, उपकरण और अन्य मानकों के लिए न्यूनतम आवश्यक मानकों पर खरा नहीं उतरती हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा खुद सरकार द्वारा किए गए एक मूल्यांकन अभियान के जरिए हुआ है। 

इस अभियान के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत आने वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों से उनके पास मौजूद डॉक्टरों, नर्सों या बुनियादी चिकित्सा उपकरणों और अन्य सुविधाओं की संख्या जैसे विवरण ओपन डाटा किट के जरिए ‘इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड’ के पोर्टल पर भरने के लिए कहा गया था। पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, एनएचएम के 200988 स्वास्थ्य केंद्रों में से 43,140 केंद्रों ने ही जानकारी उपलब्ध करवाई है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, जिला अस्पताल से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्रों में 80 फीसदी स्वास्थ्य केंद्रों (35051) के पास इतनी भी सुविधाएं नहीं हैं कि वे ‘इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड’ (आइपीएचएस) पर खरें उतरें।

जानकारी देने वाले 40,451 अस्पतालों में से केवल 8,089 अस्पताल ही आइपीएचएस के मानकों पर खरे उतरे।आसान भाषा में कहें तो पूरे देश में मात्र 8089 केंद्रों के अस्पतालों में जरूरी मात्रा में बेड, दवाएं, जांच सुविधाएं, वांछित कर्मी, पंखे, शौचालय, पीने का पानी, एसी आदि सुविधाएं थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, 42% अस्पतालों ने आइपीएचएस के मानकों पर 50% से भी कम अंक हासिल किए। बाकी के 15,172 अस्पतालों को 50 से 80% के बीच अंक मिले। सरकार ने यह सारी जानकारी आइपीएचएस के डैशबोर्ड पर सार्वजनिक कर दी है।

100 दिन में 70,000 अस्पतालों बनेंगे बेहतर?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह रिपोर्ट इसलिए तैयार की गई है ताकि यह पता चल सके कि अस्पतालों में क्या कमियां हैं। उन्होंने बताया, 'हमारा मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं, उपकरण और डॉक्टर मौजूद हों ताकि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके।' केंद्र का लक्ष्य है कि नई सरकार बनने के 100 दिनों के भीतर 70,000 सरकारी अस्पतालों को आइपीएचएस के मानकों के अनुसार बनाया जाए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'हम राज्यों को अस्पतालों में सुधार के लिए पूरी मदद दे रहे हैं। हमारा मकसद सरकारी अस्पतालों में इलाज की गुणवत्ता में सुधार लाना है।

इस तरह के हैं सुविधा मानक

जरूरी सुविधाएं

• प्रति 1000 की आबादी पर अस्पताल में एक बेड अनिवार्य, 2 बेड वांछित

• रोगी के प्रतीक्षा वाले क्षेत्र में अनिवार्य सुविधाएं जैसे पंखा, स्वच्छ पेयजल, महिला और पुरुषों के लिए अलग स्वच्छ शौचालय

वांछनीय सुविधाएं– एयर-कंडीशनर, प्रतीक्षा क्षेत्र में टेलीविजन/एलसीडी जिसमें सुविधा-संबंधी जानकारी, स्वास्थ्य-संबंधी जानकारी प्रदर्शित हो।

फंड की कमी या लापरवाही?

6 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में आश्वासन दिया गया था कि देश की जीडीपी की 2.5 प्रतिशत रकम स्वास्थ्य पर खर्च की जाएगी। उसका क्या हुआ? स्वास्थ्य के लिए सरकारी फंड कम है या जानबूझकर उदासीनता या लापरवाही बरती जा रही है? नियमानुसार सरकारी अस्पतालों का 60 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार उठाती है व शेष 40 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार को उठाना पड़ता है।

जेल में बंद अमृतपाल सिंह लेगा सांसद पद की शपथ, मिली चार दिनों की पेरोल

#amritsar_khadoor_sahib_mp_amritpal_singh_will_take_oath_on_july_5

असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक और खडूर साहिब से लोकसभा के लिए निर्वाचित अमृतपाल सिंह लोकसभा सांसद की सदस्यता लेगा। अमृतपाल सिंह पांच जुलाई को पद की शपथ लेगा। अमृतपाल सिंह को कुछ शर्तों के साथ 5 जुलाई से 4 दिन के लिए पैरोल दी गई है।

डिब्रूगढ जेल में बंद अमृतपाल सिंह को अमृतसर पुलिस 5 जुलाई को दिल्ली लेकर जाएगी, जहां वह सांसद की शपथ लेंगे। वह डिब्रूगढ़ जेल से ही सीधे संसद में जाएगा और वहीं लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के कमरे में वह शपथ लेगा। लोकसभा में सांसद की शपथ लेने के बाद अमृतपाल सिंह को फिर से वापस डिब्रूगढ जेल ले जाया जाएगा। इस दौरान अमृतपाल सिंह को किसी से भी मिलने की इजाजत नहीं होगी।

इससे पहले पंजाब सरकार ने असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह का लिखित अनुरोध लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजा था, जिसमें अमृतपाल ने अस्थाई रिहाई या पैरोल की मांग की थी।

बता दें कि जेल में बंद रहने के दौरान ही उन्होंने खडूर साहिब की सीट से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1.97 लाख वोटो से हराया था। सांसद बनने के बाद उनके अमृतपाल सिंह के प्रवक्ता राजदेव सिंह खालसा और उनके वकील ईमान सिंह खारा उसे शपथ दिलाने के लिए मांग कर रहे थे। इस संबंधी अमृतपाल सिंह की तरफ से जेल सुपिरटेंडेंट को भी शपथ दिलाने के लिए पत्र लिखा गया था।

यह पत्र जेल सुपरिटेंडेंट की तरफ से अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर को भेजा गया। यहां से पंजाब सरकार और उसके पश्चात पंजाब सरकार ने लोकसभा स्पीकर को यह पत्र भेजा था। डिप्टी कमिश्नर की तरफ से ही सारी जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसकी सिफारिश की गई थी। जिसके बाद लोकसभा स्पीकर की तरफ से इसकी मंजूरी दी गई है।

भारतीय टीम बारबाडोस से भारत के लिए रवाना, कल दिल्ली में वर्ल्ड चैंपियन्स से पीएम मोदी करेंगे मुलाकात

#team_india_will_return_on_4th_after_winning_t20_world_cup

टी20 विश्व कप जीतने के बाद टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी अभी तक बारबाडोस के तूफान में फंसे थे, इसलिए अभी तक वापसी नहीं हो पा रही थी। इस बीच खबर आ रही है कि एयर इंडिया की स्पेशल फ्लाइट से भारतीय खिलाड़ी अपने देश के लिए रवाना हो चुके हैं और जल्द ही घर आ जाएंगे। बता दें कि रोहित शर्मा की टीम ने शनिवार को फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर टी20 विश्व कप 2024 का खिताब हासिल किया है।

भारतीय टीम को लेने एयर इंडिया की एक विशेष चार्टर फ्लाइट जिसका नाम AIC24WC (एयर इंडिया चैंपियंस 24 विश्व कप) गई है। यह फ्लाइट भारतीय टीम, उसके सहयोगी स्टाफ, खिलाड़ियों के परिवारों, कुछ बोर्ड अधिकारियों और मीडियाकर्मियों को वापस लाएगी। कल सुबह तक पूरी टीम भारत पहुंच जाएगी। 

खिलाड़ियों के गुरुवार सुबह छह बजे दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद गुरुवार सुबह 11 बजे भारतीय खिलाड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी उन्हें सम्मानित करेंगे। इससे पहले भारतीय खिलाड़ी दिल्ली में रोड शो कर सकते हैं।

टीम इंडिया को रविवार को भारत के लिए रवाना होना था, लेकिन तूफान बेरिल की वजह से उन्हें वहीं रुकना पड़ा। बारबाडोस में तूफान के खतरे ने सरकार को हवाई अड्डे को बंद करने के लिए मजबूर किया और सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं। पहले यह बात सामने आई थी कि बुधवार को टीम इंडिया घर लौट आएगी। हालांकि, अब अंतत: भारतीय खिलाड़ी फ्लाइट में चढ़ चुके हैं और उनकी वतन वापसी का सफर शुरू हो चुका है।

बता दें कि भारतीय टीम ने करीब 11 साल बाद किसी आईसीसी खिताब को जीता है, वहीं 17 साल के बाद टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीतने में कामयाबी हासिल की है। भारतीय टीम ने पहली बार ऐसा किया है, जब पूरे टूर्नामेंट के दौरान एक भी मैच नहीं हारा है। फाइनल में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को एक कड़ाकेदार मुकाबले में 7 रन से हराने में सफलता हासिल की थी।

राज्यसभा में पीएम मोदी ने मुलायम सिंह यादव को किया याद, अखिलेश-रामगोपाल पर यूं कसा तंज

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प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। 1 घंटा 50 मिनट की स्पीच में प्रधानमंत्री ने नीट पेपर लीक, मणिपुर संविधान, कांग्रेस, पश्चिम बंगाल, रोजगार, भ्रष्टाचार, सीबीआई-ईडी, इमरजेंसी, जम्मू-कश्मीर, इंदिरा, राहुल, दलितों पर बोले। प्रधानमंत्री जब 32 मिनट बोल चुके थे, तब विपक्ष के नेताओं ने सदन से वॉकआउट किया।

अपने संबोधन में मोदी ने विपक्षी दलों पर जमकर प्रहार किया। मोदी ने इस दौरान सपा के दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव का भी जिक्र किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने रामगोपाल यादव से सवाल किया कि क्या नेताजी कभी झूठ बोलते थे? नेताजी हमेशा सच बोलते थे। रामगोपाल जी से कहना चाहूंगा कि जरा वे भतीजे को भी बताएं। उनको भी याद दिलाएं कि राजनीति में कदम रखते ही भतीजे के पीछे सीबीआई का फंदा लगाने वाले कौन थे? उन्हें जरा याद दिला देंगे तो पता चलेगा। 

दरअसल, पीएम मोदी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोपों पर जवाब दे रहे थे। मोदी ने कहा, केंद्र की जांच एजेंसियों पर आरोप लगाए गए हैं। जांच एजेंसियों का सरकार दुरुपयोग कर रही है, ऐसा कहा जा रहा है। पीएम मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि शराब घोटाला करे आप, भ्रष्टाचार करे आप, बच्चों के क्लासरूम बनाने में घोटाले करे आप, पानी में घोटाला करे आप... आप की शिकायत करे कांग्रेस और उसे कोर्ट तक घसीटे, लेकिन कार्रवाई हो तो गाली मोदी को दें।' 

पीएम मोदी ने कहा अब आप और कांग्रेस साथी बन गए हैं। हिम्मत है तो आप वाले कांग्रेस पार्टी से जवाब मांगें। कांग्रेस देश को बताए कि कांग्रेस ने प्रेस वार्ता करके आप के घोटालों के जो इतने सारे सबूत देश के सामने रखे थे, वो सच्चे थे या झूठे थे?'

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर अपने शासन के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के एक बयान का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा '2013 में एक बयान दिया गया था कि कांग्रेस से लड़ना आसान नहीं है, जेल में डाल देगी, सीबीआई पीछे लगा देगी। कांग्रेस, सीबीआई और आयकर विभाग का डर दिखाकर समर्थन लेती है। यह बयान स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव का है। मैं यहां सदन के सदस्य रामगोपाल यादव से पूछना चाहता हूं कि क्या मुलायम सिंह यादव कभी झूठ बोलते थे? 

प्रधानमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस ने राजनीतिक सौदेबाजी के लिए कई पार्टियों के खिलाफ सीबीआई का इस्तेमाल किया। ये उनके ही कामरेड प्रकाश करात ने कहा था। एक और महत्वपूर्ण बयान मैं पढ़ता हूं कि सीबीआई, पिंजरे में बंद तोता है, जो मालिक की आवाज पर बोलता है, ये किसी राजनीतिक व्यक्ति का बयान नहीं है, ये हमारे देश की सुप्रीम कोर्ट ने यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान कहा था।'

प्रधानमंत्री ने कहा 'मैं बिना लाग-लपेट के कह रहा हूं, हमने एजेंसियों को भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुली छूट दे रखी है। वो ईमानदारी से काम करे। कोई भी भ्रष्टाचारी बच नहीं पाएगा, ये मोदी की गारंटी है।

घोटाला करे AAP, शिकायत करे कांग्रेस और कार्रवाई हो तो मोदी दोषी', विपक्ष पर PM का हमला

 पीएम नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस को परजीवी बताते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी को निशाने पर रखा. प्रधानमंत्री की भाषण के चलते विपक्ष के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करते रहे थे. विपक्ष के हंगामे एवं नारेबाजी के बीच ही प्रधानमंत्री ने धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया था.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इमरजेंसी की बात पर बोलते हैं ये पुरानी बात हो गई. आपके पाप पुराने हो जाते हैं क्या. जयप्रकाश नारायण की तबीयत इतनी बिगड़ गई कि वह फिर उठ नहीं पाए. ये बहुत सी पार्टियां जो उनके साथ बैठी हैं, इनकी भी अपनी मजबूरियां होंगी. ये बहुत सी पार्टियां जो इनके साथ बैठी हैं, अल्पसंख्यक हितैषी होने का दावा करती हैं. इमरजेंसी के चलते तुर्कमान गेट और मुजफ्फरनगर में क्या हुआ था, बोलने की हिम्मत कर पाएंगी क्या. ये लोग कांग्रेस को क्लीन चिट दे रही हैं. कई पार्टियां जो इमरजेंसी के चलते आहिस्ता-आहिस्ता जमीन बनाई, वो आज कांग्रेस के साथ हैं. ये कांग्रेस परजीवी है. देश के लोगों ने आज भी इनको स्वीकार नहीं किया है. वे देश की जनता का विश्वास हासिल नहीं कर पाए, जोड़ तोड़ कर बचने का रास्ता खोज रहे हैं. फेक नैरेटिव, फेक वीडियो के जरिए देश को भ्रमित करने की इनकी आदत है. ये उच्च सदन है. यहां विकास के विजन पर चर्चा स्वाभाविक है. 

ये कांग्रेस वाले बेशर्मी के साथ भ्रष्टाचारी बचाओ आंदोलन चलाने लगे. पहले हमसे पूछ रहे थे कि कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हो. अब जेल जा रहे हैं तो साथ तस्वीरें दिखा रहे हैं. यहां जांच एजेंसियों पर सवाल उठाए गए हैं. घोटाला करे आप, आप की शिकायत करे कांग्रेस तथा कार्रवाई हो तो मोदी दोषी. अब ये लोग साथी बन गए हैं. कांग्रेस अब ये बताए कि जो प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सबूत बताए थे, क्या वे सबूत झूठे थे. ये ऐसे लोग हैं जिनका दोहरा रवैया है. देश को ये बार-बार याद दिलाना चाहता हूं कि कैसा दोगलापन चल रहा है. ये लोग दिल्ली में एक मंच पर बैठ करके भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए रैलियां करते हैं. इनके ही शहजादे केरल में अपने ही एक सहयोगी के सीएम को जेल भेजने की बात करते हैं. इसमें भी दोगलापन. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के सीएम के साथ शराब घोटाला जुड़ा, यही आप वाले ED से जेल भेजने की मांग करते थे. तब इनको ED बड़ी प्यारी लगती है.

रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी कर रही भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक, कभी-कभी देखने को मिलता है ये नजारा

 उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में मानसूनी बारिश जमकर बरस रही है. ऊंचाई वाले स्थानों में लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गये हैं. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है. अलकनंदा नदी फिलहाल 624 मीटर पर बह रही है और खतरे का निशान 626 मीटर है. नदी किनारे स्थित सभी घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं.

चमोली जिले के बदरीनाथ धाम सहित अन्य क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण अलकनंदा नदी उफान पर बह रही है. रुद्रप्रयाग शहर के बीच से बहने वाली अलकनंदा नदी ने विकराल रूप धारण कर दिया है. नदी के बढ़ते जल स्तर के बीच नदी किनारे के सभी घाट पूरी तरह से जलमग्न हो गई है. नदी अपने मूल बहाव क्षेत्र से लगभग 15 मीटर दूर तक बह रही है. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे नदी से लगभग 15 मीटर दूर भगवान शिव की 10 फीट से अधिक ऊंची मूर्ति है और नदी का पानी इस मूर्ति के गले तक पहुंच चुका है. नदी में पेड़-पौधों के साथ तमाम चीजें बहकर आ रही हैं.

रुद्रप्रयाग में पिछले तीन दिनों से सिर्फ बादल छाये हुए हैं. यदि यहां भी आफत की बारिश बरसती है तो दिक्कतें अधिक पैदा हो सकती हैं. प्रशासन ने भी नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट मोड़ पर रख दिया है. लोगों से कहा जा रहा है कि वह सतर्क रहे, ताकि नदी के जलस्तर में वृद्धि होने पर घरों को खाली किया जा सके. वहीं दूसरी ओर मंदाकिनी नदी भी उफान पर है. रुद्रप्रयाग में अलकनंदा व मंदाकिनी नदी का संगम होता है.

संगम स्थल पर बने स्नान घाट के साथ शव जलाने के स्थान भी पूरी तरह से मंदाकिनी नदी में डूब गए हैं. यहां पर होने वाली हर रोज सायं की आरती भी प्रभावित हो रही है. प्रशासन की ओर से लोगों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है. खासतौर पर नदी किनारे रहने वाले लोगों को सचेत रहने को कहा गया है. पुलिस की ओर से अनाउंस के जरिए लोगों को अलर्ट किया जा रहा है.

मणिपुर में हिंसा पर राज्यसभा में खुलकर बोले पीएम मोदी, पेपरलीक पर भी विपक्ष को घेरा

#pm_modi_in_rajya_sabha_first_time_on_manipur_violence 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने पिछले 10 साल के विकास कार्यों का जिक्र किया। साथ ही मणिपुर जम्मू कश्मीर की स्थिति से लेकर पेपरलीक के मुद्दे तक अपना पक्ष रखा और विपक्ष पर जमकर प्रहार किया।

पीएम मोदी ने राज्यसभा में धन्यवाद चर्चा का जवाब देते हुए मणिपुर मसले पर खुलकर अपनी बात रखी। संसद सत्र के दौरान राज्यसभा में बुधवार को पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर में हिंसा कम हो रही और शांति बहाल हो रही है। पीएम मोदी ने मणिपुर मसले पर कांग्रेस को राजनीति न करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि जो लोग मणिपुर की आग में घी डाल रहे हैं, उन्हें मणिपुर एक दिन नकार देगा। उन्होंने कांग्रेस का नाम लेते हुए मणिपुर में लगाए गए राष्ट्रपति शासन की भी याद दिलाई। 

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोग ये ना भूलें कि इन्हीं हालातों की वजह से इस छोटे से राज्य में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा है। ये हमारे कार्यकाल में नहीं हुआ है। कुछ तो वजह होगी, लेकिन फिर भी राजनीतिक फायदा उठाने के लिए वहां हरकतें हो रही हैं। हमें समझदारी के साथ स्थितियों को ठीक करने के लिए प्रयास करना है। जो भी इसमें सहयोग देना चाहें, हम सबका साथ लेने को तैयार हैं, लेकिन हम सामान्य स्थिति को बरकरार रखने और शांति लाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर में संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि 1993 में मणिपुर के हालात अधिक खराब थे। मणिपुर के लिए सरकार निरंतर कोशिश कर रही है।वहां जो घटनाएं घटीं, 11 हजार से ज्यादा FIR की गईं हैं, 500 से ज्यादा लोग अरेस्ट हुए हैं। इस बात को भी हमें स्वीकार करना होगा कि मणिपुर में लगातार हिंसा की घटनाएं कम होती जा रही हैं।

वहीं, पेपरलीक पर भी विपक्ष को राजनीति ना करने की नसीहत दी। पीएम मोदी ने कहा कि हम चाहते थे कि पेपर लीक जैसे संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति न हो, लेकिन विपक्ष को इसकी आदत है। मैं भारत के युवाओं को आश्वस्त करता हूं कि नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को सख्त सजा मिले, इसके लिए एक्शन लिए जा रहे हैं।

बेतुके, दिमाग खराब है...', PM मोदी के खिलाफ दिल्ली HC में आई ऐसी याचिका तो न्यायाधीश ने फटकार लगाते हुए दिए ये निर्देश

 पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ याचिका दायर करने वाले को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कड़ी फटकार लगाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किए जाने की मांग वाली याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को खारिज कर दिया है. उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाकर कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता को दिमागी स्वास्थ्य जांच की आवश्यकता है.

दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की बेंच ने कहा कि स्थानीय प्रशासन याचिकाकर्ता पर नजर रखे. दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज करते हुए कहा याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप बेतुके हैं तथा वह या तो मतिभ्रम या किसी अन्य मानसिक समस्या से पीड़ित हैं तथा उन्हें चिकित्सा सहायता की जरुरत है. स्थानीय प्रशासन से कोर्ट ने आगे कहा कि यदि आवश्यकता महसूस हो तो अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मेंटल हेल्थकेयर एक्ट के तहत उसका उपचार करवायें. फिर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.

कैप्टन दीपक कुमार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में यह याचिका दाखिल की थी. याचिकाकर्ता दीपक विमान में पायलट के तौर पर तैनात थे. दरअसल, याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गलत तरीके से शपथ ली है. इस कारण उन्हें अयोग्य घोषित किया जाए. मगर आज यानी बुधवार को उच्च न्यायालय की एक सदस्यीय बेंच ने यह याचिका खारिज कर दी. उन्होंने याचिका में प्रधानमंत्री मोदी पर राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्थिर करने के प्रयास का भी आरोप लगाया था.

बाबा जी भगवान हैं या इंसान यही देखने आए थे', बोले हाथरस हादसे में ज़िंदा बचे लोग

हाथरस की घटना के बाद कई प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी घटना के संबंध में बातें सामने आ रही हैं। यूपी के बहराइच से बस में सवार होकर कई लोग सत्संग में आए थे. सत्संग में भगदड़ की घटना के बाद कई लोग मौके पर उपस्थित हैं. इनका कहना है कि वे पहली बार आए हैं. उन्हें पता करना था कि बाबा इंसान हैं या भगवान. बस में एक मां और बेटी भी थीं, जो लापता हैं. ये इंतजार कर रहे हैं. कुछ लोग दुर्घटना के तुरंत पश्चात् बस से घर वापस लौट आए. एक शख्स ने कहा कि हमारे सामने दो व्यक्तियों की मौत हो गई, हम खुशकिस्मत हैं, जो बचकर आ गए. जिस हिसाब से भीड़ थी और कम पुलिसकर्मी तैनात थे.

एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि सत्संग समाप्त होने के बाद बाबा से मिलने के लिए महिलाएं उनकी गाड़ी के पीछे दौड़ीं, फिर भगदड़ मच गई. भीड़ बहुत अधिक थी, गर्मी काफी थी. लोग जल्दी बाहर निकलने के चक्कर में भागने लगे. वहां मिट्टी भी गीली थी, कीचड़ हो गया था. इससे कई लोग फिसल गए. यदि प्रशासन मुस्तैद होता तो दुर्घटना टल सकती थी. इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उनका कार्यक्रम कोई पहली बार नहीं हुआ है. कार्यक्रम पहले भी हुए हैं. अगर इतनी भीड़ आ रही थी तो सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सरकार की थी. लोगों को गाइड करने की जिम्मेदारी सरकार की थी. भीड़ इकट्ठा नहीं होने देने की जिम्मेदारी सरकार की थी.

सत्संग के आयोजक के तौर पर पंडाल के बाहर 78 लोगों के नाम और नंबर हैं. इनमें से एक चिकित्सक मुकेश कुमार से बात की. मुकेश का नाम नंबर 20 पर लिखा है. मुकेश कुमार ने बताया कि वो आयोजनकर्ता नहीं थे. 4 दिन पहले घर पर चंदा मांगने आए थे. उन्हें मना कर दिया था. मुझे नहीं पता, मेरा नाम क्यों लिखा. इस घटना में अब तक कुल 121 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है, वहीं कई लोग घायल हैं, जो चिकित्सालय में हैं. हाथरस चिकित्सालय में 32 डेड बॉडी आई हैं, 19 का आइडेंटिफिकेशन हो चुका है. पोस्टमार्टम के पश्चात् उन्हें परिजनों को सौंपा जा रहा है, उनके घर भिजवाया जा रहा है. 32 में से 11 का पोस्टमार्टम हो चुका है. एक महिला पुलिसकर्मी बेहोश हो गई थी, वह अब ठीक है, उसे घर भेज दिया गया है. 

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घटना बेहद दुखद एवं दिल दहला देने वाली है. स्थानीय आयोजकों ने 'भोले बाबा' का कार्यक्रम आयोजित किया था. कार्यक्रम के पश्चात जब सत्संग के प्रचारक नीचे आ रहे थे, अचानक भक्तों की भीड़ उन्हें छूने के लिए बढ़ने लगी और जब सेवादारों ने रोका तो वहां दुर्घटना हो गई. मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस मामले की तहकीकात के लिए हमने एडिशनल डीजी आगरा की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी है. उन्हें विस्तृत रिपोर्ट देनी है. घटना के मद्देनजर राज्य के मुख्य सचिव एवं DGP वहां कैंप कर रहे हैं. प्रदेश सरकार के तीन मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण, संदीप सिंह, असीम अरुण तीनों घटनास्थल पर हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ आज हाथरस पहुंचेंगे. वे यहां सत्संग में मची भगदड़ को लेकर अफसरों से जानकारी लेंगे.