विनोबा भावे ने जिले के विनोवापुरी में जगाई थी भूदान की अलख
दुर्गेश मिश्र ,रायबरेली। भूदान आन्दोलन की अलख जगाने वाले विनोवा भावे की यादें जिले से जुड़ी हुई हैं। वह इस जिले में अपने समर्थकों के साथ जहां रुके थे बाद में उस स्थान को विनोवापुरी के नाम से बसाया गया। यह विनोवापुरी जिले के डलमऊ ब्लाक के उबरनी ग्राम पंचायत का हिस्सा है। सन्त विनोबा भावे ने सन 1951 में यह भूदान आंदोलन शुरू किया था।यह स्वैच्छिक भूमि सुधार आन्दोलन था। विनोबा की कोशिश थी कि भूमि का पुनर्वितरण सिर्फ सरकारी कानूनों से नही बल्कि दान से भी हो इसी विचार से आचार्य विनोबा भावे का भूदान आंदोलन शुरू हुआ था। यह आंदोलन 13 सालों तक चलता रहा। इस दौरान विनोबा ने देश के कोने-कोने का भ्रमण किया इसी क्रम में वह रायबरेली के इस गांव में भी आते। उन्होंने करीब 58,741 किलोमीटर सफर तय किया।
इस आंदोलन की शुरूआत गांधीवादी विनोबा भावे ने 1951 में पोचमपल्ली गांव, पोचमपल्ली में की थी। जो अब तेलांगाना में है। वह इसी क्रम में रायबरेली भी आए और भूदान के लिए प्रेरित किया जिसमे जिले के लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया लोग बताते हैं की अभी भी जिले में सैकड़ों बीघे जमीन भूदान की ऐसे ही निर्प्रयोग पड़ी है बहुत पर लोगो ने कब्जा कर रखा है। विनोवापुरी गांव निवासी 70 वर्षीय शीतालदीन बताते हैं की भूदान के लिए विनोवा भावे यहां आते थे उसके बाद जिले के नेताओं मन्नु लाल द्विवेदी (तत्कालीन विधायक) सत्य शरण,संयोजक सिंह आदि ने उनके नाम पर यह विनोवापुरी बसाई थी। यहां आस पास करीब 500 बीघे जमीन भूदान में मिली थी। जो बंजर पड़ी हुई थी उसी के पास यह गांव बसाया गया था।
वह बताते हैं की वर्ष 1955 में 28 दलित परिवारों के साथ यह गांव विनोवापुरी बसाई गई थी। जिसमें पन्नालाल,रविशंकर, कल्लू,शीतलदीन,सत्ती,अयोध्या, विपाती,रामनाथ,मंगल,बोधन, भरोसे,बदलू,बिरजू, ननकऊ आदि के परिवार थे। इन सभी परिवारों को उनके सदस्यों के हिसाब से पांच से आठ बीघे जमीन भी दी गई थी। यह गांव 16 बीघे में बसा हुआ है अब इस भी इस गांव में पिछड़े और दलित ही रहते हैं। अब वर्तमान में इस गांव में करीब 150 घर बन गए हैं। इस गांव में दो पक्के भवन बनाए गए थे।जिसमे स्कूल चलता था। अब एक में हीरालाल का परिवार रहता है जबकि दूसरा जर्जर भवन खाली है उसका कोई प्रयोग नही है गांव वाले अपनी जरुरत के अनुसार उसका प्रयोग कर लेते हैं। इसी गांव में एक प्राथमिक स्कूल की स्थापना भी हुई थी जो अब भी चल रहा है जिसमे वर्तमान में 141 बच्चे अध्ययनरत हैं।
Jun 08 2024, 20:47