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स्मृति ईरानी, राजनाथ सिंह, राहुल गांधी, चिराग पासवान जैसे उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज

सात चरण के लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण के लिए मतदान सोमवार सुबह 7 बजे शुरू हुआ। आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 49 निर्वाचन क्षेत्रों (सामान्य-39; एसटी-03; एससी-07) में 695 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए आज मतदान हो रहे है। निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या के लिहाज से यह सबसे छोटा चरण है, जिसके लिए मतदान होगा। ओडिशा विधानसभा के 35 विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी सोमवार को एक साथ मतदान होगा।

वर्तमान में पांचवें चरण में जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव चल रहे हैं वे हैं झारखंड (3), ओडिशा (5), उत्तर प्रदेश (14), बिहार (5), महाराष्ट्र (13), पश्चिम बंगाल (7), लद्दाख (1) और, जम्मू और कश्मीर (1) जब सोमवार को 49 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान बंद हो जाएगा, तो 19 अप्रैल को शुरू होने वाले चुनावों में लोकसभा की 543 सीटों में से 428 सीटों पर मतदान हो चुका होगा।

पांचवें चरण में कई प्रमुख उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, जो उत्तर प्रदेश के अमेठी से दूसरे कार्यकाल की उम्मीद कर रही हैं, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह (लखनऊ) और पीयूष गोयल (मुंबई उत्तर), कांग्रेस नेता राहुल गांधी (राय) शामिल हैं। बरेली), एलजेपी (रामविलास) नेता चिराग पासवान (हाजीपुर), महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे (कल्याण), नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (बारामूला) और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य (सारण)।

लोकसभा चुनाव 2024: चरण 5 के बारे में मुख्य तथ्य

8.95 करोड़ से अधिक मतदाताओं में 4.69 करोड़ पुरुष, 4.26 करोड़ महिलाएं और 5,409 तीसरे लिंग के मतदाता शामिल हैं। लगभग 9.47 लाख मतदान अधिकारी 94,732 मतदान केंद्रों पर 8.95 करोड़ से अधिक मतदाताओं का स्वागत करेंगे। सभी की निगाहें उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों पर होंगी, जो कांग्रेस पार्टी के गांधी परिवार का पर्याय हैं। राहुल गांधी अपने पारिवारिक क्षेत्र रायबरेली से भाजपा के यूपी के बागवानी मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। गांधी 2019 में स्मृति ईरानी से अमेठी सीट हार गए थे लेकिन केरल की वायनाड सीट जीत गए।

लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए प्रचार शनिवार 18 मई को समाप्त हो गया। इस चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 3 मई थी।

चुनाव आयोग के मुताबिक, लोकसभा चुनाव 2024 में अब तक करीब 66.95 फीसदी मतदान हुआ है. चल रहे आम चुनावों के पहले चार चरणों के दौरान लगभग 451 मिलियन लोग पहले ही मतदान कर चुके हैं।

आम आदमी पार्टी को विदेशों से मिले करोड़ो के अवैध फंड, ईडी ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट

#ed_tells_home_ministry_aap_gets_foreign_funding

दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से चार्जशीट में आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाया गया है। ईडी की ओर से दावा किया गया है कि उनकी ओर से दाखिल की गई चार्जशीट 200 पेज की है। मामले में अब तक 8 चार्जशीट दायर की जा चुकी हैं। माना जा रहा है कि ईडी की चार्जशीट के बाद अरविंद केजरीवाल के अलावा पार्टी पदाधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस बीच ईडी ने गृह मंत्रालय को आम आदमी पार्टी की विदेशी फंडिंग से जुड़ी रिपोर्ट सौंपी है।

ईडी ने गृह मंत्रालय को बताया कि आम आदमी पार्टी को साल 2014 से 2022 के दौरान FCRA, RPA का उल्लंघन करते हुए विदेशों से फंडिंग मिली। आम आदमी पार्टी को कनाडा, यूएसए, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, सऊदी अरब, UAE, कुवैत, ओमान और कई दूसरे देशों से फंडिंग मिली है। ईडी ने गृह मंत्रालय को बताया कि सियासी दलों पर विदेशी चंदे पर लगे प्रतिबंधों से बचने के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने अकाउंट में पैसा देने वालों की पहचान को छुपाया। ये विदेशी फंडिंग सीधा आम आदमी पार्टी के IDBI बैंक में खुले अकाउंट में आया था। 

ईडी के मुताबिक आम आदमी पार्टी के नेताओं में शामिल विधायक दुर्गेश पाठक का भी नाम शामिल है, जिन्होंने इस विदेशी फंडिंग को अपने पर्सनल अकाउंट में ट्रांसफर किया। विदेशों से फंड भेजने वाले अलग-अलग लोगों ने एक ही पासपोर्ट नंबर, क्रेडिट कार्ड, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया था।

बता दें कि राजनीतिक दल विदेशी चंदा नहीं ले सकते हैं। फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) और रिप्रेसेंटशन ऑफ पीपल एक्ट (RPA) के तहत सियासी दलों के लिए विदेशी फंडिंग लेने पर प्रतिबंध है और ये एक अपराध का श्रेणी में आता है।

4 संदिग्ध आईएसआईएस आतंकवादियों को अहमदाबाद में किया गया गिरफ्तार

गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर चार संदिग्ध आईएसआईएस आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से सभी श्रीलंकाई नागरिक हैं। गुजरात एटीएस संदिग्धों को गहन पूछताछ के लिए एक अज्ञात स्थान पर ले गई है। अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उनकी उपस्थिति के पीछे का सटीक उद्देश्य स्पष्ट नहीं है।

कथित तौर पर आतंकवादी श्रीलंका से चेन्नई होते हुए अहमदाबाद पहुंचे। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, वे पाकिस्तानी हैंडलर्स के संपर्क में थे। पूरे हवाई अड्डे पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। क्वालीफायर और एलिमिनेटर खेलों के लिए अहमदाबाद हवाई अड्डे पर तीन आईपीएल टीमों के आगमन से पहले गिरफ्तारियां की गईं।

मार्च में, भारत में आईएसआईएस के दो शीर्ष नेताओं को बांग्लादेश से पार करने के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार आईएसआईएस कैडरों की पहचान उत्तराखंड के देहरादून निवासी हरीश अजमल फारूकी और हरियाणा के पानीपत निवासी अनुराग सिंह उर्फ रेहान के रूप में हुई। दोनों व्यक्तियों को भारत में आईएसआईएस के अत्यधिक प्रशिक्षित और प्रेरित नेताओं के रूप में वर्णित किया गया था, जो भर्ती, आतंकी फंडिंग और तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों (आईईडी) का उपयोग करके आतंकवादी कृत्यों की योजना बनाने सहित विभिन्न गतिविधियों में शामिल थे।

पुलिस अधिकारी ने कहा, "उन्होंने भारत भर में कई स्थानों पर आईईडी के माध्यम से भर्ती, आतंकी फंडिंग और आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की साजिशों के माध्यम से भारत में आईएसआईएस के उद्देश्य को आगे बढ़ाया था।"

एसटीएफ के मुताबिक, इन दोनों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), नई दिल्ली और एटीएस, लखनऊ द्वारा कई मामले दर्ज किए गए थे।

पिछले साल अक्टूबर में, संदिग्ध आईएसआईएस आतंकवादी शाहनवाज उर्फ शफी उज्जमा, जो एनआईए की मोस्ट वांटेड सूची में था, को दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद विरोधी एजेंसी की एक बड़ी कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया था। शाहनवाज पुणे आईएसआईएस मॉड्यूल मामले में वांछित था और एनआईए ने उसकी गिरफ्तारी के लिए विश्वसनीय जानकारी देने के लिए ₹3 लाख की इनाम राशि घोषित की थी।

जांच जारी है तबतक के लिए सुरक्षा बढ़ा गयी है , आज देश भर में पाचवे मतदान रहे हैं। झारखण्ड, महाराष्ट्र अन्य राज्यों 6 तक मतदान होंगे।

ईरानी राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर क्रैश पर कॉन्सपिरेसी थ्योरी, इजरायल-मोसाद पर उठ रही अंगुली

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ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई है।इज़राइल-हमास युद्ध के बीच की आकस्मिक मौत ने मोसाद को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इब्राहिम रईसी रविवार (19 मई) को विदेश मंत्री हुसैन अमीर अबुदल्लाहियन के साथ हेलीकॉप्टर में थे, जो दुर्गम घाटी में क्रैश हो गया। सोमवार (20 मई) को बचावकर्मियों को बड़ी मुश्किल से ड्रोन की मदद से हेलीकॉप्टर का मलबा मिला, जिसके कुछ देर बाद राष्ट्रपति रईसी और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि कर दी गई। हादसे के लिए कोहरे को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, लेकिन कई लोगों को लगता है कि यह हादसा कोई साजिश भी हो सकती है, जिसमें किसी देश का हाथ होने की शंका जता जा रही है।

अजरबैजान सीमा के पास हेलिकॉप्‍टर हादसे के लिए के पीछे इजरायली की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ है। यह आशंका ऐसे समय पर जताई जा रही है जब ईरान और इजरायल के बीच बेहद तनावपूर्ण हालात हैं। पिछले दिनों इजरायल और ईरान दोनों ने एक-दूसरे पर जोरदार मिसाइल हमला भी किया था।

बता दें कि यह हादसा अजरबैजान और ईरान की सीमा के पास हुआ। अजरबैजान ईरान का पड़ोसी देश जरूर है लेकिन उसका तेहरान के कट्टर दुश्‍मन इजरायल के साथ बहुत ही करीबी संबंध है। इजरायल ने अजरबैजान को किलर ड्रोन से लेकर बड़े पैमाने पर हथियार दिया है। इन हथियारों के बल पर अजरबैजान ने अपने दुश्‍मन आर्मेनिया को नागर्नो कराबाख में हरा दिया था। यही वजह है कि अजरबैजान आज भी इजरायल के करीबी संबंध रखता है। यही नहीं अजरबैजान ने गाजा युद्ध के दौरान भी इजरायल की मदद की है। इसको देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि कहीं इस हादसे के पीछे इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ तो नहीं है। 

हालांकि, ईरान ने दुर्घटना में किसी भी तरह की गड़बड़ी का संकेत नहीं दिया है। लेकिन इस कॉन्सपिरेसी थ्योरी को हवा इजराइली जासूसी एजेंसी मोसाद की ईरान के अंदर हमला करने की असाधारण क्षमता के कारण मिल रही है। वहीं मोसाद को ईरान के खिलाफ खुफिया कार्रवाई के लिए जाना जाता है। मोसाद के बारे में कहा जाता है कि वह ईरान में कई हमले करा चुकी है। हालांकि मोसाद ने अभी तक किसी भी ईरानी राष्‍ट्राध्‍यक्ष को कभी भी निशाना नहीं बनाया है।

लेखक और विद्वान अरश अज़ीज़ी ने अटलांटिक मंथली ब्लॉग में लिखा, "यह खबर इतनी अविश्वसनीय थी कि इसे जासूसी थ्रिलर श्रृंखला, तेहरान पर एक एपिसोड के रूप में अधिक अर्थ दिया जा सकता था।" "29 जून को, इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान के अंदर एक ऑपरेशन के विवरण का खुलासा किया। उसने दावा किया कि उसके एजेंटों ने हाल ही में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के एक ऑपरेटिव से पूछताछ की थी, जिसने साइप्रस में इजरायली नागरिकों को मारने की योजना बनाई थी। इजरायल ने दावा किया था इस पीएलए को विफल करने में मदद करने के लिए पहले ही साइप्रस को धन्यवाद दिया।

2022 में, मोसाद एजेंटों ने कथित तौर पर आईआरजीसी एजेंट मंसूर रसौली को ईरान में उनके घर पर हिरासत में लिया और पूछताछ की, जहां उन्होंने तुर्की में एक इजरायली राजनयिक, जर्मनी में तैनात एक अमेरिकी जनरल और फ्रांस में एक पत्रकार की हत्या की योजना की बात कबूल की थी। पिछले साल, मोसाद जासूस ने घोषणा की थी कि ईरानी क्षेत्र में एक विशेष अभियान में, उसने साइप्रस में इजरायली ठिकानों के खिलाफ एक योजनाबद्ध आतंकी हमले का नेतृत्व करने के लिए भेजे गए ईरानी आतंकवादी को पकड़ लिया था। मोसाद ने उस व्यक्ति का नाम यूसुफ शाहबाज़ी अब्बासल रखा था।

पीएम मोदी ने ओडिशा के पुरी में किया रोड शो, जय जगन्नाथ के साथ लगे मोदी-मोदी के नारे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 20 मई 2024 को ओडिशा के पुरी में रोड शो किया। रोड शो के दौरान पुरी से बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार संबित पात्रा भी प्रधानमंत्री मोदी के साथ मौजूद रहे। रोड शो की शुरुआत सुबह 8 बजे होने के बाद भी लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। रोड शो से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। मंदिर के सामने से निकले इस रोड शो में सड़क के दोनों तरफ खड़े लोग जय जगन्नाथ के साथ मोदी-मोदी के भी नारे लगा रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी भी अपने समर्थकों के हुजूम का हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे थे। लोग प्रधानमंत्री पर पुष्पवर्षा भी कर रहे थे।

मैंने मुसलमानों के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला', पीएम मोदी बोले- बस किसी को "खास नागरिक" स्वीकार नहीं कर सकता

डेस्क: देश के प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी फिलहाल लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटे हुए हैं। इस बीच समय निकालकर पीएम मोदी द्वारा अलग-अलग चैनलों को इंटरव्यू दिया जा रहा है। इस बीच पीटीआई से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ कभी एक शब्द भी नहीं बोला और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) केवल आज ही नहीं, बल्कि कभी भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं रही है। 

हालांकि इस दौरान पीएम मोदी ने इस बात को स्पष्ट कर दिया कि वो किसी को भी देश में खास नागरिक के तौर पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं। पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने संविधान के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने की अवहेलना की है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उनके भाषणों का उद्देश्य वोट बैंक की राजनीति के साथ-साथ अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण करने की विपक्षी दलों की कोशिशों का पर्दाफाश करना है।

"अल्पसंख्यकों के खिलाफ मैंने एक शब्द नहीं बोला"

 साक्षात्कार के दौरान मोदी से जब उनके बयानों के कारण अल्पसंख्यकों के बीच पैदा हुई आशंकाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला है। मैं केवल कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति के खिलाफ बोल रहा हूं। कांग्रेस संविधान के विरुद्ध काम कर रही है, यही बात मैं कहता रहा हूं।’’ मोदी ने कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर और जवाहरलाल नेहरू समेत भारतीय संविधान के निर्माताओं ने फैसला किया था कि धर्म के आधार पर कोई आरक्षण नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अब आप उससे पलट रहे हो। उनका खुलासा करना मेरी जिम्मेदारी है। उस समय संविधान सभा में मेरी पार्टी का कोई सदस्य नहीं था। यह देशभर के उत्कृष्ट लोगों की सभा थी।’’ 

प्रधानमंत्री से जब एक बार फिर पूछा गया कि क्या उनके चुनावी भाषणों में कभी अल्पसंख्यकों को निशाना नहीं बनाया गया तो उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा कभी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं रही। केवल आज ही नहीं, बल्कि कभी भी नहीं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस तुष्टीकरण के रास्ते पर चलती है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वे लोग तुष्टीकरण के रास्ते पर चलते हैं, मैं संतुष्टीकरण के रास्ते पर चलता हूं।’’

 उन्होंने कहा, ‘‘उनकी राजनीति तुष्टीकरण की है, मेरी राजनीति ‘सबका साथ सबका विकास’ की है। हम ‘सर्व धर्म समभाव’ में विश्वास रखते हैं। हम सभी को अपने साथ लेकर चलना चाहते हैं। हम किसी को खास नागरिक के तौर पर स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं, बल्कि सभी को समान समझते हैं।’’ 

पीएम बोले- बिना तर्क के प्रचार करना पाप है

प्रधानमंत्री से यह भी पूछा गया कि क्या उन्हें वाकई लगता है कि कांग्रेस सत्ता में आई तो हिंदुओं की संपत्ति को मुसलमानों को दे देगी या केवल यह प्रचार के लिए कही गई बात थी। इस पर मोदी ने कहा, ‘‘यह केवल मेरे इस तरह से सोचने का सवाल नहीं है। बिना किसी तर्क के प्रचार करना पाप है। मैंने कभी ऐसा पाप नहीं किया और ना ही करना चाहूंगा। 

उन्होंने (विपक्ष ने) ऐसे अतार्किक प्रचार अभियान चलाए हैं।’’ प्रधानमंत्री ने माना कि जिस दिन कांग्रेस का घोषणापत्र जारी किया गया था, उस दिन उन्होंने कहा था कि इस पर मुस्लिम लीग की छाप है। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी को उसी दिन मेरी बात का खंडन करना चाहिए था और कहना चाहिए था कि ‘मोदी जी यह सही नहीं है’।’’

मध्यप्रदेश में नर्सिंग घोटाले मामले में आया नया ट्विस्ट,दिल्ली CBI की टीम ने भोपाल CBI अफसरों को किया गिरफ्तार

राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली से आई केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीम ने भोपाल CBI के 4 अफसरों को गिरफ्तार किया है. साथ ही रिश्वत देने वाले मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. दरअसल, बीते 2 वर्षों से उच्च न्यायालय के आदेश पर CBI मध्य प्रदेश के नर्सिंग घोटाले की तहकीकात कर रही है. 

इसमें रविवार 19 मई को नया मोड़ आया जब दिल्ली से आई CBI अधिकारीयों ने भोपाल CBI के 4 अधिकारीयों को मेडिकल कॉलेज के पदाधिकारियों से रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक CBI का इंस्पेक्टर है, तो वहीं 2 एमपी पुलिस के अफसर हैं जो वर्तमान में डेप्युटेशन पर CBI को अपनी सेवाएं दे रहे हैं. 

वही इसके अतिरिक्त, रिश्वत देने के आरोप में निजी नर्सिंग कॉलेज के चेयरमैन, प्रधानाचार्य एवं एक बिचौलिए को भी गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए अपराधियों को रविवार रात ही भोपाल स्थित CBI की विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 29 मई तक की रिमांड पर भेजा गया है.

बर्फीला तूफान, घने जंगल और ऊंची पहाड़ियां... इन हालात में क्रैश हुआ ईरानी राष्ट्रपति का हेलिकॉप्टर, सामने अाई तस्वीरें
इस बीच ईरान के राष्ट्रपति रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश की कई तस्वीरें सामने आई हैं. ये तस्वीरें हेलिकॉप्टर क्रैश साइट और रेस्क्यू ऑपरेशन की हैं. इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि किस तरह से बारिश के बीच बर्फीले मौसम में रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था. खराब मौसम के बीच पहाड़ी इलाकों में घंटों सर्च ऑपरेशन के बाद रेस्क्यू टीम ने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर के मलबे की पहचान की गई. दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर का मलबा पूरी तरह से जला हुआ था. इस हादसे में राष्ट्रपति रईसी के अलावा ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मालेक रहमती और धार्मिक नेता मोहम्मद अली आले-हाशेम की भी मौत हो गई है. राष्ट्रपति रईसी के हेलिकॉप्टर की खोज में शुरू किए गए रेस्क्यू ऑपरेशन को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बर्फीले मौसम के बीच पहाड़ियों में हेलिकॉप्टर को खोजना बहुत मुश्किल काम था. इस बीच बारिश ने रेस्क्यू टीम की दिक्कतों को और बढ़ा दिया. इस वजह से 17 से भी अधिक घंटों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा. इस दौरान विजिबिलिटी बहुत कम हो गई थी. हादसे की वजह ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स में शुरुआती कारण खराब मौसम को बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि खराब मौसम की वजह से इस हेलिकॉप्टर की 'हार्ड लैंडिंग' हुई. तेहरान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हादसा घने कोहरे की वजह से हुआ. दुर्घटना तेहरान से करीब 600 किलोमीटर (375 मील) उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान प्रांत की सीमा पर जोल्फा के पास हुआ. राष्ट्रपति के काफिले में तीन हेलिकॉप्टर शामिल थे, जिनमें से दो तो सुरक्षित लौट आए, लेकिन वह हेलिकॉप्टर वापस नहीं लौटा जिसमें इब्राहिम रईसी के साथ ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मालेक रहमती और धार्मिक नेता मोहम्मद अली आले-हाशेम भी सवार थे.

इस बीच ईरान के राष्ट्रपति रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश की कई तस्वीरें सामने आई हैं. ये तस्वीरें हेलिकॉप्टर क्रैश साइट और रेस्क्यू ऑपरेशन की हैं. इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि किस तरह से बारिश के बीच

रूस और चीन की बढ़ती दोस्ती, क्या भारत को संबंधों के पुनर्मूल्यांकन की है जरूरत

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रूस के राष्ट्रपति पद की 5वीं बार शपथ लेने के बाद व्लादिमिर पुतिन अपनी पहली विदेश यात्रा के दौरान चीन पहुंचे थे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 16 और 17 मई को चीन के दौरे पर थे।इस दौरान दोनों देशों ने व्यापक साझेदारी और रणनीतिक सहयोग' को गहरा करने के लिए एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए। जिसमें कई सुरक्षा मुद्दों पर अमेरिका का विरोध, ताइवान और यूक्रेन से लेकर उत्तर कोरिया तक हर चीज पर साझा दृष्टिकोण और नई शांतिपूर्ण परमाणु टेक्नोलॉजी और वित्त पर सहयोग की घोषणा की गई। 

यह हैरान करने वाली बात नहीं है कि पांचवी बार राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के बाद पुतिन ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए चीन को चुना है।रूसी राष्ट्रपति की ये यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब दोनों देशों के रिश्ते अब तक के उच्चतम स्तर पर हैं।

रूस के साथ समझौते को लेकर चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन और रूस के संबंधों का भविष्य उज्ज्वल है। जिनपिंग के अनुसार चीन और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती के लिए विकास की व्यापक संभावनाएं तलाशी जाएंगी। शी जिनपिंग ने कहा कि उनके और पुतिन के बीच रूस और यूक्रेन में दो साल से अधिक समय से चल रहे युद्ध को सुलझाने के लिए बातचीत की गई। चीन ने कभी भी सार्वजनिक रूप से रूस के यूक्रेन पर आक्रमण का समर्थन नहीं किया।

रूस और चीन के इस समझौते से पूरी दुनिया में हलचल है। दरअसल, रूस और चीन एक जैसी मानसिकता वाले देश हैं।रूस एक ऐसा देश है जो वर्तमान में यूक्रेन पर आक्रमण कर रहा है जबकि दूसरा चीन भारतीय क्षेत्र में बार-बार घुसपैठ का दोषी है। दोनों को लोकतांत्रिक ताइवान से भी समस्या है। चीन, ताइवान को लगातार डराता रहता है। उन्हें लगता है कि उत्तर कोरिया के साथ अन्याय हुआ है। कुल मिलाकर कहें तो, दोनों देश दुनियाभर में अराजकता के एक बड़े हिस्से के लिए वे ही जिम्मेदार हैं। इस बीच सवाल ये उठता है कि चीन और रूस के बीच के ये संबंध भारत को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।

चीन आज भारत का मुख्य रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी है, जबकि रूस के साथ हमारे ऐतिहासिक रक्षा संबंध हैं। लेकिन बीजिंग और मॉस्को की तरफ से अपने रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के साथ, भारत रूसी प्लेटफार्मों पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं कर सकती है। हथियार प्रणालियों में चल रहे विविधीकरण को तेज किया जाना चाहिए। इसकी वजह है कि भारत और चीन के बीच टकराव की स्थिति में, रूस अधिक से अधिक तटस्थ रहेगा या सबसे बुरी स्थिति में बीजिंग की सहायता करेगा। साथ ही, भारत के पास अभी भी अकेले लड़ने के लिए एकजुट ताकत नहीं है। इसलिए, हमें पश्चिम के साथ और अधिक निकटता से काम करना होगा। अब मास्को के साथ हमारे रणनीतिक संबंधों का पुनर्मूल्यांकन करने का समय आ गया है।

ईरान के साथ खड़ा है भारत', राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर PM मोदी ने जताया शोक

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पीएम नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक व्यक्त किया। रविवार को इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। इसमें उनका निधन हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट X पर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ सैयद इब्राहिम रायसी के दुखद निधन से गहरा दुख एवं सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

दरअसल, ईरान के राष्ट्रपति रईसी, विदेश मंत्री एवं अन्य अफसरों को ले जा रहा हेलीकॉप्टर रविवार को ईरान के उत्तर पश्चिमी भाग में पहाड़ी क्षेत्र में क्रैश हो गया था। तत्पश्चात, बड़े स्तर पर रेस्क्यू अभियान आरम्भ किया गया। सोमवार को ईरान की तरफ से राष्ट्रपति रईसी सहित हेलीकॉप्टर में सवार सभी लोगों की मौत की पुष्टि की गई। 

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को हेलीकॉप्टर क्रैश की घटना पर गहरी चिंता जताई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, संकट की इस घड़ी में भारत ईरानी लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी बेल्ल 212 हेलीकॉप्टर (अमेरिका का) में सवार थे। उनके साथ एयरक्राफ्ट में विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियान और 7 अन्य लोग थे। हेलीकॉप्टर के पीछे खराब मौसम को भी बड़ा कारण माना जा रहा है।