*स्कूलों में बच्चों की 75 प्रतिशत उपस्थिति जरूरी, बीएसए का यह आदेश सभी प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण*
बलिया- बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने विद्यालयों में बच्चों की औसत उपस्थिति न्यूनतम 75 प्रतिशत अथवा अधिक का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। राज्य परियोजना निदेशक के पत्र का हवाला देते हुए निर्देशित किया है कि बच्चें की शैक्षिक सफलता के लिए महत्वपूर्ण है कि वे नियमित रुप से विद्यालय आये। एक निश्चित मानक स्तर से नीचे की उपस्थिति वच्चों में मूलभूत भाषायी एवं गणतीय तथा कक्षानुरुप दक्षताओं की प्राप्ति में सबसे बड़ा बाधक तत्व है। यह अन्ततः ड्रॉप आउट एवं आउट ऑफ स्कूल हो जाने का कारण भी बनता है।
बीएसए ने इस दिशा में समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए बहुआगामी रणनीति पर कार्य करने का सुझाव दिया है। इसमें विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं का संतृप्तीकरण, मनमोहक एवं सुरक्षित वातावरण, विभिन्न प्रिन्टरिच क्वीज एवं शिक्षा अधिगम सामग्री के माध्यम से उत्कृष्ट शैक्षणिक परिवेश तथा शिक्षकों का ऑफलाइन/ऑफलाइन के माध्यम से क्षमता संवर्द्धन इत्यादि किया जाना है।
खंड शिक्षा अधिकारियों के नाम से जारी पत्र में बीएसए ने निर्देशित किया है कि विद्यालयों में बच्चों की औसत उपस्थिति न्यून्तम 75 प्रतिशत अथवा इससे अधिक का लक्ष्य प्राप्त किये जाने के लिए शिक्षा क्षेत्र के समस्त परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों/ अध्यापकों को अपने स्तर से निर्देश देना सुनिश्चित करें। साथ ही स्वयं इसका नियमित अनुश्रवण करें।
महत्वपूर्ण बिन्दु
1- लक्ष्य विद्यालयों में बच्चों की औसतन उपस्थिति न्यून्तम 75 प्रतिशत अथवा अधिक का लक्ष्य हासिल किया जाना।
2- मूल कारणों का विशलेषण।
3- शिक्षक एवं बच्चों के मध्य आत्मीय सम्बन्ध विकसित करना।
4- निरीक्षण एवं अनुश्रवण।
5- आउटरीच प्रोग्राम।
6- अभिभावक शिक्षक बैठक।
7- ग्रीष्मावकाश एवं शीतकालीन अवकाश में लर्निंग ऐट होम को बढ़ावा दिया जाय।
May 11 2024, 20:38