शेयर बाजार में मचा कोहराम, निवेशकों के ढाई लाख करोड़ मिनटों में हो गए स्वाहा, गिरावट का सिलसिला लगातार जारी
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पिछले दिनों रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचे भारतीय शेयर बाजार में कुछ दिनों से गिरावट का सिलसिला देखा जा रहा है. गुरुवार के कारोबारी सत्र में सेंसेक्स करीब 900 अंक तक नीचे चला गया. इससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. एक दिन पहले शेयर बाजार में निवेशकों की संपत्ति 400 लाख करोड़ रुपये के पार थी, जो कि गुरुवार को आई अचानक गिरावट के बाद घटकर 398 लाख करोड़ के करीब रह गई.
गुरुवार को शेयर बाजार में लिस्टेड कई स्टॉक में गिरावट के बाद निवेशकों की संपत्ति घटकर रिकॉर्ड लेवल से नीचे आ गई. इस दौरान सेंसेक्स 781 अंक गिरकर 72,685 अंक पर कारोबार करते देखा गया. कारोबारी सत्र के दौरान सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में एलएंडटी, एशियन पेंट, आईटीसी, इंडसइंड बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में देखी गई.
इन कंपनियों के शेयर 5% से भी ज्यादा नीचे आ गए. दोपहर के समय एक बार सेंसेक्स 72,603 अंक तक गिर गया. एक दिन पहले 73,466 अंक पर बंद होने वाला यह प्रमुख सूचकांक 73,499 अंक पर ओपन हुआ था. कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी 50 भी 200 अंक से ज्यादा गिरकर 22,021 अंक के लेवल तक चला गया. बैंक निफ्टी, फाइनेंस निफ्टी और निफ्टी 50 भी लाल निशान के साथ कारोबार करते देखे गए.
ट्रेडिंग सेशन के दौरान जिन शेयर में तेजी देखी जा रही है उनमें एसबीआई, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजी, इंफोसिस और मारुति का शेयर रहा. एसबीआई में सबसे ज्यादा करीब 2 प्रतिशत की तेजी रही. बंबई शेयर बाजार (BSE) में आज के कारोबारी सत्र के दौरान 29 कंपनियों के शेयरों में 52 हफ्तों में सबसे कम गिरावट आई.
वहीं, 137 कंपनियों के शेयर 52 हफ्तों के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए. 3,731 कंपनियों में से सिर्फ 1,158 कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई, जबकि 2,413 कंपनियों के शेयर के भाव गिरे. बाकी 160 कंपनियों के शेयर में किसी तरह का बदलाव नहीं देखा गया.
दलाल स्ट्रीट पर ज्यादातर शेयर गिरकर लाल निशान में ट्रेड कर रहे हैं. ऑटो और आईटी सेक्टर के शेयरों में तेजी है. बाकी सभी सेक्टर के शेयरों में गिरावट आई. सबसे ज्यादा गिरावट तेल और गैस कंपनियों के शेयर में देखी गई. कार बनाने वाली कंपनियों के शेयर में आज बढ़त देखने को मिली.
इन कंपनियों के शेयरों का इंडेक्स 740 अंक बढ़कर 51,882 पर पहुंच गया. इस गिरावट के कारण 251 कंपनियों के शेयर अपनी सबसे कम कीमत पर आ गए. लेकिन, इस गिरावट के बावजूद 189 कंपनियों के शेयरों ने बढ़त बनाए रखी और हाई लेवल पर पहुंच गए.
विदेशी निवेशकों (FII) ने बुधवार को भारतीय शेयर बाजार में कुल 6,669.10 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि भारतीय निवेशकों (Domestic Investors) ने 5,928.81 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. यह जानकारी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के शुरुआती आंकड़ों के आधार पर है. कुल मिलाकर, मई में पिछले पांच कारोबारी सत्रों में FIIs ने 15,863 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं.









कतर से इंडियन नेवी के 8 पूर्व जवानों को सकुशल स्वदेश वापसी के बाद भारत को एक और बड़ी कूटनीतिक सफलता हासिल की है।ईरान ने 13 अप्रैल को जब्त किए जहाज एमएससी एरीज पर सवार 5 भारतीय को रिहा कर दिया है। ईरान में मौजूद भारतीय दूतावास ने गुरुवार को बताया कि सभी लोग भारत के लिए रवाना हो गए हैं।ईरान ने पुर्तगाल के झंडे वाले जहाज एमएससी एरीज के चालक दल के सात सदस्यों को रिहा कर दिया है। पुर्तगाल के विदेश मंत्रालय ने बताया कि मुक्त किए गए लोगों में पांच भारतीय समेत एक फिलिपींस का नागरिक और एक एस्टोनियाई नागरिक हैं। बता दें कि इस कंटेनर जहाज का इजरायल के साथ संबंध होने के कारण ईरान ने इसे जब्त किया था। दरअसल, इजराइल पर हमले से पहले ईरान ने भारत आ रहे पुर्तगाल के झंडे वाले एक जहाज को ओमान की खाड़ी में होर्मुज पास से जब्त किया था। यह शिप इजराइली अरबपति की एक कंपनी का था। ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडो यूएई से रवाना हुए जहाज पर हेलिकॉप्टर से उतरे थे। ईरान ने आरोप लगाया था कि शिप बिना इजाजत उनके इलाके से गुजर रहा था। इस घटना के बाद ईरान और इजराइल के बीच तनाव और बढ़ गया था। घटना के अगले दिन 14 अप्रैल को ईरान ने इजराइल पर हमला कर दिया था। इस पर 25 क्रू मेंबर मौजूद थे जिनमें 17 भारतीय और दो पाकिस्तानी थे। बचे हुए 11 सदस्य अब भी ईरान की कैद में हैं। इससे पहले 18 अप्रैल को एक भारतीय महिला कैडेट एन टेसा जोसेफ को रिहा किया गया था। अभी भी 11 भारतीय नाविक ईरान में ही हैं। ईरान, इस्राइल-हमास युद्ध में हमास का समर्थन कर रहा है। यही वजह है कि लाल सागर में ईरान के समर्थन से हूती विद्रोही अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर लगातार हमले कर रहे हैं। बीते दिनों इस्राइल पर आरोप लगे कि उसने सीरिया में ईरान के दूतावास को निशाना बनाया, जिसमें ईरानी सेना के दो शीर्ष कमांडर मारे गए थे। इस हमले का आरोप ईरान ने इस्राइल पर लगाया और बदला लेने की धमकी दी थी। ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इस्राइल पर मिसाइलों और ड्रोन्स की मदद से बड़ा हमला किया, लेकिन इस हमले में इस्राइल को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। जब दोनों देशों के रिश्तों में तनाव चरम पर था, उसी दौरान ईरान ने इस्राइल के जहाज को होर्मुज जलडमरूमध्य से जब्त किया था।
कांग्रेस में एक से बढ़कर एक “बयानवीर” हैं। अभी कल ही तो सैम पित्रोदा ने अपने एक बयान से जमकर “बवाल काटा”। जिसके बाद उन्हें इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। अब पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता ने देश का सियासी पारा बढ़ाने का काम किया है। हम बात कर रहे मणिशंकर अय्यर की, जिन्होंने पाकिस्तान की इज्जत करने की नसीहत दी है, वो भी इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के पास परमाणु बम है। लोकसभा चुनाव के बीच में मणिशंकर अय्यर के इस बयान से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। लोकसभा चुनाव की सगर्मियों के बीच कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भारत को पाकिस्तान का डर दिखाने की कोशिश की है। मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करते हुए कहा है कि भारत को पाकिस्तान का सम्मान करना चाहिए क्योंकि उसके पास एटम बम है। अगर हम उनकी इज्जत नहीं करेंगे, बातचीत नहीं करेंगे तो वे भारत के खिलाफ एटम बम का इस्तेमाल करने के बारे में सोचेंगे। मस्कुलर नीति दिखाने वाले भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान के पास भी कहुटा (रावलपिंडी) में मसल (परमाणु बम) है।’ मणिशंकर अय्यर ने कहा, ‘पाकिस्तान भी एक संप्रभु मुल्क है। उनकी भी इज्जत है। उनकी इज्जत को कायम रखते हुए उनसे जितनी कड़ी बात करनी है करो। लेकिन बात तो करो। बंदूक को लेकर आप घूम रहे हो। उससे क्या हल मिला… कुछ नहीं। तनाव बढ़ता जाता है। कोई भी पागल वहां आ जाए तो क्या होगा देश का। उनके पास एटम बम है। हमारे पास भी है। लेकिन किसी पागल ने हमारे बम को लाहौर स्टेशन में छोड़ा तो आठ सेकेंड के अंदर उसकी रेडियो एक्टिविटी अमृतसर पहुंचेगी। आप उसको इस्तेमाल करने को रोको। लेकिन आपने उससे बात की, उसको इज्जत दी तो तभी जाकर वह अपने बम के बारे में नहीं सोचेंगे। मगर आपने उसको ठुकरा दिया तो फिर क्या होगा। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि दुनिया का विश्व गुरु बनना हो तो यह जरूरी है दिखाने के लिए कि जितना भी खराब हो हमारा समस्या पाकिस्तान के साथ, उसका हल निकालने के लिए हम मेहनत कर रहे है। पिछले दस साल से सारा मेहनत बंद है। मस्कुलर पॉलिसी दिखाने वाले भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान के पास भी कहुटा (रावलपिंडी) में मसल (परमाणु बम) है।’




May 10 2024, 12:18
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