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पटना के गांधी मैदान में अदा की गई ईद की नमाज, सीएम नीतीश कुमार भी हुए शामिल

डेस्क : आज देशभर में धूमधाम से ईद मनाई जा रही है। बिहार में भी ईद हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जा रही है। पटना के गांधी मैदान में बड़ी संख्या में मुसलमानों ने नमाज अदा की। 

बिहार के मुख्यमंत्री सीएम नीतीश आज सुबह सुबह पटना के गांधी मैदान पहुंचे। जहां वो ईद के नामाज में शामिल हुए और लोगो को ईद की बधाई दी। वहीं इसके बाद सीएम नीतीश अपने आवास के लिए रवाना हो गए। सीएम नीतीश पारंपरिक वेशभूषा में नजर आएं।  

पटना के गांधी मैदान में ईद को लेकर विशेष तैयारियां की गई थी। करीब 15 हजार से अधीक नामीजियों ने गांधी मैदान में नामाज पढ़ा। 

बता दें ईद उल फितर मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है, जो रमजान के महीने के पूरा होने पर मनाया जाता है। ईद उल फितर के साथ ही रोजे खत्म हो जाते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है। सुबह की नमाज से इसकी शुरुआत हो जाती है। इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, रमजान के दौरान पाक मन से रोजे रखने वालों और नमाज अदा करने वालों के अल्लाह सारे गुनाह माफ कर देता है।  

इस्लाम के अनुसार रमजान महीने के अंत में ही पहली बार कुरान आई थी। मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ। माना जाता है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी। इस जीत की खुशी में उन्होंने सबका मुंह मीठा करवाया गया था। इसी दिन को मीठी ईदी या ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है। ईद-उल-फितर के खास मौके पर राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम नीतीश , राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेताओं ने शुभकामना संदेश दिया है।

*ईद उल फितर आज, मुख्यमंत्री ने प्रदेश व देशवासियों विशेषकर मुस्लिम भाई-बहनों को ईद की बधाई व शुभकामनाएं दी*

डेस्क : बीते बुधवार को चांद का दीदार हुआ। जिसके बाद आज ईद उल फितर मनाया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ईद उल फितर पर प्रदेश व देशवासियों विशेषकर मुस्लिम भाई-बहनों को ईद की बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पवित्र रमजान के महीने में रोजेदारों द्वारा की गई इबादत से उनके घर-परिवार के साथ-साथ प्रदेश और देश में शांति एवं समृद्धि आएगी। मेरी कामना है कि समाज में अमन-चैन, भाईचारा पूरे तौर पर कायम रहे। ईद का दिन इनाम का दिन है। खुदा इस मुबारक दिन पर अपने नेक बंदों को इनाम से नवाजते हैं। खुदा हम सब पर अपनी रहमतों की बारिश करें और हम सबों का जीवन सुख, शांति, समृद्धि से भरा रहे। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि भारत एक महान देश है। यहां विभिन्न धर्मों, संप्रदायों एवं मतावलंबियों के बीच पारस्परिक सौहार्द, प्रेम और सहिष्णुता बेमिसाल है। यहां सभी लोग एक दूसरे के पर्व त्योहारों में शामिल होकर खुशियां बांटते हैं और एक दूसरे के धर्मों का सम्मान करते हैं।
*बीते बुधवार की शाम चांद दीदार होते लोगों के चेहरे पर छाई खुशी और उत्साह, सभी ने एक-दूसरे को दी ईद की बधाई*

डेस्क : तीस रोजे रखने के बाद बुधवार की शाम चांद का दीदार हुआ। शाम ढलने के बाद ही आसमान में टकटकी लगाए लोगों को जैसे ही ईद की चांद का दीदार हुआ, उनके चेहरे खुशी और उत्साह से दमक उठे। चांद देखने के बाद अकीदतमंदों ने हाथ उठाकर अल्लाह को उसकी नेमत के लिए धन्यवाद दिया। एक-दूसरे को चांद रात की मुबारकबाद दी। ईद को देखते हुए लोग बाजार से अंतिम समय की खरीदारी के लिए भी निकले। शहर में सब्जीबाग, पटना सिटी, फुलवारी शरीफ, राजाबाजार आदि इलाकों में देर रात तक दुकानें चांद रात की खरीदारी के लिए खुली रहीं। बिहार राज्य व्यावसायिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि ईद का बाजार 60 करोड़ रुपये से ज्यादा होने की उम्मीद है। ड्राइफ्रूट विक्रेताओं ने बताया कि इस बार रमजान के महीने में खजूर की खूब बिक्री हुई। ईरान और सउदी के कलमी खजूर, फर्द खजूर को लोगों ने बड़े चाव से खरीदा। चांद रात में लोगों ने कुर्ता-पायजामा की खूब खरीदारी की। आठ सौ से दो हजार रुपये के बीच लोगों ने कुर्ता पायजामा खरीदा। डिजाइनर कुर्ता-पायजामा खूब पसंद आया।
फिर माय और दलित समीकरण को साधने में जुटी राजद, 23 में 22 सीटों पर घोषित प्रत्याशियों में आधे से अधिक इन्हें बनाया उम्मीदवार, जानिए डिटेल

डेस्क : राष्ट्रीय जनता दल ने बीते मंगलवार की देर रात बिहार के 22 लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। सीवान संसदीय क्षेत्र के लिए फिलहाल किसी प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद से परामर्श के बाद मंगलवार की देर रात उम्मीदवारों की घोषणा प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने सूची जारी कर की।

एकबार फिर राजद सुप्रीमो ने अपने माय और दलित समीकरण मे विश्वास जताया है। राजद ने सबसे अधिक सीटों पर इन्हें ही अपना प्रत्याशी बनाया है। दरअसल इंडिया गठबंधन के घटक दलों में राजद को 26 सीटें मिली थीं, जिनमें से राजद ने अपने कोटे की 3 सीटें झंझारपुर, मोतिहारी और गोपालगंज विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को दी है। 

बीते मगंलवार को शेष बचे 23 में 22 सीटों पर राजद ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। जिनमें आठ यादव, तीन दलित (रविदास-2 और पासवान-1) दो मुस्लिम समुदाय से प्रत्याशी शामिल हैं। वहीं, अतिपिछड़ी जाति को तीन सीटें, धानुक कुर्मी को एक, गंगोता को एक, चौपाल को एक, वैश्य को एक, कुशवाहा को तीन और सवर्ण जाति को 2 सीटें दी गई हैं।

पत्रकार संतोष तिवारी की नजरो में वैशाली लोकसभा सीट का हाल शुरू से लेकर अब तक..

इसबार लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होने जा रहा है। वैशाली लोकसभा क्षेत्र में 6ठे चरण में चुनाव होगा। अब दिगर बात यह है कि वैशाली लोकसभा चुनाव में मोदी के मुद्दों के साथ चिराग के प्रति मतदाताओं की दीवानगी चलेगी या फिर मुन्ना शुक्ला का वायदा और तेजस्वी का भरोसा और विश्वास। 

खैर इसका फैसला तो 5 जून को परिणाम आने के बाद ही पता चल पायेगा। लेकिन उससे पहले आइए आपको इस सीट के इतिहास से अवगत कराते है।  

लोकतंत्र की प्रथम जननी वैशाली जो पूरे विश्व को लोकतंत्र का रास्ता दिखाया उसी लोकतंत्र की जननी पर जातीय जटिल और कुंठित बनाने की कोशिश में खूब जातीय उन्माद का जहर घोले जा रहे है ,जो लोकतंत्र के लिए घातक ही नही बल्कि बहुत ही खतरनाक मोड़ पर पहुँचाने का अथक प्रयास है। वैसे लोकतंत्र की जननी का मतदाता अभी खामोश और साइलेंट होकर चुपचाप बैठ नेताओं की नौटंकी देखने को आतुर है। जिससे उसका मनोरंजन के साथ साथ आने वाले भविष्य के नीति निर्माण कार्यताओँ को देश के सबसे उच्च सदन में भेजने का मुहर लगा सके।  

आजादी के बाद से इस क्षेत्र से कइयों को यहाँ की जनता ने अपने मांथे पर बिठाने का काम किया। लेकिन किसी ने वैशाली के विकास का कोई खांका तक नही खींच पाया। 

बताते चलें कि भगवान महावीर की जन्मस्थली और भगवान बुद्ध की कर्मभूमि वैशाली का ऐतिहासिक महत्व है। यही जैन मतावलंबियों के लिए पवित्र नगरी है। भगवान बुद्ध का इस धरती पर तीन बार आगमन हुआ था। यह क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर के कई संस्थानों तथा केला, आम और लीची के उत्पादन के लिए जाना जाता है। इस सीट का अस्तित्व 1971 में गठित परिसीमन समिति की रिपोर्ट के बाद 1977 में आया। वैशाली क्षेत्र का कुछ हिस्सा हाजीपुर संसदीय सीट में चला गया। मुजफ्फरपुर जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों और वैशाली विधानसभा को मिलाकर इस संसदीय सीट का गठन किया गया। 

अबतक वैशाली संसदीय सीट के लिए हुए चुनावों में सबसे अधिक जनता दल और राजद ने मिलाकर सात बार जीत दर्ज की। जनता पार्टी ने दो, कांग्रेस ने एक, बिहार पीपुल्स पार्टी ने एक और लोजपा ने दो बार जीत दर्ज की थी। दिग्विजय नारायण सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री रहे सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा की पत्नी किशोरी सिन्हा, उषा सिन्हा, शिवशरण सिंह, रघुवंश प्रसाद सिंह इस क्षेत्र के चर्चित नाम हैं। 

विधानसभा क्षेत्र और डेमोग्राफी वैशाली के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र हैं। ये हैं-वैशाली, कांटी, मीनापुर, बरूराज, साहेबगंज और पारू। वैशाली को छोड़कर सभी विधानसभा क्षेत्र मुजफ्फरपुर जिले में हैं। वैशाली लोकसभा में मतदाताओं की संख्या 17 लाख 18 हजार 311 है। राजपूत, यादव और भूमिहार जाति की संख्या सबसे अधिक है। विभिन्न उपजातियों को मिलाने के बाद अतिपिछड़ों और दलितों की संख्या अच्छी-खासी हो जाती है। यहां की साक्षरता दर 66 फीसद के आसपास है। हाजीपुर-सुगौली रेलपथ की आर्थिक बाधा अब दूर हुई है और अब निर्माण चल रहा है। देवरिया-मुजफ्फरपुर पथ का चयन एनएच के लिए हुआ है। कांटी थर्मल की दूसरी यूनिट की भी शुरुआत हुई। सांसद निधि से 142 छोटी-बड़ी सड़कों केनिर्माण का काम हुआ। कांटी से मीनापुर को जोड़नेवाले रघई पुल के पहुंच पथ की बाधा दूर हुई और पुल चालू हो गया है। मोतीपुर स्टेशन के विस्तार की योजना की शुरुआत हुई। सड़क, जलजमाव, सिंचाई, चीनी मिल जैसे स्थानीय मसले भी चुनाव में मायने रखेंगे। 

वैशाली अपने प्रारभिक काल से ही बिहार का महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र रहा है। इस लोकसभा क्षेत्र से वैशाली विधानसभा क्षेत्र समेत 6 क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस क्षेत्र से जीतकर दिल्ली पहुंचे कई समाजवादियों और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने केंद्र सरकार में महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई है। लेकिन यह गौर करने वाली बात है कि इस प्रथम गणतंत्र की जननी की धरती पर कमल कभी नहीं खिल सका है। 

इसबार जब नवंबर में केंद्रीय गृहमंत्री व भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह एक रैली के दौरान जब मुजफ्फरपुर आए थे तो उन्होंने मंच से यह घोषणा की थी कि इसबार भाजपा स्वयं वैशाली से अपना उम्मीदवार उतरेगी। लेकिन नए गठबंधन के तहत फिर यह सीट लोजपा रामविलास के हिस्से में चली गई है। 

वहीं राजद ने इसबार वैशाली सीट पर मुन्ना शुक्ला को चुनाव मैदान में उतारा है। वही लोजपा आर ने यहां की सांसद विणा देवी को फिर से मौका दिया है। 

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आमने सामने की लड़ाई में यहां भाजपा का सहयोगी दल अपनी सीट बरकरार रख पाती है या फिर राजद अपनी खोई जमीन पर पुनः पांव जमाने में सफल होती है।

रोहतास में बड़ा हादसा :फूसनुमा घर में लगी आग में भोजपुर के एक ही परिवार के 7 लोग जिंदा जले


डेस्क : प्रदेश के रोहतास जिले से एक बड़ी घटना सामने आई है। जहां कच्छवां थाने के इब्राहिमपुर गांव में बीते मंगलवार दोपहर फूस से बने घर में अचानक आग लगने से एक ही परिवार के सात लोग जिंदा जल गए। वही हादसे में एक महिला झुलस गई। 

मरने वालों में पांच बच्चे और दो महिलाएं हैं, जिनमें एक महिला गर्भवती थी। सभी मृतक एक ही परिवार के भोजपुर जिले के निवासी थे। ये सभी लोग मजदूरी करते थे तथा इब्राहिमपुर में झोपड़ी बनाकर रहते थे।

मृतकों में पुष्पा देवी (30) व बेटे-बेटियों में बजरंगी (6), शिवानी (8), काजल (4), गुड़िया (1) शामिल हैं। वहीं कांति (6) पिता शामा चौधरी ग्राम रामनगर तरारी (भोजपुर), व माया देवी (25) पति दीपक चौधरी ग्राम लेमाद्रा थाना विशावदर, जूनागढ़ (गुजरात) की मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि मंगलवार दोपहर 1.30 बजे देवराज चौधरी के घर में खाना बन रहा था। घर के अन्य सदस्य काम के सिलसिले में बाहर गए थे। घटना के समय घर में दो महिलाएं पुष्पा देवी और उसकी ननद माया देवी और पांच बच्चे ही थे। आरोप है कि इस दौरान ट्रांसफार्मर से निकली चिंगारी देवराज की झोपड़ी पर गिर पड़ी और आग लग गई।

*सीवान सीट को लेकर महागठबंधन प्रत्याशी पर सस्पेंश बरकरार : पहले अवध बिहार चौधरी को राजद से सिंबल मिलने की आई खबर, पार्टी की ओर से जारी लिस्ट में

डेस्क : बिहार के सबसे हॉट सीट मे एक सीवान लोकसभा क्षेत्र महागठबंधन में हुए सीट बंटवारे में राजद कोटे में गई है। इस सीट पर राजद से कौन प्रत्याशी होगा इसे लेकर सस्पेंश बरकरार है। सीवान लोकसभा क्षेत्र में राजद के वरिष्ठ नेता व बिहार विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा पिछले काफी दिनों से जोरो पर है। वे क्षेत्र में पिछले काफी दिनों से प्रचार-प्रसार में जुटे है। बीते मंगलवार को यह खबर भी सामने आई कि उन्हें राजद का सिंबल मिल चुका है। वहीं इस खबर के बाद सीवान में अवध बिहारी चौधरी के समर्थकों द्वारा उनका जोरदार स्वागत भी किया गया। लेकिन इसी बीच बीते देर रात राजद द्वारा अपने प्रत्याशियों की जो लिस्ट जारी की गई है उसमें से अवध बिहारी चौधरी का नाम गायब है। हालांकि सीवान सीट से अभी किसी नाम का एलान नहीं किया गया है। खबर है कि पार्टी ने सीवान से अवध बिहारी चौधरी का नाम तय कर लिया है। लेकिन फिलहाल पार्टी द्वारा उन्हें इस सीट से टिकट को होल्ड पर रखा गया है।
बड़ी खबर : सीवान सीट से राजद ने अपने प्रत्याशी के नाम का किया एलान, इन्हें बनाया अपना उम्मीदवार

डेस्क : लोकसभा चुनाव महागठबंधन की ओर से राजद के खाते में गई सीवान सीट से राजद का कौन प्रत्याशी होगा इसपर बना सस्पेंश खत्म हो गया है। इसबार राजद ने यहां बड़ा फेर-बदल किया है। दिवंगत बाहुबली पूर्व सांसद शाहबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब का इसबार टिकट कट गया है। राजद ने यहां से पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधान सभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है।

आज महागठबंध की ओर से राजद प्रत्याशी के रूप में टिकट लेकर सीवान पहुंचे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सह सिवान सदर के विधायक अवध बिहारी चौधरी उनके समर्थकों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। सिवान के दरौंदा में सैकड़ो गाड़ियों का क़ाफ़िला लेकर पहुँचे उनके समर्थकों द्वारा फूल माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया गया।

इस दौरान अवध बिहारी चौधरी ने ने सिवान के जनता के प्रति भरोसा जताया और कहा कि मुझे भरोसा है की सिवान संसदीय क्षेत्र की जनता मुझे अपना आशीर्वाद देकर विजयी बनायेगी। उन्होंने कहा कि हम सभी धर्म समुदाय ने लोगों को एक साथ लेकर चलेंगे और सीवान के मान सम्मान के साथ खिलवाड़ नही करेंगे।

उन्होंने सिवान जिले के सभी सम्मानित जनता को भी उन्होंने धन्यवाद दिया और कहा कि जिस तरह से सिवान सदर का विधायक बनाकर उन लोगों ने मुझे मौका दिया। उसी प्रकार इस बार लोकसभा चुनाव में भी मुझे भारी से भारी मतों का विश्वास देकर लोकतंत्र के मंदिर में भेजने का काम करेंगे।

वहीं उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय नेता हम सब के अभिभावक लालू प्रसाद यादव और बिहार के युवाओं के चहेते पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को आभार प्रकट करता हूं। जिन्होंने मुझे सिवान से लोकसभा चुनाव का प्रत्याशी बनाकर चुनाव लड़ने का आदेश दिया है।

शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी, ईद और रामनवमी पर रहेगी छुट्टी

डेस्क : बिहार के शिक्षकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने राज्य सरकार ने आज मंगलवार को फिर से राहत भरी खबर देते हुए ईद और रामनवमी पर छुट्टी का एलान कर दिया है। शिक्षा विभाग द्वारा 10 एवं 11 अप्रैल को ईद एवं 17 अप्रैल को रामनवमी पर अवकाश घोषित करने से जुड़ा 8 अप्रैल का निर्देश भ्रामक और फर्जी के आदेश को लेकर राज्य सरकर की ओर से स्पष्ट किया गया कि इन दोनों अवसरों ईद और रामनवमी पर छुट्टी रहेगी।

बताते चले कि शिक्षा विभाग की ओर से एक प्रेस नोट में कहा गया था कि 10 एवं 11 अप्रैल को ईद एवं 17 अप्रैल को रामनवमी पर अवकाश घोषित करने से जुड़ा 8 अप्रैल का निर्देश भ्रामक और फर्जी है। शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की ओर से कहा गया था कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यानी ईद और रामनवमी पर शिक्षकों को छुट्टी नहीं रहेगी। शिक्षकों के लिए यह एक बड़े झटके की भांति रहा था। जिसपर आज राज्य सरकार की ओर से स्थिति को स्पष्ट करते हुए ईद और रामनवमी पर्व पर छुट्टी होने का एलान कर दिया गया है।

गौरतलब है कि राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के अनुसार राज्य के विभिन्न शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों एवं SCERT, बिहार, पटना में 06 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण क्रमवार सचालित है। संचालित प्रशिक्षण के क्रम में दिनांक 11 अप्रैल, 2024 को ईद (चाँद के दृष्टिगोचर होने पर) एवं दिनांक 17 अप्रैल, 2024 को रामनवमी के दिन राजपत्रित अवकाश घोषित है। उक्त घोषित अवकाश के दिन प्रशिक्षण स्थगित रहेगा। प्रशिक्षण पुनः अगले दिन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संचालित होगी तथा प्रशिक्षण में सम्मिलित नहीं होने वाले प्रशिक्षुओं पर उचित कारवाई की जायेगी। प्रशिक्षणचर्या पूर्ण करने के उद्देश्य से दिनांक 11 अप्रैल, 2024 का प्रशिक्षण 14 अप्रैल, 2024 को एवं 17 अप्रैल, 2024 का प्रशिक्षण 21 अप्रैल, 2024 को संचालित होगा।

ऐसे में एक ओर जहाँ शिक्षा विभाग ने अवकाश नहीं होने की बातें कही, वहीं दूसरी और राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद ने साफ किया कि ईद और रामनवमी पर प्रशिक्षण नहीं होगा। यह शिक्षकों के लिए बड़ी राहत भरी खबर है। इसके पहले 8 अप्रैल यानी सोमवार को जारी एक प्रेस नोट कहा गया था कि ईद एवं रामनमवी के दौरान शिक्षकों की असहजता को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर संज्ञान लिया है। दोनों त्योहारों पर अवकाश घोषित किया गया है।

हालांकि सीएम के संज्ञान लेने के बाद भी शिक्षा विभाग अपने आदेश पर अड़ा रहा और मंगलवार को कहा गया गया कि ईद और रामनवमी पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद फिर से राज्य सरकार की ओर से राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद का आदेश पत्र जारी किया गया जिसमें साफ कहा गया है कि ईद और रामनवमी पर छुट्टी रहेगी। नए आदेश के बाद शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है।

हालांकि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के पदभार सम्भालने के बाद से लगातार छुट्टियों पर तकरार जारी है। इसी क्रम में अब ईद और रामनवमी पर बड़ा बवाल हुआ है जिसमें शिक्षा विभाग अवकाश नहीं होने की बात कहता है। वहीं राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद ने अवकाश का आदेश जारी कर एक तरह से शिक्षा विभाग को झटका दे दिया है।

पटना हाईकोर्ट का अहम फैसला : बच्चे की लालन-पालन के लिए ससुराल से पैसे की मांग दहेज नही*

डेस्क : पटना हाईकोर्ट ने बच्चे के लालन-पालन और भरण-पोषण के लिए पत्नी या उसके पैतृक घर से पैसे की मांग को दहेज मानने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि पति अपने नवजात बच्चे के लालन-पालन के लिए पत्नी के पैतृक घर से पैसा की मांग करे तो वह दहेज की परिभाषा में नहीं आता है। पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति बिबेक चौधरी की एकलपीठ ने नरेश पंडित की ओर से दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है। दरअसल आवेदक ने हाई कोर्ट में आईपीसी की धारा 498ए और दहेज निषेध अधिनियम 1961 की धारा 4 के तहत निचली अदालत से मिली सजा को चुनौती दी थी। आवेदक की शादी हिन्दू रीति रिवाज से सृजन देवी के साथ वर्ष 1994 में हुई थी। शादी के बाद तीन बच्चे हुए, जिनमें दो लड़का और एक लड़की है। पत्नी ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी के जन्म के तीन साल बाद, पति लड़की की देखभाल और भरण-पोषण के लिए उसके पिता से 10 हजार रुपये की मांग की। यह भी आरोप लगाया कि मांग पूरी न होने पर पत्नी को प्रताड़ित करने लगा। कोर्ट ने 10 हजार रुपये की मांग करने के बारे में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं पाया, जिससे लगे कि शिकायतकर्ता पत्नी और आवेदक पति के बीच विवाह को लेकर दहेज की मांग की गई। पटना हाईकोर्ट ने कहा कि यह आईपीसी की धारा 498ए के तहत ‘दहेज’ की परिभाषा के दायरे में नहीं आता। कोर्ट ने निचली अदालत के सजा के फैसला को रद्द कर दिया।