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लोकसभा चुनाव: सुरक्षा बलों को प्रदेश के हर एक मतदान स्थल तक पहुंचाएंगी परिवहन निगम , 7 हजार से ज्यादा लगाई गई बसें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए परिवहन निगम ने भी कमर कस ली है। प्रदेश के एक-एक मतदान केंद्र तक सुरक्षाबलों को पहुंचाने के लिए परिवहन निगम की 7 हजार से ज्यादा बसों को तैयार किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस की मांग पर परिवहन निगम सभी सात चरणों में अर्द्धसैनिक बलों एवं पुलिस जवानों को ड्यूटी पर पहुंचाने के लिए बसों के प्रबंध में जुट गया है।

प्रदेश में सभी सातों चरणों में लोकसभा चुनाव संपन्न कराए जाने हैं। ऐसे में प्रदेश के एक-एक मतदान केंद्र पर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए निर्वाचन आयोग ने बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की है। इन सुरक्षा बलों को इन मतदान केंद्रों तक पहुंचाने के लिए पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था की ओर से परिवहन निगम से बसें उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। पुलिस महानिरीक्षक कानून एवं व्यवस्था उत्तर प्रदेश एल आर कुमार की ओर से परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक को भेजे गए पत्र में निगम से सभी सात चरणों के लिए सुरक्षा बलों को मतदान स्थल तक पहुंचाने के लिए कुल 7051 बसें उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। पुलिस मुख्यालय की ओर से प्रत्येक चरण के लिए अलग-अलग संख्या में बसें मांगी गई हैं।

इसके अनुसार, 19 अप्रैल को पहले चरण के लिए 608 बसों की मांग है तो 26 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान हेतु 657 बसों की डिमांड है। इसी तरह 7 मई को तीसरे चरण के लिए 901, 13 मई को चौथे चरण के लिए 1235, 20 मई को पांचवें चरण के लिए 1249, 25 मई को छठे चरण के लिए 1265 और अंतिम चरण यानी एक जून को होने वाले मतदान के लिए 1136 बसें उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। इन बसों के माध्यम से बड़ी संख्या में अर्द्धसैनिक बलों एवं पुलिस जवानों को मतदान स्थलों तक पहुंचाने में आसानी होगी और मतदान कार्य को पूर्ण सुरक्षा के बीच संपन्न कराया जा सकेगा। पत्र में कहा गया है कि पुलिस बल के साथ जो बस एक बार रवाना होगी, वह बस अगले चरणों में भी उसी पुलिस बल के साथ मूल जनपद में वापसी तक बनी रहेगी।

चरणवार निर्वाचन के बाद चुनावी जनपदों से कुछ पुलिस बल अपने मूल नियुक्त जनपद वापस जाएगा एवं कुछ जनपदों का नया पुलिस बल संचारित करेगा, जिसके उपयोग हेतु कुछ बसें वापस होंगी एवं कुछ नई बसें बढ़ेंगी। इसके अतिरिक्त ब्रेक डाउन के चलते 10 प्रतिशत रिजर्व वाहनों की भी आवश्यकता होगी। मांग के अनुसार, बसें अच्छी स्थिति में होनी चाहिए और उनमें समुचित साफ-सफाई के साथ ही दरवाजे एवं खिड़कियों में शीशे लगे होने चाहिए। आग्रह पत्र में प्रति बस 45 जवानों के बैठने की व्यवस्था के लिए 52 सीटर बसें उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।

चैत्र नवरात्र: दूसरे दिन ज्येष्ठा गौरी, ब्रम्हचारिणी देवी के दरबार में श्रद्धालु उमड़े

लखनऊ । वासंतिक चैत्र नवरात्र में दूसरे दिन बुधवार को नौ गौरी के दर्शन पूजन की मान्यता के अनुसार श्रद्धालुओं ने ज्येष्ठा गौरी के नखास, काशीपुरा स्थित दरबार में हाजिरी लगायी। वहीं आदि शक्ति स्वरूप नवदुर्गा पूजन अर्चन के क्रम में श्रद्धालु ब्रम्हाघाट स्थित ब्रम्हचारिणी देवी के दरबार में भी पहुंचे। भगवती के दोनों स्वरूपों के दरबार में आधी रात के बाद से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी।

काशी में माना जाता है कि भगवती के भव्य और अलौकिक आभा से परिपूर्ण इन स्वरूपों के दर्शन-पूजन से पापों का नाश हो जाता है। साथ ही भक्त द्वारा माता भगवती के दिव्य स्वरूप की आराधना और उपासना से उसमें तप, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य भाव में निरन्तर वृद्धि होती है।देवी के दोनों मंदिरों के अलावा नगर के सभी प्रमुख देवी मंदिरों में देवी की स्तुति-वंदना पचरा की गूंज रही। इस दौरान दरबार में माला-फूल, धूप-बत्ती और लोहबान की सुगंध से वातावरण महमह रहा। भोर से लेकर पूरे दिन दरबार में गूंजती घंटियों की आवाज और रह-रहकर गूंजता जयकारा-‘‘सांचे दरबार की जय से पूरा वातावरण देवीमय नजर आ रहा था।

उधर, मंदिरों के अलावा मठों और घर-आंगन में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच स्थापित कलश के समक्ष आदि शक्ति के आर्शीवाद पाने की चाहत में दुर्गा सप्तशदी, दुर्गा चालिसा, आरती पाठ का क्रम दिन भर चलता रहा। किसी ने नौ दिनों के व्रत का संकल्प लिया है, तो कोई पहले और अंतिम दिन के व्रत का संकल्प लेकर दर्शन-पूजन कर रहा है।

दुर्गाकुण्ड स्थित कुष्माण्डा देवी के दरबार में भी दर्शन के लिए लम्बी कतार लगी थी। मंदिर के मुख्य द्वार से एक कतार दुर्गाकुंड पोखरे के आखिरी छोर तो दूसरी कतार कबीरनगर त्रिमुहानि तक रही। हाथों में पूजन सामग्री की सजी टोकरी, थाली और लाल चुनरी के साथ मंगल जीवन की कामना लिए माता के दरबार में मत्था टेकने पहुंचे श्रद्धालु देवी दर्शन से अपने को धन्य समझ रहे थे। नगर के चौसट्ठी देवी, मां महिषासुर मर्दिनी मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर, संकठा मंदिर, माता कालरात्रि देवी मंदिर, तारा मंदिर, सिद्धेश्वरी मंदिर और कमच्छा स्थित कामाख्या मंदिर सहित विभिन्न देवी मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का रेला सुबह से लेकर देर रात्रि तक लगा रहा।

नशे के रूप में प्रयोग के लिए पश्चिम बंगाल भेजी जा रही 52 पेटी कफ सिरप ,एसटीएफ ने ट्रक के साथ एक को दबोचा

लखनऊ । एसटीएफ यूपी को नशे के रूप में प्रयोग के लिए अवैध रूप से पश्चिम बंगाल भेजी जा रही 52 पेटी फेन्सेडिल कफ सिरप (20,800 शीशी) सहित एक व्यक्ति को लखनऊ से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई। अभियुक्त का नाम धर्मेन्द्र कुमार विश्वकर्मा पुत्र विनोद कुमार जनपद उन्नाव है। विगत काफी दिनों से विभिन्न प्रकार के कफ सिरप व अन्य दवाओं को नशे के रूप में प्रयोग करने हेतु इसका अवैध भण्डारण व विहार, झारखण्ड, आसाम, पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश में सप्लाई होने की रोकथाम को उत्तर प्रदेश शासन द्वारा स्पेशल टॉस्क फोर्स व खाद्यसुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग यूपी की संयुक्त जांच समिति का गठन किया गया था।

जिसके क्रम में एसटीएफ की टीम ने प्राप्त सूचना के आधार पर सुलतानपुर बाईपास अहिमामऊ के पास से ट्रक को कब्जे में लेकर चालक को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ पर चालक उपरोक्त ने बताया कि यह गाड़ी संतोष कुमार यादव निवासी- फरीदाबाद हरियाणा की है। बहादूरगढ़, हरियाणा एवं पीतमपुरा दिल्ली से सेनेटरी का माल लोड करके आसाम जाना था। बदरपुर नई दिल्ली में राविन सिंह निवासी आगरा मिला था, जिसने कहा था कि ट्रान्सपोर्ट लखनऊ से कुछ सामान कुचबिहार (पश्चिम बंगाल) पहुंचाना है। जिस पर इसने लखनऊ आकर राविन द्वारा बताये गये नम्बर से सम्पर्क करने पर मिलने आये व्यक्तियों के साथ जाकर ट्रान्सपोर्ट नगर, लखनऊ में बने गोदाम से फेन्साडिल कफ सिरप अपने गाड़ी में लोड कराया था।

उक्त सिरप पश्चिम बंगाल पहुंचाने पर इसे 30 हजार मिलता। इसके पहले भी कई बार ट्रान्सपोर्ट नगर लखनऊ से फेन्साडिल सिरप पश्चिम बंगाल पहुंचा चुका है। उल्लेखनीय है कि औषधियों का भण्डारण व क्रय-विक्रय औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियमावली, 1945 के अधीन निर्गत लाइसेंस के अन्तर्गत किया जाता है तथा औषधियों की बिक्री उक्त नियमावली के नियम 65 के अनुसार निर्गत विक्रय बीजक के आधार पर ही किया जा सकता है ऐसा न करना औषधि एवं प्रसाधन सामग्री के तहत दण्डनीय अपराध है। गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ सुशांत गोल्फ सिटी में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

17 महीने बाद गाजीपुर पहुंचा अब्बास अंसारी,आज मुख्तार अंसारी की कब्र पर फाहिता पढ़ेगा अब्बास

लखनऊ । मुख्तार अंसारी की कब्र पर आज फातिहा पढ़ी जाएगी। इसमें मऊ सदर से विधायक और मुख्तार का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी भी शामिल होने के लिए आ गया है। वह करीब 17 महीने बाद घर गाजीपुर आया है। वह नवंबर 2022 से ही जेल में है। फातिहा में शामिल होने की पैरोल मिलने पर मंगलवार की देर शाम 7:40 बजे अब्बास को कड़ी सुरक्षा में पचलाना जेल से गाजीपुर के लिए रवाना किया गया था।

फातिहा पढ़ने के बाद अब्बास को गाजीपुर जिला कारागार के उसी हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा जाएगा, जिसमें सांसद अफजाल अंसारी को रखा गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब्बास अंसारी को कासगंज जेल से गाजीपुर लाया गया है। अब्बास आज मुहम्मदाबाद स्थित कालीबाग कब्रिस्तान जाकर अपने पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ेगा, फिर जिला जेल लाया जाएगा। यहां से 13 अप्रैल को वापस कासगंज जेल के लिए भेजा जाएगा। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, गाजीपुर जिला जेल में अब्बास अंसारी को बैरक नंबर दस में रखा जाएगा। यह वही बैरक है, जिसमें सांसद अफजाल अंसारी को रखा गया था। हालांकि अफजाल जमानत पर छूट चुके हैं। अब्बास अंसारी को हाई सिक्योरिटी में रखा जाएगा।

मानसिक तनाव वाले पुलिसकर्मियों को शस्त्र से रखा जाए दूर : डीजीपी

लखनऊ,। उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने मानसिक पीड़ित पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाने में सावधानी बरतने निर्देश दिए हैं। जारी निर्देश में उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि मानसिक रूप से परेशान, बीमार किसी भी पुलिसकर्मी को शस्त्र सहित ड्यूटी न लगाई जाए। डीजीपी ने कहा कि बीते दिनों में ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जहां संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण स्थलों पर लगाई गयी सुरक्षा गार्ड और स्कॉर्ट ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों की अनुशासनहीनता देखने को मिली है।

इस प्रकार की घटनाओं से पुलिस की छवि धूमिल होती है। वहीं, सशस्त्र गार्ड ड्यूटी अत्यंत महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील होती है। इसमें कोई भी लापरवाही घातक हो सकती है। ऐसे में यह निर्णय किया गया है कि मानसिक तनाव से ग्रस्त, बीमार और नशे के आदी किसी भी पुलिसकर्मी से अगर महत्वपूर्ण ड्यूटी, स्कार्ट में ड्यूटी कराई गई तो पुलिस उपाधीक्षक पुलिस लाइंस और प्रतिसार निरीक्षक (आरआई) जिम्मेदार होंगे। डीजीपी ने इस बाबत मातहतों को आदेश जारी करते हुए इसे कड़ाई से पालन करने को कहा है। यह भी कहा कि यदि कोई कर्मी अस्वस्थ या किसी अन्य कारण से परेशान है तो उसे ड्यूटी से हटाकर उसकी समस्या का निराकरण कराया जाए।

जल जीवन मिशन में महोबा को देश में दूसरा तो प्रदेश में मिला पहला स्थान

लखनऊ। लोगों को हर घर जल पहुंचने वाला जल जीवन मिशन देश में सबसे तेजी से यूपी में आगे बढ़ रहा है। देश में पहला स्थान तमिलनाडु के नीलगिरी को मिला है तो यूपी के महोबा जनपद ने देश में दूसरा स्थान और प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। देश के टॉप 10 जिलों में यूपी के बुंदेलखंड से दो जिलों को स्थान मिला है। केंद्र सरकार ने पिछले माह मार्च में हुई प्रगति के आधार पर पूरे देश के 299 जिलों की रैंक जारी की है।

उत्तर प्रदेश ने जल जीवन मिशन योजना में देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। हर घर में पाइप लाइन से पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य दिया गया है। अलग-अलग जिलों का लक्ष्य भी अलग-अलग है। जल जीवन मिशन की ऑनलाइन प्रगति की फीडिंग की जाती है।देश के 299 जिला में तमिलनाडु राज्य के निलगिरी जनपद को देश में पहला स्थान मिला है और महोबा जिले को देश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है तो वही प्रदेश में महोबा जनपद को पहला स्थान मिला हुआ है। और साथ ही बुंदेलखंड के हमीरपुर जनपद को देश में नौवां स्थान प्राप्त हुआ है। जनपद में 80.84 फीसदी काम योजना का पूर्ण हो चुका है।

टॉप 10 में बुंदेलखंड के दो जिले शामिल

जल जीवन मिशन योजना में टॉप 10 जिलों में तमिलनाडु राज्य के तीन जिले शामिल है तो उत्तर प्रदेश के 7 जिले शामिल है। सिर्फ दो राज्यों के जनपद ही टॉप 10 में अपनी जगह बनाने में सफल हुए हैं। बुंदेलखंड के महोबा व हमीरपुर जनपद को बड़ी सफलता मिली है ।महोबा जनपद में जल जीवन मिशन के तहत पांच बृहद परियोजनाओं पर युद्ध स्तर पर कार्य जारी है।

जल जीवन मिशन में टॉप 10 जिले

नीलगिरी तमिलनाडु 81.48 प्रतिशत, महोबा उ.प्र. 80.84 प्रतिशत, कुड्डालोर तमिलनाडु 80.06 प्रतिशत, मेरठ उ.प्र. 79.75 प्रतिशत, ललितपुर उ.प्र. 77.61 प्रतिशत, तिरुवन्नामलाई तमिलनाडु 77.07 प्रतिशत, मीरजापुर उ.प्र. 76.04 प्रतिशत, हापुड़ उ.प्र. 76.66 प्रतिशत, हमीरपुर उ.प्र. 76.55 प्रतिशत, बुलंदशहर उ.प्र. 76.40 प्रतिशत रहा।

जिले में एक लाख से अधिक घरों में पेयजल पहुंचाने की तैयारी

जिले के जल जीवन मिशन के अधिशासी अभियंता संदेश सिंह तोमर ने बताया कि जनपद में 987 करोड रुपए की लागत से 1 लाख से अधिक घरों में पानी पहुंचाने की तैयारी है। जिले के 3200 किलोमीटर की पाइप लाइन डाली गयी है। 132 पानी की टंकियां का निर्माण कराया जा रहा है। 56 भूमिगत जलाशयों का निर्माण कराया जा रहा है। 260 से अधिक गांव में पानी का ट्रायल टेस्टिंग भी हो चुकी है।

अमेठी में लगातार दहाड़ रहीं स्मृति ईरानी , कांग्रेस की चुप्पी लोगों में चर्चा का विषय

लखनऊ। पिछले लोकसभा चुनाव अमेठी से राहुल गांधी को हरा चुकी स्मृति ईरानी को भाजपा ने गांधी परिवार को हर जगह घेरने के लिए आगे कर दिया है। दक्षिण के वायनाड में भी स्मृति इरानी ने दौरा किया और वहां की जनता को अमेठी में हार की याद दिलायी। वे बार-बार राहुल गांधी को ललकार रही हैं, दूसरी ओर कांग्रेस की चुप्पी भाजपा के लिए अमृत की तरह काम कर रहा है।

स्मृति ईरानी के बार-बार राहुल गांधी को लेकर बोलने के बावजूद कांग्रेस की चुप्पी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इस संबंध में अमेठी के राजनीति जानकारों का कहना है कि कांग्रेस के बर्ताव ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को मायूस कर दिया है। वे जिले में आमजन को क्या जवाब दें, यही समझ नहीं पाते। इसी कारण कांग्रेस पदाधिकारी चुनावी चर्चा करना भी लगभग बंद कर दिये हैं। इससे कहीं न कहीं भाजपा को फायदा हो रहा है तो वहीं कांग्रेस कार्यकर्ता मायूस होते जा रहे हैं।

अभी इसी सप्ताह स्मृति ईरानी ने कहा था, ‘वायनाड में राहुल गांधी ने कहा कि वायनाड उनके परिवार की तरह है, मैं पूछना चाहती हूं कि अमेठी की जनता ने जिनको तीन लोकसभा चुनावों में बिना काम के जीताकर संसद भवन में भेजा, उसका क्या होगा।” यह लोगों के बीच खूब चर्चा का विषय बन रहा है। राहुल गांधी का अमेठी से चुनाव न लड़ने की स्थिति में इसका असर रायबरेली में भी पड़ेगा और वहां भी कांग्रेस उम्मीदवार को पटकनी खानी पड़ सकती है।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव नहीं लड़ते हैं तो पूरे प्रदेश में इसका असर पड़ेगा। मतदाताओं की बात तो बाद में आएगी, लेकिन कांग्रेस पदाधिकारी ही पहले मायूस हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में पहले से ही प्रदेश में लड़खड़ा रही कांग्रेस शून्य पर जा सकती है।

लोकसभा चुनाव : यूपी में प्रथम चरण की सीटों पर घट गई महिला उम्मीदवारों की गिनती

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मैदान में उतरे 80 उम्मीदवारों में से सिर्फ सात या 8.75 प्रतिशत महिलाएं हैं। यह आंकड़ा 2019 के आम चुनाव के पहले चरण से कम है जब 91 दावेदारों में से 12 या 13.18 प्रतिशत महिलाएं थीं। हालांकि, उनमें से कोई भी महिला उम्मीदवार विजयी नहीं रही। पिछले आम चुनाव में जो आठ सीटें प्रथम चरण में शामिल थी, इस बार उनमें से चार सीटों में फेरबदल हुआ है। गौरतलब है कि उप्र में कुल सात चरणों में चुनाव होगा। हर चरण में सीटवार राजनीतिक दलों ने महिला प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।

2019 के चुनाव में महिला प्रत्याशी

2019 के आम चुनाव में प्रथम चरण में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर की आठ सीटें थी। मतदान की तारीख थी 11 अप्रैल। इस चुनाव में आठ सीटों पर कुल 96 उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया था। इसमें 86 पुरुष और 10 महिला प्रत्याशी थी। सहारनपुर से 11, कैराना से 13, मुजफ्फरगनर से 10, बिजनौर से 13, मेरठ से 11, बागपत से 13, गाजियाबाद से 12 और गौतमबुद्ध से 13 प्रत्याशी मैदान में थे।

मुजफ्फरनगर, बिजनोर और गौतमबुद्ध नगर से एक भी महिला प्रत्याशी मैदान में नहीं थी। सहारनपुर से 2, कैराना से 3, मेरठ से 2, बागपत से 1 और गाजियाबाद से 2 महिला प्रत्याशी मैदान में थी। बड़े राजनीतिक दलों में कांग्रेस ने डाली शर्मा को गाजियाबाद से और समाजवादी पार्टी ने कैराना से तब्बसुम बेगम को उम्मीदवार बनाया था। इसके अलावा किसी बड़े दल ने महिला उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा था।

2024 में प्रथम चरण की सीटों में बदलाव

2024 के चुनाव में प्रथम चरण की सीटों में बदलाव हुआ है। सहारनपुर,कैराना,मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना (सु0), मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत आठ सीटें प्रथम चरण में शामिल हैं। इन आठा सीटों पर कुल 80 उम्मीदवार मैदान में हैं। 80 उम्मीदवारों में 73 पुरुष व सात महिला हैं। कैराना, मुरादाबाद और सहारनपुर में दो-दो महिला उम्मीदवार हैं और मुजफ्फरनगर में एक महिला उम्मीदवार है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, बिजनौर, पीलीभीत, रामपुर और नगीना में कोई महिला दावेदार नहीं है।

कैराना में समाजवादी पार्टी ने इकरा चौधरी को मैदान में उतारा है, जबकि प्रीति कश्यप राष्ट्रीय मजदूर एकता पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। रुचि वीरा समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार हैं और साधना सिंह मुरादाबाद से निर्दलीय उम्मीदवार हैं। सहारनपुर में तसमीम बानो और शबनम निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रही हैं, जबकि मुजफ्फरनगर में अकेली महिला उम्मीदवार कविता राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (सत्या) का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

2019 में उप्र से चुनी गई 11 महिला सांसद

2019 के आम चुनाव में उप्र से 11 महिला सांसद संसद पहुंची थी। इनमें से भाजपा की सर्वाधिक आठ महिला सांसद चुनी गई थी। वहीं, अपना दल (एस) कांग्रेस और बसपा की एक-एक महिला प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी से 13 महिला सांसद चुनी गई थीं। इनमें से भाजपा की सबसे ज्यादा 10 महिला सांसद चुन गई थी। वहीं, अपना दल (एस) कांग्रेस और सपा की एक-एक महिला उम्मीदवार जीती थी।

प्रथम चरण में 67.14 लाख महिला वोटर

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से आठ-सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना (सु0), मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान होगा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, प्रथम चरण के आठ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 1.43 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 76.23 लाख पुरुष, 67.14 लाख महिला तथा 824 ट्रांस जेंडर हैं। प्रथम चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को है।

राजनीतिक विशलेषक विनय मिश्र के अनुसार, इस बार पिछले चुनाव की तुलना में प्रथम चरण की सीटों में थोड़ा बदलाव हुआ है। राजनीतिक दल ऐसे चेहरे को मैदान में उतारते हैं, जिसकी जीतने की संभावना प्रबल हो। पार्टियां जातीय समीकरण और विपक्ष की रणनीति के हिसाब से चेहरा तय करती हैं। इसमें महिला और पुरुष का फैक्टर अहम नहीं होता।

चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन देवी मंदिरों में लगा भक्तों का तांता

लखनऊ। चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन उत्तर प्रदेश के देवी मंदिरों और शक्तिपीठों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा। मंदिरों में आने वाले भक्तों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो इसका भी ख्याल स्थानीय प्रशासन और मंदिर प्रंबधन की ओर से किया गया है। मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गये हैं।चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन आदिशक्ति के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की आरधना की जाती है। आज से नवरात्रि प्रारंभ हो गया है, जो 17 अप्रैल तक रहेगा।

मां के प्रथम दिन शैलपुत्री की पूजा होती है। इसी दिन महिलाएं घरों में घट स्थापना भी करती है। चैत्र नवरात्रि के अवसर पर प्रदेश के तमाम शक्ति पीठों में बलरामपुर की पाटनदेवी मंदिर, मीरजापुर में विंध्यावासिनी देवी आदि सहित लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, सहारनपुर, बनारस समेत कई जिलों स्थापित देवी मंदिरों सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है। सुबह के वक्त मंदिर प्रबंधन की ओर से मां की मंगल आरती के बाद भक्तों के लिए पट खोल दिए गए। घर की महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे अपने परिवार के साथ जगत जननी आदिशक्ति के प्रथम अवतार मां शैलपुत्री के दर्शन को पहुंच रहें।

सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम

देवी शक्तिपीठ, मंदिरों भक्तों के संख्या को देखते हुए मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन की ओर से सारी तैयारियां पहले से कर ली गई थी। मंदिर में दर्शन और परिसर के बाहर लगने वाले मेले में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद हैं। सीसीटीवी कैमरे से मेला परिसर और मंदिरों के प्रांगण पर नजर रखी जा रही है। मंदिरों में दर्शन को आने वाले भक्तों के लिए महिला और पुरूष के लिए अलग-अलग लाइन बनायी गई हैं ताकि सभी भक्त लाइन में लगकर बारी-बारी से मां के दर्शन कर सकें। गर्मी को देखते हुए पानी और ठहराव की व्यवस्था की गयी है।

जय माता दी के जयकारें से गुंज उठा

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री के दर्शन के लिए भोर पहर से ही भक्तों की लाइन मंदिर प्रांगण में लग चुकी है। हाथों में नारियल, लाल चुनरी और प्रसाद लेकर भक्त लाइन में खड़े होकर अपनी-अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच प्रेम से बोलो ‘जय माता दी’ के जयकारें से मंदिर प्रांगण गूंज उठा।

राम मंदिर के निर्माण से इंडी गठबंधन को नफरत : नरेन्द्र मोदी

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पीलीभीत से भाजपा उम्मीदवार जितिन प्रसाद के समर्थन में राजकीय इंटर कालेज में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित किया। जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सपा कांग्रेस के इंडी गठबंधन को भारत के विरासत की परवाह नहीं है। राम मंदिर के निर्माण से इंडी गठबंधन को पहले भी नफरत थी और आज भी नफरत है। भाजपा के स्व. कल्याण सिंह ने राम मंदिर के लिए सत्ता त्यागी, जबकि इंडी गठबंधन ने राम मंदिर का निमंत्रण ठुकराकर अपमान किया है।

उन्होंने कहा कि मोदी की गांरटी याने गारंटी पूरा होने की गारंटी। इंडी गठबंधन ने शक्ति को खत्म करने की सौगंध खाई है। जिस शक्ति की आज देशभर में पूजा हो रही है उस शक्ति का कांग्रेस ने घोर अपमान किया है। शक्ति को कोई उपासक इंडी गठबंधन को इस अपमान के लिए माफ नहीं करेगा।कहा कि कांग्रेस व सपा के राज में गन्ना किसानों को अपने ही पैसे के लिए तरसाया जाता था। भाजपा सरकार में गन्ना किसानों की परेशानी कम करने के लिए पूरी ताकत से काम किया और योगी जी तो पहले दिन से गन्ना किसानों की परेशानी दूर करने के लिए कई कदम उठाये। यह काम लगातार किया जा रहा है। सपा बसपा कांग्रेस के 14 साल में जितने रूपये गन्ना किसानों को मिले थे, उससे ज्यादा पैसे योगी सरकार ने गन्ना किसानों को दे दिये हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम लोग विकसित भारत के संकल्प को लेकर काम कर रहे हैं। भारत के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। जनता से सवालिया लहजे में मोदी ने पूछा दुनिया में भारत तेजी से बढ़ती आर्थिक ताकत बना तो आपको गर्व हुआ कि नहीं? हमारे चन्द्रयान ने जब चाँद पर तिरंगा फहराया,भारत में हुए भव्य जी—20 सम्मेलन की पूरी दुनिया में वाहवाही हुई आपको गर्व हुआ कि नहीं?

नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोरोना संकट में भारत ने पूरी दुनिया में दवाईयां भेजी व वैक्सीन भेजी। दुनिया में कहीं भी युद्ध का संकट आया हो। हम एक-एक भारतीय को सुरक्षित वापस लाये। देश जब मजबूत होता है तो दुनिया उसकी सुनती है। अब आप बताओ दुनिया में भारत का डंका बज रहा है कि नहीं। यह सब मोदी ने नहीं आपके एक वोट ने किया है। यह आपके वोट की ताकत है। आपके एक वोट से मजबूत निर्णायक व सशक्त सरकार बनी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब नियत सही होती है, हौंसले बुलंद होते हैं तो नतीजे भी सही मिलते हैं। चारों तरफ विकसित भारत का निर्माण होते हम देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि बांसुरी की सुरीली आवाज है तो दूसरी ओर टाईगर की दहाड़ भी है। यहां के नौजवानों के लिए रोजगार व स्वरोजगार के अवसर बन रहे हैं। पीलीभीत का पूरा क्षेत्र खेती किसानी के लिए जाना जाता है। 10 वर्ष पहले तक किसानों की क्या स्थिति थी। यूरिया की कालाबाजारी होती थी। किसानों को लाठियां खानी पड़ती थी। मोदी ने कहा पीलीभीत में आशीर्वाद देने आए परिवारजनों को आश्वस्त करता हूं कि आपके जीवन को आसान बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। मेरे जीवन का हर पल, हर क्षण जनसेवा और राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित है।