गिरिडीह लोकसभा चुनाव 2024:इस बार तीन कुर्मी उमीदवार किसका होगा उद्धार..? जाने गिरिडीह लोकसभा का हाल,समीकरण और इतिहास!
विनोद आनंद
इस बार गिरिडीह सीट पर सबकी निगाहे टिकी हुई है।एक साथ तीन कुर्मी उमीदवार मैदान में हैं जो एक दूसरे को शिकस्त देने का दावा कर रहे हैं। अब देखना ये है कि कौन किसके वोट की सेंधमारी कर रहे हैं और कौन किस पर भारी पर रहे हैं।
यू तो वर्तमान सांसद बीजेपी एलाइंस आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी हैं जो कुर्मी जाति से हैं। ये गिरिडीह सीट पर 2019 में चुनाव जीत चुके है।लेकिन इसके पूर्व भी गिरिडीह लोकसभा 2009 और 2014 भाजपा के खाते में गया और यहां से रविन्द्र पांडेय सांसद रहे। अब 2024 के महासंग्राम में जीत का ताज किसके सिर सजेगा, फिलहाल यह जनता तय करेगी। क्योंकि इस बार चंद्रप्रकाश चौधरी आजसू से फिर उम्मीदवार हैं।जेएमएम ने टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो को उतारा है, जिसे भी मजबूत जनाधार वाला नेता माना जाता है।साथ हीं छात्र आंदोलन और भाषा आंदोलन से अस्तित्व में आये जयराम महतो ने भी गिरिडीह लोक सभा में ताल ठोंक दिया है।हालांकि ये बिल्कुल नए खिलाड़ी हैं अपने सभाओं में भीड़ भी जुटा लेते हैं।लेकिन इस भीड़ को वोट में तब्दील कर पाते या नही यह तो समय बायतायेगा।फिलहाल यह बताया जा रहा है कि इस लोकसभा सीट पर ये ताज खुद झपटने में कामयाब रहते हैं या किसको जिताने में सहायक बनते हैं।राजनीतिक समीक्षकों की नज़र इसी पर है।फिलहाल हम किसी निष्कर्ष पर निकले उस से पहले गिरिडीह लोकसभा सीट का वोट के जातीय समीकरण, उसका प्रतिशत,और अब तक जीत का क्या इतिहास रहा इस पर एक नज़र डालते हैं।
गिरिडीह लोकसभा: समीकरण और इतिहास...
झारखंड की गिरिडीह पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का कब्जा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर सुदेश महतो की पार्टी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के चंद्रप्रकाश चौधरी ने जीत का परचम लहराया था। इस सीट पर भाजपा के रवींद्र कुमार पांडे सबसे ज्यादा छह बार सांसद रहे हैं। झारखंड राज्य के गठन होने के बाद से इस सीट पर भाजपा और झामुमो के बीच टक्कर होती रही है।
अलग राज्य का दर्जा मिलने के बाद पहली बार 2004 में यहां लोकसभा चुनाव हुआ था। इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के टेकलाल महतो ने जीत दर्ज की थी। टेकलाल ने चार बार के सांसद रवींद्र पांडेय को लगभग डेढ़ लाख मतों से शिकस्त दी थी।
इस सीट का क्या रहा राजनीतिक इतिहास
गिरिडीह लोकसभा सीट पर 1952 में पहली बार चुनाव हुआ था। यहां से कांग्रेस के नागेश्वर प्रसाद सिन्हा सांसद चुने गए थे। 1957 में काजी एसए मतीन छोटा नागपुर संथाल परगना जनता पार्टी से जीत दर्ज किए। वहीं 1962 में बटेश्वर सिंह निर्दल सांसद बने। 1967 में कांग्रेस के इम्तेयाज़ अहमद और 1971 में चपलेंदु भट्टाचार्य लोकसभा पहुंचे। 1977 में जनता पार्टी के रामदास सिंह ने इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
साल 1980 में कांग्रेस (आई) के उम्मीदवार बिंदेश्वरी दुबे ने जीत हासिल की। फिर 1984 में कांग्रेस से ही सरफराज अहमद सांसद चुने गए। 1989 में एक बार के सांसद रह चुके रामदास सिंह के भाजपा ने मैदान में उतारा और वह दोबारा सांसद बने। 1991 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के बिनोद बिहारी महतो ने इस सीट पर कब्जा किया। हालांकि 1996, 1998 और 1999 में लगातार तीन बार भाजपा के रवीन्द्र कुमार पांडे ने जीत हासिल कर भगवा लहराया।
वहीं झारखंड राज्य बनने के बाद 2004 में टेक लाल महतो जीते और झारखंड मुक्ति मोर्चा फिर इस सीट पर काबिज हुई। इसके बाद 2009 और 2014 में रवीन्द्र कुमार पांडे ने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। रवींद्र पांडे कुल छह बार यहां से सांसद रहे। वहीं 2019 के चुनाव में ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के उम्मीदवार चन्द्र प्रकाश चौधरी जीतकर लोकसभा पहुंचे।
क्षेत्र और मतदाता
गिरिडीह लोकसभा सीट झारखंड के 14 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। इसमें बोकारो, धनबाद और गिरिडीह जिले का जिले का कुछ हिस्सा शामिल है। 2019 के चुनाव के अनुसार इस सीट के कुल मतदाता 16 लाख 88 हजार 854 थी।
एससी मतदाता – 1 लाख 90 हजार 841 (11.3%)
एसटी मतदाता – 2 लाख 58 हजार 395 (15.3 %)
मुस्लिम मतदाता – लगभग 2 लाख 86 हजार 800 (17%)
ग्रामीण मतदाता – 10 लाख 28 हजार 512 (60.9%)
शहरी मतदाता – 6 लाख 60 हजार 342 (39.1%)
वर्ष 2019 के लोकसभा चनाव परिणाम
विजेता – चन्द्र प्रकाश चौधरी (आजसू )
वोट मिले – 648,277
वोट (%) – 58.57
उपविजेता – जगरनाथ महतो (झारखंड मुक्ति मोर्चा)
वोट मिले – 3,99,930
वोट (%) – 36.13
अंतर 248347
2014 चुनाव का परिणाम
विजेता – रवीन्द्र कुमार पांडे (बीजेपी)
वोट मिले – 3,91,913
वोट (%) – 40.40
उपविजेता – जगरनाथ महतो (जेएमएम)
वोट मिले – 3,51,600
वोट (%) – 36.25
अंतर 40,313
संसद के सदस्य
1952 – नागेश्वर प्रसाद सिन्हा – कांग्रेस
1957 – काजी एसए मतीन –छोटा नागपुर संथाल परगना जनता पार्टी
1962 – बटेश्वर सिंह – निर्दल
1967 – इम्तेयाज़ अहमद – कांग्रेस
1971 – चपलेंदु भट्टाचार्य – कांग्रेस
1977 – रामदास सिंह – जनता पार्टी
1980 – बिंदेश्वरी दुबे – कांग्रेस (आई)
1984 – सरफराज अहमद – कांग्रेस
1989 – रामदास सिंह – भाजपा
1991 – बिनोद बिहारी महतो – झारखंड मुक्ति मोर्चा
1996 – रवीन्द्र कुमार पांडे – भाजपा
1998 – रवीन्द्र कुमार पांडे – भाजपा
1999 – रवीन्द्र कुमार पांडे – भाजपा
2004 – टेक लाल महतो – झारखंड मुक्ति मोर्चा
2009 – रवीन्द्र कुमार पांडे – भाजपा
2014 – रवीन्द्र कुमार पांडे – भाजपा
2019 – चन्द्र प्रकाश चौधरी – ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन
Apr 07 2024, 07:04
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