लोकसभा चुनाव 2024 : समस्तीपुर सीट से चिराग पासवान ने इस नये चेहरे शांभवी को प्रत्याशी बना एक तीर से किए दो शिकार, जानिए कैसे
डेस्क : बिहार में इसबार लोकसभा चुनाव में कई बड़ा उलट-फेर देखने को मिला है। जिसमें सबसे बड़ा उलट-फेर लोजपा (आर) सुप्रीमो चिराग पासवान की ओर से रहा है। पिता की बनाई पार्टी लोजपा के दो फाड़ होने के बाद और चाचा पारस से चल रहे खींचतान में आखिरकार वे बाजी मार ले गए।
पार्टी के दो फाड़ होने के बाद भी संयम से एनडीए के साथ रहे चिराग पासवान ने आखिरकार बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की आशीर्वाद पा ही लिया। उन्होंने ऐसा कमाल कर दिया कि जहां पहले अपने पिता की परंपरागत सीट हाजीपुर को लेकर उनके चाचा पारस के ठने में ही उनकी जीत नहीं हुई बल्कि एनडीए सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहने के बाद भी चाचा पारस को एक भी सीट नही मिल सकी और एकीकृत लोजपा के जितने भी सीट थे वे चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (आर) को मिल गई।
इधर चाचा पारस को राजनीति के खेल मे मात देने के बाद अब चिराग पासवान ने एक और बड़ा दाव खेला है। उन्होंने समस्तीपुर सीट से वर्तमान सांसद चचरे भाई प्रिंस राज की कोशिश के बावजूद भी बीते समय में साथ छोड़ने की सजा देते हुए जहां उनका पत्ता साफ कर दिया है। वहीं यहां से एक ऐसी प्रत्याशी को टिकट दिया है। जिससे वे एक संकेत देना चाहते है कि वे युवा, पढ़े-लिखे और सभी जाति समुदाय और वर्ग की राजनीति करना चाहते है।
दरअसल लोजपा (रामविलास) ने समस्तीपुर सीट से शांभवी चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है। हालांकि यह नाम लोगों को लिए एकदम नया है। लेकिन इनकी पारिवारिक पृष्टिभूमि से पूरा बिहार परिचित है।
कौन है शांभवी चौधरी
आइए आपको बताते है कि यह शांभवी चौधरी कौन है और इन्हे प्रत्याशी बनाकर चिराग पासवान ने कैसे एक तीर से दो शिकार किया है।
महज 25 साल की शांभवी चौधरी बिहार के एक जानेमाने राजनीतिक घराने से है। इनके पिता अशोक चौधरी बिहार सरकार में मंत्री है और सीएम नीतीश कुमार के काफी करीबी है। वहीं इनके दादा दिवंगत महावीर चौधरी का बिहार के राजनीति में बड़ा नाम रहा है। महावीर चौधरी बिहार में जब कांग्रेस पार्टी की सरकार हुआ करती थी उसमें कई विभागों के मंत्री रह चुके थे। वैसे इनके पिता अशोक चौधरी भी लंबे समय तक कांग्रेस मे रहे और बिहार में जब महागठबंधन की सरकार थी तो उसमें भी मंत्री रहे थे।
शांभवी ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पीजी की पढ़ाई की है, जबकि दिल्ली यूनिवर्सिटी के ही लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। वहीं इनकी शादी बिहार ही नहीं देश में चर्चित रहे पूर्व आईपीएस अधिकारी व महावीर मंदिर न्यास के सचिव किशोर कुणाल के बेटे सायण कुणाल से हुई हैं। सायण कुणाल एक बिजनेस मैन है और शांभवी अपने पति के विजनेश में भी सपोर्ट कर रही हैं।
चिराग पासवान ने शांभवी को समस्तीपुर से प्रत्याशी बनाकर जहां ये संदेश देने की कोशिश की है कि उनकी पार्टी युवा और पढ़े-लिखे लोगों को राजनीति में आगे बढ़ाना चाहती है। इसके साथ ही भाई प्रिंस राज के धोखे की सजा देने का बदला भी ले लिया है। वहीं अब अपनी छवि सिर्फ एक बड़े दलित नेता के तौर पर नहीं बल्कि सभी जाति और समुदाय के नेता के तौर पर अपनी छवि बनाना चाहते है।
आपको बता दें कि शांभवी दलित है जबकि उनकी शादी सवर्ण यानि भूमिहार जाति में हुई है।
बहरहाल अब देखने वाली बात यह होगी चिराग पासवान का यह दांव समस्तीपुर में कहां तक कामयाब होता है।
Apr 02 2024, 15:25