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एनडीए की लहर से इंडी गठबंधन हताश हो चुका: अनुप्रिया पटेल

लखनऊ। अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मेरठ में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए कहा कि एनडीए की लहर से इंडी गठबंधन हताश हो चुका है। समाजवादी पार्टी अपने उम्मीदवारों में रोज बदलाव कर रही है। प्रधानमंत्री ने अगले 25 वर्षों में भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प लिया है। इस यज्ञ में जनता का एक-एक वोट अपना काम करेगा।

अनुप्रिया ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलना पूरे देश के लोगों के लिए गौरव का क्षण रहा है। मेरठ की इस क्रांतिधरा से 2024 के चुनाव का शंखनाद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं। इससे पहले के दो लोकसभा चुनावों में भी मेरठ की धरती से चुनाव प्रचार का श्रीगणेश किया था। यह धरती एनडीए गठबंधन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। देश में एनडीए की मजबूत सरकार बनी है। दस साल के कार्यकाल के बाद एनडीए सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच आई है। दोनों बार जनता ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अपना भरोसा जताया। सरकार ने भी विकास के अनेक कीर्तिमान स्थापित किए। चार जून को एनडीए गठबंधन तीसरी बार देश की बागडौर संभालेगा। 2014 के पहले भारत की अर्थव्यवस्था 11वें नंबर पर थी, आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत आज परिवर्तन के नए युग में प्रवेश कर चुका है।

लोकसभा चुनाव : मेरठ में रैली स्थल पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

लखनऊ। मेरठ में आयोजित भारत रत्न चौधरी चरण सिंह गौरव समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच पर पहुंच गए हैं। इस दौरान एनडीए गठबंधन के घटक दलों के नेता भी मंच पर मौजूद रहे।

केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के मैदान में रविवार को आयोजित भारत रत्न चौधरी चरण सिंह गौरव समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दस वर्षों में देश की नई दिशा तय की है। दुनिया में भारत अग्रणी स्थान पर आ गया है। हमारे लिए गर्व की बात है कि दस वर्षों में सरकार ने गरीब, किसान, युवा, महिलाओं की चिंता की है। 2024 के चुनाव में 400 सीटें पार कर नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाया जाएगा। हरियाणा की दस की दस सीटों पर कमल का फूल खिलेगा। इसी तरह से उत्तर प्रदेश में शत-प्रतिशत सीटों पर भाजपा को जीत हासिल होगी। एक-एक समस्या का समाधान दस वर्षों के अंदर मोदी जी ने किया है।

यह अलंकरण आडवाणी के ''राष्ट्र प्रथम'' की भावना का सम्मान है : सीएम योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व उप प्रधानमंत्री व गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को रविवार को ''भारत रत्न'' से सम्मानित किए जाने पर बधाई दी। अपने सोशल मीडिया अकाउंट ''एक्स'' पर सीएम योगी ने लिखा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा आज ''भारत रत्न'' से विभूषित होने पर भाजपा परिवार के वरिष्ठ सदस्य एवं हम सभी के मार्गदर्शक, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को हार्दिक बधाई! यह अलंकरण उनकी लोक-निष्ठा, ''राष्ट्र प्रथम'' की भावना एवं ''एक भारत-श्रेष्ठ भारत'' के निर्माण में उनके अविस्मरणीय योगदानों का सम्मान है।

लोकसभा चुनाव : नरेंद्र मोदी नहीं होते तो चौधरी चरण सिंह को नहीं मिलता भारत रत्न : जयंत सिंह

लखनऊ । मेरठ में सोमवार को भारत रत्न चौधरी चरण सिंह गौरव समारोह में रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने कहा कि भारत रत्न का चिन्ह असली कमाई देश के किसानों, कमेरों, युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने के बाद प्रधानमंत्री का पहला पड़ाव मेरठ की धरती पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौधरी चरण सिंह को सम्मान दिया है। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं होते तो चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न नहीं मिलता है। यह एक साहसिक फैसला है।

लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेरठ में पहली चुनावी रैली में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में चौधरी चरण सिंह का बड़ा योगदान रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये भी जानते हैं कि चौधरी चरण सिंह गुजरात को अपने आध्यात्मिक और राजनीतिक जीवन शैली की पीठ मानते थे। जो भी समाज सुधार का काम चौधरी साहब ने किया, वह उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती से सीखा और उनसे प्रेरणा ली। चौधरी साहब सरदार वल्लभभाई पटेल को अपना आदर्श मानते थे। हमें चौधरी साहब की विचाधारा और विरासत को आगे बढ़ाना है। वे भ्रष्टाचार के विरोधी थे।

चौधरी चरण सिंह की ईमानदारी का किस्सा सुनाते हुए जयंत सिंह ने कहा कि सर्वोच्च पद पर बैठे नेता की नैतिक जिम्मेदारी होती है। भ्रष्टाचार ऊपर से लेकर नीचे तक जाता है। अधिकारी व कर्मचारी भ्रष्ट हो सकते हैं। जिस दिन सर्वोच्च पद पर बैठा व्यक्ति भ्रष्ट हो जाएगा तो कोई उपाय नहीं रहेगा।

उन्होंने कहा कि आज गंभीर आरोपों में जेल के अंदर रहकर भी सत्ता के सुख को लोग भोगना चाहते हैं। चौधरी साहब की ईमानदारी को याद किया जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी कहते थे कि ऊपर से चले एक रुपए का धरातल पर केवल 15 पैसे ही पहुंचता है, जबकि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का पैसा सीधा लाभार्थी के खाते में जाता है। यह नैतिकता और ईमानदारी का उदाहरण है।उन्होंने कहा कि चौधरी साहब जातिभेद, लिंगभेद के खिलाफ थे। एनडीए को ताकत देने में मेरठ अपनी भूमिका को निभाएगा। चौधरी साहब मेरठ से चंदा लेकर उड़ीसा तक चुनाव लड़ते थे। मेरठ से ही मोदी सरकार का 400 पार का नारा साकार होगा।

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राजबब्बर पर दोष सिद्धि को किया निलम्बित

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के तत्कालीन प्रत्याशी राजबब्बर को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से राहत मिली है। जस्टिस मोहम्मद फैज आलम खान ने राजबब्बर की ओर से दाखिल अर्जी पर आदेश देते हुए दोष सिद्धि के आदेश को निलम्बित कर दिया है।बता दें कि लखनऊ के वजीरगंज थाना क्षेत्र में सन 1996 में हुए एक मतदान केन्द्र पर मतदान अधिकारी श्रीकृष्ण सिंह और वहां उपस्थित शिवकुमार से तत्कालीन समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजबब्बर और उनके साथी ने मारपीट की थी। जिसके बाद मुकदमे में सात जुलाई 2022 को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राजबब्बर पर दोष सिद्ध करार दिया था और दो वर्षों के कारावास की सजा सुनाई थी।

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस मोहम्मद फैज की ओर से इस मामले की अगली सुनवाई एक मई को होनी सुनिश्चित की गयी है। इसके साथ में राज्य सरकार की ओर से मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश जारी हुआ है।

माफिया के जनाजे के बीच मुख्तार के फरार शूटरों पर रहेगी खुफिया तंत्र की निगाहें

लखनऊ । माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत के बाद पूरे यूपी में हाई अलर्ट है। खासकर मऊ और गाजीपुर में पुलिस और खुफिया तंत्र पूरी तरीके से मुस्तैद है । शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद माफिया मुख्तार अंसारी का शव कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के साथ गाजीपुर के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद के लिए रवाना हो गया। शनिवार की सुबह मुख्तार अंसारी को सुपुर्दे खाक किया जाएगा। मुख्तार के जनाजे में भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद रहने की संभावना है।

देर रात तक पहुंचेगा मुख्तार का शव, शनिवार को सुबह होगा सुपुर्दे खाक

प्रशासन इसके लिए कड़ा इंतजाम कर रखे हैं। बांदा से पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार कैसा हो गाजीपुर के लिए रवाना हो गया है ऐसे में मुख्तार के जनाजे में जुटने वाली भीड़ और लोगों पर प्रशासन नजर बनाए हुए हैं। जनाजे में खुफिया तंत्र की निगाहें मुख्तार के फरार शूटरों और सहयोगियों पर बनी रहेगी। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरीके से मुस्तैद है। खुफिया तंत्र की निगाहें माफिया मुख्तार की फरार बीवी अफसा अंसारी पर भी रहेगी महिलाओं के भीड़ में अफसा अंसारी के होने पर भी संदेह जताया जा रहा है। ऐसे में माफिया मुख्तार अंसारी के जनाजे को लेकर प्रशासन काफी सतर्क है। मुख्तार अंसारी को धार्मिक रीति रिवाज के तहत शनिवार को गाजीपुर के काली बाग कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया जाएगा।

अपराध की दुनिया का मुख्तार बन बैठा सियासत का बादशाह,निजाम बदलते खत्म हुई बात बादशाहत फिर भी विपक्ष का चहेता था मुख्तार

लखनऊ । मऊ सदर सीट से पांच बार का विधायक रहे माफिया मुख्तार अंसारी गुरुवार की देर शाम हार्ट अटैक से मौत हो गई। मुख्तार अंसारी बांदा के मंडल जेल में बंद थे और बीमार थे हाल ही में उनका बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती भी कराया गया था जहां हालत स्थिर होने पर उन्हें वापस जेल भेज दिया गया था। मुख्तार अंसारी के मौत से पूरे यूपी में हाई अलर्ट है और सियासत भी गरमाती नजर आ रही है। जहां विपक्ष सरकार को घेरने में लगी हुई है वही माफिया मुख्तार के परिवार वाले भी मुख्तार की मौत पर संदेह जाहिर कर रहे हैं। पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार अंसारी को उनके पैतृक गृह जनपद गाजीपुर के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया जाएगा।

गाजीपुर के एक छोटे से कस्बे यूसुफपुर मोहम्मदाबाद से निकलकर एक युवा मुख्तार अंसारी कैसे माफिया मुख्तार अंसारी बन गया इसकी कहानी भी काफी दिलचस्प है। गाजीपुर के यूसुफपुर मोहम्मदाबाद में सुब्हानऊल्लाह अंसारी और बेगम राबिया के घर जन्मे मुख्तार अंसारी का पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीति वाला रहा मुख्तार के दादा मुख्तार अहमद अंसारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महात्मा गांधी के काफी करीबी रहे तो वहीं मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर उस्मान भी महावीर चक्र विजेता रहे। घर के राजनीतिक माहौल के बावजूद मुख्तार युवावस्था में दबंगई और प्रभावशाली व्यक्ति बनने का महत्वकांक्षा रखकर बीएचयू की राजनीति से शुरूआत की। लेकिन पैसों की जरूरत में मुख्तार को जरायम की दुनिया की तरफ बढ़ा दिया। लोगों को मुख्तार के अपराधिक प्रवृत्ति की जानकारी तब हुई जब उसने पैसों की जरूरत पूरी करने के लिए तत्कालीन विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष नंदकिशोर रुंगटा का अपहरण कर लिया और फिरौती के तीन करोड रुपए मांगे फिरौती मिलने के बाद भी नंदकिशोर रुंगटा की हत्या कर दी गई।

इस घटना के बाद मुख्तार अपराध की दुनिया का नया खिलाड़ी बनकर निकला। अब बड़े-बड़े माफिया गैंग मुख्तार के संपर्क में आने लगे। उसे समय के बड़े गैंग मखनू सिंह का गिरोह पूर्वांचल में सक्रिय था और मुख्तार उसका हिस्सा बन गया। इसके बाद मुख्तार ने फिर मुड़ कर नहीं देखा मुख्तार ने अपने बल पर अपने बड़े भाई अफजाल अंसारी को विधायक बनाया लेकिन मुख्तार कब लगने लगा था कि उसे अपराध में संरक्षण के लिए राजनीति में जाना जरूरी हो गया है। 1996 तक आते-आते मुख्तार अंसारी पूर्वांचल का माफिया बन गया था पूर्वांचल के कोयला ठेके से लेकर के रेलवे ठेके तक और तमाम सरकारी ठेकों में उसकी दखलअंदाजी बढ़ गई थी बिना मुख्तार के पर्मिशन ठेके मिलने मुश्किल हो गए थे मुख्तार के अपराध का साम्राज्य लगातार बढ़ता जा रहा था और उसके ऊपर मुकदमे भी बढ़ते जा रहे थे। फिर क्या था 1996 में मुख्तार अंसारी ने बसपा से टिकट मांगा और पड़ोस के जिले मऊ के मऊ सदर सीट से मैदान में कूद गया।

मुख्तार ने सीट से जीत हासिल की ओर विधायक बन बैठा धीरे-धीरे मुख्तार की पकड़ राजनीति में मजबूत होती गई और वह मऊ सदर को अपना गढ़ बनाकर लगातार पांच बार जीत हासिल कर इतिहास रच दिया। मुख्तार इस सीट से 1996 से लगातार 2022 तक विधायक रहा 2022 में किन्हीं कारणों से उसने यह सीट छोड़ दी और अपने बेटे अब्बास अंसारी को यहां से मैदान में उतार दिया मुख्तार के बेटे अब्बास ने भी इस सीट से जीत हासिल कर विधानसभा की राह पकड़ ली। 2005 में मऊ में हुए सांप्रदायिक दंगों में खुली जिप्सी से मुख्तार का लहराता हुआ वीडियो जमकर वायरल हुआ और उसके बाद इस दंगे के आरोप में मुख्तार को जेल जाना पड़ा 2005 में ही गाजीपुर के मोहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की उनके सात साथियों के साथ गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में भी माफिया मुख्तार अंसारी का नाम आया और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन मुख्तार का रसूख राजनीति में इतना बढ़ गया था कि वह तत्कालीन राजनीतिक पार्टियों का चहेता बन गया था।

पूर्वांचल के दो दर्जन लोकसभा सीटों और 50 से 60 विधानसभा सीटों पर माफिया मुख्तार अंसारी का प्रत्यक्ष या परोक्ष प्रभाव ही राजनीतिक दलों की मजबूरी थी। पूर्वांचल के वाराणसी गाजीपुर बलिया जौनपुर और मऊ में मुख्तार का वर्चस्व रहा लेकिन यूपी का निजाम बदलते ही मुख्तार की बादशाह जाती रही। पंजाब जेल में बंद मुख्तार अंसारी को यूपी लाया गया और बांदा जेल में निरुद्ध कर दिया गया जहां से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही उसकी सुनवाई होती रही। मुख्तार अंसारी के 500 करोड़ की संपत्ति या तो जप्त कर दी गई है उसे पर बुलडोजर चला दिया गया मुख्तार के करीबियों के सम्पत्ति पर भी चुन चुन कर बुलडोजर चलाए गए । बुलडोजर चलने और कार्यवाही का खौफ इस कदर था कि जिस मुख्तार अंसारी की 90 के दशक में तूती बोलती थी 2022 तक आते-आते उस माफिया मुख्तार अंसारी के नाम के साथ लोग अपना नाम जोड़ने में भी डरने लगे थे।

गाजीपुर में पिता और मां के बगल में दफन होगा मुख्तार

लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पैतृक कस्बा मुहम्मदाबाद में सन्नाटा पसरा है। शोक में शुक्रवार को कस्बे में दुकानें व बाजार बंद रहीं। मुख्तार अंसारी का शव देर शाम तक पहुंचने की संभावना जताई गई है। साथ ही बताया जा रहा है कि शनिवार की सुबह मुख्तार अंसारी के शव को दफन किया जाएगा। चूंकि मुख्तार अंसारी का पोस्टमार्टम हो चुका है।

गुरुवार की रात जैसे ही मुख्तार की तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा के मेडिकल कालेज के अस्पताल में भर्ती कराने की सूचना मिली लोगों का हुजूम पैतृक आवास फाटक पर उमड़ पड़ा। मौत के बाद कई बार भीड़ उग्र भी हुई। मुख्तार अंसारी के विधायक भतीजे सुहैब अंसारी के समझाने के बाद भी भीड़ अपने घर जाने को तैयार नहीं थी। एसपी व डीएम को देख भीड़ ने शोर मचाना शुरू किया, लेकिन समझाने के बाद लोग शांत हो गए। शुक्रवार की सुबह से ही लोगों के हुजूम से फाटक भरा पड़ा है। करीब सवा चार सौ किमी से अधिक बांदा की दूरी होने के कारण शव शाम छह बजे के आस-पास पहुंचने की संभावना जताई गई है।

सुबह डीएम आर्यका अखौरी व एसपी ओमवीर सिंह फाटक पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि यहां कम से कम भीड़ लगे। जो भी लोग आ रहे हैं, उन्हें कुछ ही देर बाद वापस भेज दिया जाए। पुलिस ने वाहनों को रोकने के लिए तहसील, केसरी मोड़, पावर हाउस रोड, फाटक के बगल में अंसारी स्कूल मार्ग पर बैरियर लगा दिया है। कस्बे में चप्पे- चप्पे पर फोर्स की तैनाती की गई है। मौत के बाद लोग सरकार को कोस रहे हैं, लेकिन खुलकर नहीं बोल रहे हैं। मुख्तार अंसारी के परिवार की कब्रिस्तान काली बाग में कब्र की खोदाई की जा रही है। मुख्तार की कब्र अपने पिता व मां के समीप होगी।

प्रेमी युगल ने ट्रेन से कटकर दी जान

लखनऊ । बरेली के आंवला क्षेत्र स्थित रेवती बहोड़ा खेड़ा स्टेशन के निकट गुरुवार की देर रात को बरेली-चंदौसी रेल लाइन पर एक प्रेमी युगल ने एक ट्रेन से कटकर जान दे दी। गश्त के दौरान पुलिसकर्मियों को शव पड़े होने की जानकारी मिली तो आंवला कोतवाली पुलिस को अवगत कराया गया। मौके पर पहुंची आंवला पुलिस ने शवों की शिनाख्त कर घटना की जानकारी मृतकों के परिवार को दी।

पुलिस ने मृतकों की पहचान बारी खेड़ा गांव निवासी सूरज (22) और कुसमरा गांव के रहने वाले नन्हे लाल की बेटी छाया के रूप में हुई है। दोनों के गांव की दूरी लगभग सात किलोमीटर है। गावों से घटना स्थल की दूरी लगभग तीन किलोमीटर है। सूरज की बहन राजकुमारी की शादी छाया के चचेरे भाई जितेंद्र से हुई थी। सूरज का बहन के यहां आना-जाना रहता था, तभी छाया से प्रेम हो गया और दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे। परिवार वाले राजी नहीं थे। इसी वजह से प्रेमी युगल ने बीती रात मौका पाकर ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। फिलहाल पुलिस शवों को पोस्टमार्टम भेजकर मामले की जांच में जुट गई है।

मुख्तार के अंतिम संस्कार में पत्नी अफसा बेगम और पुत्र अब्बास की उपस्थिति पर संशय बरकरार

लखनऊ। मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से पांच बार के विधायक रहे पूर्व विधायक व माफिया मुख्तार अंसारी का शव बांदा से उनके पैतृक गांव गाजीपुर जनपद के यूसूफपुर मोहम्मदाबाद लाया जा रहा है। यहां पर उनके पुस्तैनी कब्रिस्तान काली बाग में उनको दफनाया जायेगा। दुनिया को मुट्ठी में कैद करने की ख्वाहिश रखने वाले डॉन मुख्तार अंसारी को अंत में काली बाग के कब्रिस्तान में सात गुणे तीन फीट की जमीन मिली है। उनको सुपुर्दे खाक किए जाने के समय उनकी पत्नी अफसा बेगम और पुत्र अब्बास अंसारी मौजूद रहेंगे या नहीं इस पर अभी तक संशय बरकरार है।

मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा बेगम काफी लंबे अरसे से फरार चल रही है। प्रशासन ने उस पर पचास हजार रुपये का इनाम रखा है। ऐसे में अब यह कयास लगाया जाने लगा है कि मिट्टी देने के लिए मुख्तार की पत्नी कब्रिस्तान आएगी या नहीं। वहीं, मुख्तार अंसारी के बड़े पुत्र मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी फिलहाल जेल में बंद है। उनकी हाई कोर्ट में पैरोल की सुनवाई नहीं हो पाई है। फिलहाल उनके तरफ से सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी लगाई जाने की बात आ रही है। अब ऐसे में विधायक की पत्नी और बड़े पुत्र उनके अंत्येष्टि में शामिल होते हैं या नहीं यह संशय अभी भी बरकरार है।

पारिवारिक सूत्रों के अनुसार मुख्तार अंसारी के शव को दफनाने के लिए उनके पिता सुभानुल्लाह अंसारी के कब्र के पीछे कब्र खोदी गई है। मुख्तार के निधन की सूचना के बाद से ही उनके आवास और कब्रिस्तान में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।