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गाजीपुर में पिता और मां के बगल में दफन होगा मुख्तार

लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पैतृक कस्बा मुहम्मदाबाद में सन्नाटा पसरा है। शोक में शुक्रवार को कस्बे में दुकानें व बाजार बंद रहीं। मुख्तार अंसारी का शव देर शाम तक पहुंचने की संभावना जताई गई है। साथ ही बताया जा रहा है कि शनिवार की सुबह मुख्तार अंसारी के शव को दफन किया जाएगा। चूंकि मुख्तार अंसारी का पोस्टमार्टम हो चुका है।

गुरुवार की रात जैसे ही मुख्तार की तबीयत बिगड़ने के बाद बांदा के मेडिकल कालेज के अस्पताल में भर्ती कराने की सूचना मिली लोगों का हुजूम पैतृक आवास फाटक पर उमड़ पड़ा। मौत के बाद कई बार भीड़ उग्र भी हुई। मुख्तार अंसारी के विधायक भतीजे सुहैब अंसारी के समझाने के बाद भी भीड़ अपने घर जाने को तैयार नहीं थी। एसपी व डीएम को देख भीड़ ने शोर मचाना शुरू किया, लेकिन समझाने के बाद लोग शांत हो गए। शुक्रवार की सुबह से ही लोगों के हुजूम से फाटक भरा पड़ा है। करीब सवा चार सौ किमी से अधिक बांदा की दूरी होने के कारण शव शाम छह बजे के आस-पास पहुंचने की संभावना जताई गई है।

सुबह डीएम आर्यका अखौरी व एसपी ओमवीर सिंह फाटक पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि यहां कम से कम भीड़ लगे। जो भी लोग आ रहे हैं, उन्हें कुछ ही देर बाद वापस भेज दिया जाए। पुलिस ने वाहनों को रोकने के लिए तहसील, केसरी मोड़, पावर हाउस रोड, फाटक के बगल में अंसारी स्कूल मार्ग पर बैरियर लगा दिया है। कस्बे में चप्पे- चप्पे पर फोर्स की तैनाती की गई है। मौत के बाद लोग सरकार को कोस रहे हैं, लेकिन खुलकर नहीं बोल रहे हैं। मुख्तार अंसारी के परिवार की कब्रिस्तान काली बाग में कब्र की खोदाई की जा रही है। मुख्तार की कब्र अपने पिता व मां के समीप होगी।

प्रेमी युगल ने ट्रेन से कटकर दी जान

लखनऊ । बरेली के आंवला क्षेत्र स्थित रेवती बहोड़ा खेड़ा स्टेशन के निकट गुरुवार की देर रात को बरेली-चंदौसी रेल लाइन पर एक प्रेमी युगल ने एक ट्रेन से कटकर जान दे दी। गश्त के दौरान पुलिसकर्मियों को शव पड़े होने की जानकारी मिली तो आंवला कोतवाली पुलिस को अवगत कराया गया। मौके पर पहुंची आंवला पुलिस ने शवों की शिनाख्त कर घटना की जानकारी मृतकों के परिवार को दी।

पुलिस ने मृतकों की पहचान बारी खेड़ा गांव निवासी सूरज (22) और कुसमरा गांव के रहने वाले नन्हे लाल की बेटी छाया के रूप में हुई है। दोनों के गांव की दूरी लगभग सात किलोमीटर है। गावों से घटना स्थल की दूरी लगभग तीन किलोमीटर है। सूरज की बहन राजकुमारी की शादी छाया के चचेरे भाई जितेंद्र से हुई थी। सूरज का बहन के यहां आना-जाना रहता था, तभी छाया से प्रेम हो गया और दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे। परिवार वाले राजी नहीं थे। इसी वजह से प्रेमी युगल ने बीती रात मौका पाकर ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। फिलहाल पुलिस शवों को पोस्टमार्टम भेजकर मामले की जांच में जुट गई है।

मुख्तार के अंतिम संस्कार में पत्नी अफसा बेगम और पुत्र अब्बास की उपस्थिति पर संशय बरकरार

लखनऊ। मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से पांच बार के विधायक रहे पूर्व विधायक व माफिया मुख्तार अंसारी का शव बांदा से उनके पैतृक गांव गाजीपुर जनपद के यूसूफपुर मोहम्मदाबाद लाया जा रहा है। यहां पर उनके पुस्तैनी कब्रिस्तान काली बाग में उनको दफनाया जायेगा। दुनिया को मुट्ठी में कैद करने की ख्वाहिश रखने वाले डॉन मुख्तार अंसारी को अंत में काली बाग के कब्रिस्तान में सात गुणे तीन फीट की जमीन मिली है। उनको सुपुर्दे खाक किए जाने के समय उनकी पत्नी अफसा बेगम और पुत्र अब्बास अंसारी मौजूद रहेंगे या नहीं इस पर अभी तक संशय बरकरार है।

मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा बेगम काफी लंबे अरसे से फरार चल रही है। प्रशासन ने उस पर पचास हजार रुपये का इनाम रखा है। ऐसे में अब यह कयास लगाया जाने लगा है कि मिट्टी देने के लिए मुख्तार की पत्नी कब्रिस्तान आएगी या नहीं। वहीं, मुख्तार अंसारी के बड़े पुत्र मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी फिलहाल जेल में बंद है। उनकी हाई कोर्ट में पैरोल की सुनवाई नहीं हो पाई है। फिलहाल उनके तरफ से सुप्रीम कोर्ट में भी अर्जी लगाई जाने की बात आ रही है। अब ऐसे में विधायक की पत्नी और बड़े पुत्र उनके अंत्येष्टि में शामिल होते हैं या नहीं यह संशय अभी भी बरकरार है।

पारिवारिक सूत्रों के अनुसार मुख्तार अंसारी के शव को दफनाने के लिए उनके पिता सुभानुल्लाह अंसारी के कब्र के पीछे कब्र खोदी गई है। मुख्तार के निधन की सूचना के बाद से ही उनके आवास और कब्रिस्तान में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

कौशांबी के तीन युवक गंगा में समाए

लखनऊ । प्रतापगढ़ के मानिकपुर थाना के करेंटी घाट पर शुक्रवार को कौशांबी के तीन युवक गंगा में डूब गए। शुक्रवार अपराह्न लगभग दो बजे अभिषेक पटेल (18) पुत्र राम प्रकाश पल्टीपुर कोखराज, आदित्य जायसवाल( 20)पुत्र वीरेंद्र बम्हरली कोखराज, शुभम (19)पुत्र आत्माराम बसावनपुर कोखराज अपने साथी अभिषेक कुमार (22)पुत्र धनुष राम बसावनपुर व शशांक पाल (23)पुत्र बृजेश पाल बसावनपुर के साथ करेंटी घाट पर गंगा स्नान करने आए हुए थे। अभिषेक पटेल , आदित्य जायसवाल व शुभम गहरे पानी में चले गए और डूब गए। मछुआरों को उनकी तलाश में लगाया गया है। हालांकि अभी तक उनका पता नहीं चल सका है। स्वजन भी मौके पर आ गए हैं।

माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच की जाएगी

लखनऊ । बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच की जाएगी। जांच के लिए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेड गरिमा सिंह एमएपीएमएलए कोर्ट बांदा को जांच अधिकारी बनाया गया है। जांच की रिपोर्ट एक महीने में देने का आदेश दिया गया है। मुख्तार की बृहस्पतिवार रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी जिसके बाद से ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की थी।

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट पर कहा था कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या कैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान 1479 लाख नकदी, 3527 लाख की ड्रग जब्त

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने शुक्रवार को एक जारी बयान में बताया कि लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 में आबकारी, आयकर, पुलिस एवं नार्कोटिक्स विभाग एवं अन्य प्रवर्तन एजेंसियों ने एक मार्च से 28 मार्च तक 1479.20 लाख रुपये नकद धनराशि, 2242.06 लाख रुपये कीमत की 632245.35 लीटर शराब, 3527.60 लाख रुपये कीमत की 4499949.66 ग्राम ड्रग, 1778.18 लाख रुपये कीमत की 39163.86 ग्राम बहुमूल्य धातुएं, 1.43 लाख रुपये के 298 मुफ्त उपहार एवं 112.34 लाख रुपये कीमत की 896.21 अन्य सामग्री जब्त की गयी।

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि अभी तक कुल 9140.81 लाख रुपये कीमत की ड्रग, नकदी, मुफ्त उपहार, शराब, बहुमूल्य धातुएं व अन्य सामग्री जब्त किया है। 28 मार्च को निर्वाचन टीमों की सक्रियता के कारण जनपद गाजीपुर की गाजीपुर विधानसभा क्षेत्र में दो करोड़ रुपये अनुमानित कीमत की एक किलोग्राम ड्रग को पकड़ कर जब्त किया गया है।

नवदीव रिणवा ने बताया कि जनपदों में निर्वाचन की टीमों की कार्रवाईयों में जनपद बहराइच की नानपारा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 74 लाख रुपये अनुमानित कीमत की 7.4 किलोग्राम ड्रग तथा जनपद गाजियाबाद की गाजियाबाद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 13.54 लाख रुपये नकद धनराशि पकड़ी गयी। आबकारी, आयकर, पुलिस एवं नार्कोटिक्स विभाग एवं अन्य प्रवर्तन एजेंसियां प्रत्येक संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखकर जब्त की कार्रवाई कर रही है।

मुख्तार अंसारी की मौत की न्यायिक जांच हो : माले

लखनऊ। भाकपा (माले) ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की बांदा में मौत की न्यायिक जांच की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि अंसारी की मौत हत्या भी हो सकती है, इसलिए सच्चाई को सामने लाने के लिए न्यायिक जांच जरुरी है।राज्य सचिव सुधाकर यादव ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि मौत से पहले पूर्व विधायक ने अदालत में एक बार कहा था कि उन्हें मारने के लिए खाने में धीमा जहर दिया जा रहा है, जिससे वे अस्वस्थ हो गए थे।

पिछले दिनों जब इलाज के लिए उन्हें बांदा के मेडिकल कालेज में भर्ती किया गया था, तब उनके बड़े भाई व सांसद अफजाल अंसारी ने उनसे मिलने के बाद कहा था कि मुख्तार को जहर देकर मारने की कोशिश की जा रही है। ताकि वे माफिया ब्रजेश सिंह के खिलाफ गवाही न दे सकें, क्योंकि मुख्तार की गवाही होने पर ब्रजेश को सजा हो सकती है।

सांसद ने आरोप लगाया था कि मुख्तार को मारने की साजिश में जेलकर्मी, अफसर व सरकार की संलिप्तता है। इसी बीच मुख्तार की मौत और घटना में परिस्थिति जन्य साक्ष्य से उनकी हत्या की आशंका प्रबल हो जाती है। इसलिए मामले में न्याय करने के लिए निष्पक्ष और उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो। सरकार द्वारा घोषित मजिस्ट्रेटी जांच अपर्याप्त है।

मुख्तार की मौत को अखिलेश ने बताया सरकारी अराजकता, स्वामी प्रसाद ने साजिश की जतायी आशंका

लखनऊ। मुख्तार अंसारी की मौत को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकारी अराजकता करार दिया है और इसे यूपी में कानून व्यवस्था का शून्य काल बताया है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्या ने एक्स पर लिखा कि स्वाभाविक हत्या नहीं, यह साजिश प्रतीत होता है।अखिलेश यादव ने अपने ‘एक्स’ पर लिखा,‘ हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

’ उन्होंने आगे लिखा,‘ - थाने में बंद रहने के दौरान - जेल के अंदर आपसी झगड़े में - जेल के अंदर बीमार होने पर - न्यायालय ले जाते समय - अस्पताल ले जाते समय - अस्पताल में इलाज के दौरान - झूठी मुठभेड़ दिखाकर - झूठी आत्महत्या दिखाकर - किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वह पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी है। जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।”

वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिखा, “स्वामी यह स्वाभाविक मौत नहीं हत्या की साजिश प्रतीत होती है, पहले डाक्टरों के पैनल ने अस्पताल से डिस्चार्ज किया और कुछ घंटो बाद ही उनकी मौत, पारिवारिजनों द्वारा लगाए गये हत्या की साजिश की पुष्टि करती है। अतः पूरे घटना क्रम की जांच मा. उच्च न्यायालय की देखरेख में होना चाहिए यहाँ तक कि पोस्टमार्टम भी मा. उच्च न्यायालय के किसी जज के अभिरक्षण में ही किया जाना चाहिए, जिससे कि न्याय का गला घोटने वालों का चेहरा बेनक़ाब हो सके तथा थानो, जेलों, पुलिस अभिरक्षण में साजिशन किये जा रहे इस प्रकार के हत्याओं के फैशन पर विराम लग सके।

मुख्तार के अंत से मऊ समेत पूर्वांचल की राजनीति से माफियावाद भी हुआ रुखस्त

लखनऊ। सदर के पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर शाम हार्ट अटैक से मौत हो गई। फिलहाल वह बांदा जेल में बंद थे और काफी बीमार चल रहे थे। हाल ही में उनको बांदा के मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत स्थिर होने पर फिर से उन्हें मंडल कारागार बांदा भेज दिया गया था। मुख्तार अंसारी मऊ से रिकॉर्ड पांच बार विधायक रहे और कई मामलों में सलाखों के पीछे चल रहे थे।उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल को माफिया मुख्तार का गढ़ मना जाता रहा है। माफिया से राजनेता बने मुख्तार अंसारी के ऊपर भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से लेकर दंगे तक के लगभग 61 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से कई मुकदमों में उसे सजा भी हो चुकी थी।

1996 से शुरू हुई सक्रिय राजनीति का 2022 में अंत

90 के दशक में गाजीपुर, मऊ, बलिया, वाराणसी और जौनपुर में सरकारी ठेकों को लेकर गैंगवार शुरू हो गए थे। इस दौर में इन जिलों में सबसे चर्चित नाम रहा मुख्तार अंसारी का। मुख्तार अंसारी 1996 में पहली बार बसपा से मऊ सदर से विधायक बना और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुख्तार ने मऊ को अपना गढ़ बनाया और यहां से लगातार पांच बार 2022 तक विधायक रहा। मुख्तार अंसारी ने 2002 में बसपा से टिकट न मिलने पर निर्दल मऊ सदर से चुनाव लड़ने का फैसला किया और जीत हासिल की। उसके बाद उसने अपनी खुद की पार्टी का गठन किया और कौमी एकता दल के नाम से चुनाव मैदान में उतर गया और लगातार दो बार जीत हासिल की।

2017 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार ने एक बार फिर बसपा का दामन थामा और अपनी पार्टी कौमी एकता दल का बसपा में विलय कर लिया और जीत हासिल की। 2022 में विधान सभा चुनाव में किन्ही कारणों से उसने चुनाव लड़ने से मना कर दिया और इस सीट पर अपने बेटे अब्बास अंसारी को मैदान में उतारा और मुख्तार की विरासत मऊ सदर पर अब्बास ने जीत हासिल कर ली।30 जून 1963 को गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में सुबहानउल्लाह अंसारी और बेगम राबिया के घर जन्में मुख्तार अंसारी तीन भाईयों में सबसे छोटे थे। मुख्तार की पत्नी अफशां अंसारी से मुख्तार के दो बेटे अब्बास अंसारी व उमर अंसारी हैं।

पूर्वांचल का माफिया और राजनीति का मुख्तार

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के लगभग दो दर्जन लोकसभा और 120 विधानसभा सीटों पर माफिया मुख्तार अंसारी का सीधा या आंशिक प्रभाव माना जाता रहा है। कभी पूर्वांचल के वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, जौनपुर और मऊ में मुख्तार अंसारी की तूती बोलती थी।इन जिलों में मुख्तार अंसारी और इसके कुनबे का दबदबा माना जाता रहा है। यही वजह थी कि कभी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव तो कभी मायावती ने मुख्तार को अपनाया। मायावती ने तो मुख्तार अंसारी को गरीबों का मसीहा तक कह डाला।किसी जमाने में महात्मा गांधी के करीबी रहे मुख्तार अंसारी के दादा मुख्तार अहमद अंसारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। वहीं मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर उस्मान महावीर चक्र विजेता रहे। मुख्तार अंसारी के पिता भी अपने समय के बड़े नेताओं में शुमार रहे।

मऊ को बनाया अपना गढ़

कभी जिसके नाम की तूती पूर्वांचल के दर्जनों जिले में बोलती थी आज उसका नाम अपने नाम के साथ जोड़ने को लोग कतरा रहे हैं। लोग कहते हैं कि अस्सी और नब्बे के दशक में जिस माफिया मुख्तार अंसारी के नाम से सरकारी ठेके खुला करते थे, अवैध वसूली हुआ करती थी। कभी जिसका करीबी होना लोग शान समझते थे आज उस माफिया मुख्तार अंसारी के नाम को अपने नाम के साथ जोड़ने से लोग कतरा रहे हैं। 90 के दशक से शुरू हुआ मुख्तार का रसूख 2017 तक आते-आते ध्वस्त होना शुरू हुआ और आलम यह रहा की योगी सरकार के अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे हैं मुहिम में 2024 तक माफिया मुख्तार की लगभग 500 करोड़ की संपत्ति या तो जब्त की जा चुकी है या उस पर बुलडोजर चलाया जा चुका है।

राजूपाल हत्याकांड के छह दोषियों को उम्रकैद, एक को चार साल की सजा

लखनऊ। बसपा विधायक राजूपाल हत्याकांड के सभी सात आरोपितों को लखनऊ के स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को दोषी करार दिया। कोर्ट ने छह दोषियों को उम्रकैद और एक को चार साल की सजा सुनाई है।

पुलिस हिरासत में मारे गए अतीक अहमद और अशरफ भी राजू पाल हत्याकांड में नामजद थे। जिंदा बचे सात आरोपितों- आबिद, फरहान, जावेद, अब्दुल कवी, गुल हसन, इसरार और रंजीत पाल को दोषी करार दिया गया है। इनमें से आबिद, जावेद, अब्दुल कवी, गुल हसन, इसरार और रंजीत पाल को आजीवन कारावास और 50-50हजार रुपये की सजा सुनाई गई है। वहीं फरहान को अवैध हथियार रखने का दोषी माना गया है। उसे चार साल की कैद और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा हुई है।

उल्लेखनीय है कि 25 जनवरी 2005 को तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की प्रयागराज के धूमनगंज में ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस जांच में सामने आया था कि विधानसभा चुनाव में माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को हराने के कारण राजूपाल की हत्या की गई थी। इस हत्याकांड में माफिया अतीक और उसका भाई अशरफ भी दोषी थे, लेकिन कुछ युवाओं ने प्रयागराज में उनकी हत्या कर दी थी।