असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने किया ऐसा एलान, चुनाव में राजद-कांग्रेस की बढ़ सकती है परेशानी
डेस्क : बिहार की सियासत में मुस्लिम और यादव का अहम रोल रहता है। बिहार के कई ऐसे लोकसभा और विधान सभा क्षेत्र है जहां यह दोनो समुदाय किसी भी प्रत्याशी की जीत में अहम भूमिका अदा करता है। प्रदेश में लालू प्रसाद मुस्लिम के वोटों को साधने में अब तक लालू यादव सफल होते रहे हैं। उनका एम-वाई समीकरण यानी मुस्लिम-यादव गठजोड़ सियासी सफलता दिलाने में मुख्य सहायक रहा है। साथ ही कांग्रेस को भी मुस्लिमों का वोट साधने के लिए जाना जाता है। यहां तक कि लोकसभा चुनाव 2019 में एकमात्र सीट किशनगंज पर कांग्रेस को सफलता मिली थी जो मुस्लिम बहुल इलाका है। लेकिन इसबार दोनो पार्टियों के लिए मुस्लिम वोटरो को साधने में कठिनाई होने के आसार नजर आ रहे है।
दरअसल असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी AIMIM अब बिहार में अपनी राजनीतिक पकड़ बनानी शुरु कर दी है। विधान सभा चुनाव में असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने सीमांचल इलाके में अपनी पकड़ दिखाई थी। इस इलाके से उसके पांच विधायक चुनकर आए थे। हालांकि बीते दिनों इनके चार विधायक पाला बदलते हुए राजद में शामिल हो गए।
अब लोकसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने बिहार के 40 में तकरीबन 16 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा करने का एलान कर बिहार में महागठबंधन के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी करनी शुरू कर दी हैं। ओवैसी की पार्टी ने आज गुरुवार को घोषणा की कि वे बिहार के सीमांचल के लोकसभा सीटों के अतिरिक्त राज्य की 5 और सीटो पर चुनाव लड़ेगी। AIMIM के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने पटना में यह घोषणा की।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी पहले भी 11 सीटो पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। अब नई घोषणा के तहत काराकाट, गोपालगंज, दरभंगा, पाटलिपुत्र और शिवहर से चुनाव लड़ेगी। साथ ही मधुबनी को लेकर भी उम्मीदवार उतारने पर विचार किया जा रहा है।
कहा कि बिहार के अल्पसंख्यकों की हालत बेहद खराब है। यहां तक कि जाति गणना रिपोर्ट में भी यह निकलकर सामने आया था कि बिहार में दलितों से भी ज्यादा खराब स्थिति अल्पसंख्यकों की है। ऐसे में दलितों और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करने और उन्हें अधिकार दिलाने के लिए उनकी पार्टी बिहार में ज्यादा से ज्यदा सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार है। उन्होंने कहा कि जल्द ही कुछ और सीटों को लेकर AIMIM बड़ी घोषणा करेगी। फ़िलहाल सीमांचल के अतिरिक्त काराकाट, गोपालगंज, दरभंगा, पाटलिपुत्र और शिवहर से उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया गया है।
Mar 29 2024, 09:49