वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी लगाएंगे जीत की हैट्रिक?
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भगवान शिव की नगरी का बढ़ा सियासी आकर्षण
तीसरी बार चुनावी मैदान में पीएम मोदी
जीत की हैट्रिक लगाने को पूरी तरह तैयार
लगातार दो बार रहे जनता की पहली पसंद
रिकार्ड 64 प्रतिशत मतदाताओं का मिला आशीर्वाद
शिव की नगरी, संस्कृति एवं धर्म का केंद्र और अब चुनावी मौसम में सबसे हॉट सीट। जी हैं ये वाराणसी ही है। भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार वाराणसी संसदीय सीट से 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया है। मोदी इस सीट से 2014 में सांसद और देश के प्रधानमंत्री बने। इसके बाद वह 2019 में भी यहां से मैदान में उतरे और दोबारा सांसद बने। एक बार फिर पीएम मोदी इसी सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। यानी पीएम मोदी यहां से जीत की हैट्रिक की तैयारी में हैं।
वाराणसी सीट पर कब कौन चुना गया सांसद
साल सांसद पार्टी
1952 रघुनाथ सिंह कांग्रेस
1957 रघुनाथ सिंह कांग्रेस
1962 रघुनाथ सिंह कांग्रेस
1967 सत्य नारायण सिंह सीपीआई
1971 राजाराम शास्त्री कांग्रेस
1977 चंद्रशेखर भारतीय राष्ट्रीय लोकदल
1980 कमलापति त्रिपाठी कांग्रेस
1984 श्यामलाल यादव कांग्रेस
1989 अनिल कुमार शास्त्री जनता दल
1991 श्रीशचंद्र दीक्षित भाजपा
1996 शंकर प्रसाद जायसवाल भाजपा
1998 शंकर प्रसाद जायसवाल भाजपा
1999 शंकर प्रसाद जायसवाल भाजपा
2004 राजेश कुमार मिश्रा कांग्रेस
2009 मुरली मनोहर जोशी भाजपा
2014 नरेंद्र मोदी भाजपा
2019 नरेंद्र मोदी भाजपा
वाराणसी कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। इस सीट पर अभी तक सात बार कांग्रेस जीत चुकी है तो वहीं भाजपा ने भी सात बार जीत दर्ज की है। एक-एक बार जनता दल और सीपीआई भी यह सीट जीत चुकी है। हालांकि, 17 लोकसभा चुनाव में कभी भी सपा और बसपा को जीत हासिल नहीं हुई।
पहले लोकसभा चुनाव 1952 में कांग्रेस ने स्वतंत्रता सेनानी रघुनाथ सिंह को मैदान में उतारा था। जमींदार परिवार के रघुनाथ सिंह जनता के बीच काफी लोकप्रिय थे और वह 1952, 1957 व 1962 में लगातार सांसद बने। श्रीराम मंदिर आंदोलन के बाद 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से पूर्व पुलिस अधिकारी और श्रीराम जन्मभूमि कारसेवा में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने वाले श्रीशचंद दीक्षित को मैदान में उतारा। श्रीशचंद ने सीट जीतकर भाजपा की झोली में डाल दी। इसके बाद भाजपा ने 1996 में यहां से शंकर प्रसाद जायसवाल को मैदान में उतारा। उन्होंने पार्टी को निराश नहीं करते हुए 1996, 1998 और 1999 में वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व किया।
भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री प्रत्याशी और वाराणसी संसदीय सीट का उम्मीदवार घोषित किया। प्रधानमंत्री को हराने के लिए देशभर से राजनेता, सामाजिक संगठनों आदि के लोग मैदान में उतरे। प्रमुख नाम सामाजिक कार्यकर्ता से राजनेता बने आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल का था। मोदी ने 5 लाख 81 हजार 082 मत प्राप्त कर भाजपा विरोधी मतों का अपने पक्ष में ध्रुवीकरण कर लड़ने वाले केजरीवाल को 3 लाख 78 हजार 784 मतों से हराया। चुनाव मैदान में उतरे 42 में 40 लोगों की जमानत जब्त हो गई।
प्रधानमंत्री रहते दोबारा 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से भाजपा प्रत्याशी बने। इस बार मोदी ने 6 लाख 74 हजार 664 मत प्राप्त कर सपा की शालिनी यादव को 4लाख 79 हजार 505 मतों से हराया। काशी में रिकार्ड 63.74 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट मोदी को दिया। इसके बाद तो मोदी की बाबा विश्वनाथ की नगरी से ऐसी लगन लगी कि वह अब काशी नहीं हमारी काशी बोलते हैं। मार्च के शुरूआत तक वे 44 बार काशी की यात्रा कर चुके है। मोदी के लगातार काशी से जुड़ाव को देखते हुए भाजपा ने उनको तीसरी बार मौका दिया है और पीएम मोदी का तीसरी बार यहां से सांसद और पीएम बनना तय माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं। तभी तो पार्टी की ओर प्रत्याशी बनाए जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा, मैं तीसरी बार काशी के अपने बहनों और भाइयों की सेवा के लिए तत्पर हूं।
दरअसल, पीएम मोदी साल 2014 में सत्ता विरोधी लहर के सहारे सत्ता में आए थे। वहीं 2019 की जीत में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा का भाव उनके पक्ष में गया और उन्हें जीत मिली। इस बार अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देशभर में बने माहौल के बाद पीएम मोदी और बीजेपी की वापसी तय मानी जा रही है।
Mar 26 2024, 11:25