संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में घिरी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।लोकपाल ने अब इस मामले में टीएमसी नेता के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया है। माना जा रहा है कि अब सीबीआई जल्द ही इस मामले में एफआईआर दर्ज करेगी।इसके अलावा लोकपाल ने सीबीआई को छह महीने में रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया है।
2023 नवंबर में सीबीआई ने पीई यानी प्रिमिलनरी इंक्वायरी लोकपाल के आदेश पर शुरू करके लोकपाल को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके बाद ये आदेश दिए गए है।लोकपाल ने अपने आदेश में कहा, 'रिकॉर्ड पर मौजूद संपूर्ण जानकारी का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन और विचार के बाद इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता है उनके खिलाफ ठोस सबूत हैं।बेहद गंभीर प्रकृति के हैं, खासकर उनके पद को देखते हुए।
लोकपाल ने अपने आदेश में कहा, 'एक जन प्रतिनिधि के कंधों पर जिम्मेदारी और बोझ अधिक होता है। भ्रष्टाचार एक ऐसी बीमारी है जो इस लोकतांत्रिक देश की विधायी, प्रशासनिक, सामाजिक और आर्थिक कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। यह हमारा कर्तव्य है और अधिनियम का आदेश है कि उन भ्रष्टाचार और भ्रष्ट प्रथाओं को जड़ से खत्म करने के लिए सभी प्रयास किए जाएं जो अनुचित लाभ, अवैध लाभ या लाभ और बदले में लाभ जैसे पहलुओं को अपने दायरे में लाते हैं।
लोकपाल के आदेश पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'सत्यमेव जयते।निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया, “मेरी शिकायत को सही मानते हुए लोकपाल ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई को जांच करने का आदेश दिया।” उन्होंने आगे कहा, ‘सत्यमेव जयते’।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं आरोप है कि महुआ ने अपने दोस्त हीरानंदानी को संसद की लॉगइन आईडी और पासवर्ड दिया। निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर महुआ के खिलाफ जांच की मांग की थी। इसके बाद एथिक्स कमेटी का गठन किया गया था। एथिक्स कमेटी ने महुआ के खिलाफ आरोपों को सही ठहराया था और कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद महुआ मोइत्रा के आचरण को अनैतिक और अशोभनीय करार देते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। हालांकि, ममता बनर्जी की पार्टी ने महुआ को इस बार भी इसी सीट से उम्मीदवार बनाया है।
लोकसभा चुनाव-2024 के पहले चरण के नामांकन के लिए आज अधिसूचना जारी हो गई। इस चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होगा। पहले चरण में तमिलनाडु की 39 सीटों पर बी मतदान होने हैं। इस बीच लोकसभा चुनाव के लिए AIADMK ने 16 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है।
लोकसभा चुनाव का बिगल बजते ही सभी पार्टियां पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गई हैं। इसी क्रम में AIADMK ने 16 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। पार्टी ने चेन्नई दक्षिण सीट से जयवर्धन, उत्तरी चेन्नई से रोयापुरम मनोहरन, कृष्णागिरी से जयप्रकाश, इरोड से अतरल अशोक कुमार, चिदम्बरम से चन्द्रहासन, मदुरै से सरवनन, नमक्कल से तमिल मणि, थेनी सीट से वीडी नारायणसामी और नागपट्टिनम लोकसभा क्षेत्र से सुरजीत शंकर को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा AIADMK ने सलेम लोकसभा सीट विग्नेश, विल्लुपुरम से बक्कियाराज, अराक्कोनम से एएल विजयन को टिकट दिया है।
बता दें कि ने इस बार AIADMK ने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। पार्टी पिछले साल एनडीए से आधिकारिक तौर अलग हो गई थी। इससे पहले बीजेपी के पांच नेता AIADMK में शामिल हो गए थे, इनमें पार्टी के प्रदेश आईटी विंग के प्रमुख सीआरटी निर्मल कुमार भी शामिल हैं। निर्मल कुमार ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई पर आरोप लगाया था कि उनकी डीएमके के एक मंत्री के साथ साठगांठ है। जिस समय AIADMK के नेता ई पलानीसामी और ओ पन्नीरसेल्वम के बीच विवाद हो गया था तो बीजेपी ने खुद को प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल के रूप में प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया था। इसी के बाद से दोनों सहयोगी दलों में मतभेद शुरू हो गए थे।
बता दें कि चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। पिछली बार की तरह इस बार भी चुनाव सात चरणों में होगा। पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को वोटिंग होगी, जबकि 1 जून को सातवें चरण के लिए मतदान होगा। तमिलनाडु की 39 सीट पर पहले चरण में वोटिंग होगी।
लोकसभा चुनाव 2024 की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। आम चुनाव की तारीखों का ऐलान निर्वाचन आयोग ने पिछले हफ्ते कर दिया था लेकिन इसका आगाज आज बुधवार से हो गया। पहले चरण की 102 लोकसभा सीटों के लिए आज अधिसूचना जारी हो गई है। इस चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होगा। इन सीटों पर उम्मीदवार 27 मार्च तक नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे। उसमें बिहार में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 28 मार्च है। इसके अलावा बाकी 20 राज्यों में 27 मार्च तक नामांकन कर सकेंगे। नामांकन वापस लेने की तारीख 30 मार्च है जबकि बिहार में दो अप्रैल तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। पहले फेज के लिए 19 अप्रैल को सभी 102 लोकसभा सीटों पर एकसाथ मतदान होंगे जबकि नतीजे 4 जून को आएंगे।
पहले चरण में किस राज्य की कितनी सीटें
पहले चरण में अरुणाचल प्रदेश की 2, बिहार की 4, असम की 4, छत्तीसगढ़ की 1, मध्य प्रदेश की 6, महाराष्ट्र की 5, मणिपुर की 2, मेघालय की 2, मिजोरम की 1, नागालैंड की 1, राजस्थान की 12, सिक्किम की एक, तमिलनाडु की 39, त्रिपुरा की एक, उत्तर प्रदेश की 8, उत्तराखंड की 5, पश्चिम बंगाल की 3, अंडमान एंड निकोबार की 1, जम्मू-कश्मीर की 1, लक्षद्वीप की 1 और पुडुचेरी की 1 लोकसभा सीट शामिल है।
नामांकन प्रकिया के बारे में जानें
लोकसभा चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी होन के बाद नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है। इसके तहत उम्मीदवार चुनाव आयोग के सामने अपने नाम को रजिस्टर कराते हैं। साथ ही दावा करते हैं कि चुनावी मैदान में जनता का वोट हासिल करने के लिए वो एकदम सही उम्मीदवार हैं। इन प्रत्याशियों ने जो कागजात और प्रमाण पत्र जमा कराए होते हैं उनकी जांच की जाती है और इसके बाद उम्मीदवारी तय की जाती है। उम्मीदवारी तय होने के बाद ही कोई प्रत्याशी चुनाव प्रचार करके अपने लिए वोट मांग सकता है।
अरुणाचल प्रदेश के लेकर चीन के बेतुके बयान को भारत ने एक सिरे से खारिज कर दिया है। भारत ने चीन के सभी दावों को आधारहीन बताते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था है और रहेगा। दरअसल, हाल ही में पीएम मोदी अरुणाचल दौरे पर थे। चीन को इस बात से मिर्ची लग गई। जिसके बाद उसने अरुणाचल प्रदेश के भूभाग पर एक बार फिर अपना बेतुका दावा जताया है। भारत ने उसके दावे को खारिज करते हुए उसे फिर साफ शब्दों में चेताया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था और हमेशा रहेगा।भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर आधिकारिक बयान जारी किया है और कहा है कि भारत की विकास यात्रा का लाभ अरुणाचल प्रदेश के लोगों को मिलता रहेगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन के रक्षा मंत्रालय की तरफ से भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश पर किए बेतुके दावे पर हमने नोटिस लिया है। चीन की तरफ से बार-बार आधारहीन तर्क दिए जा रहे हैं। अरुणाचल प्रदेश, भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। अरुणाचल प्रदेश के लोगों को आधारभूत ढांचे के विकास और अन्य विकास परियोजनाओं का लाभ मिलता रहेगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में सामने आई है, जब कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर चीन ने पुराना राग अलापते हुए अपनी आपत्ति जताई थी। चीनी विदेश मंत्रीलय के बाद वहां की सेना ने भी अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे को दोहराते हुए इसे चीन के क्षेत्र का स्वाभाविक हिस्सा बताया था।
बता दें कि इसी महीने पीएम मोदी ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था। उस दौरान उन्होंने 9 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेला सुरंग को देश को समर्पित किया था। ये सुरंग अरुणाचल प्रदेश में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है। इस सुरंग के बन जाने से आम लोगों के साथ ही भारतीय सेना को भी काफी फायदा होगा।सेला टनल के उद्घाटन के बाद ही चीन ने अरुणाचल को लेकर बयान दिया। जिस पर भारत ने अपनी प्रतिक्रिया में चीन को कड़ा जवाब दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केन्द्र की बीजेपी सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जोरदार हमला बोला है।कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कही है कि देश बदलाव चाहता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की गारंटी का वही हश्र होने जा रहा है जो 2004 में 'इंडिया शाइनिंग' नारे का हुआ था।खड़गे ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र को मंजूरी देने के लिए बुलाई गई पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में आज कहा कि देश बदलाव चाहता है क्योंकि मौजूदा सरकार की गारंटियां धोखा साबित हो रही है।
लोकसभा चुनाव से पहले घोषणा पत्र को लेकर मंगलवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक हुई। कार्य समिति की बैठक घोषणा पत्र को अंतिम रूप देने के लिए बुलाई गई थी। इस बैठक में खड़गे ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के घोषणा पत्र को घर-घर तक ले जाना होगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी इस लोकसभा चुनाव में जो वादे करने जा रही है, उन्हें वह पूरा करेगी। उन्होंने कहा, हम वादे करने के पहले गहराई से यह पड़ताल कर लेते हैं कि उनको पूरा कर पाएंगे या नहीं।
कांग्रेस का घोषणापत्र 1926 से देश के राजनीतिक इतिहास में 'भरोसे का दस्तावेज' बना हुआ है। कांग्रेस का घोषणा पत्र पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया है। खरगे के अनुसार, समिति ने प्रयास किया कि हमारा घोषणा पत्र सिर्फ अकादमिक कवायद न रहे, बल्कि उसमें व्यापक जन भागीदारी हो। इसके लिए संपर्क और संवाद किया गया। वेबसाइट "आवाज भारत की" के जरिये लोगों से सुझाव आमंत्रित किए गए थे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के 5 स्तंभ - किसान न्याय, युवा न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय में प्रत्येक की पांच गारंटी हैं। हर न्याय स्तंभ के अन्तर्गत पांच गारंटियों के हिसाब से कांग्रेस पार्टी ने कुल 25 गारंटियां दी हैं। घोषणा पत्र में इन सब का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
खड़गे ने आगे कहा देश बदलाव चाहता है। मौजूदा मोदी सरकार की गारंटियों का वही हश्र होने जा रहा है जो 2004 में भाजपा की 'इंडिया शाइनिंग' नारे का हुआ था। इसके लिए हमारे हर गांव और शहर के कार्यकर्ता को उठ खड़ा होना होगा। घर-घर अपने घोषणापत्र को पहुंचाना होगा।
बता दें कि 'इंडिया शाइनिंग' भाजपा का 2004 के लोकसभा चुनाव में कैंपेन था। 2004 के लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यह धारणा बनी कि 2004 में वाजपेयी की एनडीए सरकार इंडिया शाइनिंग नारे के कारण हारी। हालांकि, उसी दौरान चारों महानगरों को हाइवे से जोड़ने और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसी कई क्रांतिकारी स्कीम शुरू की गई थी। फिर भी भाजपा चुनाव जीत नहीं पाई। उसके फेल होने के बाद भाजपा ने फिर कभी वैसा नारा नहीं दिया। इस बार भाजपा के '400 पार' के नारे के जवाब में शत्रुघ्न सिन्हा, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्ष के नेता 'शाइनिंग इंडिया' की याद दिलाकर तंज कस रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केन्द्र की बीजेपी सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जोरदार हमला बोला है।कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कही है कि देश बदलाव चाहता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की गारंटी का वही हश्र होने जा रहा है जो 2004 में 'इंडिया शाइनिंग' नारे का हुआ था।खड़गे ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र को मंजूरी देने के लिए बुलाई गई पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में आज कहा कि देश बदलाव चाहता है क्योंकि मौजूदा सरकार की गारंटियां धोखा साबित हो रही है।
लोकसभा चुनाव से पहले घोषणा पत्र को लेकर मंगलवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक हुई। कार्य समिति की बैठक घोषणा पत्र को अंतिम रूप देने के लिए बुलाई गई थी। इस बैठक में खड़गे ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के घोषणा पत्र को घर-घर तक ले जाना होगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी इस लोकसभा चुनाव में जो वादे करने जा रही है, उन्हें वह पूरा करेगी। उन्होंने कहा, हम वादे करने के पहले गहराई से यह पड़ताल कर लेते हैं कि उनको पूरा कर पाएंगे या नहीं।
कांग्रेस का घोषणापत्र 1926 से देश के राजनीतिक इतिहास में 'भरोसे का दस्तावेज' बना हुआ है। कांग्रेस का घोषणा पत्र पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया है। खरगे के अनुसार, समिति ने प्रयास किया कि हमारा घोषणा पत्र सिर्फ अकादमिक कवायद न रहे, बल्कि उसमें व्यापक जन भागीदारी हो। इसके लिए संपर्क और संवाद किया गया। वेबसाइट "आवाज भारत की" के जरिये लोगों से सुझाव आमंत्रित किए गए थे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के 5 स्तंभ - किसान न्याय, युवा न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय में प्रत्येक की पांच गारंटी हैं। हर न्याय स्तंभ के अन्तर्गत पांच गारंटियों के हिसाब से कांग्रेस पार्टी ने कुल 25 गारंटियां दी हैं। घोषणा पत्र में इन सब का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
खड़गे ने आगे कहा देश बदलाव चाहता है। मौजूदा मोदी सरकार की गारंटियों का वही हश्र होने जा रहा है जो 2004 में भाजपा की 'इंडिया शाइनिंग' नारे का हुआ था। इसके लिए हमारे हर गांव और शहर के कार्यकर्ता को उठ खड़ा होना होगा। घर-घर अपने घोषणापत्र को पहुंचाना होगा।
बता दें कि 'इंडिया शाइनिंग' भाजपा का 2004 के लोकसभा चुनाव में कैंपेन था। 2004 के लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यह धारणा बनी कि 2004 में वाजपेयी की एनडीए सरकार इंडिया शाइनिंग नारे के कारण हारी। हालांकि, उसी दौरान चारों महानगरों को हाइवे से जोड़ने और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसी कई क्रांतिकारी स्कीम शुरू की गई थी। फिर भी भाजपा चुनाव जीत नहीं पाई। उसके फेल होने के बाद भाजपा ने फिर कभी वैसा नारा नहीं दिया। इस बार भाजपा के '400 पार' के नारे के जवाब में शत्रुघ्न सिन्हा, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्ष के नेता 'शाइनिंग इंडिया' की याद दिलाकर तंज कस रहे हैं।
तमिलनाडु के सलेम में पीएम मोदी ने भरी हुंकार, बोले-विकसित तमिलनाडु के लिए हमें 400 पार की जरूरत
#pmmodiintamilnadu_salem
इस बार के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दक्षिण बारतीय राज्यों पर ज्यादा फोकस किया है। बीजेपीने साउथ के प्रमुख राज्य तमिलनाडु पर काफी फोकस कर रखा है। कन्याकुमारी में मोदी की हाल ही में हुई रैली और तमिलनाडु में हाल फिलहाल में उनकी लगातार यात्राओं से पता चलता है कि बीजेपी यहां ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर अपने 400 पार के लक्ष्य को मजबूत करना चाहती है। बीजेपी ने 400 पार के लक्ष्य को साधने के लिए तमिलनाडु में पीएमके यानी पट्टाली मक्कल काची पार्टी के साथ गठबंधन भी किया है। इसी क्रम में पीएम मोदी आज एक बार फिर तमिलनाडु पहुंचे। पीएम मोदी ने यहां सेलम में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि तमिलनाडु कह रहा अबकी बार 400 पार।
सेलम में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि लोगों से मिल रहे जनसमर्थन ने डीएमके सरकार की नींद उड़ा दी है। तमिलनाडु ने फैसला कर लिया है कि एक-एक वोट बीजेपी-एनडीए को जाएगा। तमिलनाडु निर्णय कर चुका है कि अबकी बार 400 पार। अपने संबोधन में उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। पीएम ने कहा कि तमिलनाडु से मिल रहे समर्थन को देखकर इंडिया गठबंधन के लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। पीएम ने कहा कहा कि पूरा देश देख रहा है कि कैसे बीजेपी को इस राज्य में प्यार मिल रहा है।
हिंदू धर्म को बनाया जा रहा निशाना-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, अभी तो चुनाव अभियान की शुरुआत हुई है, लेकिन विपक्षी गठबंधन की योजना मुंबई में हुई उनकी पहली रैली में ही खुलकर सामने आ गई है। ये कह रहे हैं कि हिंदू धर्म की जिस शक्ति में आस्था होती है, उन्हें इस शक्ति का विनाश करना है। हिंदू धर्म में शक्ति किसे कहते हैं, ये तमिलनाडु का हर व्यक्ति जानता है। इंडि अलायंस के लोग बार-बार जानबूझकर हिंदू धर्म का अपमान कर रहे हैं।
तमिलनाडु करेगा गठबंधन को हराने की शुरूआत
पीएम ने आगे कहा कि शास्त्र इस बात के गवाह हैं कि जो शक्ति को खत्म करने का विचार रखते हैं उनका विनाश जरूर होता है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के ऐसे आइडियाज को हराने की शुरुआत तमिलनाडु से होगी। 19 अप्रैल को सबसे पहले तमिलनाडु इन्हें हराने की शुरूआत करेगा। पीएम ने कहा कि गठबंधन का बयान पूरी तरह से हिंदू धर्म और हिंदू आस्था का अपमान है। हिंदू धर्म में ‘शक्ति’ का मतलब है मातृ शक्ति, नारी शक्ति है. लेकिन इंडिया गठबंधन इस शक्ति को खत्म कर देना चाहता है। पीएम मोदी ने कहा कि मोदी, देश की नारी शक्ति की हर परेशानी के आगे मोदी ढाल बनकर खड़ा है।
सीएए के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस, जवाब दाखिल करने के लिए दिया 3 हफ्ते का समय
#supreme_court_hearing_on_caa_petitions
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई।सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को उन याचिकाओं पर सुनवाई की, जिसमें केंद्र को नागरिकता संशोधन नियम, 2024 के कार्यान्वयन पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ए न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई की। सीएए नोटिफिकेशन पर फिलहाल रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह 9 अप्रैल को मामले की सुनवाई करेंगे। तब तक 3 हफ्ते के भीतर केन्द्र सरकार को जवाब देना होगा।
देश के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिसरा की पीठ 230 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई की।आज सुनवाई के दौरान एसजी ने कहा कि 236 याचिकाएं हैं और मुझे जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए। सीजेआई ने कहा कि हम जवाब देने के लिए सरकार को समय देते हैं और जो आवेदन दाखिल हुए हैं उन पर नोटिस जारी करते हैं।
सीजेआई ने कहा कि जिन याचिकाओं पर नोटिस नहीं हुआ है और आवेदनों पर नोटिस नहीं हुआ है, उनको नोटिस जारी करते हैं। सीजेआई ने कहा कि सरकार को जवाब दाखिल करने देते हैं। फिर नियमों पर रोक लगाने पर सुनवाई करेंगे।
कोर्ट ने पूछा कि केन्द्र सरकार कब तक जवाब दाखिल करेगी। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि चार हफ्ते में जवाब दाखिल करेंगे।इसपर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि साढ़े चार साल में नियम नहीं लागू किए गए और अब किए गए। अगर नागरिकता देनी शुरू हो गई तो याचिकाएं बेकार हो जाएंगी। सिब्बल ने कहा कि चार सप्ताह जवाब दाखिल करने के लिए ज्यादा हैं और जवाब दाखिल करने तक रोक लगाई जा सकती है।
बता दें कि गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून के नियमों को लागू करने की अधिसूचना जारी की थी। इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धर्म के आधार पर उत्पीड़न झेलकर भारत आने वाले अल्पसंख्यक वर्ग के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। इस कानून के तहत सिर्फ हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के मानने वाले लोगों को ही नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारत की नागरिकता दी जा सकेगी। मुस्लिम वर्ग के शरणार्थियों को इससे बाहर रखा गया है। मुस्लिमों को कानून से बाहर रखने के फैसले का ही विरोध हो रहा है। कानून का विरोध करने वाले लोगों का आरोप है कि इस कानून का आधार धर्म है, जो कि देश के संविधान के खिलाफ है।
उनके पास एजेंसियां हैं, चाहे जिसे समन भेज सकते हैं..', केजरीवाल को ED का नोटिस मिलने पर भड़के सौरभ भरद्वाज
आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल को उत्पाद शुल्क नीति के एक मामले में जमानत मिल गई है, इसलिए उन्हें एक नया मामला मिल गया है जिसके तहत उन्हें तलब किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि भाजपा किसी भी मुद्दे का पता लगा सकती है और जिसे चाहे उसे बुला सकती है। दिल्ली के मंत्री ने कहा कि अगर केजरीवाल रैली करते हैं तो भारतीय जनता पार्टी के लिए बाधाएं बढ़ जाएंगी।
भरद्वाज ने कहा कि, "केंद्र सरकार को लगता है कि अगर अरविंद केजरीवाल दिल्ली से बाहर जाएंगे और INDIA गठबंधन के लिए रैली और बैठक करेंगे, तो बीजेपी के लिए बाधाएं बढ़ जाएंगी। इसलिए, वे उन्हें किसी भी तरह से सलाखों के पीछे डालना चाहते हैं। उन्हें उत्पाद शुल्क नीति मामले में जमानत मिल गई है, इसलिए उन्होंने एक नया विकल्प ढूंढ लिया है। उनके (भाजपा) पास सभी एजेंसियां हैं, वे किसी भी मुद्दे का पता लगा सकते हैं और जिसे चाहें समन भेज सकते हैं।''
इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड (DJB) मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं होंगे। इससे पहले, ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में सोमवार के लिए अरविंद केजरीवाल को एक और समन जारी किया था। उन्हें दिल्ली जल बोर्ड मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 50 के तहत ईडी ने समन जारी किया था। इससे पहले, आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने दावा किया कि मामला 'फर्जी' है, उन्होंने कहा कि पार्टी को इस मामले में ईडी द्वारा दर्ज मामले की जानकारी नहीं है।
इस साल फरवरी में, ईडी ने डीजेबी की निविदा प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में एक सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता, जगदीश कुमार अरोड़ा और एक ठेकेदार, अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। EDडी डीजेबी की निविदा प्रक्रिया में अनियमितताओं के दो अलग-अलग मामलों की जांच कर रहा है, और इसका आपराधिक मामला सीबीआई की एक एफआईआर और दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) से जुड़ा है।
ED द्वारा दर्ज शिकायतों के मामले में केजरीवाल को 15,000 रुपये के जमानत बांड पर जमानत मिल गई थी। वह जमानत पर हैं और अदालत ने उनसे ईडी के समन का जवाब देने और कानून का पालन करने को कहा है। कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को निर्देश दिया कि संविधान की शपथ लेने वाले व्यक्ति के लिए कानून का पालन करना उचित है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अब तक दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में ईडी द्वारा 4 मार्च, 26 फरवरी, 19 फरवरी, 2 फरवरी, 18 जनवरी, 3 जनवरी, 2 नवंबर और 22 दिसंबर को जारी किए गए आठ पिछले समन को "अवैध और गैरकानूनी" बताया है। ED इस मामले में नीति निर्माण, इसे अंतिम रूप देने से पहले हुई बैठकों और रिश्वतखोरी के आरोपों जैसे मुद्दों पर केजरीवाल का बयान दर्ज करना चाहता है।
Mar 20 2024, 11:42