कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केन्द्र की बीजेपी सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जोरदार हमला बोला है।कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कही है कि देश बदलाव चाहता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की गारंटी का वही हश्र होने जा रहा है जो 2004 में 'इंडिया शाइनिंग' नारे का हुआ था।खड़गे ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र को मंजूरी देने के लिए बुलाई गई पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में आज कहा कि देश बदलाव चाहता है क्योंकि मौजूदा सरकार की गारंटियां धोखा साबित हो रही है।
लोकसभा चुनाव से पहले घोषणा पत्र को लेकर मंगलवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक हुई। कार्य समिति की बैठक घोषणा पत्र को अंतिम रूप देने के लिए बुलाई गई थी। इस बैठक में खड़गे ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के घोषणा पत्र को घर-घर तक ले जाना होगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी इस लोकसभा चुनाव में जो वादे करने जा रही है, उन्हें वह पूरा करेगी। उन्होंने कहा, हम वादे करने के पहले गहराई से यह पड़ताल कर लेते हैं कि उनको पूरा कर पाएंगे या नहीं।
कांग्रेस का घोषणापत्र 1926 से देश के राजनीतिक इतिहास में 'भरोसे का दस्तावेज' बना हुआ है। कांग्रेस का घोषणा पत्र पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया है। खरगे के अनुसार, समिति ने प्रयास किया कि हमारा घोषणा पत्र सिर्फ अकादमिक कवायद न रहे, बल्कि उसमें व्यापक जन भागीदारी हो। इसके लिए संपर्क और संवाद किया गया। वेबसाइट "आवाज भारत की" के जरिये लोगों से सुझाव आमंत्रित किए गए थे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के 5 स्तंभ - किसान न्याय, युवा न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय में प्रत्येक की पांच गारंटी हैं। हर न्याय स्तंभ के अन्तर्गत पांच गारंटियों के हिसाब से कांग्रेस पार्टी ने कुल 25 गारंटियां दी हैं। घोषणा पत्र में इन सब का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
खड़गे ने आगे कहा देश बदलाव चाहता है। मौजूदा मोदी सरकार की गारंटियों का वही हश्र होने जा रहा है जो 2004 में भाजपा की 'इंडिया शाइनिंग' नारे का हुआ था। इसके लिए हमारे हर गांव और शहर के कार्यकर्ता को उठ खड़ा होना होगा। घर-घर अपने घोषणापत्र को पहुंचाना होगा।
बता दें कि 'इंडिया शाइनिंग' भाजपा का 2004 के लोकसभा चुनाव में कैंपेन था। 2004 के लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यह धारणा बनी कि 2004 में वाजपेयी की एनडीए सरकार इंडिया शाइनिंग नारे के कारण हारी। हालांकि, उसी दौरान चारों महानगरों को हाइवे से जोड़ने और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसी कई क्रांतिकारी स्कीम शुरू की गई थी। फिर भी भाजपा चुनाव जीत नहीं पाई। उसके फेल होने के बाद भाजपा ने फिर कभी वैसा नारा नहीं दिया। इस बार भाजपा के '400 पार' के नारे के जवाब में शत्रुघ्न सिन्हा, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्ष के नेता 'शाइनिंग इंडिया' की याद दिलाकर तंज कस रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केन्द्र की बीजेपी सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जोरदार हमला बोला है।कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कही है कि देश बदलाव चाहता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की गारंटी का वही हश्र होने जा रहा है जो 2004 में 'इंडिया शाइनिंग' नारे का हुआ था।खड़गे ने लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणा पत्र को मंजूरी देने के लिए बुलाई गई पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में आज कहा कि देश बदलाव चाहता है क्योंकि मौजूदा सरकार की गारंटियां धोखा साबित हो रही है।
लोकसभा चुनाव से पहले घोषणा पत्र को लेकर मंगलवार को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक हुई। कार्य समिति की बैठक घोषणा पत्र को अंतिम रूप देने के लिए बुलाई गई थी। इस बैठक में खड़गे ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के घोषणा पत्र को घर-घर तक ले जाना होगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी इस लोकसभा चुनाव में जो वादे करने जा रही है, उन्हें वह पूरा करेगी। उन्होंने कहा, हम वादे करने के पहले गहराई से यह पड़ताल कर लेते हैं कि उनको पूरा कर पाएंगे या नहीं।
कांग्रेस का घोषणापत्र 1926 से देश के राजनीतिक इतिहास में 'भरोसे का दस्तावेज' बना हुआ है। कांग्रेस का घोषणा पत्र पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया है। खरगे के अनुसार, समिति ने प्रयास किया कि हमारा घोषणा पत्र सिर्फ अकादमिक कवायद न रहे, बल्कि उसमें व्यापक जन भागीदारी हो। इसके लिए संपर्क और संवाद किया गया। वेबसाइट "आवाज भारत की" के जरिये लोगों से सुझाव आमंत्रित किए गए थे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के 5 स्तंभ - किसान न्याय, युवा न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय में प्रत्येक की पांच गारंटी हैं। हर न्याय स्तंभ के अन्तर्गत पांच गारंटियों के हिसाब से कांग्रेस पार्टी ने कुल 25 गारंटियां दी हैं। घोषणा पत्र में इन सब का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
खड़गे ने आगे कहा देश बदलाव चाहता है। मौजूदा मोदी सरकार की गारंटियों का वही हश्र होने जा रहा है जो 2004 में भाजपा की 'इंडिया शाइनिंग' नारे का हुआ था। इसके लिए हमारे हर गांव और शहर के कार्यकर्ता को उठ खड़ा होना होगा। घर-घर अपने घोषणापत्र को पहुंचाना होगा।
बता दें कि 'इंडिया शाइनिंग' भाजपा का 2004 के लोकसभा चुनाव में कैंपेन था। 2004 के लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद यह धारणा बनी कि 2004 में वाजपेयी की एनडीए सरकार इंडिया शाइनिंग नारे के कारण हारी। हालांकि, उसी दौरान चारों महानगरों को हाइवे से जोड़ने और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना जैसी कई क्रांतिकारी स्कीम शुरू की गई थी। फिर भी भाजपा चुनाव जीत नहीं पाई। उसके फेल होने के बाद भाजपा ने फिर कभी वैसा नारा नहीं दिया। इस बार भाजपा के '400 पार' के नारे के जवाब में शत्रुघ्न सिन्हा, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्ष के नेता 'शाइनिंग इंडिया' की याद दिलाकर तंज कस रहे हैं।
तमिलनाडु के सलेम में पीएम मोदी ने भरी हुंकार, बोले-विकसित तमिलनाडु के लिए हमें 400 पार की जरूरत
#pmmodiintamilnadu_salem
इस बार के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दक्षिण बारतीय राज्यों पर ज्यादा फोकस किया है। बीजेपीने साउथ के प्रमुख राज्य तमिलनाडु पर काफी फोकस कर रखा है। कन्याकुमारी में मोदी की हाल ही में हुई रैली और तमिलनाडु में हाल फिलहाल में उनकी लगातार यात्राओं से पता चलता है कि बीजेपी यहां ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतकर अपने 400 पार के लक्ष्य को मजबूत करना चाहती है। बीजेपी ने 400 पार के लक्ष्य को साधने के लिए तमिलनाडु में पीएमके यानी पट्टाली मक्कल काची पार्टी के साथ गठबंधन भी किया है। इसी क्रम में पीएम मोदी आज एक बार फिर तमिलनाडु पहुंचे। पीएम मोदी ने यहां सेलम में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि तमिलनाडु कह रहा अबकी बार 400 पार।
सेलम में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि लोगों से मिल रहे जनसमर्थन ने डीएमके सरकार की नींद उड़ा दी है। तमिलनाडु ने फैसला कर लिया है कि एक-एक वोट बीजेपी-एनडीए को जाएगा। तमिलनाडु निर्णय कर चुका है कि अबकी बार 400 पार। अपने संबोधन में उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। पीएम ने कहा कि तमिलनाडु से मिल रहे समर्थन को देखकर इंडिया गठबंधन के लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। पीएम ने कहा कहा कि पूरा देश देख रहा है कि कैसे बीजेपी को इस राज्य में प्यार मिल रहा है।
हिंदू धर्म को बनाया जा रहा निशाना-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, अभी तो चुनाव अभियान की शुरुआत हुई है, लेकिन विपक्षी गठबंधन की योजना मुंबई में हुई उनकी पहली रैली में ही खुलकर सामने आ गई है। ये कह रहे हैं कि हिंदू धर्म की जिस शक्ति में आस्था होती है, उन्हें इस शक्ति का विनाश करना है। हिंदू धर्म में शक्ति किसे कहते हैं, ये तमिलनाडु का हर व्यक्ति जानता है। इंडि अलायंस के लोग बार-बार जानबूझकर हिंदू धर्म का अपमान कर रहे हैं।
तमिलनाडु करेगा गठबंधन को हराने की शुरूआत
पीएम ने आगे कहा कि शास्त्र इस बात के गवाह हैं कि जो शक्ति को खत्म करने का विचार रखते हैं उनका विनाश जरूर होता है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के ऐसे आइडियाज को हराने की शुरुआत तमिलनाडु से होगी। 19 अप्रैल को सबसे पहले तमिलनाडु इन्हें हराने की शुरूआत करेगा। पीएम ने कहा कि गठबंधन का बयान पूरी तरह से हिंदू धर्म और हिंदू आस्था का अपमान है। हिंदू धर्म में ‘शक्ति’ का मतलब है मातृ शक्ति, नारी शक्ति है. लेकिन इंडिया गठबंधन इस शक्ति को खत्म कर देना चाहता है। पीएम मोदी ने कहा कि मोदी, देश की नारी शक्ति की हर परेशानी के आगे मोदी ढाल बनकर खड़ा है।
सीएए के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस, जवाब दाखिल करने के लिए दिया 3 हफ्ते का समय
#supreme_court_hearing_on_caa_petitions
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) मामले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई।सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को उन याचिकाओं पर सुनवाई की, जिसमें केंद्र को नागरिकता संशोधन नियम, 2024 के कार्यान्वयन पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ए न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई की। सीएए नोटिफिकेशन पर फिलहाल रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह 9 अप्रैल को मामले की सुनवाई करेंगे। तब तक 3 हफ्ते के भीतर केन्द्र सरकार को जवाब देना होगा।
देश के मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिसरा की पीठ 230 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई की।आज सुनवाई के दौरान एसजी ने कहा कि 236 याचिकाएं हैं और मुझे जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए। सीजेआई ने कहा कि हम जवाब देने के लिए सरकार को समय देते हैं और जो आवेदन दाखिल हुए हैं उन पर नोटिस जारी करते हैं।
सीजेआई ने कहा कि जिन याचिकाओं पर नोटिस नहीं हुआ है और आवेदनों पर नोटिस नहीं हुआ है, उनको नोटिस जारी करते हैं। सीजेआई ने कहा कि सरकार को जवाब दाखिल करने देते हैं। फिर नियमों पर रोक लगाने पर सुनवाई करेंगे।
कोर्ट ने पूछा कि केन्द्र सरकार कब तक जवाब दाखिल करेगी। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि चार हफ्ते में जवाब दाखिल करेंगे।इसपर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि साढ़े चार साल में नियम नहीं लागू किए गए और अब किए गए। अगर नागरिकता देनी शुरू हो गई तो याचिकाएं बेकार हो जाएंगी। सिब्बल ने कहा कि चार सप्ताह जवाब दाखिल करने के लिए ज्यादा हैं और जवाब दाखिल करने तक रोक लगाई जा सकती है।
बता दें कि गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून के नियमों को लागू करने की अधिसूचना जारी की थी। इस कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धर्म के आधार पर उत्पीड़न झेलकर भारत आने वाले अल्पसंख्यक वर्ग के शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। इस कानून के तहत सिर्फ हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के मानने वाले लोगों को ही नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारत की नागरिकता दी जा सकेगी। मुस्लिम वर्ग के शरणार्थियों को इससे बाहर रखा गया है। मुस्लिमों को कानून से बाहर रखने के फैसले का ही विरोध हो रहा है। कानून का विरोध करने वाले लोगों का आरोप है कि इस कानून का आधार धर्म है, जो कि देश के संविधान के खिलाफ है।
उनके पास एजेंसियां हैं, चाहे जिसे समन भेज सकते हैं..', केजरीवाल को ED का नोटिस मिलने पर भड़के सौरभ भरद्वाज
आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को कहा कि अरविंद केजरीवाल को उत्पाद शुल्क नीति के एक मामले में जमानत मिल गई है, इसलिए उन्हें एक नया मामला मिल गया है जिसके तहत उन्हें तलब किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि भाजपा किसी भी मुद्दे का पता लगा सकती है और जिसे चाहे उसे बुला सकती है। दिल्ली के मंत्री ने कहा कि अगर केजरीवाल रैली करते हैं तो भारतीय जनता पार्टी के लिए बाधाएं बढ़ जाएंगी।
भरद्वाज ने कहा कि, "केंद्र सरकार को लगता है कि अगर अरविंद केजरीवाल दिल्ली से बाहर जाएंगे और INDIA गठबंधन के लिए रैली और बैठक करेंगे, तो बीजेपी के लिए बाधाएं बढ़ जाएंगी। इसलिए, वे उन्हें किसी भी तरह से सलाखों के पीछे डालना चाहते हैं। उन्हें उत्पाद शुल्क नीति मामले में जमानत मिल गई है, इसलिए उन्होंने एक नया विकल्प ढूंढ लिया है। उनके (भाजपा) पास सभी एजेंसियां हैं, वे किसी भी मुद्दे का पता लगा सकते हैं और जिसे चाहें समन भेज सकते हैं।''
इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड (DJB) मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं होंगे। इससे पहले, ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में सोमवार के लिए अरविंद केजरीवाल को एक और समन जारी किया था। उन्हें दिल्ली जल बोर्ड मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 50 के तहत ईडी ने समन जारी किया था। इससे पहले, आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने दावा किया कि मामला 'फर्जी' है, उन्होंने कहा कि पार्टी को इस मामले में ईडी द्वारा दर्ज मामले की जानकारी नहीं है।
इस साल फरवरी में, ईडी ने डीजेबी की निविदा प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में एक सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता, जगदीश कुमार अरोड़ा और एक ठेकेदार, अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। EDडी डीजेबी की निविदा प्रक्रिया में अनियमितताओं के दो अलग-अलग मामलों की जांच कर रहा है, और इसका आपराधिक मामला सीबीआई की एक एफआईआर और दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) से जुड़ा है।
ED द्वारा दर्ज शिकायतों के मामले में केजरीवाल को 15,000 रुपये के जमानत बांड पर जमानत मिल गई थी। वह जमानत पर हैं और अदालत ने उनसे ईडी के समन का जवाब देने और कानून का पालन करने को कहा है। कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को निर्देश दिया कि संविधान की शपथ लेने वाले व्यक्ति के लिए कानून का पालन करना उचित है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अब तक दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में ईडी द्वारा 4 मार्च, 26 फरवरी, 19 फरवरी, 2 फरवरी, 18 जनवरी, 3 जनवरी, 2 नवंबर और 22 दिसंबर को जारी किए गए आठ पिछले समन को "अवैध और गैरकानूनी" बताया है। ED इस मामले में नीति निर्माण, इसे अंतिम रूप देने से पहले हुई बैठकों और रिश्वतखोरी के आरोपों जैसे मुद्दों पर केजरीवाल का बयान दर्ज करना चाहता है।
रतन टाटा की सबसे बड़ी कंपनी को तगड़ा झटका, दो मिनट में डूब गए 45 हजार करोड़
रतन टाटा की सबसे बड़ी कंपनी के शेयर बाजार में मंगलवार को बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. जिसकी वजह से कंपनी के मार्केट कैप से मात्र दो मिनट में करीब 45 हजार करोड़ रुपए साफ हो गए हैं. वास्तव में एक रिपोर्ट के अनुसार टाटा संस टीसीएस में अपनी हिस्सेदारी को कम करने का मन बना चुका है. कंपनी ने करीब 9300 करोड़ रुपए के शेयरों को बेचने की प्लानिंग की है. खास बात तो ये है कि कंपनी ये शेयर 3.6 फीसदी की छूट के साथ बेचेगी. जिसका असर आज कंपनी के शेयरों में साफ देखने को मिल रहा है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में कंपनी के शेयरों में कितनी गिरावट आ चुकी है.
बांबे स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार टीसीएस के शेयर में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर कंपनी का शेयर 2.72 फीसदी की गिरावट के साथ 4032.20 रुपए पर कारोबार कर रहा है. जबकि कंपनी का शेयर कारोबार शुरू होने के करीब 2 मिनट के भीतर 4021.25 रुपए पर आ गया था. जबकि एक दिन पहले कंपनी का शेयर 4144.75 रुपए पर बंद हुआ था. आंकड़ों के अनुसार कंपनी के शेयर आज सुबह 4055.65 रुपए पर ओपन हुए थे.
वहीं दूसरी ओर टीसीएस के मार्केट कैप में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. एक दिन पहले कंपनी का मार्केट कैप 15 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा था. जिसमें आज करीब 46 हजार करोड़ रुपए की गिरावट आ चुकी है. आंकड़ों के अनुसार जब कंपनी का शेयर दिन के लोअर लेवल पर आया तो कंपनी का मार्केट कैप 14,54,923.43 करोड़ रुपए पर आ गया. मौजूदा समय में कंपनी का मार्केट कैप 14,63,534.49 करोड़ रुपए पर देखने को मिल रहा है.
वहीं दूसरी ओर ओवरऑल मार्केट में गिरावट देखने को मिल रही है. बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सुबह 9 बजकर 50 मिनट पर करीब 300 अंकों की गिरावट के साथ 72,441.89 अंकों पर कारोबार कर रहा है. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स 400 से ज्यादा अंकों की गिरावट के साथ 72,316.09 अंकों पर भी पहुंच गया था. दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी में भी 100 से ज्यादा अंकों की गिरावट देखने को मिल रही है. मौजूदा समय में निफ्टी 22000 अंकों के लेवल से नीचे आते हुए 21,947.40 अंकों पर काारोबार कर रहा है. वैसे कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी 21,922.05 अंकों के लो पर भी पहुंची.
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ी, छह अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
आप नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया है। अब अगली सुनवाई छह अप्रैल को होगी।
हाईप्रोफाइल की हो सकती है गिरफ्तारी
सीबीआई ने अदालत के समक्ष तर्क रखा कि आबकारी नीति मामले में जल्द ही कुछ और हाईप्रोफाइल लोगों को गिरफ्तारी हो सकती है। जांच एजेंसी ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर विरोध जताते हुए अदालत के समक्ष तर्क रखा। सीबीआई ने कहा, मामले में जांच चल रही है और आरोपी इसमें बाधा डाल सकते हैं।
उच्चतम न्यायालय की ओर से उपचारात्मक जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद सिसोदिया अपनी जमानत याचिका पर जोर दे रहे हैं। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सिसोदिया के वरिष्ठ वकील मोहित माथुर और सीबीआई के अतिरिक्त लोक अभियोजक पंकज गुप्ता की दलीलें सुनने के बाद प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दलीलें सुनने के लिए मामले की सुनवाई 22 मार्च तय की है।
सिसोदिया की और से पेश वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने तर्क रखा कि सुप्रीम कोर्ट ने देखा है कि 13 महीने बीत चुके हैं उनके के भागने का ख़तरा नहीं है। सबूतों से छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है। दरअसल, अब कोई सबूत नहीं बचा है. सभी सरकारी गवाह बन गए हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता माथुर ने कहा कि दूसरे आरोपी को जमानत दे दी गई, चाहे यह कितनी भी विडंबनापूर्ण क्यों न हो। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें केवल इसलिए छूट दी क्योंकि एएसजी ने कहा था कि वह जांच को समाप्त कर देंगे। उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा तथ्य यह है कि सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि सरकारी खजाने को लाभ हुआ है। किसी भी निजी व्यक्ति या किसी उपभोक्ता को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है। उनके द्वारा कोई पैसा नहीं दिया गया था।
वहीं एपीपी पंकज गुप्ता ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए हमारी तरफ से कोई देरी नहीं हुई। आरोप पर बहस के बाद सुनवाई शुरू होती है. हम उसे शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा आरोपी मुकदमे में देरी कर रहे हैं।
क्या एनडीए में शामिल होगी मनसे? दिल्ली में अमित शाह से मिले राज ठाकरे
# raj_thackeray_meets_amit_shah
फिर चुनावों का मौसम आ गया है। ये मौसम है, नए वादों और इरादों। वादा एक दूसरे के साथ आने का। इरादा, आने वाले पांच साल सत्ता का हिस्सा बन रहने का। यही वजह है कि चुनाव से पहले पूरे देश में बड़ा उलटफेर देखा जाता है। इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई है। इसके साथ ही कुछ नए साथी बनाए जा रहे हैं, तो कहीं पुराने साथी फिर मिल रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति में भी उठापलट जारी है। महाराष्ट नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर पहुंचे। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या राज ठाकरे की पार्टी का एनडीए से गठबंधन होने जा रहा है।
पिछले 24 घंटे की हलचल के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनना लगभग तय हो गया है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे गठबंधन के फार्मूले को अंतिम रूप देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर मुलाकात की है।। अमित शाह और राज ठाकरे की इस मुलाकात के बाद मनसे की महायुति में एंट्री का ऐलान हो सकता है।
राज ठाकरे सोमवार को मुंबई से दिल्ली पहुंचे और जब वह अमित शाह से मिले तब भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे भी मौजूद थे। इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने राज ठाकरे से मुलाकात कर गठबंधन को लेकर बातचीत की और फिर दोनों नेता अमित शाह के आवास पर पहुंचे। अगर गठबंधन हो जाता है तो संभावना है कि मनसे को मुंबई दक्षिण और शिरडी की सीटें मिल सकती है। सूत्रों की मानें तो बीजेपी से मनसे ने यहीं दो सीटें मांगी हैं।
राज ठाकरे की अमित शाह से यह मुलाकात इस बात का संकेत है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में अपने गठबंधन को मजबूत करने के लिए राज ठाकरे के साथ गठबंधन की इच्छुक है। राज ठाकरे के एनडीए गठबंधन में शामिल होने से भाजपा को महाराष्ट्र में फायदे की उम्मीद है। राज ठाकरे स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के भतीजे और उन्हीं की स्टाइल में फायर ब्रांड राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं।
आज होगी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक, उम्मीदवारों के नाम पर लगेगी मुहर, घोषणापत्र को मिलेगी मंजूरी
लोकसभा चुनाव होने में सिर्फ एक महीना बचा है। इसके मद्देनजर राजनीतिक दलों ने भी तैयारियां तेज कर रखी हैं। सात चरण में होने वाले आम चुनाव के लिए 19 अप्रैल से मतदान शुरू होगा। इस बीच, आज कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक होगी, जिसमें लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के घोषणापत्र पर अंतिम रूप दिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि बैठक एआईसीसी मुख्यालय में होगी। कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की भी बैठक होगी। इस बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के शेष उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा। वहीं, पार्टी के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय से पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव पारित करने की भी उम्मीद है। बता दें यह न्याय यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू होकर 17 मार्च को मुंबई में समाप्त हुई थी।
इससे पहले, कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए घोषणापत्र समिति का गठन किया था। समिति के संयोजक छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव हैं। अन्य सदस्य कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश, कांग्रेस नेता शशि थरूर और प्रियंका गांधी वाड्रा हैं। समिति के प्रमुख वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र 'लोगों का घोषणापत्र' होगा। पार्टी नेताओं द्वारा सार्वजनिक परामर्श के अलावा, ई-मेल और एक वेबसाइट के माध्यम से सुझाव लिए गए हैं।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को कहा था कि पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कार्यसमिति की बैठक में मसौदा घोषणापत्र को अपनी मंजूरी देगी, जिसमें न्याय के लिए पांच ‘गारंटी’ दी गई हैं। उन्होंने कहा था कि पार्टी पांच न्याय – भागीदारी न्याय, किसान न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और युवा न्याय के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। इनमें 25 गारंटी होंगी, जिनकी घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही कर चुके हैं। कांग्रेस ने अब तक दो अलग-अलग सूचियों में कुल 82 उम्मीदवारों की घोषणा की है। खरगे ने एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा बढ़ाने और एक व्यापक सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना के लिए संविधान संशोधन पारित करने का वादा किया।
Mar 19 2024, 18:53