रूस में फिर पुतिन राज, एक तरफ जीत हासिल करती है दुनिया को डराया, दी तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी
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एक बार फिर से रूस में पुतिन का राज होगा। व्लादिमीर पुतिन ने रूस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। 71 वर्षीय पुतिन ने आसानी से एक बार फिर अपना छह साल का नया कार्यकाल सुरक्षित कर लिया है। सत्ता पर करीब 25 साल से काबिज राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 88 प्रतिशत वोट मिले हैं।बतौर राष्ट्रपति ये उनका पांचवा कार्यकाल होगा। वो 2030 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे। 1999 में रूस की सत्ता की बागडोर व्लादिमीर पुतिन को सौंपी गई थी। तब से लेकर आज तक वो कई चुनाव नहीं हारे।
सोमवार को नतीजों की घोषणा होने के बाद पुतिन ने अपने पहले संबोधन में पश्चिमी देशों को धमकी देते हुए तीसरे विश्वयुद्ध की चेतावनी दे दी। उन्होंने कहा कि रूस और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन में अगर संघर्ष हुआ तो इसका मतलब ये है कि यह दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध से महज एक कदम दूर होगी और शायद ही कोई ऐसी परिस्थिति देखना चाहता है।
जीत के बाद व्लादिमीर पुतिन रूस के लोगों और यूक्रेन में लड़ रहे सैनिकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि रूस को न तो डराया जा सकता है और न ही दबाया जा सकता है। उन्होंने कहा वोट के नतीजे उनके नेतृत्व में रूसी नागरिकों के भरोसे को दर्शाते हैं। रूस के लोग उन पर भरोसा करते हैं ये बात चुनाव के नतीजों से साफ पता चलती है। उन्होंने रूस के उन लड़ाकों का खास तौर पर धन्यवाद किया जो बिना किसी डर और निस्वार्थ भाव से देश की रक्षा करते हैं।
अमेरिका का उड़ाया मजाक
वहीं, पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा रूस के चुनाव की आलोचना करने पर खुद अमेरिका के लोकतंत्र का मजाक उड़ाया और कहा कि 'पूरी दुनिया उन (अमेरिका) पर हंस रही है, वहां क्या हो रहा है।'
अमेरिका ने लगाया आरोप
दरअसल, संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम और अन्य देशों ने रूस में हुए चुनाव की आलोचना की है। पश्चिमी देशों ने कहा है कि राजनीतिक विरोधियों की कैद और सेंसरशिप के कारण वोट न तो स्वतंत्र था और न ही निष्पक्ष था। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा, "चुनाव स्पष्ट रूप से स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं हैं, क्योंकि पुतिन ने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया है और दूसरों को उनके खिलाफ लड़ने से रोका है। पुतिन द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण का आदेश देकर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे घातक यूरोपीय संघर्ष शुरू करने के ठीक दो साल बाद यह चुनाव हुआ है। उन्होंने इसे "विशेष सैन्य अभियान" बताया।
Mar 18 2024, 10:43