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लोकसभा चुनाव : बिना Voter ID Card के भी दे सकते हैं वोट, वोटर लिस्ट में ऑनलाइन ऐसे चेक करें अपना नाम

 लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। इस बार भी पिछली बार की तरह चुनाव 7 चरणों में होने जा रहे हैं। पहले चरण के चुनाव 19 अप्रैल को होंगे। इसके बाद दूसरे चरण के चुनाव 26 अप्रैल को होंगे।

7 मई को तीसरे, 13 मई को चौथे, 20 मई को पांचवे और 25 मई को छठवें चरण के चुनाव होंगे। 1 जून को आखिरी चरण और 4 जून को चुनाव के नतीजों की घोषणा होगी।

बिना वोटर आईडी कार्ड के कैसे डालें वोट

अगर आपकी उम्र भी इस वर्ष 18 वर्ष हो चुकी है या 18 वर्ष से अधिक है और वोट देने की तैयारी कर रहे हैं तो ये जानकारी आपके लिए ही है।

वोट डालने के लिए आपका रजिस्टर्ड होना जरूरी है। वोटर आईडी कार्ड के लिए अप्लाई किया था, लेकिन वोटर आईडी आपके पास नहीं है तो भी वोट डाला जा सकता है।

हालांकि, अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं होगा तो आप वोट नहीं डाल सकते हैं।

ऐसे में वोटर लिस्ट में नाम चेक करने की सलाह दी जाती है। वोटर लिस्ट में नाम चेक करने का प्रोसेस बेहद आसान है। 

आइए जानते हैं, वोटर लिस्ट में आप अपना नाम ऑनलाइन किस तरह चेक कर सकते हैं-

वोटर लिस्ट में ऑनलाइन ऐसे चेक करें अपना नाम

सबसे पहले https://electoralsearch.eci.gov.in/ पर आना होगा।

यहां वोटर लिस्ट में नाम चेक करने के लिए तीन तरीकों Search by Details, Search by EPIC, Search by Mobile में से एक को चुनना होगा।

पहला विकल्प (Search by Details)

अब Search by Details के साथ आपको आपके नाम, पिता का नााम, जेंडर और डेट ऑफ बर्थ की जानकारी देनी होगी।

इसके साथ ही जिला और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की जानकारी देनी होगी।

कैप्चा कोड एंटर करने के साथ ही आपकी डिटेल्स स्क्रीन पर नजर आएंगी।

दूसरा विकल्प (Search by EPIC)

अगर आप डिटेल्स के जरिए सर्च नहीं करना चाहते हैं तो Search by EPIC के साथ वोटर लिस्ट में नाम चेक कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपके पास EPIC नंबर होना जरूरी है।

अब EPIC नंबर और राज्य की डिटेल्स शेयर करनी होंगी।

कैप्चा कोड एंटर करने के साथ ही आपकी डिटेल्स स्क्रीन पर नजर आएंगी।

तीसरा विकल्प (Search by Mobile)

अगर आपका मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड है तो आप Search by Mobile विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं।

आपको अपने मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड एंटर करने की जरूरत होगी।

कैप्चा कोड एंटर करने के साथ ही आपकी डिटेल्स स्क्रीन पर नजर आएंगी।

मुंबई के शिवाजी पार्क में इंडी गठबंधन का शक्ति प्रदर्शन, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा होगी समाप्त

डेस्क: मुंबई के शिवाजी पार्क में विपक्षी गठबंधन यानी इंडी गठबंधन द्वारा शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है। दरअसल शिवाजी पार्क में इंडी गठबंधन की तरफ से मेगा रैली का आयोजन किया गया है। इससे पहले राहुल गांधी ने मुंबई में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा को समाप्त किया। इसी कड़ी आज राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। इसके अवसर पर शिवाजी पार्क में मेगा रैली का आयोजन किया गया है। बता दें कि राहुल गांधी मुंबई में जन न्याय पदयात्रा कर रहे हैं। इंडी गठबंधन के कई बड़े नेता इस रैली में शामिल होने के लिए रैली में शामिल होने के लिए मुंबई पहुंच रहे हैं। बता दें कि 14 जनवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत राहुल गांधी ने मणिपुर से की थी।

राहुल गांधी ने ट्वीट कर दी जानकारी

भारत जोड़ो न्याय यात्रा की समाप्ति को लेकर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट शेयर किया। उन्होंने लिखा, 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आज समापन है, पर यह अंत नहीं, न्याय की लड़ाई का आरंभ है। यात्रा के दौरान मैंने हर वर्ग के साथ हो रहे भयंकर अन्याय और उत्पीड़न को बहुत करीब से जाना और समझा। मैं देशवासियों की उम्मीदों भरी आंखों में छिपे छोटे-छोटे सपनों को अपने साथ लेकर जा रहा हूं। इस यात्रा से मेरा विश्वास और दृढ़ हुआ कि देश की पहली ज़रूरत न्याय है और हर वर्ग को समर्पित कांग्रेस के 5 न्याय ही संकटकाल से गुज़र रहे भारत की संजीवनी है।'

उन्होंने आगे लिखा कि आज चुनाव का बिगुल बज चुका है। कांग्रेस के सभी बब्बर शेर कार्यकर्ताओं, अब चैन से तभी बैठना, जब अन्याय का पर्याय बन चुकी इस सरकार को उखाड़ कर फेंक देना। हम जनता के जीवन से जुड़े ज़मीनी मुद्दों को लेकर चुनाव में उतरेंगे। हमारा चुनावी अभियान भी युवाओं को रोज़गार, महिलाओं को अधिकार, किसानों को सही दाम, श्रमिकों को सम्मान और वंचितों को हिस्सेदारी की गारंटी को समर्पित होगा। तो उठाओ न्याय की मशालें और गांव-गांव, गली-गली यह संदेश पहुंचा दो- देश को बचाना है, INDIA को जिताना है। जुड़ेगा भारत, जीतेगा INDIA।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दी चेतावनी, कहा, यदि मैं राष्ट्रपति नहीं चुना गया तो देश में होगा खून खराबा

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर इस साल के आखिर में होने वाले चुनावों में वह नहीं चुने जाते हैं तो देश में 'खून-खराबा' होगा।

ओहायो के डायटन में एक रैली को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, 'अगर अब मैं चुना नहीं जाता हूं तो यहां खूनखराबा होगा। कम से कम यह होगा ही। खून-खराबा देश के लिए होने जा रहा है।'

हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप के इस बयान का क्या आशय है। दरअसल, जिस समय उन्होंने यह चेतावनी दी उस सनय वह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति वाहन उद्योग के बारे में शिकायत कर रहे थे। एक रिपोर्ट के अनुसार, भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वह फिर से चुने जाते हैं तो चीन अमेरिका में आयातित किसी भी वाहन को बेचने में सक्षम नहीं होगा।

बाइडन के खिलाफ तीखे बयानबाजी

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए नवंबर में चुनाव होने हैं। ऐसे में, चुनावों से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के खिलाफ तीखे बयानबाजी के लिए ट्रंप अक्सर देश की खराब तस्वीर को दिखाते हैं। अमेरिकी संसद (कैपिटल) में छह जनवरी 2021 को हुए दंगों के सिलसिले में जेल में बंद लोगों को बंधक बनाने का जिक्र करते हुए ट्रंप ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा, 'आप बंधकों की भावना को देखते हैं। और यही वे हैं - बंधक।'

बाइडन भी ले रहे छह जनवरी की घटना का सहारा

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी अपने भाषणों में छह जनवरी की घटनाओं को यह कहते हुए सामने रखा कि नवंबर के चुनाव परिणाम लोकतंत्र के भाग्य के लिए मायने रखते हैं। यह हमला रिपब्लिकन और ट्रंप के अभियान के लिए राजनीतिक खतरा बना हुआ है।

पेंस ने छोड़ा ट्रंप का साथ

इस बीच, अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने एलान किया कि वह 2024 में ट्रंप का समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, 'डोनाल्ड ट्रंप एक ऐसा एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं और उसे स्पष्ट कर रहे हैं जो उस रूढ़िवादी एजेंडे के विपरीत है जिस पर हमने अपने चार साल के दौरान शासन किया था। यही कारण है कि मैं इस अभियान में डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन नहीं कर सकता।'

अंतरिम मेडिकल जमानत पर जेल से बाहर हैं सत्येंद्र जैन, सुप्रीम कोर्ट कल सुनाएगा बेल पर फैसला

डेस्क: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा। इस साल जनवरी में न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने सत्येंद्र जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी व प्रवर्तन निदेशालय (ED) का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू की दलीलें सुनने के बाद मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।

पिछले साल मई में मिली थी अंतरिम राहत

पीठ में न्यायमूर्ति पंकज मिथल भी शामिल हैं। पीठ मामले के अन्य आरोपियों अंकुश जैन और वैभव जैन की याचिका पर भी फैसला सुनाएगी। सत्येंद्र जैन फिलहाल अंतरिम मेडिकल जमानत पर बाहर हैं। शीर्ष अदालत ने जैन को पिछले साल मई में छह सप्ताह के लिए अंतरिम राहत दी थी, लेकिन समय-समय पर इसे बढ़ाया जाता रहा। आप नेता ने उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

धन शोधन के आरोप में किया गया था गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आप नेता को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धन शोधन के आरोप में 30 मई, 2022 को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ दर्ज केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार किया था। जैन ने इन आरोपों से इनकार किया है। उनको सितंबर 2019 को सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में निचली अदालत द्वारा नियमित जमानत दी गई थी।

इलेक्टोरल बॉन्ड पर कपिल सिब्बल ने फिर साधा निशाना, कहा "चुनाव आयोग सरकार के इशारों पर काम करता है"

डेस्क: राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर एक बार फिर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है, इसका फायदा सीधा बीजेपी को हुआ है। उन्होंने कहा कि आरएसएस (RSS) और बीजेपी (BJP) बताए इस करप्शन पर क्या कहेंगे, उन्हें जवाब देना चाहिए। ED सिर्फ विपक्ष के नेताओं पर रेड करती है। अरविंद केजरीवाल को आज नहीं तो कल गिरफ्तार करेगी। चुनाव आयोग सरकार के इशारों पर काम करता है। सात चरणों में चुनाव कराकर आयोग इसी बात को साबित करना चाहता है।

"किसी ने कहा था- ना खाऊंगा ना खाने दूंगा"

इससे पहले इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद सिब्बल ने पीएम मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स से पता चलता है कि कहीं न कहीं 'लाभ के बदले लाभ देने' का काम हुआ है। उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि किसी ने कहा था- ना खाऊंगा ना खाने दूंगा। पीएम मोदी ने 2014 से पहले भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा करते हुए ये बात कही थी।

कोर्ट से मांगे गए एक्सटेंशन पर भी की थी टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "इलेक्टोरल बॉन्ड के दानदाता, लाभ के बदले लाभ स्पष्ट रूप से दिख रहा है।" उन्होंने आगे पीएम मोदी का नाम नहीं लिए बगैर कहा, 'एक क्विज है- किसने कहा था- ना खाऊंगा ना खाने दूंगा?' इससे पहले उन्होंने एसबीआई की ओर से इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स जारी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से मांगे गए एक्सटेंशन पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि एसबीआई ने टालने की कोशिश की, लेकिन कोर्ट मजबूती से खड़ा रहा।

एसबीआई ने चुनाव आयोग को बॉन्ड की डिटेल सौंपी

बता दें कि चुनाव आयोग ने 14 मार्च को इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स सार्वजनिक की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 12 मार्च को चुनाव आयोग को बॉन्ड की डिटेल्स दी, जिसे फिर सार्वजनिक कर दिया गया। इसके सामने आते ही विपक्षी दलों ने बयानबाजी शुरू कर दी और कहा कि डिटेल्स से पता चलता है कि सबसे ज्यादा चुनावी चंदा बीजेपी को मिला है।

इंदौर, भोपाल, विदिशा जैसी सीटों पर कौन लड़ेगा चुनाव? MP में बड़े नेताओं को उतार सकती है कांग्रेस, 18 सीटों पर कल हो सकता है ऐलान


 चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। पूरा चुनाव 7 चरणों में होगा। जिसकी शुरुआत 19 अप्रैल से हो जाएगी। 4 जून को नतीजों की घोषणा होगी। चुनाव को लेकर मध्यप्रदेश में कांग्रेस 10 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है। जबकि 18 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान होना अभी बाकी है। 

दिल्ली में 18 मार्च को होने वाली कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी (CEC) की मीटिंग में मध्यप्रदेश की बची हुई 18 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया जा सकता है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मध्यप्रदेश की बाकी 18 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों सिंगल नाम मांगे हैं।

दरअसल कल यानी सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी। इसमें बचे हुए संभावित दावेदारों के नामों पर विचार कर अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों का कहना है कि आम सहमति के आधार पर प्रत्येक सीट के लिए केंद्रीय चुनाव समिति को एक-एक नाम प्रस्तावित किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी अलग-अलग सीटों के संभावित दावेदारों से चर्चा भी कर रहे हैं। 

मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस 28 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है। अब तक कांग्रेस ने प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जबकि 18 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान होना बाकी है। 18 सीटों पर उम्मीदारों के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने प्रदेश कांग्रेस से 18 सीटों के लिए सिंगल नाम मांगे हैं। 

माना जा रहा है कि कांग्रेस बची हुई 18 लोकसभा सीटों पर कुछ बड़े नामों को भी उतार सकती है। क्योंकि पार्टी इंदौर, भोपाल, विदिशा, गुना, राजगढ़ जैसी सीटों पर इस बार बड़े नेताओं को चुनाव लड़ाना चाहती है। ऐसे में कुछ सीनियर नेताओं के नाम भी प्रत्याशियों की लिस्ट में हो सकते हैं। इधर बीजेपी ने प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं।

शराब घोटाला के बाद अब जल बोर्ड से जुड़े केस में फंसे अरविंद केजरीवाल! ED ने 18 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया, AAP ने कहा- गिरफ्तार करना है मकसद

प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली जल बोर्ड में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 18 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 9वां समन भेजा है। 

इसके बाद आम आदमी पार्टी ने यह दावा किया है कि ईडी ने जल बोर्ड से जुड़े एक मामले में भी अरविंद केजरीवाल को समन भेजा है। दिल्ली जल बोर्ड वाले मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को कल यानी 18 मार्च को पेश होना है, जबकि आबकारी नीति मामले में 21 मार्च का समन है। 

दिल्ली शराब नीति मामले में उन्हें नौवीं बार समन भेजकर 21 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया है। इस मामले में ED उन्हें अब तक 8 समन भेज चुकी है। हालांकि, वे एक बार भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए हैं। इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड में हुई मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उन्हें 18 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया है। CBI ने जुलाई 2022 में बोर्ड की टेंडर प्रोसेस में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामले में FIR दर्ज की थी।

दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा दावा किया है। आतिशी ने कहा कि कल यानी 16 मार्च की शाम में मोदी जी की ईडी ने और एक और समन भेज दिया। आतिशी ने कहा कि सीबीआई और ईडी मोदी जी के गुंडे हो गए हैं। मोदी जी के इन गुंडों ने एक-एक करके विपक्ष के नेताओं को टारगेट कर रहे हैं। आतिशी ने कहा कि इस नए दिल्ली जल बोर्ड मामला क्या हम भी जानना चाहते हैं। क्या घोटाला हुआ? क्या कह रहे हैं किसी को नहीं पता? यह समन सिर्फ इसलिए भेजा जा रहा है क्योंकि पीएम मोदी को शक होने लगा है कि क्या वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को एक्साइज में गिरफ्तार कर पाएंगे। यह बीजेपी की बैकअप स्ट्रैटजी है, जिससे वह अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर पाएंगे।

बिहार टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा, अभ्यर्थियों से लिए गए थे 10-10 लाख रुपए, 300 लोग गिरफ्तार

डेस्क: बिहार टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। सॉल्वर गैंग ने अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रुपए लिए थे। अभ्यर्थियों को झारखंड के हजारीबाग ले जाया गया था। पटना पुलिस ने करीब 300 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है। 

अभ्यर्थी समेत गैंग के मेंबर्स को कोर्ट ने जेल भेजा है। बिहार में किसी भी परीक्षा में पेपरलीक मामले में यह अभी तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी है। 

हजारीबाग में बैठकर हो रही थी तैयारी

इस मामले में ये भी सामने आया है कि 14 मार्च को ही प्रश्न बाहर आ गए थे, परीक्षा के बाद प्रश्न का मिलान करने पर वे बिल्कुल एक से पाए गए हैं। पता चला है कि बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली के लिए जालसाजों ने झारखंड के हजारीबाग में बैठकर तैयारी की थी। ये रैकेट हजारीबाग से संचालित हो रहा था। इसका खुलासा बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू), बिहार पुलिस और झारखंड पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में हुआ है।

हजारीबाग से गैंग के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह कि इस रैकेट के संचालन में बिहार सरकार के कई अफसरों की संलिप्तता के सबूत मिल रहे हैं। बिहार के एक वरिष्ठ अधिकारी के नेमप्लेट की एक गाड़ी भी हजारीबाग में जब्त की गई है। बिहार पुलिस के प्रेस नोट के अनुसार इस पेपर को लीक कराने के लिए 10 लाख में डील हुई थी, और प्रश्नपत्र 14 मार्च को ही बाहर आ गया था।

बिहार में लोक सेवा आयोग का पेपर कैसे लीक हुआ?

बिहार में लोक सेवा आयोग का पेपर लीक कैसे हुआ? इसके लिए आपको पूरी टाइमलाइन समझनी होगी। दरअसल 13 मार्च को पुलिस को अपने सीक्रेट लिंक्स से ये खबर मिलती है कि कुछ लोग BPSC का पर्चा लीक करने की साजिश रच रहे हैं और इसके लिए वो अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रुपए की डिमांड कर रहे हैं।

इसके बाद 14 मार्च को इकॉनमिक ऑफेंस यूनिट की एक स्पेशल टीम बनाई जाती है, जो पूरे पटना के करबिगहिया इलाके से गैंग के एक मेंबर को उठाती है। जो पुलिस टीम को झारखंड के हजारीबाग का लिंक बताता है। वो बताता है कि अभ्यर्थी को हजारीबाग में आंसर सीट के जरिए जवाब रटवाए जा रहे हैं। इसके बाद पटना पुलिस झारखंड पुलिस की मदद से हजारीबाग के कोहिनूर होटल पर रेड करती है और वहां से 330 के करीब अभ्यर्थी और गैंग के 5 मेंबर को गिरफ्तार कर बिहार लाया जाता है। 16 मार्च को पटना सिविल कोर्ट में आरोपियों को पेश कर जेल भेज दिया जाता है।

पुलिस ने पेपर लीक के आरोपियों के पास से कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से एग्जाम सेंटर के एंट्री कार्ड, ऑरिजिनल सर्टिफिकेट, ब्लैंक चेक, 50 मोबाइल, लैपटॉप, प्रिंटर, पेन ड्राइव बरामद की है। जिसका इस्तेमाल पेपर लीक की धांधली में किया गया था।

*बिहार टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा, अभ्यर्थियों से लिए गए थे 10-10 लाख रुपए, 300 लोग गिरफ्तार*

डेस्क: बिहार टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। सॉल्वर गैंग ने अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रुपए लिए थे। अभ्यर्थियों को झारखंड के हजारीबाग ले जाया गया था। पटना पुलिस ने करीब 300 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है। 

अभ्यर्थी समेत गैंग के मेंबर्स को कोर्ट ने जेल भेजा है। बिहार में किसी भी परीक्षा में पेपरलीक मामले में यह अभी तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी है। 

हजारीबाग में बैठकर हो रही थी तैयारी

इस मामले में ये भी सामने आया है कि 14 मार्च को ही प्रश्न बाहर आ गए थे, परीक्षा के बाद प्रश्न का मिलान करने पर वे बिल्कुल एक से पाए गए हैं। पता चला है कि बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा में धांधली के लिए जालसाजों ने झारखंड के हजारीबाग में बैठकर तैयारी की थी। ये रैकेट हजारीबाग से संचालित हो रहा था। इसका खुलासा बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू), बिहार पुलिस और झारखंड पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में हुआ है।

हजारीबाग से गैंग के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह कि इस रैकेट के संचालन में बिहार सरकार के कई अफसरों की संलिप्तता के सबूत मिल रहे हैं। बिहार के एक वरिष्ठ अधिकारी के नेमप्लेट की एक गाड़ी भी हजारीबाग में जब्त की गई है। बिहार पुलिस के प्रेस नोट के अनुसार इस पेपर को लीक कराने के लिए 10 लाख में डील हुई थी, और प्रश्नपत्र 14 मार्च को ही बाहर आ गया था।

बिहार में लोक सेवा आयोग का पेपर कैसे लीक हुआ?

बिहार में लोक सेवा आयोग का पेपर लीक कैसे हुआ? इसके लिए आपको पूरी टाइमलाइन समझनी होगी। दरअसल 13 मार्च को पुलिस को अपने सीक्रेट लिंक्स से ये खबर मिलती है कि कुछ लोग BPSC का पर्चा लीक करने की साजिश रच रहे हैं और इसके लिए वो अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रुपए की डिमांड कर रहे हैं।

इसके बाद 14 मार्च को इकॉनमिक ऑफेंस यूनिट की एक स्पेशल टीम बनाई जाती है, जो पूरे पटना के करबिगहिया इलाके से गैंग के एक मेंबर को उठाती है। जो पुलिस टीम को झारखंड के हजारीबाग का लिंक बताता है। वो बताता है कि अभ्यर्थी को हजारीबाग में आंसर सीट के जरिए जवाब रटवाए जा रहे हैं। इसके बाद पटना पुलिस झारखंड पुलिस की मदद से हजारीबाग के कोहिनूर होटल पर रेड करती है और वहां से 330 के करीब अभ्यर्थी और गैंग के 5 मेंबर को गिरफ्तार कर बिहार लाया जाता है। 16 मार्च को पटना सिविल कोर्ट में आरोपियों को पेश कर जेल भेज दिया जाता है।

पुलिस ने पेपर लीक के आरोपियों के पास से कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से एग्जाम सेंटर के एंट्री कार्ड, ऑरिजिनल सर्टिफिकेट, ब्लैंक चेक, 50 मोबाइल, लैपटॉप, प्रिंटर, पेन ड्राइव बरामद की है। जिसका इस्तेमाल पेपर लीक की धांधली में किया गया था।

CM मोहन यादव के बयान से गरमाई मध्यप्रदेश की राजनीति! कहा- MP में अभियान चल रहा है, 50 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता...

देशभर में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। शनिवार को चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। मध्य प्रदेश में चार चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे, जिसकी तेयारियां सभी राजनीतिक दलों ने शुरू कर दी है। विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस पार्टी भी काफी ज्यादा सक्रिय नजर आ रही है। 

मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार लोगों के बीच पहुंच रहे हैं और लोकसभा चुनाव की तैयारी का जायजा ले रहे हैं। इस बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे राजनीतिक गलियारे में हलचल पैदा हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 50 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़ने का तैयार हैं। 

जानकारी के लिए आपको बता दें कि, लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस में भगदड़ मची हुई है। लगातार नेता कांग्रेस छोड़ कर भाजपा की सदस्यता ले रहे हैं। इस बीच शनिवार को CM मोहन यादव ने बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां-जहां राहुल गांधी गए वहां पीछे पीछे लोग कांग्रेस छोड़ते जा रहे हैं। आने वाले समय में कांग्रेस की और बुरी स्थिति होगी। 

मोहन यादव ने आगे कहा, मध्य प्रदेश में कांग्रेस छोड़ो, अभियान चल रहा है। आने वाले समय में कांग्रेस की और बुरी स्थिति होगी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस छोड़ो, अभियान चल रहा है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे में कांग्रेस धीरे-धीरे रसातल में जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी अलग-अलग स्थान पर 50 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़ने को तैयार हैं।

मोहन यादव ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस में नेतृत्व की ही कमजोरी है। कांग्रेस लगातार वो रॉकेट लॉन्च कर रही, जो कभी गंतव्य तक पहुंचता ही नहीं है। पहले वो विचार कर लें, किसको लांच करना है। जब उनके लीडर चुनाव को गंभीरता से नहीं लेते, कार्यकर्ताओं का मान सम्मान नहीं होता, उनके पार्टी के वरिष्ठ लोगों की जिस ढंग से बेइज्जती हो रही है। उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि कांग्रेस अपने गिरेबान में झांकेगी और भाजपा से सबक लेगी कि कार्यकर्ताओं की इज्जत कैसे करते हैं, चुनाव को कितनी गंभीरता से लेते हैं।