बिजली के खम्भों की कमी से जूझ रहा विभाग, बांस बल्ली के सहारे दिए जा रहे हैं कनेक्शन
मनोज त्रिवेदी ,रायबरेली। बिजली विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी ही ही नियमों को ताक पर रखकर कनेक्शन बांट रहे हैं जिसमें शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक बांस बल्ली के सहारे कनेक्शन चल रहे हैं। जबकि कई बार अनेको घटनाएं घटने के बाद भी विभाग चेत नहीं रहा है।
बिजली विभाग उपभोक्ताओं को जो बिजली कनेक्शन दे रहा है उसमें नियम है कि उपभोक्ता के घर से पोल की दूरी 40 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए,लेकिन मानक को दरकिनार कर 200- 200 मीटर की दूरी तक कनेक्शन बांट दिए गए। जो बांस बल्ली के सहारे उपभोक्ता ले जाने को मजबूर है।
ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे कई कनेक्शन देखने को मिल जायेंगे,लेकिन विभाग के अधिकारी जानकर केवल काम चालाऊ नीति पर काम करके धन उगाही में मस्त हैं। उपकेन्द्र शिवगढ़, जगतपुर ,ऊंचाहार, ऊंचाहार तहसील, जमुनापुर, गदागंज सहित कई उपकेद्रों में ऐसे ही कनेक्शन चल रहे हैं।
पेड़ों और बांस बल्लियों के सहारे 12 से अधिक घरों को विद्युत आपूर्ति
ऊंचाहार तहसील व जमुना पुर विद्युत उपकेंद्र से साठ से अधिक गांवों को विद्युत आपूर्ति की जाती है। कुछ जगह विद्युत पोल टूट गए, तो कुछ गांवों में उपभोक्ताओं को बिना विद्युत पोल के ही कनेक्शन दे दिए गए हैं। मजबूरन उपभोक्ता बांस बल्लियों के सहारे घरों तक तार खींचकर ले गए हैं। उपभोक्ताओं ने विद्युत संयंत्र लगवाने को कई बार आवाज उठाई, अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भी दिया,लेकिन उदासीन अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है।
ऊंचाहार कानपुर राजमार्ग पर दौलतपुर गांव के पास सड़क किनारे दस वर्ष से अधिक समय से लोग मकान बनाकर निवास कर रहे हैं। प्रकाश व दैनिक उपयोग के लिए बिजली की आवश्यकता पड़ी। विद्युत विभाग में आवेदन किया, स्थलीय निरीक्षण व बिना लाइन चार्ट के ही कागजी खानापूर्ति के बाद उन्हें कनेक्शन दे दिया गया। जिम्मेदारों द्वारा उपभोक्ताओं को जल्द विद्युत पोल लगाने का आश्वासन देते हुए पेड़ों व बांस बल्लियों के सहारे 12 से अधिक घरों को विद्युत आपूर्ति कर दी गई। दूसरा मामला इसी राजमार्ग से पचखरा गांव को जाने वाले लिंक मार्ग के किनारे बसी आबादी का है।
यहां भी विभाग द्वारा बिना विद्युत पोल लगाए लोगों को बिजली का कनेक्शन दे दिया गया। पांच साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अब तक विद्युत पोल नहीं लगे, यह तो बानगी मात्र है। यही हाल सवैया राजे, सवैया भैंसा सुर, जुगराज पुर, कोटिया चित्रा, पूरे भोज, पचखरा, नेवादा समेत दर्जनों गांवों का है। जहां विभाग के जिम्मेदारों द्वारा बिना बिजली के पोल लगाए ही बांस बल्लियों के सहारे तार बिछाकर विद्युत आपूर्ति की जा रही है। बांस बल्लियों व हरे पेड़ों में बंधे झूलते तार दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर रहे हैं। जो आए दिन स्पार्क कर टूट कर गिर जाते हैं। जिससे सड़क पर आवागमन कर रहे राहगीरों को खतरा बना हुआ है। यहीं नहीं बरसात के मौसम में केबिल के जोड़ों से करंट जमीन पर दौड़ने लगता है।
दौलतपुर ग्राम प्रधान आरती मौर्या, पूर्व प्रधान राजवती यादव, अजय पाल, विजयपाल, जुग्गी प्रसाद, सुरेंद्र कुमार, उमेश तिवारी, संतोष कुमार आदि ने बताया कि इस बाबत विभागीय अधिकारियों के साथ ही तहसील दिवस में भी शिकायती पत्र दिया गया। लेकिन समस्या निवारण नहीं हो सकी। विद्युत वितरण खंड के अधिशासी अभियंता धीरेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग को एस्टीमेट भेजा गया है। जल्द ही विद्युत पोल लगवाए जाएंगे।
दो साल से खंभे का इंतजार कर रहा परिवार
शिवगढ़।में बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा विद्युत उपभोक्ताओं को भोगना पड़ रहा है।आलम यह कि बिना खंभों और तार के ही झुग्गी झोपड़ियों में बल्लियों के सहारे कनेक्शन देकर विभाग यह भूल जाता है कि यहां खंभे और तार भी लगाने हैं l कस्बे की मास्टर कालोनी में राम प्रसाद पासी के बेटे और बहू कई सालों से झुग्गी बनाकर रह रहा है राम प्रसाद ने बताया कि करीब दो साल पहले उन्होंने सौभाग्य योजना में बिजली का कनेक्शन लिया था खंभे से झुग्गी की दूरी ज्यादा होने पर बांस बल्ली लगाकर कनेक्शन दे दिया गया था और कहा गया था कि एक पोल बीच में लगवा दिया जायेगा। किंतु आज तक न तो खंबा लगा और न ही तार ।
अस्थाई बांस बल्ली से केबल जमीन पर लटकने लगा जिससे किसी भी समय भयानक हादसा हो सकता है।इस बाबत कई बार शिकायत भी दर्ज करवाई गई किंतु नतीजा सिफर है l विद्युत उपभोक्ता ने स्थाई पोल और तार से कनेक्शन देने की मांग की है l इस बाबत जेई रवि कुमार का कहना है कि यदि ऐसा है तो जांच कर समस्या का समाधान किया जाएगा l
क्या है नियम
जिन उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिए जा रहे उनके घर से पोल की दूरी 40 मीटर से ज्यादा न हो।
क्या बोले जिम्मेदार
यह मामले संज्ञान में नही हैं यदि ऐसा है तो कनेक्शनों की जांच कर चिह्नाकन करने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
आर एन सरोज अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मण्डल प्रथम
Mar 16 2024, 20:05