आजमगढ़ में खौफ हुआ खत्म, 60 घंटे की मशक्कत के बाद काबू में आया तेंदुआ, लोगों ने ली चैन की सांस
शुभम यादव ,आजमगढ़ सिटी। 60 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद खुलेआम घूम रहे तेंदुए को आखिरकार पकड़ लिया गया।जिले में पिछले दो सप्ताह से तेदुएं के देखे जाने से तेंदुए की दहशत से लोग परेशान थे। अब शहर की ओर घुसने वाला था।
ऐसे में वन विभाग की टीम को बुलाया गया। चार घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला और फिर तेंदुआ वन विभाग के शिकंजे में फंस गया।
दरअसल आजमगढ़ में दो सप्ताह से तेदुएं के घुसने की खबर चर्चा में रही।पहले शहर से 40 किमी. दूर अहरौला इलाके में तेेदुअा देखा गया।अहरौला इलाके में जब वन विभाग की टीम ने उसकी घेरेबंदी की ,तो वह जाल काट कर भाग गया था। अब वह अहरौला से शहर की ओर बढ़ रहा था। शहर से लगभग दस किमी. दूरे 18 फरवरी को यूपीडा की भ्रमण करने वाली टीम ने पूर्वांचल एक्सप्रेस के पास तहबरपुर के नैपुरा गांव के पास तेंदुए को देखा और टीम ने उसकी फोटो खींच लिया।
सूचना मिलते ही उसी दिन वन विभाग की टीम माैके पर पहुच गई। तब तक तेंदुआ पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के पाइप लाइन में घुस गया। इसके बाद उसे पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया गया। पहले पाइपलाइन के एक मुहाने को मिट्टी से पूरी तरह बंद किया गया। जबकि दूसरे मुहाने पर लोहे का बड़ा पिंजरा लगाया गया। 48 घंटे बाद भी जब तेंदुआ पिंजरे में नहीं आया तो 19 फरवरी की शाम को गोरखपुर से वन संरक्षण अधिकारी बीसी ब्रह्मा के नेतृत्व में विशेष टीम भी पहुंच गई। 20 फरवरी की सुबह से ही रेस्क्यू ऑपरेशन की शुरुआत हुई। इसके बाद भी तेंदुआ बाहर नहीं निकला तो तीन बजे पाइप लाइन के बंद मुहाने को खोल कर उसमें ड्रम डाला गया, जिसे पाइप से प्रेशर के माध्यम से तेंदुआ को धकलने की कवायद शुरू हुई।
सात बजे के लगभग वन विभाग व पुलिस कर्मियों की टीम तेंदुए को ड्रम की मदद से पिंजरे में धकेल कर कैद करने में सफल हुई। तेंदुआ को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ मौके पर जुटी थी।पिंजरे में कैद तेंदुआ काफी खुंखार दिख रहा। अब इसे गोरखपुर भेजा गया। जहां उसका मेडिकल कराया जाएगा।
Feb 21 2024, 20:58