शोपीस बनकर रह गई ट्रैफिक सिग्नल लाइटें, पांच करोड़ रुपये हुए हैं खर्च
रायबरेली- शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। शहर की हर सड़क और चौराहे पर सुबह से शाम तक जाम लगा रहता है। यह स्थिति तब है जब शहर के तीन चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें लगी हुई हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन की सुस्ती के चलते ये लाइटें शोपीस बनी हुई हैं।
शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए शहर के सिविल लाइन, डिग्री कॉलेज व पुलिस लाइन चौराहे पर नगर पालिका की ओर से पांच करोड़ रुपये खर्च कर ट्रैफिक लाइटें लगाई गई थी, लेकिन इन लाइटों का संचालन अभी तक नहीं हो पाया है। न चौराहों पर पुलिस और ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की पूरी व्यवस्था है। यही वजह है कि शहर में दिन निकलने के साथ जाम की जो समस्या शुरू हो जाती है वह रात नौ बजे तक भी समाप्त नहीं होती है। चौराहों पर लगी ट्रैफिक लाइटें हास्यस्पद बनी हुई है।
कभी कोई चालक लाइटों के अनुसार चलने का प्रयास करता है तो वह खड़ा ही रह जाता है, क्योंकि लाइटें तो जल रही है। लेकिन उनका कोई समय निर्धारित नहीं है। न लाइटों के अनुसार यातायात संचालन के लिए कोई पुलिसकर्मी वहां मौजूद रहता है। जिसके कारण चालक अपनी मनमर्जी से चौराहों को क्रास करने की कोशिश करते हैं और अपने वाहनों को जल्द निकालने के चक्कर में जाम लगा देते हैं। पूरा दिन शहर के तमाम चौराहों पर यातायात व्यवस्था इसी तरह से ध्वस्त होती रही है, लेकिन कोई पुलिसकर्मी या फिर ट्रैफिक पुलिसकर्मी सुध नहीं लेता। जिसके कारण लोग पूरा दिन जाम में फंसे रहते हैं।
ट्रैफिक सिग्नल व्यवस्था को पूरी तरह से लागू करने से पहले लोगों को जागरुक किया जा रहा है। जल्द ही इन्हें सुचारू ढंग से चालू कराया जाएगा।
Feb 18 2024, 20:20