संसद में 5 साल “खामोश” रहे शत्रुघ्न सिन्हा, के फिल्मी पर्दे पर “गदर” मचाने वाले सनी देओल ने मुंह तक नहीं खोला
#SunnyDeol_ShatrughanSinha_Woh_Did_Not_Speak_A_Word_In_Parlainment
हाल ही में संसद का बजट सत्र संपन्न हुआ। इसी के साथ संसद की 17वीं लोकसभा में आखिरी सत्र संपन्न हो गया। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले 31 जनवरी से शुरू हुआ संसद का अंतरिम बजट सेशन 10 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पीच के साथ खत्म हो गया। इन पांच सालों में तमाम सांसदों ने बतौर प्रतिनिधि अपने अपने इलाके के लोगों के सरोकार, मुद्दे और आवाज को सदन में उठाने की कोशिश की। 17वीं लोकसभा में संसद सत्र के दौरान 5 साल में कुल 274 बैठकें हुईं, लेकिन लोकसभा के 543 सांसदों में से कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने संसदीय गतिविधि में न के बराबर भाग लिया। यह जानकारी मंगलवार (13 फरवरी) को पीआरएस लेजिस्लेटिव ने शेयर की। अभिनेता-राजनेता सनी देओल (भाजपा) और शत्रुघ्न सिन्हा (टीएमसी) उन 9 लोकसभा सदस्यों में से थे, जिन्होंने किसी भी चर्चा में भाग नहीं लिया।
इन 9 सासंदों ने किसी भी चर्चा में नहीं लिया भाग
बंगाल से टीएमसी सांसद दिब्येंदु अधिकारी, कर्नाटक से बीजेपी सांसद व पूर्व राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े, बीजेपी सांसद वी श्रीनिवास प्रसाद और बीजेपी सांसद बी एन बचे गौडा, पंजाब से बीजेपी सांसद सनी देओल, असम से बीजेपी सांसद प्रदान बरुआ ऐसे सांसद हैं, जो लोकसभा के अपने पांच साल के कार्यकाल में सदन में एक शब्द भी नहीं बोले। इन लोगों ने किसी भी संबोधन व चर्चा में भाग नहीं लिया। हालांकि इन सांसदों ने भले मौखिक रूप से कोई भागीदारी न दिखाई हो, लेकिन लिखित रूप से भागीदारी जरूर दिखाई। इन लोगों ने लिखित सवाल या लिखित रूप से अपनी भागीदारी जरूर दिखाई।
वहीं दूसरी ओर संसद में तीन सांसद ऐसे भी थे, जिन्होंने सदन में लिखित या मौखिक किसी भी रूप में अपनी भागीदारी दर्ज नहीं कराई। इनमें बॉलिवुड से नेता बने वेस्ट बंगाल से टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, यूपी से बीएसपी सांसद अतुल राय और कर्नाटक से बीजेपी सांसद व पूर्व राज्य मंत्री रमेश सी जिगजिगानी शामिल हैं।
बता दें कि सनी देओल पंजाब के गुरदासपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं, शत्रुघन सिन्हा को ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने 2022 में पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट पर हुए उपचुनाव में टिकट देकर लोकसभा भेजा था। इससे पहले वो भाजपा में थे।
मोहन मंडावी और भागीरथ चौधरी को प्रतिशत उपस्थिति का गौरव
वहीं, भाजपा के मोहन मंडावी और भागीरथ चौधरी 17वीं लोकसभा में ऐसे दो सदस्य रहे जिन्होंने पांच साल की अवधि के दौरान कुल 274 बैठकों में 100 प्रतिशत उपस्थिति का गौरव हासिल किया। यह संयोग की कहा जाएगा कि पहली बार लोकसभा पहुंचे इन दोनों सदस्यों को सदन में एक-दूसरे के बगल वाली सीटें आवंटित की गई थीं।
संसद में सबसे सक्रिय सांसद रहे पुष्पेंद्र सिंह चंदेल
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर से भाजपा सदस्य पुष्पेंद्र सिंह चंदेल संसद में सबसे सक्रिय सदस्य थे, जिन्होंने 17वीं लोकसभा में 1,194 चर्चाओं में भाग लिया था, उनके बाद अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से कुलदीप राय शर्मा (833 चर्चाएं) थे। बसपा सदस्य मलूक नागर (बिजनौर) ने 582 चर्चाओं में भाग लिया, इसके बाद धर्मपुरी से द्रमुक सदस्य डीएनवी सेंथिलकुमार (307 चर्चाओं), कोल्लम से आरएसपी सदस्य एनके प्रेमचंद्रन (265), बारामती से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) की सदस्य सुप्रिया सुले (248) ने भाग लिया।
Feb 14 2024, 12:13