कौशांबी में किसानों और मजदूरों ने किया संघर्ष का आगाज़
प्रयागराज।अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के नेतृत्व में आज सैकडो की संख्या में किसानों और मजदूरों ने मूरतगंज ब्लॉक कौशांबी के उजिहिनी खालसा गांव में एक विशाल जनसभा कर अपनी समस्याओं पर चर्चा कर संघर्ष के लिए कमर कसी।
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भाजपा केंद्र व राज्य सरकारें कॉर्पोरेट घरानो की सेवा कर रही हैं और किसानों और मजदूरों के जीविका के साधन छीन रही हैं। किसान और मजदूर कर्ज में फंस रहे हैं भयंकर बेरोजगारी के शिकार हैं और कल्याणकारी योजनाएं अनियमित पर भ्रष्टाचार के शिकार हैं।
एआईकएएमएस प्रांतीय नेता का० सुरेश चंद ने जीवन चलाने की सुविधाओं में जातीय भेदभाव की आलोचना करते हुए मांग की कि 50 फ़ीसदी ऊंची जाति वर्चस्व की व्यवस्था समाप्त किया जाना चाहिए, जाति जनगणना की जानी चाहिए और जाति के हिसाब से आरक्षण दिया जाना चाहिए।
इलाहाबाद महासचिव राजकुमार पथिक ने खेती की महंगी लागत और उपज का लाभदायक रेट ना मिलने की आलोचना करते हुए किसानों की कर्ज मुक्ति की मांग की और कहा कि मजदूरों के समूह में कर्ज ब्याज दर केसीसी की तरह ४ फीसदी आ जाना चाहिए।
इलाहाबाद उपाध्यक्ष सुरेश निषाद ने जमुना नदी के व्यापक क्षेत्र में नाव से बालू खनन काम रोकने और बालू माफिया की लूट बढ़ाने की निंदा की।
उन्होंने कहा कि 16 फरवरी को सभी बालू मंडियों में काम बंद की हड़ताल रहेगी।
कौशांबी महासचिव फूलचंद निषाद ने हर घर व हर दुकान को 300 यूनिट प्रतिमाह बिजली मुफ्त देने, बिजली दरें घटाने, कनेक्शन काटना बंद करने, पुराने बिल माफ करने और प्रीपेड मीटर योजना रद्द करने की मांग उठाई और कहा कि घाटा अमीरों से वसूला जाए।
चंद्रावती गांव में रोजगार बढ़ाने, आशा, आंगनबाड़ी, रसोईया, गांव सहायक, शिक्षामित्र को सरकारी वेतन 26,000 देने पर जोर दिया और कहा कि बेरोजगारी बढ़ाना और बहुत कम मजदूरी देकर काम करना भाजपा सरकार की सबसे खराब जन विरोधी नीति रही है।
स्थानीय स्तर पर कुलभास्कर के रद्द पट्टों से दबंगों का अवैध कब्जा हटाने व 149 ग्रामवासियों का 2010 का पट्टा नवीकृत करने; हर गरीबों को खेती व आवास के पट्टे देने, निर्माण आवास योजना देने; उजिहिनी की 40 एकड़ जमीन पर अवैध प्लाटिंग रद्द करने; बंद राशन पोर्टल खोलने व कटे यूनिट जोड़ने; काजीपुर से उजिहिनी घाट तक सड़क की मरम्मत कराने; सभी वृद्धों व विधवाओं को 10,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने; मनरेगा मजदूरी 600 रुपये करने; नियमित काम व पेमेंट देने की मांगों पर जोर दिया गया।
अधिवक्ता साहब लाल निषाद, आईएफटईयू नेता संतराम,अमिलिया के रामू निषाद, तिल्हापुर के सरदार, गौसपुर के राम कॉटन व सरोज, घासी पूरवा के मुंशीलाल, तथा उजिहिनी के विजय निषाद आदि शामिल थे। अध्यक्षता बिहारी लाल मास्टर जी ने की।
Feb 14 2024, 11:22