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आ रहा भारत का अपना 'Indus Appstore', मिलेंगे ये खास फीचर्स, खत्म होगी गूगल प्ले स्टोर की बादशाहत!

मोबाइल फोन पर किसी भी ऐप को डाउनलोड करने के लिए यूजर्स को हमेशा Google Play Store पर जाना पड़ता है लेकिन अब प्ले स्टोर को लेकर गूगल की मोनोपॉली खत्म होने वाली है। क्योंकि, PhonePe 21 फरवरी को ऐप स्टोर लॉन्च करने जा रहा है। मनीकंट्रोल की खबर के अनुसार, फोनपे Indus Appstore लॉन्च करने वाला है।

फोनपे इस नए वेंचर की तैयारी जोर-शोर से कर रहा है। कंपनी की वेबसाइट से पता चलता है कि उसने फ्लिपकार्ट, इक्सिगो, डोमिनोज़ पिज़्ज़ा, स्नैपडील, जियोमार्ट और बजाज फिनसर्व जैसे ऐप को ऑनबोर्ड कर लिया है। नवंबर 2023 में, इंडस ऐपस्टोर ने प्रमुख रियल-मनी गेम डेवलपर्स ड्रीम11, नाज़ारा टेक्नोलॉजीज, गेम्सक्राफ्ट और मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) के ऐप्स को शामिल करने के लिए एक एलायंस करने का ऐलान किया था।

आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने की ये अहम टिप्पणी, कहा, जिन जातियों को लाभ प्राप्त हुआ, उन्हें आरक्षण श्रेणी से बाहर निकलना चाहिए

 सर्वोच्च न्यायालय में सात जजों की संविधान पीठ ने आरक्षण के मुद्दे पर बड़ी टिप्पणी की है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि जिन जातियों को लाभ प्राप्त हुआ, उन्हें आरक्षण श्रेणी से बाहर निकलना चाहिए। आरक्षण का लाभ प्राप्त हो गया हो तो उस वर्ग को अति पिछड़ों के लिए रास्ता तैयार करना चाहिए। 

मंगलवार को सुनवाई के चलते अनुसूचित जाति से संबंधित जस्टिस बीआर गवई ने कहा, एक विशेष पिछड़े वर्ग के अंदर, कुछ जातियां उस स्थिति और शक्ति तक पहुंच गई हैं, तो उन्हें बाहर निकल जाना चाहिए, किन्तु यह सिर्फ संसद को तय करना है। उन्होंने कहा कि, अब क्या होता है, SC/ST का कोई व्यक्ति IAP /IPS आदि में जाता है तो उसके बच्चों को वह नुकसान नहीं झेलना पड़ता जो अन्य SC समुदायों के लोगों को भुगतना पड़ता है। किन्तु फिर आरक्षण के आधार पर, वे दूसरी पीढ़ी और फिर तीसरी पीढ़ी के भी हकदार हैं।  

जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि, एक विशेष वर्ग में कुछ उपजातियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। वह उस श्रेणी में आगे भी हैं तो उन्हें आरक्षण से बाहर निकलकर जनरल श्रेणी से मुकाबला करना चाहिए। आरक्षण का फायदा केवल उन्हें मिलना चाहिए जो पिछड़ों में अभी भी पिछड़े हैं। जब एक बार आरक्षण का फायदा प्राप्त हो चुका है तो उन्हें इससे बाहर निकलना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के सात जजों की संविधान पीठ SC-ST श्रेणियों के भीतर उप-वर्गीकरण की वैधता पर सुनवाई कर रही है।

'काले टीके से प्रगति को नजर नहीं लगती है', पढ़िए, कांग्रेस के ब्लैक पेपर पर क्या आई PM मोदी की प्रतिक्रिया

 पीएम नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में सेवानिवृत हो रहे सदस्यों की विदाई भाषण के चलते पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की खूब प्रशंसा की। राज्यसभा से सेवानिवृत हो रहे डॉ. मनमोहन सिंह की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'वो 6 बार सदन के सदस्य रहे, वैचारिक मतभेद रहा, किन्तु उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो माननीय सासंद जा रहे हैं, इनको पुराने एवं नए दोनों संसद भवनों में रहने का अवसर प्राप्त हुआ है। ये सभी साथी आजादी के अमृतकाल के नेतृत्व के साक्षी बनकर जा रहे हैं। कोविड के मुश्किल कालखंड में हम सबने परिस्थितियों को समझा, परिस्थितियों के अनुकूल अपने आप को ढाला, किसी भी दल के किसी भी सांसद ने देश के काम को रुकने नहीं दिया।

डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'डॉ. मनमोहन सिंह ने सदन का कई बार मार्गदर्शन किया। जब सांसदों के योगदान का जिक्र होगा तो मनमोहन सिंह की चर्चा अवश्य होगी। मनमोहन सिंह व्हीलचेयर में आए एवं एक मौके पर वोट किया लोकतंत्र को ताकत देने आए। विशेष तौर पर उनके लिए प्रार्थना है कि हमारा मार्गदर्शन करते रहें।'

कांग्रेस के ब्लैक पेपर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, काले टीके से प्रगति को नजर नहीं लगती है तथा आज कालाटीका लगाने की कोशिश हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'काले कपड़ों में सदन को फैशन शो देखने का भी अवसर प्राप्त हुआ। कभी कभी कुछ काम इतने अच्छे होते हैं जो लंबे वक़्त तक उपयोगी होते हैं। हमारे यहां कुछ अच्छी चीज कर लेते हैं तो परिवार में एक स्वजन ऐसा भी आ जाता है जो कहता है कि अरे नजर लग जाएगी काला टीका लगा देता हूं। आज बीते 10 सालों में जो काम हुए हैं उसको किसकी नजर ना लग जाए इसलिए आज खड़गे जी काला टीका लगाकर आए हैं। आज हमारे कार्यों को नजर ना लग जाए इसलिए आप जैसे वरिष्ठ सांसद काला टीका लगाकर आए हैं तो ये अच्छी बात है।'

अगर केंद्र में AAP सरकार आ गई तो, आप पर भी..', ED और कोर्ट के समन पर सीएम केजरीवाल का धमकी भरा बयान

 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) केंद्र सरकार का "नया हथियार" है। उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि यदि आम आदमी पार्टी (AAP) केंद्र की सत्ता में आई तो क्या होगा, "आप पर भी वही कानून (PMLA) लागू होगा।'' उल्लेखनीय है कि, ED मनी लॉन्डरिंग मामले में पूछताछ के लिए केजरीवाल को 5 बार समन भेज चुकी है, पर वो समन को ही अवैध बताकर एक भी बार पेश नहीं हुए हैं। इसके बाद ED ने कोर्ट में इसकी शिकायत की, जहाँ अदालत ने तमाम तथ्य देखने के बाद सीएम केजरीवाल को 17 फ़रवरी को पेश होकर जवाब देने का आदेश दिया है। 

अब उन समनों पर दिल्ली सीएम का ये धमकी भरा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि, 'क्या होगा अगर समय बदल जाए और हम इस तरफ (केंद्र में सत्ता में) आ जाएं और आप दूसरी तरफ आ जाएं?" केजरीवाल केरल सरकार के नेतृत्व में केंद्र के खिलाफ दिल्ली में एक विरोध प्रदर्शन में भाषण दे रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र ने विपक्षी सरकारों के खिलाफ "युद्ध छेड़ दिया है" जो देश में 70 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। केजरीवाल ने कहा कि, 'ED अब एक नया हथियार है। अब तक, किसी व्यक्ति पर दोष साबित होने के बाद ही उसे जेल भेजा जाता था। लेकिन अब, वे (भाजपा) तय करते हैं कि किसे जेल भेजना है, फिर सोचते हैं कि व्यक्ति पर कौन सा मामला दर्ज करना है।" 

केजरीवाल ने कहा कि, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तब जेल में डाल दिया गया था, जब मामला शुरू भी नहीं हुआ था। कल, वे मुझे, विजयन, स्टालिन, सिद्धारमैया को जेल में डाल सकते हैं और सरकार गिरा सकते हैं।" केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के सांसद, विधायक और वरिष्ठ वाम मोर्चा नेता भी शामिल हुए, जिनमें CPI महासचिव डी राजा और सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी भी शामिल थे।

पीएम मोदी की जाति पर राहुल गांधी का बयान, बोले- वो OBC नहीं जनरल कास्ट में पैदा हुए

#rahul_gandhi_says_pm_modi_was_not_born_in_the_obc_category

कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति को लेकर टिप्पणी की है। राहुल गांधी ने दावा किया है कि पीएम मोदी का जन्म ओबीसी वर्ग में नहीं हुआ था। ओडिशा में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात की तेली जाति में पैदा हुए थे। इस समुदाय को साल 2000 में बीजेपी ने ओबीसी का टैग दिया था. उनका जन्म सामान्य जाति में हुआ था।

राहुल गाँधी ने ओडिशा में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कहा, मैं बहुत गहरी बात बोल रहा हूँ। आप सब लोगों को भयंकर बेवकूफ बनाया जा रहा है। सुनो, मैं जो कह रहा हूँ। नरेंद्र मोदी ओबीसी नहीं पैदा हुए थे, वो गुजरात में तेली जाति में पैदा हुए थे। उनकी जाति को भाजपा ने सन् 2000 में ओबीसी बनाया। आपके प्रधानमंत्री ओबीसी नहीं पैदा हुए, सामान्य वर्ग में पैदा हुए। उन्होंने पीएम मोदी पर पूरी दुनिया में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो किसी ओबीसी से गले नहीं मिलते, किसान-मजदूर का हाथ नहीं पकड़ते, बल्कि अडानी का हाथ पकड़ते हैं।

आप GST भरते हैं और मजा अडानी जैसे लोग उठाते हैं-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि देश में आज भयंकर सामाजिक अन्याय हो रहा है। आप GST भरते हैं और मजा अडानी जैसे लोग उठाते हैं। क्योंकि अडानी खदान ख़रीदता है, सड़क और पुल के टेंडर लेता है, मीडिया को कंट्रोल करता है। फिर उसी की मीडिया हम से पूछती है कि आप जातिगत जनगणना की बात क्यों कर रहे हैं?

दिन में कई बार कपड़े बदलते हैं, फिर झूठ बोलते हैं पीएम-राहुल गांधी

राहुल ने कहा कि मैंने जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय की बात की तो पीएम मोदी ने कहा- देश में सिर्फ दो जातियां हैं-अमीर और गरीब। अगर दो जातियां हैं तो आप क्या हैं? गरीब तो आप हैं नहीं। आप करोड़ों का सूट पहनते हैं। दिन में कई बार कपड़े बदलते हैं, फिर झूठ बोलते हैं कि मैं ओबीसी वर्ग का आदमी हूं।

किसानों का आज दिल्ली कूच, संसद तक करेंगे मार्च,नोएडा बॉर्डर पर भारी जाम

#protestingfarmersmarchtodelhi

किसान आंदोलन को खत्म हुए 2 साल से ज्यादा का वक्त बीत गया है लेकिन एक बार फिर नई मांगों के साथ किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान आज नोएडा से दिल्ली की ओर कूच करेंगे। इसके साथ ही किसानों ने दिल्ली के संसद भवन के घेराव करने की भी चेतावनी दी है।ऐसे में नोएडा, गाजियाबाद के बॉर्डर पर सुबह से ही ट्रैफिक जाम लगना होना शुरू हो गया है। किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक को लेकर एडवाइजरी जारी की है। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि नोएडा-गाजियाबाद से दिल्ली आने-जाने के रास्तों पर आज भीषण ट्रैफिक जाम हो सकता है।

ग्रेटर नोएडा में महापंचायत के बबाद किसानों का दिल्ली कूच का कार्यक्रम है। दरअसल ये किसान लंबे समय से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सैकड़ो गांव के किसान अपनी मांगों को लेकर प्राधिकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इन किसानों की दो मुख्य मांग हैं। पहला विकास प्राधिकरणों द्वारा अधिग्रहित भूमि के बदले अधिक मुआवजा और डेवलेप प्लॉट।

किसानों के मार्च को लेकर ट्रैफिक एडवायजरी

किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर गौतमबुद्धनगर में जिले धारा 144 लागू है। ट्रैफिक पुलिस ने असुविधा से बचने के लिए वैकल्पिक रास्तों के लिए एडवायजरी भी जारी की है। दिल्ली में किसानों के धरना प्रदर्शन के मद्देनजर ट्रैफिक पुलिस के कर्मचाारियों को आवश्यक दिशा–निर्देश दिए गए। नोएडा ट्रैफिक पुलिस की ओर से हेल्पलाइन हेल्पलाइन नं०-9971009001 जारी किया गया है। किसानों के विरोध मार्च को देखते हुए दिल्ली-नोएडा, चिल्ला बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

कहां-कहां लग सकता है जाम

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की तरफ कहा गया कि आज सोनिया विहार, डीएनडी, चिल्ला, गाजीपुर, सभापुर, अप्सरा और लोनी बॉर्डर से जुड़े मार्गों पर भारी ट्रैफिक रहेगा। इसके अनुसार ही अपनी यात्रा टालें/योजना बनाएं। किसानों के दिल्ली बढ़ने के कारण एक्सप्रेस वे और दिल्ली आने वाले रास्तों पर ट्रैफिक जाम की समस्या हो सकती है। हालांकि, गौतम बुद्ध नगर जिले में कमिश्नरेट की तरफ से गुरुवार को धारा-144 लागू रहेगी। ऐसे में बिना अनुमति के कहीं पर भीड़ के जुटने या शांतिभंग की आशंका में पुलिस की तरफ से ऐक्शन लिया जा सकता है।

सरकार आज ला सकती है “श्वेत पत्र”, जानें लोकसभा चुनाव से पहले क्या है बीजेपी की रणनीति?

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लोकसभा चुनाव से पहले संसद में बजट सत्र चल रहा है। आम चुनाव से पहले यह संसद का आखिरी सत्र है। ऐसे में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने के लिए बड़ा दांव चला है। आज यानी गुरुवार को लोकसभा में यूपीए सरकार के 10 साल के कार्यकाल पर एनडीए की मोदी सरकार श्वेत पत्र पेश कर सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में इस श्वेत पत्र का जिक्र किया था।हालांकि, मोदी सरकार के श्वेत पत्र के जवाब में कांग्रेस भी मोदी सरकार के 10 सालों के कार्यकाल पर ब्लैक पेपर लाने की तैयारी में है।

क्या होता है श्वेत पत्र

श्वेत पत्र एक अनौपचारिक रिपोर्ट होती है, जिसमें किसी विषय के बारे में ज्ञात जानकारी या एक सर्वेक्षण/अध्ययन के परिणाम का सारांश होता है। श्वेत पत्र किसी भी विषय के बारे में हो सकता है, लेकिन यह हमेशा चीजों के काम करने के तरीकों को बेहतर बनाने के सुझाव देता है। यह आमतौर पर सरकार द्वारा अनुवर्ती कार्रवाई या कम से कम एक निष्कर्ष के लिए प्रकाशित किया जाता है। श्वेत पत्रों का उपयोग सरकारी नीतियों और कानून को प्रस्तुत करने और जनता की राय का आकलन करने के लिए किया जाता है।

श्वेत पत्र अर्थव्यवस्था पर होगा

केन्द्र सरकार की तरफ से यह श्वेत पत्र अर्थव्यवस्था पर होगा। इस श्वेत पत्र में मोदी सरकार के केंद्र की सत्ता में आने से यानी 2014 से पहले और उसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति की तुलना की जाएगी।वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए इस कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र लाने की जानकारी दी थी। सीतारमण ने कहा था, ‘सरकार अर्थव्‍यवस्‍था के बारे में सदन के पटल पर श्‍वेत पत्र पेश करेगी, ताकि ये पता चल सके कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां हैं। इस श्‍वेत पत्र का मकसद उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखना है।’ वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि वर्ष 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद सरकार संकटों से निपटने में सफल रही और अब अर्थव्यवस्था सर्वांगीण विकास के साथ उच्च वृद्धि की राह पर अग्रसर है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में पहली बार सरकार 2014 में ही बनी थी। उसके पहले लगातार 10 वर्षों यानी 2004-14 तक मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार रही थी।

पाकिस्तान में वोटिंग जारी, मतदान के बीच मोबाइल-इंटरनेट सेवाएं बंद, इमरान ने जेल में डाला वोट

#pakistanelections2024

पाकिस्तान में नेशनल असेंबली और चार प्रांतों के चुनाव के लिए वोटिंग की शुरुआत हो गई है। पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए सुबह 8.30 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है। लोग शाम 5 बजे तक अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर पाएंगे। पाकिस्तान में 12.85 करोड़ वोटर्स नई सरकार चुनेंगे। इस चुनाव में 5121 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 4,806 पुरुष, 312 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर उम्मीदवार हैं। आम चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। आम चुनाव के मद्देनजर देश के कई शहरों में मोबाइल-इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। साढ़े छह लाख सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। देर रात नतीजे आने की भी संभावना जताई गई है।

पाकिस्तान में मोबाइल सेवाएं बंद

पाकिस्तान में मोबाइल सेवाएं को बंद कर दी गईं हैं। मुल्क के आंतरिक मंत्रालय ने बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर देशभर में मोबाइल सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।

इमरान ने जेल में डाला वोट, बुशरा बीबी नहीं कर पाईं मतदान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और अन्य राजनीतिक नेताओं ने आदियाला जेल में पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाला है। डॉन अखबार ने सूत्रों के जरिए इसकी जानकारी दी है। पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करने वाले नेताओं में पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही, अवामी मुस्लिम लीग के प्रमुख शेख राशिद और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी शामिल हैं। हालांकि, बुशरा बीबी मतदान में भाग लेने में असमर्थ रही हैं, क्योंकि पोस्टल बैलेट प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें दोषी ठहराया गया और गिरफ्तार किया गया था।

पीटीआई के उम्मीदवार निर्दलीय के रूप से चुनाव लड़ रहे

इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार निर्दलीय के रूप से चुनाव लड़ रहे हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पार्टी को उसके चुनाव चिह्न क्रिकेट ‘बल्ला’ से वंचित करने संबंधी निर्वाचन आयोग के फैसले को बरकरार रखा है।।

कितनी सीटों पर डाले जा रहे वोट?

बता दें पाकिस्तान नेशनल असेंबली में कुल 336 सीटें हैं, जिनमें से केवल 266 सीटों पर ही वोटिंग होती है। बहुमत का आंकड़ा 169 है। 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें गैर-मुस्लिमों के लिए आरक्षित होती हैं। पंजाब प्रांत में सबसे ज्यादा 141 सीटें, सिंध में 61 सीटें, खैबर पख्तूनख्वा में 45 सीटें, बलूचिस्तान में 16 सीटें और इस्लामाबाद में तीन सीटें हैं।

शरद पवार की पार्टी को मिला नया नाम,अब 'एनसीपी शरद चंद्र पवार' के नाम से जानी जाएगी

#sharad_pawars_party_will_now_be_named_ncp_sharad_chandra_pawar

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न छिन जाने के बाद शरद पवार गुट को 'एनसीपी शरदचंद्र पवार' के नाम से जाना जाएगा।चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को नया नाम दे दिया है।राज्यसभा की 6 सीटों पर चुनाव के मकसद से चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को यह नाम दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जबकि आयोग ने मंगलवार को ही घोषणा की कि अजित पवार गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है।अभी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर फैसला होना बाकी है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी पर अधिकार को लेकर चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच जंग चल रही थी। चुनाव आयोग ने एक दिन पहले ही अजित पवार गुट को असली एनसीपी माना था। चुनाव आयोग ने अजीत पवार के गुट को 'असली' एनसीपी घोषित किया था। जिसके बाद शरद पवार एनसीपी गुट ने बुधवार को चुनाव आयोग को तीन नाम और सिंबल सौंपे। सूत्रों की मानें तो शरद गुट ने पार्टी के लिए बरगद का पेड़ चुनाव चिन्ह और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद चंद्र पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरदराव पवार तीन नाम के ऑप्शन दिए थे।

शरद पवार ने 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को स्थापित किया था। उनके भतीजे एवं वरिष्ठ नेता अजित पवार के पार्टी के आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो जाने के बाद पार्टी विभाजित हो गई। आयोग ने एक आदेश में अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को राकांपा का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी आवंटित कर दिया।

उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी बिल पास, सीएम धामी ने कहा- रचा गया इतिहास

#uttarakhand_uniform_civil_code_bill_passed_in_assembly

उत्तराखंड विधानसभा में लंबी चर्चा के बाद बुधवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) बिल पारित हो गया। मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी बिल को पेश किया था और फिर इसपर चर्चा शुरू हुई। यूसीसी बिल पर दो दिन चर्चा होने के बाद आज इसे पारित कर दिया गया है। विधानसभा से पास होने के बाद यूसीसी बिल अब कानून बन गया है। अब इस बिल को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। बता दें कि यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना है।

सीएम पुष्कर धामी ने विधानसभा में समान नागरिक संविधान विधेयक पर कहा कि यह केवल उत्तराखंड ही नहीं, पूरे भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगा।देवभूमि से निकलने वाली गंगा कहीं सिंचित करने और कहीं पीने का काम करती है। समान अधिकारों की गंगा सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगी और उसे सुनिश्चित करने का काम करेगी।उन्होंने कहा कि हम अनेकता में एकता की बात कहते आ रहे हैं। सभी नागरिकों के लिए समान कानून की बात संविधान करता है। संविधान पंथनिरपेक्ष है। संविधान की जो विषमताएं हैं। उन्हेंदूर कर सामाजिक ढाचे को मजबूत करने का संविधान करता है।

धामी ने कहा कि हमें समान नागिरक संहिता की जरूरत है। जिस प्रकार से देश आगे बढ़ा है। वोट बैंक से ऊपर उठना होगा। मर्यादा पुरुषोत्तम राम हमारे आदर्श हैं। जिस समता के आदर्श श्रीराम थे। उसी तरह की समता की बात हम कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि कल विधेयक पेश हुआ, तो बाबा साहेब के नारे लगे हैं। डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी भी इसी समता के पक्षकार थे। उसी समता का उल्लेख का किया गया है।

धामी सरकार ने यूसीसी पर कानून पास करने के लिए विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाया था। यूसीसी में शादी, तलाक, विरासत, गोद लेने और अन्य मामलों से संबंधित सभी धार्मिक समुदायों के लिए समान कानून शामिल हैं। इस ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अगुआई वाली पांच सदस्यीय समिति ने बीते शुक्रवार को ही अपनी रिपोर्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपी थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा से पास होने के बाद यह कानून बन गया है।