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हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद मोदी सरकार पर बरसे खड़गे, कहा-भाजपा की Washing Machine में गया वो साफ़ है, जो नहीं गया वो दाग़दार है

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया है।8 घंटे से अधिक चली पूछताछ के बाद ईडी ने सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है। अपनी गिरफ्तीर से पहले ही सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। सोरेन की गिरफ्तारी के बाद गठबंधन में शामिल विपक्षी दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

हेमंत सोरेन के इस्तीफे और गिरफ्तारी के बाद विपक्षी इंडिया गठबंधन के शीर्ष नेताओं ने बुधवार शाम को मुलाकात की और सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे और गिरफ्तारी के बाद की स्थिति पर चर्चा की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई इस बैठक में सोनिया गांधी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सुप्रीमो शरद पवार और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता टी आर बालू समेत अन्य नेता शामिल हुए। बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ‘इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस’ यानी (इंडिया) का एक घटक दल है।

हेमंत सोरेन के बहाने केंद्र सरकार पर बरसे खरगे

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हमला बोलते हुए कहा कि जो मोदी जी के साथ नहीं गया, वो जेल जाएगा। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ईडी लगाकर उनका त्यागपत्र देने को मजबूर करना संघवाद की धज्जियाँ उड़ाना है। उन्होंने कहा कि पीएमएलए के प्रावधानों को खतरनाक बनाकर विपक्ष के नेताओं को डराना-धमकाना, भाजपा की टूलकिट का हिस्सा है। खरगे ने आरोप लगाया कि षड्यंत्र के तहत एक-एक करके विपक्ष की सरकारों को अस्थिर करने का भाजपाई काम जारी है। खरगे ने कहा, 'भाजपा की वाशिंग मशीन में जो चला गया वो सफ़ेदी की चमकार से साफ है, जो नहीं गया वो दाग़दार है ? तानाशाही से लोकतंत्र को अगर बचाना है तो भाजपा को हराना होगा।' उन्होंने यह भी कहा, 'हम डरेंगे नहीं,संसद से सड़क तक लड़ते रहेंगे।'

सरकारी एजेंसियां अब बनीं बीजेपी की विपक्ष मिटाओ सेल-राहुल गांधी

कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने भी देशभर में विपक्षी नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के एक्शन की आलोचना की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'ED, CBI, IT आदि अब सरकारी एजेंसियां नहीं रहीं, अब यह भाजपा की ‘विपक्ष मिटाओ सेल’ बन चुकी हैं. खुद भ्रष्टाचार में डूबी भाजपा सत्ता की सनक में लोकतंत्र को तबाह करने का अभियान चला रही है।'

विपक्ष मुक्त संसद, लोकतंत्र मुक्त भारत, भाजपा का लक्ष्य

वहीं, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा सरकार का लक्ष्य है कि वह विपक्ष मुक्त संसद बनाए। लोकतंत्र मुक्त भारत, और प्रश्न मुक्त मीडिया के साथ-साथ सद्भाव मुक्त जनता बनाए। ट्वीट करते हुए प्रियंका ने कहा कि एक-एक करके सभी राज्यों की सरकार को गिराया जा रहा है। विपक्षी नेताओं को परेशान किया जा रहा है। जो बीजेपी में नहीं आएगा, वह जेल जाएगा। सोरेन को ईडी से परेशान कराना और उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर करना, दुर्भावनापूर्ण अभियान का हिस्सा है। बीजेपी को भ्रम है कि वह 140 करोड़ लोगों की आवाज को कुचल सकती है। जनता हर अत्याचार का जवाब देगी।

बीजेपी ने एक ही हफ्ते में लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया-तेजस्वी

अभी चार दिन पहले तक सत्ता का हिस्सा रहे और नीतीश के झटके के बाद एकदम से सत्ता से बाहर हुए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी ईडी की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पहले बिहार फिर चंडीगढ़ और अब झारखंड… बीजेपी ने एक ही हफ्ते में लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया। केंद्र सरकार निष्पक्षता को खत्म कर रही है। चुनाव में हार के डर से और एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सभी एजेंसियों को भाजपा का सेल बना दिया है। जनता बीजेपी का अहंकार तोड़ देगी। राजद हेमंत सोरेन के साथ खड़ा है।

केंद्रीय बजट पेश होने से पहले ही लगा महंगाई का बड़ा झटका, LPG सिलेंडर के बढ़े दाम

 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में अंतरिम बजट पेश करेंगी. देश में इससे पहले ही महंगाई का झटका लगा है, दरअसल, तेल विपणन कंपनियों ने 19 किलोग्राम वाला कॉमर्शियल गैस सिलेंडर महंगा हो गया है. IOCL की वेबसाइट के अनुसार, इसके दामों में 14 रुपये की वृद्धि की गई है, तत्पश्चात, राजधानी दिल्ली में एक कॉमर्शियल सिलेंडर का दाम बढ़कर 1769.50 रुपये हो गया है. परिवर्तन के नई दरें आज 1 फरवरी 2024 से लागू हो गई हैं. 

वही ताजा परिवर्तन के बाद जहां दिल्ली में 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 1755.50 रुपये से बढ़कर 1769.50 रुपये कर दी गई है. वहीं अन्य महानगरों की बात करें तो कोलकाता में एक सिलेंडर 1869.00 रुपये से बढ़कर 1887 रुपये का कर दिया गया है. मुंबई में पहले जो कॉमर्शियल सिलेंडर 1708 रुपये का मिल रहा था, वो अब 1723 रुपये का मिलेगा. वहीं चेन्नई में इसका दाम 1924.50 रुपये से बढ़कर 1937 रुपये हो गया है. वही पिछले 1 जनवरी 2024 19 किलोग्राम वाले सिलेंडर की कीमतों में मामूली राहत दी गई थी. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दामों में कटौती की थी. 

तत्पश्चात, दिल्ली से मुंबई तक पहली कॉमर्शियल गैस सिलेंडर 1.50 रुपये से लेकर 4.50 रुपये तक सस्ता हो गया था. पिछले महीने की गई कटौती के बाद दिल्ली में 19 किलो वाले सिलेंडर का दाम 1755.50 रुपये का एवं मुंबई में दाम 1708 रुपये का कर दिया गया था. कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में जहां बढ़ोतरी दी गई है, तो वहीं घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत स्थिर बनी हुई हैं. दिल्ली में 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम 903 रुपये, कोलकाता में 929 रुपये, मुंबई में 902.50 रुपये एवं चेन्नई में 918.50 रुपये का मिल रहा है. घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतें लंबे वक़्त से स्थिर बनी हुई हैं.

उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में लंबे इंतजार के बाद शुरू हुई बर्फबारी, किसानों और पर्यटकों के खिले चेहरे, अलर्ट जारी

उत्तराखंड प्रदेश में ऊंचाई वाले इलाकों में बुधवार को लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बर्फबारी हुई, जिससे यहां पर्यटकों व किसानों के चेहरे खिल गए। वहीं पारा गिरने से ठंड भी बढ़ गई। दूसरी तरफ आज गुरुवार सुबह गढ़वाल और कुमाऊं के कई जिलों में बारिश हो रही है।

मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में कही-कही भारी बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है।

कुमाऊं में जसपुर, नैनीताल, रुद्रपुर, खटीमा और गढ़वाल में चमोली, पौड़ी सहित कई जिलों में सुबह से बारिश का सिलसिला जारी है। आज ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश-बर्फबारी होने से मैदानी इलाकों में कोहरे से राहत मिलेगी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि फरवरी के पहले सप्ताह में अगर उत्तर-पश्चिम हवाओं की गतिविधि तेज रही तो ठंड का अहसास होगा, नहीं तो तापमान में कोई खास कमी देखने को नहीं मिलेगी। कुछ जिलों में बिजली चमकने के साथ ओलावृष्टि होने की संभावना है।

आज अंतरिम बजट पेश करेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जानें किस पर होगा सरकार का फोकस

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने जा रही हैं। निर्मला सीतारमण आज लगातार छठा बजट पेश करेंगी। वहीं, ये उनका पहला अंतरिम बजट होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज सुबह 11 बजे देश का अंतरिम बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट इसलिए है, क्योंकि चंद महीने बाद देश में लोकसभा चुनाव होने वाला है। नई सरकार कार्यभार संभालने के बाद पूर्ण बजट पेश करेगी। भले ही यह मोदी सरकार के कार्यकाल का दूसरा अंतरिम बजट है, बावजूद इसके आम लोगों को इस मिनी बजट से खासी उम्मीदें है। 

बजट भाषण से पहले क्या करेंगी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपनी टीम के साथ फोटो सेशन करेंगी। उसके बाद निर्मला सीतारमण राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु से भेंट करेंगी। राष्ट्रपति की अनुमति के बाद सरकार की कैबिनेट बैठक होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में बजट को मंजूरी दी जाएगी। कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद वित्त मंत्री लोकसभा पहुंचेंगी और 11 बजे बजट पेश करेंगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहली बार अंतरिम बजट पेश करेंगी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपना पहला अंतरिम बजट पेश करेंगी। इससे पहले साल 2019 में वित्त मंत्री अरुण जेटली की अस्वस्थता के कारण उस समय वित्त मंत्री के प्रभार में रहे पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था। 

इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं सीतारमण

मोदी सरकार के 2014 में सत्ता संभालने के बाद वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी भाजपा के दिग्गज नेता अरुण जेटली को सौंपी गई थी। उन्होंने साल 2014-15 से 2018-19 तक लगातार पांच बार बजट पेश किए। जेटली के खराब स्वास्थ्य के कारण 2019 के आम चुनावों के पहले वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार पीयूष गोयल को सौंपा गया। उन्होंने एक फरवरी, 2019 को अंतरिम बजट पेश किया था। 2019 के आम चुनावों के बाद मोदी 2.0 सरकार में वित्त विभाग का जिम्मा निर्मला सीतारमण को सौंपा गया। उसके बाद वे लगातार पांच बाजार बजट पेश कर चुकी हैं। इसके साथ ही वे इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला भी बनीं। इंदिरा गांधी ने वित्त वर्ष 1970-71 के लिए बजट पेश किया था।

बजट में ये हो सकता है खास

अयोध्या में राम मंदिर के उद्धाटन के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संकेत दे चुकी हैं कि ये बजट युवा, महिला, गरीब और किसान पर फोकस होगा. ऐसे में सरकार की ओर से महिलाओं के लिए मध्यप्रदेश की तर्ज पर 'लाडली बहना' जैसी कोई खास स्कीम, किसानों के लिए पीएम किसान की राशि में बढ़ोतरी, गरीबों के लिए सोशल वेलफेयर स्कीमों का दायरा बढ़ाने और युवाओं के लिए बेहतर रोजगार के अवसर पैदा करने पर फोकस हो सकता है. इतना ही सरकार ने 2027 तक देश को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है जिसके लिए सरकार मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर स्टार्टअप तक इकोनॉमी को मजबूत करने की नीति पेश कर सकती है।

अंतरिम बजट में आयकर छूट सीमा में वृद्धि, महिला उद्यमियों को समर्थन, दीर्घकालिक कराधान नीति और उपभोग तथा बचत को बढ़ावा दिए जाने की उम्मीद है। ऑल इंडिया टैक्स प्रोफेशनल यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नारायण जैन ने कहा, ‘यह एक अंतरिम बजट होगा, लेकिन इसमें पूर्ण-बजट के लिए कुछ संकेत हो सकते हैं। धारा 87A के तहत व्यक्तिगत करदाताओं को कुछ रियायत दी जा सकती है। इसके तहत कुल कर छूट सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपये किया जा सकता है।

*जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन गिरफ्तार, 8 घंटे पूछताछ के बाद ईडी का एक्शन*

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झारखंड को राजनीति गलियारों से इस वक्त एक बड़ी खबर है। कथित जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी के सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक सीएम हेमंत सोरेन को ईडी दफ्तर ले जाया गया है। इससे पहले ही सीएम हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। सोरेन के इस्तीफे के बाद ईडी ने उन्हें गिरफतार कर लिया है।

कल सुबह 10 बजे ईडी कोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन को पेश किया जाएगा। माना जा रहा है कि ईडी कोर्ट से हेमंत सोरेन की 14 दिनों का रिमांड मांग सकती है। बता दें कि जमीन घोटाला मामले में 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद ईडी दफ्तर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहां सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है।

सीएम हेमंत सोरेन को पहले से गिरफ्तारी का अंदेशा था। यही कारण है कि प्लान बी के तहत चंपई सोरेन को सीएम की कुर्सी का बैठाने का निर्णय लिया गया। और हेमंत सोरेन ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। जिसके बाद जेएमएम के नेता चंपई सोरेन को राज्य के अगले सीएम के तौर पर आगे किय़ा गया। चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। हालांकि, नई सरकार के गठन के लिए राज्यभवन से अभी समय नहीं मिला हैं।

आरबीआई ने पेटीएम को दिया बड़ा झटका, 29 फरवरी के बाद बैंकिंग सर्विस सेवाएं होंगी बंद

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पेटीएम पेमेंट बैंक को लेकर बड़ा एक्शन लिया है। 29 फरवरी के बाद से पेटीएम पेमेंट बैंक ग्राहकों को बैंकिंग सुविधाएं नहीं दे सकेगा।आरबीआई ने तत्काल प्रभाव से पेटीएम पेमेंट्स बैंक के नए ग्राहक जोड़ने पर रोक लगा दी है। साथ ही आरबीआई ने कंपनी को यह आदेश भी दिया है कि 29 फरवरी के बाद मौजूदा ग्राहकों के भी अकाउंट में अमाउंट ऐड करने पर रोक लगा दी जाए।केंद्रीय बैंक ने बुधवार को कहा कि बैंक कई सारे नियमों का उल्लंघन कर रहा है। ऑडिट रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

आरबीआई के अनुसार, पेटीएम पेमेंट्स बैंक किसी भी कस्टमर से पैसा जमा नहीं करवाए। 29 फरवरी के बाद से ही किसी भी कस्टमर के अकाउंट में किसी भी तरह के डिपॉजिट को मान्य नहीं किया जाएगा। भले ही यह पैसा वॉलेट, फास्टटैग या किसी भी अन्य प्रीपेड सिस्टम के जरिए लिया गया हो। रिजर्व बैंक ने बताया कि एक्सटर्नल ऑडिटर्स की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। इन रिपोर्ट से पता चला था कि बैंक कई वित्तीय नियमों के अनुपालन में लगातार असफल रहा है। इसके अलावा भी कई तरह की अनियमितताएं पाईं गईं। पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ इन आरोपों की जांच अभी जारी रहेगी।

रिजर्व बैंक ने बताया है कि जिन भी ग्राहकों का यहां पर खाता है वह उसमें से अपना पैसा निकाल सकते हैं। आरबीआई ने कहा है कि ग्राहक सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट या फिर किसी भी खाते से अपना पैसा निकाल सकते हैं।आरबीआई ने यह भी कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के जो मौजूदा ग्राहक हैं वह अपने अभी के अमाउंट का पूरा इस्तेमाल कर सकते हैं। चाहें वह पैसा सेविंग्स अकाउंट, करंट अकाउंट, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, फास्टैग, नेशनल या फि कॉमन मोबिलिटी कार्ड में हो, उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस पर तारीख की कोई पाबंदी नहीं है। आपके खाते में अभी जितना पैसा है उसे आप आगे अपनी इच्छानुसार किसी भी तिथि तक इस्तेमाल कर सकते हैं।

आरबीआई ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि कोई अन्य बैंकिंग सेवाएं, जैसे फंड ट्रांसफर (एईपीएस, आईएमपीएस इत्यादि जैसी सेवाएं), बीबीपीओयू और यूपीआई सर्विस 29 फरवरी के बाद बैंक द्वारा प्रदान नहीं की जानी चाहिए। केंद्रीय बैंक ने वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड और पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड के नोडल खातों को जल्द से जल्द किसी भी स्थिति में 29 फरवरी 2024 से पहले समाप्त करने का भी आदेश दिया है। आरबीआई ने पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च तक सभी पाइपलाइन ट्रांजैक्शन और नोडल खातों का निपटान करने का निर्देश दिया है और उसके बाद किसी भी अन्य लेनदेन पर रोक लगाने को कहा है।

ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी का तहखाना क्या है? 31 साल पहले बंद हुई थी पूजा, अब मिली अनुमति

#what_is_vyas_ji_basement_in_gyanvapi_campus 

ज्ञानवापी मामले में बुधवार को वाराणसी की अदालत से एक बड़ा फैसला आया है। इस फैसले के तहत ज्ञानवापी परिसर में मौजूद व्यास जी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने की इजाजत मिल गई है। कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर व्यवस्था करने को कहा है ताकि हिंदू वहां पूजा कर सकें।बता दें कि नवंबर 1993 तक यहां पर पूजा-पाठ होता रहा था। लेकिन तब की राज्य सरकार ने तहखाने में पूजा-पाठ बंद करने के आदेश दिए थे।अब सवाल खड़ा होता है कि आखिर तहखाने से जुड़ा विवाद है क्या, जिसके कारण तहखान में पूजा-पाठ बंद करने के आदेश दिए गए?

ज्ञानवापी स्थित नंदी के मुख के सामने दक्षिणी दीवार के पास मौजूद तहखाने में वर्ष 1551 से व्यास पीठ स्थापित रहा। इसी व्यास पीठ से मां शृंगार गौरी की पूजा, भोग, आरती की जाती रही। वर्ष 1993 में राज्य सरकार यानी मुलायम सिंह के आदेश के जरिये पूजा-पाठ और परंपराओं को बंद करा दिया था। 

मुलायम सिंह यादव की सरकार ने इसे अवैध रूप से बंद करा दिया था। साथ ही पूजा करने वाले पुजारियों को हटा दिया गया था।ज्ञानवापी परिसर के चारों ओर लोहे की बैरिकेडिंग भी करा दी गई थी। दिसंबर 1993 में ही तत्कालीन जिलाधिकारी ने व्यास पीठ के तत्कालीन पुजारी पंडित सोमनाथ व्यास के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाते हुए पूजा-पाठ पर रोक लगा दी। तहखाने में भी ताला लगा दिया था।

तहखाने में पूजा की मांग को लेकर सितंबर 2023 में याचिका दायर की गई थी। पूजा करने की मांग की याचिका सोमनाथ व्यास जी के नाती शैलेंद्र पाठक ने की थी। याचिका में मांग की गई थी कि तहखाने को डीएम को सौंप दिया जाए। जिसके बाद इस मामले को लेकर भी कई बार कोर्ट में सुनवाई हुई। 17 जनवरी को तहखाने को जिला प्रशासन ने कब्जे में ले लिया था और आज यानी 31 जनवरी को वाराणसी जिला कोर्ट ने तहखाने में पूजा करने से जुड़ा अपना फैसला सुनाया।

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, अज्ञात बंदूकधारियों के हमले में दो की मौत

#manipurviolenceatleastto_die 

मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़कने की खबर है। ताजा हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है।राज्य में एक ग्रामीण स्वयंसेवक की मौत के बाद हुई फायरिंग के दो और लोग मारे गए, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। घायलों में राज्य के एक शीर्ष भाजपा युवा नेता भी शामिल हैं।ताजा हिंसा की घटना जिसमें दो समूहों के बीच हुई।

मंगलवार को करीब 12.30 बजे बेथेल के सामान्य क्षेत्र और सपेरमीना के अंतर्गत लाम्बुंग पहाड़ी में संदिग्ध मौतेई आंतकवादी, स्वयंसेवकों, वीबीआईजी, अरामबाई तेंगगोल्स और सदिग्ध कुकी आतंकवादियों सशस्त्र स्वयंसेवकों, एचबीआईजी गुटों में भारी गोलीबारी हुई। बंदूकधारियों ने लीमाखोंग के पास कदंगबन गांव में प्रवेश किया और 2 लोगों की हत्या कर दी, जबकि पांच अन्य लोग गोली लगने से घायल हो गए।

अंग्रेजी अखबार दि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया कि गोलीबारी मंगलवार (30 जनवरी) दोपहर में शुरू हुई और कई घंटों तक चलती रही। फायरिंग के दौरान मारे गए दोनों लोगों की पहचान 33 साल के नोंगथोम्बम माइकल और 25 साल के मीस्नाम खाबा के तौर पर हुई। दोनों के शव 30 जनवरी की शाम रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज ले जाए गए। 

आदिवासियों के लिए अलग प्रशासन की मांग

मणिपुर में हिंसा की घटनाओं के बीच राज्य के दस आदिवासी विधायकों, जिनमें सत्तारूढ़ बीजेपी के सात विधायक भी शामिल हैं, ने पीएम नरेंद्र मोदी को भेजे एक ज्ञापन में आदिवासियों के लिए एक अलग प्रशासन (अलग राज्य के बराबर) गठित करने की अपनी मांग दोहराई। प्रधानमंत्री को दिए अपने ज्ञापन में आदिवासी विधायकों ने कहा कि मणिपुर में जारी संघर्ष की स्थिति बद से बदतर हो गई है। मणिपुर के तीन विधायक जिनमें राज्य कांग्रेस अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र सिंह और सत्तारूढ़ भाजपा के दो विधायक शामिल हैं। इन सभी को कथित तौर पर 24 जनवरी को इंफाल के कांगला किले में अरामबाई तेंगगोल के सदस्यों द्वारा पीटा गया और मजबूर किया गया।

हिंसा शुरू हुए क़रीब नौ महीने हो गए

मणिपुर में हिंसा शुरू हुए क़रीब नौ महीने हो चले हैं, लेकिन राज्य से लगातार लोगों की मौत की ख़बरें आ रही हैं। पिछले कुछ दिनों में गोलीबारी में सुरक्षाबलों और आम लोगों की जानें गई हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ हिंसा में अब तक 200 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 3000 से अधिक घायल हो चुके हैं। हिंसा में हजारों लोग विस्थापित भी हुए, जबकि राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों के कम से कम 60,000 कर्मियों की तैनाती के बाद भी आठ महीने से अधिक समय से वहां रुक-रुक कर हिंसा की घटनाएं देखने को मिली हैं

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को फिर ईडी का “बुलावा”, शराब नीति घोटाला केस में भेजा पांचवां समन

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शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर “बुलावा” भेजा है।जी हां, ईडी ने केजरीवाल को एक और समन भेजा है। ईडी के द्वारा केजरीवाल को भेजा गया यह पांचवां समन है। प्रवर्तन निदेशालय ने 2 फरवरी को केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया है। बता दें कि इससे पहले केजरीवाल को चार समन भेजे गए लेकिन वो ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए।

इससे पहले भेजे गए समन पर केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए जवाब में पूछा कि यदि वह आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी नहीं हैं, तो उन्हें समन क्यों जारी किया गया। ईडी द्वारा भेजे गए समन को लेकर अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उनको समन भेजे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री का दावा है कि कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। ईडी को अभी तक सुबूत नहीं मिले हैं, जबकि पिछले दो साल से शराब घोटाले की चर्चा हो रही है और जांच एजेंसी कई रेड मार चुकी है। 

2 नवंबर को भेजा गया था पहला समन

केजरीवाल को पहला समन 2 नवंबर 2023 को भेजा गया था जिसे अवैध बताकर वह हाजिर नहीं हुए। इसके बाद दूसरा समन 21 दिसंबर को गया इस पर कोई जवाब नहीं दिया। तीसरा समन 3 जनवरी को समन भेजा गया था। इस समन पर भी वह पूछताछ में शामिल नहीं हुए। चौथा समन फिर 13 जनवरी को भेजा गया। इसके जवाब में सीएम केजरीवाल ने कहा कि राजनीतिक विद्वेष और एजेंडे के कारण समन भेजा जा रहा है।

क्या थी दिल्ली की नई शराब नीति? 

17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। 

सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने जानबूझकर बड़े शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाइसेंस शुल्क बढ़ाया। इससे छोटे ठेकेदारों की दुकानें बंद हो गईं और बाजार में केवल बड़े शराब माफियाओं को लाइसेंस मिला। विपक्ष का आरोप ये भी है कि इसके एवज में आप के नेताओं और अफसरों को शराब माफियाओं ने मोटी रकम घूस के तौर पर दी।

जैकलीन फर्नांडिस जानते हुए ले रही थीं सुकेश से ठगी के पैसे, ईडी ने किया दावा

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सुकेश चंद्रशेखर के साथ 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली हाईकोर्ट के सामने दलील दी है कि बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस जानबूझकर कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर के अपराध की कमाई स्वीकार कर रही थीं और उसके इस्तेमाल में शामिल थीं।ईडी ने ये तर्क जैकलीन फर्नांडिस की याचिका के जवाब में दायर एक हलफनामे में दिया था।

दरअसल, कुछ दिनों पहले इस मामले को लेकर जैकलीन की तरफ से एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी। इसके बाद ईडी ने इस याचिका को लेकर एक हलफनामे में यह तर्क दिया। जिसके बाद जैकलीन के वकील ने ईडी के हलफनामे का जवाब देने के लिए समय मांगा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय ने 15 अप्रैल 2024 की तारीख तय की है।

अपने जवाब में ईडी ने दावा किया कि जैकलीन ने कभी भी चंद्रशेखर के साथ वित्तीय लेनदेन के बारे में सच्चाई का खुलासा नहीं किया और सबूत मिलने तक हमेशा तथ्यों को छुपाया। ईडी ने कहा कि शुरुआत में अपने बयानों में अभिनेत्री ने यह दावा करके अपने को बचाने की कोशिश की कि वह चंद्रशेखर की शिकार रही हैं, हालांकि, जांच के दौरान वह उनके (चंद्रशेखर) की ओर से उत्पीड़न को साबित करने के लिए कोई ठोस सामग्री प्रदान करने में विफल रहीं। जांच एजेंसी ने कहा कि जैकलीन चंद्रशेखर की आपराधिक पृष्ठभूमि से अवगत थी, फिर भी वह अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए अपराध की आय प्राप्त करती रहीं, उसका आनंद लेती रही और उसे अपने पास रखती रहीं।

ईडी ने कहा, वे आज तक सच को दबाकर बैठी है। जैकलीन ने सुकेश की गिरफ्तारी के बाद फोन से सारा डाटा मिटा दिया, जिससे सबूतों के साथ छेड़छाड़ हुई। उन्होंने अपने सहयोगियों से भी सबूत नष्ट करने के लिए कहा। इससे यह स्पष्ट है कि उन्हें सुकेश के अपराध के बारे में पता था और वे इसका लाभ ले रही थी। इससे जाहिर है कि जैकलीन इस अपराध में शामिल थी।