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*जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन गिरफ्तार, 8 घंटे पूछताछ के बाद ईडी का एक्शन*

#hemant_soren_arrested_in_land_scam_case 

झारखंड को राजनीति गलियारों से इस वक्त एक बड़ी खबर है। कथित जमीन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी के सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक सीएम हेमंत सोरेन को ईडी दफ्तर ले जाया गया है। इससे पहले ही सीएम हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। सोरेन के इस्तीफे के बाद ईडी ने उन्हें गिरफतार कर लिया है।

कल सुबह 10 बजे ईडी कोर्ट में सीएम हेमंत सोरेन को पेश किया जाएगा। माना जा रहा है कि ईडी कोर्ट से हेमंत सोरेन की 14 दिनों का रिमांड मांग सकती है। बता दें कि जमीन घोटाला मामले में 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद ईडी दफ्तर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहां सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है।

सीएम हेमंत सोरेन को पहले से गिरफ्तारी का अंदेशा था। यही कारण है कि प्लान बी के तहत चंपई सोरेन को सीएम की कुर्सी का बैठाने का निर्णय लिया गया। और हेमंत सोरेन ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। जिसके बाद जेएमएम के नेता चंपई सोरेन को राज्य के अगले सीएम के तौर पर आगे किय़ा गया। चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। हालांकि, नई सरकार के गठन के लिए राज्यभवन से अभी समय नहीं मिला हैं।

आरबीआई ने पेटीएम को दिया बड़ा झटका, 29 फरवरी के बाद बैंकिंग सर्विस सेवाएं होंगी बंद

#rbi_orders_paytm_payments_bank_to_stop

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पेटीएम पेमेंट बैंक को लेकर बड़ा एक्शन लिया है। 29 फरवरी के बाद से पेटीएम पेमेंट बैंक ग्राहकों को बैंकिंग सुविधाएं नहीं दे सकेगा।आरबीआई ने तत्काल प्रभाव से पेटीएम पेमेंट्स बैंक के नए ग्राहक जोड़ने पर रोक लगा दी है। साथ ही आरबीआई ने कंपनी को यह आदेश भी दिया है कि 29 फरवरी के बाद मौजूदा ग्राहकों के भी अकाउंट में अमाउंट ऐड करने पर रोक लगा दी जाए।केंद्रीय बैंक ने बुधवार को कहा कि बैंक कई सारे नियमों का उल्लंघन कर रहा है। ऑडिट रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

आरबीआई के अनुसार, पेटीएम पेमेंट्स बैंक किसी भी कस्टमर से पैसा जमा नहीं करवाए। 29 फरवरी के बाद से ही किसी भी कस्टमर के अकाउंट में किसी भी तरह के डिपॉजिट को मान्य नहीं किया जाएगा। भले ही यह पैसा वॉलेट, फास्टटैग या किसी भी अन्य प्रीपेड सिस्टम के जरिए लिया गया हो। रिजर्व बैंक ने बताया कि एक्सटर्नल ऑडिटर्स की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। इन रिपोर्ट से पता चला था कि बैंक कई वित्तीय नियमों के अनुपालन में लगातार असफल रहा है। इसके अलावा भी कई तरह की अनियमितताएं पाईं गईं। पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ इन आरोपों की जांच अभी जारी रहेगी।

रिजर्व बैंक ने बताया है कि जिन भी ग्राहकों का यहां पर खाता है वह उसमें से अपना पैसा निकाल सकते हैं। आरबीआई ने कहा है कि ग्राहक सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट या फिर किसी भी खाते से अपना पैसा निकाल सकते हैं।आरबीआई ने यह भी कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के जो मौजूदा ग्राहक हैं वह अपने अभी के अमाउंट का पूरा इस्तेमाल कर सकते हैं। चाहें वह पैसा सेविंग्स अकाउंट, करंट अकाउंट, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, फास्टैग, नेशनल या फि कॉमन मोबिलिटी कार्ड में हो, उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस पर तारीख की कोई पाबंदी नहीं है। आपके खाते में अभी जितना पैसा है उसे आप आगे अपनी इच्छानुसार किसी भी तिथि तक इस्तेमाल कर सकते हैं।

आरबीआई ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि कोई अन्य बैंकिंग सेवाएं, जैसे फंड ट्रांसफर (एईपीएस, आईएमपीएस इत्यादि जैसी सेवाएं), बीबीपीओयू और यूपीआई सर्विस 29 फरवरी के बाद बैंक द्वारा प्रदान नहीं की जानी चाहिए। केंद्रीय बैंक ने वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड और पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड के नोडल खातों को जल्द से जल्द किसी भी स्थिति में 29 फरवरी 2024 से पहले समाप्त करने का भी आदेश दिया है। आरबीआई ने पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च तक सभी पाइपलाइन ट्रांजैक्शन और नोडल खातों का निपटान करने का निर्देश दिया है और उसके बाद किसी भी अन्य लेनदेन पर रोक लगाने को कहा है।

ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी का तहखाना क्या है? 31 साल पहले बंद हुई थी पूजा, अब मिली अनुमति

#what_is_vyas_ji_basement_in_gyanvapi_campus 

ज्ञानवापी मामले में बुधवार को वाराणसी की अदालत से एक बड़ा फैसला आया है। इस फैसले के तहत ज्ञानवापी परिसर में मौजूद व्यास जी के तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने की इजाजत मिल गई है। कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन को एक सप्ताह के भीतर व्यवस्था करने को कहा है ताकि हिंदू वहां पूजा कर सकें।बता दें कि नवंबर 1993 तक यहां पर पूजा-पाठ होता रहा था। लेकिन तब की राज्य सरकार ने तहखाने में पूजा-पाठ बंद करने के आदेश दिए थे।अब सवाल खड़ा होता है कि आखिर तहखाने से जुड़ा विवाद है क्या, जिसके कारण तहखान में पूजा-पाठ बंद करने के आदेश दिए गए?

ज्ञानवापी स्थित नंदी के मुख के सामने दक्षिणी दीवार के पास मौजूद तहखाने में वर्ष 1551 से व्यास पीठ स्थापित रहा। इसी व्यास पीठ से मां शृंगार गौरी की पूजा, भोग, आरती की जाती रही। वर्ष 1993 में राज्य सरकार यानी मुलायम सिंह के आदेश के जरिये पूजा-पाठ और परंपराओं को बंद करा दिया था। 

मुलायम सिंह यादव की सरकार ने इसे अवैध रूप से बंद करा दिया था। साथ ही पूजा करने वाले पुजारियों को हटा दिया गया था।ज्ञानवापी परिसर के चारों ओर लोहे की बैरिकेडिंग भी करा दी गई थी। दिसंबर 1993 में ही तत्कालीन जिलाधिकारी ने व्यास पीठ के तत्कालीन पुजारी पंडित सोमनाथ व्यास के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाते हुए पूजा-पाठ पर रोक लगा दी। तहखाने में भी ताला लगा दिया था।

तहखाने में पूजा की मांग को लेकर सितंबर 2023 में याचिका दायर की गई थी। पूजा करने की मांग की याचिका सोमनाथ व्यास जी के नाती शैलेंद्र पाठक ने की थी। याचिका में मांग की गई थी कि तहखाने को डीएम को सौंप दिया जाए। जिसके बाद इस मामले को लेकर भी कई बार कोर्ट में सुनवाई हुई। 17 जनवरी को तहखाने को जिला प्रशासन ने कब्जे में ले लिया था और आज यानी 31 जनवरी को वाराणसी जिला कोर्ट ने तहखाने में पूजा करने से जुड़ा अपना फैसला सुनाया।

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, अज्ञात बंदूकधारियों के हमले में दो की मौत

#manipurviolenceatleastto_die 

मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़कने की खबर है। ताजा हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है।राज्य में एक ग्रामीण स्वयंसेवक की मौत के बाद हुई फायरिंग के दो और लोग मारे गए, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। घायलों में राज्य के एक शीर्ष भाजपा युवा नेता भी शामिल हैं।ताजा हिंसा की घटना जिसमें दो समूहों के बीच हुई।

मंगलवार को करीब 12.30 बजे बेथेल के सामान्य क्षेत्र और सपेरमीना के अंतर्गत लाम्बुंग पहाड़ी में संदिग्ध मौतेई आंतकवादी, स्वयंसेवकों, वीबीआईजी, अरामबाई तेंगगोल्स और सदिग्ध कुकी आतंकवादियों सशस्त्र स्वयंसेवकों, एचबीआईजी गुटों में भारी गोलीबारी हुई। बंदूकधारियों ने लीमाखोंग के पास कदंगबन गांव में प्रवेश किया और 2 लोगों की हत्या कर दी, जबकि पांच अन्य लोग गोली लगने से घायल हो गए।

अंग्रेजी अखबार दि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया कि गोलीबारी मंगलवार (30 जनवरी) दोपहर में शुरू हुई और कई घंटों तक चलती रही। फायरिंग के दौरान मारे गए दोनों लोगों की पहचान 33 साल के नोंगथोम्बम माइकल और 25 साल के मीस्नाम खाबा के तौर पर हुई। दोनों के शव 30 जनवरी की शाम रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज ले जाए गए। 

आदिवासियों के लिए अलग प्रशासन की मांग

मणिपुर में हिंसा की घटनाओं के बीच राज्य के दस आदिवासी विधायकों, जिनमें सत्तारूढ़ बीजेपी के सात विधायक भी शामिल हैं, ने पीएम नरेंद्र मोदी को भेजे एक ज्ञापन में आदिवासियों के लिए एक अलग प्रशासन (अलग राज्य के बराबर) गठित करने की अपनी मांग दोहराई। प्रधानमंत्री को दिए अपने ज्ञापन में आदिवासी विधायकों ने कहा कि मणिपुर में जारी संघर्ष की स्थिति बद से बदतर हो गई है। मणिपुर के तीन विधायक जिनमें राज्य कांग्रेस अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र सिंह और सत्तारूढ़ भाजपा के दो विधायक शामिल हैं। इन सभी को कथित तौर पर 24 जनवरी को इंफाल के कांगला किले में अरामबाई तेंगगोल के सदस्यों द्वारा पीटा गया और मजबूर किया गया।

हिंसा शुरू हुए क़रीब नौ महीने हो गए

मणिपुर में हिंसा शुरू हुए क़रीब नौ महीने हो चले हैं, लेकिन राज्य से लगातार लोगों की मौत की ख़बरें आ रही हैं। पिछले कुछ दिनों में गोलीबारी में सुरक्षाबलों और आम लोगों की जानें गई हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ हिंसा में अब तक 200 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 3000 से अधिक घायल हो चुके हैं। हिंसा में हजारों लोग विस्थापित भी हुए, जबकि राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों के कम से कम 60,000 कर्मियों की तैनाती के बाद भी आठ महीने से अधिक समय से वहां रुक-रुक कर हिंसा की घटनाएं देखने को मिली हैं

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को फिर ईडी का “बुलावा”, शराब नीति घोटाला केस में भेजा पांचवां समन

#delhi_excise_policy_case_ed_issues_fresh_summons_to_cm_arvind_kejriwal 

शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर “बुलावा” भेजा है।जी हां, ईडी ने केजरीवाल को एक और समन भेजा है। ईडी के द्वारा केजरीवाल को भेजा गया यह पांचवां समन है। प्रवर्तन निदेशालय ने 2 फरवरी को केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया है। बता दें कि इससे पहले केजरीवाल को चार समन भेजे गए लेकिन वो ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए।

इससे पहले भेजे गए समन पर केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए जवाब में पूछा कि यदि वह आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी नहीं हैं, तो उन्हें समन क्यों जारी किया गया। ईडी द्वारा भेजे गए समन को लेकर अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उनको समन भेजे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री का दावा है कि कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। ईडी को अभी तक सुबूत नहीं मिले हैं, जबकि पिछले दो साल से शराब घोटाले की चर्चा हो रही है और जांच एजेंसी कई रेड मार चुकी है। 

2 नवंबर को भेजा गया था पहला समन

केजरीवाल को पहला समन 2 नवंबर 2023 को भेजा गया था जिसे अवैध बताकर वह हाजिर नहीं हुए। इसके बाद दूसरा समन 21 दिसंबर को गया इस पर कोई जवाब नहीं दिया। तीसरा समन 3 जनवरी को समन भेजा गया था। इस समन पर भी वह पूछताछ में शामिल नहीं हुए। चौथा समन फिर 13 जनवरी को भेजा गया। इसके जवाब में सीएम केजरीवाल ने कहा कि राजनीतिक विद्वेष और एजेंडे के कारण समन भेजा जा रहा है।

क्या थी दिल्ली की नई शराब नीति? 

17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। 

सरकार ने लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। इसी तरह अन्य कैटेगिरी में भी लाइसेंस की फीस में काफी बढ़ोतरी हुई। आरोप है कि दिल्ली सरकार ने जानबूझकर बड़े शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाइसेंस शुल्क बढ़ाया। इससे छोटे ठेकेदारों की दुकानें बंद हो गईं और बाजार में केवल बड़े शराब माफियाओं को लाइसेंस मिला। विपक्ष का आरोप ये भी है कि इसके एवज में आप के नेताओं और अफसरों को शराब माफियाओं ने मोटी रकम घूस के तौर पर दी।

जैकलीन फर्नांडिस जानते हुए ले रही थीं सुकेश से ठगी के पैसे, ईडी ने किया दावा

#sukesh_chandrashekhar_money_laundering_case_jacqueline_fernandez 

सुकेश चंद्रशेखर के साथ 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीज की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली हाईकोर्ट के सामने दलील दी है कि बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस जानबूझकर कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर के अपराध की कमाई स्वीकार कर रही थीं और उसके इस्तेमाल में शामिल थीं।ईडी ने ये तर्क जैकलीन फर्नांडिस की याचिका के जवाब में दायर एक हलफनामे में दिया था।

दरअसल, कुछ दिनों पहले इस मामले को लेकर जैकलीन की तरफ से एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी। इसके बाद ईडी ने इस याचिका को लेकर एक हलफनामे में यह तर्क दिया। जिसके बाद जैकलीन के वकील ने ईडी के हलफनामे का जवाब देने के लिए समय मांगा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय ने 15 अप्रैल 2024 की तारीख तय की है।

अपने जवाब में ईडी ने दावा किया कि जैकलीन ने कभी भी चंद्रशेखर के साथ वित्तीय लेनदेन के बारे में सच्चाई का खुलासा नहीं किया और सबूत मिलने तक हमेशा तथ्यों को छुपाया। ईडी ने कहा कि शुरुआत में अपने बयानों में अभिनेत्री ने यह दावा करके अपने को बचाने की कोशिश की कि वह चंद्रशेखर की शिकार रही हैं, हालांकि, जांच के दौरान वह उनके (चंद्रशेखर) की ओर से उत्पीड़न को साबित करने के लिए कोई ठोस सामग्री प्रदान करने में विफल रहीं। जांच एजेंसी ने कहा कि जैकलीन चंद्रशेखर की आपराधिक पृष्ठभूमि से अवगत थी, फिर भी वह अपने और अपने परिवार के सदस्यों के लिए अपराध की आय प्राप्त करती रहीं, उसका आनंद लेती रही और उसे अपने पास रखती रहीं।

ईडी ने कहा, वे आज तक सच को दबाकर बैठी है। जैकलीन ने सुकेश की गिरफ्तारी के बाद फोन से सारा डाटा मिटा दिया, जिससे सबूतों के साथ छेड़छाड़ हुई। उन्होंने अपने सहयोगियों से भी सबूत नष्ट करने के लिए कहा। इससे यह स्पष्ट है कि उन्हें सुकेश के अपराध के बारे में पता था और वे इसका लाभ ले रही थी। इससे जाहिर है कि जैकलीन इस अपराध में शामिल थी।

उत्तराखंड में बदला मौसम, चकराता में सीजन का पहला हिमपात, गंगोत्री-यमुनोत्री में भी जमकर बर्फबारी शुरू उत्तराखंड में आज से मौसम फिर बदल गया


उत्तराखंड में आज से मौसम फिर बदल गया है। तड़के गंगोत्री व यमुनोत्री धाम सहित आस-पास बर्फबारी हुई तो बड़कोट तहसील क्षेत्र में बारिश। वहीं, मैदानी इलाकों में कई जगह हल्का कोहरा छाया हुआ है। राजधानी देहरादून समेत पहाड़ों की रानी मसूरी, धनोल्टी और कैम्पटी में हल्की धूप है, लेकिन ठंडी हवाएं चलने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। उधर, चकराता के लोखंडी में सीजन की पहली बर्फबारी हुई। वहीं, बर्फबारी से बागवानों ने भी राहत की सांस। अब बर्फबारी के चलते पर्यटकों के उमड़ने की भी उम्मीद है।

 

वहीं, आज प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में आज बुधवार से भारी बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। इसके लिए मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी होने की संभावना जताई है। तापमान की बात करें तो दून का अधिकतम तापमान 17 और न्यूनतम तापमान आठ डिग्री रहने के आसार हैं।

कल्पना सोरेन बन सकती हैं झारखंड की नई मुख्यमंत्री, रांची में एक बार फिर महागठबंधन के सभी विधायकों की बुलाई गई बैठक, पढ़िए, पूरी घटनाक्रम

अवैध खनन केस में बुरी तरह फंसे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। आज यानी बुधवार दोपहर के बाद ईडी उनसे पूछताछ करने वाली है और उन्हें डर है कि उनकी गिरफ्तारी की जा सकती है। इससे पहले राज्य में राजनीतिक शून्यता के हालात पैदा न हों, इसके लिए हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी चल रही है। मंगलवार दोपहर को मुख्यमंत्री आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी और देर शाम को भी एक बार फिर विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री आवास पर विधायकों का जमावड़ा लग गया है। माना जा रहा है कि मंगलवार शाम को हो रही विधायक दल की बैठक में हेमंत सोरेन अपने इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं और पत्नी कल्पना सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया जाएगा।

पिछले कुछ घंटों में झारखंड के सियासत में काफी गहमागहमी मची रही। यहां तक कि खबर फैल गई कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लापता हो गए। ईडी की टीम रांची से लेकर दिल्ली स्थित आवासों पर जांच करने पहुंच गई. मुख्यमंत्री आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी गई। इसके अलावा भाजपा और ईडी कार्यालय की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई। उसके बाद गठबंधन दल के विधायकों को रांची तलब किया गया।

अब बिना पैन के भी खरीद सकेंगे 5 लाख तक का सोना...जानिए क्या है इस दावे का सच!

बजट पेश होने में कुछ ही घंटों का वक़्त अब भी बचा हुआ है. देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अपना 6वां और पहला अंतरिम बजट पेश करने वाली है. वैसे इस बजट में किसी भी तरह का नीतिगत निर्णय नहीं होगा. आम लोगों को राहत देने वाली कुछ घोषणाओं का ऐलान भी किया जा सकता है. लेकिन ख़बरें है कि गवर्नमेंट बजट में गोल्ड इंपोर्ट पर लगने वाले टैक्स को कम करने के साथ बि​ना पैन कार्ड के 5 लाख रुपए तक का गोल्ड खरीदने की अनुमति भी प्रदान कर सकती है. इंडस्ट्री के लोग भी इसे कम करने की डिमांड बहुत वक़्त से कर रहें हैं. तो जानिए कि आखिर इस डिमांड को लगातार कौन उठा रहा है? साथ ही सरकार इस पर क्या निर्णय भी ले सकती है?

कम हो बेसिक कस्टम ड्यूटी

 जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री ने गोल्ड इंपोर्ट पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (बीसीडी) में की गई वृद्धि को अंतरिम बजट में वापस लेने का अनुरोध करते हुए एक तर्कसंगत कर संरचना लागू करने की अपील भी की है. इंडस्ट्री बॉडी ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन संयम मेहरा ने इस बारें में बोला है कि ज्वेलरी इंडस्ट्री भारत की GDP में तकरीबन 7 प्रतिशत का योगदान देता है लिहाजा यह एक व्यापार-अनुकूल माहौल का हकदार है. मेहरा ने बोला है कि इससे सरकार को भी लाभ होने वाला है. हम वित्त मंत्रालय से आगामी केंद्रीय बजट में सोने पर बढ़ी हुई BCD को वापस लेने का आग्रह करते हैं. इसके अलावा एक तर्कसंगत कर संरचना भी विकसित की जानी चाहिए.

बिना पैन कार्ड के 5 लाख रुपए का गोल्ड

 उन्होंने बोला है कि फिलहाल यथामूल्य पर 12.5 फीसदी BCD लगता है, जिससे इंपोर्टिड गोल्ड पर कुल TAX 18.45 प्रतिशत हो जाता है. उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि सोने का मूल्य बढ़ने के कारण पैन कार्ड ट्रांजेक्शन की लिमिट को मौजूदा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया जाए. मेहरा ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा है कि सोने की कीमत बढ़ने के साथ पैन कार्ड लेनदेन की सीमा को दो लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही दैनिक खरीद सीमा को भी बढ़ाकर एक लाख रुपए करने की आवश्यकता है. इसके अलावा जीजेसी ने रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए EMI की सुविधा भी बहाल करने की सिफारिश भी की है.

तेजस्वी पर नीतीश कुमार का वार, कहा- 'बच्चे को क्या पता है...कुछ लोग सिर्फ प्रचार करते हैं'

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार को तेजस्वी यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बोला है कि जब इनका (RJD) राज था तो क्या होता था? शाम के बाद कोई बाहर निकलता था? जब हम 2005 से आए तब से कार्य शुरू हुआ... हमें पता है कि कुछ लोग अपना प्रचार करते हैं लेकिन यह भी याद करें कि हमने कितना कार्य किया है।

INDIA को लेकर भी बोले मुख्यमंत्री

 बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने INDIA गठबंधन पर बोला है कि हम कह रहे थे कि यह नाम ठीक नहीं है, अब हालत आप देख ही रहे है।

उन लोगों ने एक काम नहीं किया, आज तक सीट शेयरिंग नहीं हुई थी। हम जिनके साथ पहले से थे वहीं आ गए अब यहीं रहेंगे और बिहार के विकास के लिए कार्य करने वाले है।