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ऐतिहासिक और बहुत ही भव्य दिख रही है रामनगरी अयोध्या

अयोध्या में सांस्कृतिक केंद्रों द्वारा भक्तिमय गीत संगीत और नृत्य के कार्यक्रम से हुई प्रभु श्रीराम की आराधना

अयोध्या

तुलसी उद्यान" अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा की अवसर पर रामोत्सव की धूम मची हुई है। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और समस्त क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों द्वारा भक्तिमय गीत संगीत और नृत्य के कार्यक्रम से प्रभु श्रीराम की आराधना की जा रही है। 20 जनवरी को सायंकाल पहली प्रस्तुति में अयोध्या के कलाकार प्रमोद कुमार सिंह और दल से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। अवधी भाषा के भजनों पर दर्शक उठकर स्टेज के सामने ही मगन होकर नृत्य करने लगे। दूसरी प्रस्तुति सिक्किम के लोक कलाकारों के दल ने की,कलाकारों के सधे नृत्य और उनकी मुस्कान ने पूरे वातावरण को राममय कर दिया। इसके बाद जब गुजरात के कलाकार मंच पर आए और गुजराती लोकधुन पर तलवारबाजी के हैरतअंगेज कारनामे के साथ नृत्य किया तो तालियों से पूरा पांडाल गूंज गया।अगली प्रस्तुति हर शुभ अवसर पर किया जाने वाला गुजराती नृत्य "अटेंगी" इस कलाकारों ने किया।हरियाणा से आए दल ने आते ही अपनी विशिष्ट हरियाणवी लोकगीतों की जैसे तान छेड़ी सभी मानो मंच के साथ हो गए और अगले ही पल महिला कलाकारों ने प्रवेश किया और पारंपरिक परिधानों में हरियाणवी नृत्य करके सभी को मोह लिया। मंच पर हिमांचल प्रदेश से आए लोक कलाकारों ने भी नृत्य प्रस्तुत किया, इन कलाकारों के अंग संचालन और ताल पर थिरकते उनके कदमों ने सभी को झूमने पर बाध्य कर दिया। जम्मू कश्मीर की लोक धुन बजते ही वातावरण में भक्ति भाव घुल गया।इस दल ने  डोगरी भाषा में गीतों, संवादों  के साथ दर्शकों को अपने साथ जोड़ लिया किया। आंध्र प्रदेश के दल ने मार्शल आर्ट के साथ किया जाने वाला तपेट गुल्लू लोक नृत्य करके सभी को हतप्रभ कर दिया। गजनना गजानना और जय श्रीराम जय श्रीराम के बोलो पर उनके नृत्य और गीत में पूरा पांडाल साथ दे रहा था। दर्शको  से खचाखच भरे पंडाल में कार्यक्रम का संचालन देश दीपक मिश्र ने किया।इस अवसर पर निदेशक उ. प्र.लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान लखनऊ अतुल द्विवेदी,कार्यक्रम अधिकारी एन सी जेड सी सी अजय कुमार गुप्ता, समेत तमाम संत,और श्रद्धालु उपस्थित रहे। अंत में कलाकारों को अंगवस्त्र और रामनामी देकर सम्मानित किया गया।

अयोध्या के तिकुनिया पार्क तहसील में भगवान श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आम आदमी पार्टी ने हवन पूजन और प्रसाद वितरण किया


अयोध्या

आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में भगवान श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर सोमवार को हवन पूजन और प्रसाद वितरण का समारंभ किया है और इस अद्वितीय क्षण में भगवान श्री राम की उपस्थिति में देश को कमजोर करने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया है।इस अवसर प्रदेश प्रवक्ता व अयोध्या जिला प्रभारी संजीव निगम ने कहा कि भगवान राम के प्रति हम सभी की श्रद्धा अत्यधिक है। भक्ति और समर्पण के साथ पूजते है। देश दुनियां में रामलीला, रामनवमी, और दीपावली जैसे त्योहार उनकी भक्ति को अभिवादन के रूप में मनाये जाते हैं। उन्होंने कहा हम सभी ने देश के संविधान की रक्षा और देश की एकता अखंडता को बचाये रखने के लिए के लिए भगवान श्री राम से आशीर्वाद मांगा और प्रार्थना कि देश में अमन और चैन कायम हो देश तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़े,हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले । अयोध्या जिलाध्यक्ष जिला एडवोकेट अनिल प्रजापति ने कहा दिल्ली में 20 जनवरी से लेकर 22 जनवरी तक दिल्ली में, अरविंद केजरीवाल सरकार ने रामलीला का भव्य आयोजन किया है. केजरीवाल सरकार ने बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराई है,अब तक 82 हजार बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराई जा चुकी है तीर्थ यात्रा के क्रम में दिल्ली के बुजुर्गों को केजरीवाल सरकार अयोध्या में रामलला के भी जल्द दर्शन कराएंगी. आम आदमी पार्टी के उद्देश्यों में समृद्धि, सद्भाव, और सामरिक समृद्धि के लिए हम सभी को एक साथ आगे बढ़ने के लिए आमंत्रित करते हैं।

हवन पूजन में प्रमुख रूप से जिला महासचिव सुनील मौर्या, जिला कोषाध्यक्ष दिलीप वर्मा,जिला उपाध्यक्ष गायत्री मिश्रा व यू के द्विवेदी बीकापुर विधानसभा अध्यक्ष अरविंद सेन,रघुनाथ प्रसाद,संतोष कोरी,रवि प्रकाश श्रीवास्तव मौजूद रहे।

अब रामलला टेंट में नहीं भव्य मंदिर में रहेंगे:पीएम मोदी

अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की पहली तस्वीर, पूरे श्रृंगार के साथ अद्भुत लग रहे हैं राम

अयोध्या

रामनगरी में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की पहली तस्वीर, पूरे शृंगार के साथ अद्भुत लग रहे हैं राम,राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की पहली झलक सामने आई है। रामलला की आंखों में मासूमियत, होठों पर मुस्कान, चेहरे पर गजब का तेज दिखाई दे रहा है।देशवासियों का 500 साल पुराना इंतजार खत्म हो गया हैअयोध्या में रामलला नए मंदिर में विराजमान हो चुके हैं पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रीरामजन्मभूमि गर्भगृह के भीतर रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की इस दौरान उनके साथ सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत मंदिर के पुजारी मौजूद रहे।मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामलला की पहली झलक सामने आई है। सामने आई तस्वीर में पांच साल के रामलला का रूप बहुत ही मनहोहक और आंखों में बस जाने वाला है।रामलला की पहली झलक दिल में बस जाने वाली है भगवान की पहली झलक देखकर एक बात तो साफ है कि कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बहुत ही खूबसूरत मूर्ति तैयार की है। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला की आरती उतारी यह भव्य और दिव्य नजारा मन को मोह लेने वाला था

84 सेकंड के शुभ मुहूर्त में हुई रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा

बता दें कि रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सोमवार को दोपहर में मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर अनुष्ठान शुरू किए थे नवनिर्मित राम मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर तक पीएम मोदी पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल पहुंचे और गर्भगृह में प्रवेश किया। गर्भगृह में मोदी ने पंडितों के मंत्रोच्चारण के बीच अनुष्ठान शुरू किया अनुष्ठान में सीएम योगी के साथ ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल रहे दोपहर को साढ़े बारह बजे रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा शुरू हुई 84 सेकेंड के अद्भुत योग में बीच रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई

सोने और फूलों से सजी रामलला की मूर्ति

सोने और फूलों से सजी 51 इंच की रामलला की मूर्ति की आज अयोध्या के नए मंदिर में 'प्राण प्रतिष्ठा' हो गई है. समारोह से कुछ देर पहले मूर्ति का अनावरण किया गया. प्राण- प्रतिष्ठा समारोह में पीएम मोदी मुख्य यजमान थे. इस दौरान मंदिर के गर्भगृह में कई संतों ने मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम को संपन्न करवाया।

राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

यह राम की कृपा है कि हम सब इस पल के साक्षी हैं

हमारे राम आ गए सदियों के इंतजार के बाद हमारे श्रीराम आ गए हैं। जय सियावर रामचंद्र की जय के संबोधन के साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में मंच से संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा कि अब हमारे रामलला टेंट में नहीं रहेंगे। अब रामलला भव्य मंदिर में रहेंगे। पीएम ने कहा कि आज के समय में कोई भी छोटा नहीं है। जो भी ऐसा सोचता है, उसे श्रीराम के लिए गिलहरी के योगदान को याद करना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा, 'आज से हजार साल के बाद भी लोग इस तारीख की चर्चा करेंगे। यह राम की कृपा है कि हम सब इस पल के साक्षी हैं। ये समय सामान्य समय नहीं है। ये काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रहीं अमिट स्मृति रेखाएं हैं।' उन्होंने रामभक्त हनुमान के साथ ही माता जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न सभी को प्रणाम किया।

राम का भव्य मंदिर तो बन गया, अब आगे क्या प्राण प्रतिष्ठा के बाद मोदी क्यों बोले- हमें चूकना नहीं है

'अयोध्या ने बहुत लंबा वियोग सहा'

पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा हुआ राष्ट्र। अतीत के हर दंश से हौसला लेता हुआ राष्ट्र ऐसे ही नव इतिहास का सृजन करता है। आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की, आज के इस पल की चर्चा करेंगे। अयोध्या ने लंबा वियोग सहा है। हमारी कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है। प्रभु राम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। न्यायपालिका का आभार कि उन्होंने न्याय की लाज रख ली।

'राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं'

पीएम ने आगे कहा कि राम सबके हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम वर्तमान ही नहीं, राम अनंतकाल हैं। राम आग नहीं, राम ऊर्जा हैं। इस शुभ घड़ी की आप सभी को, समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई। राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद से प्रतिदिन पूरे देश में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा था। निर्माण कार्य देख देशवासियों में हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है।

मोदी ने की रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

अयोध्या के श्रीराम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने विधि-विधान से प्राण प्रतिष्ठा की। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस चीफ भी उनके साथ दिखे।

भय प्रकट कृपाला दीनदयाला !!

इस दौरान मंगल ध्वनि का उद्घोष हुआ और शंखनाद से समारोह की शुरुआत हुई। प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के नेत्रों से पट्टी हटा दी गई है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान राम की पहली झलक मिली।

पुरानी मूर्ति को भी मिला भव्य दरबार

राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की नई मूर्ति के साथ ही वो पुरानी मूर्ति भी रखी गई है। अब प्रभु की उस प्रतिमा को भी अपना स्थायी निवास मिल गया है। मूर्ति के नीचे आभामंडल में लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की छोटी-छोटी मूर्तियां भी हैं।

नूतन प्रतिमा के आगे रखी है पुरानी मूर्तिरामलला की नई मूर्ति के सामने ही मूल प्रतिमा को रखा गया है। अब टेंट से निकालकर अस्थायी और अब गर्भगृह में छोटी मूर्ति को भी नई प्रतिमा के आगे ही रखा गया है।

छोटे साइज की वजह से बनी नई मूर्ति

द रअसल, पुरानी मूर्ति की ऊंचाई पांच से छह इंच है। और इसे 25 से 30 फीट की दूरी से नहीं देखा जा सकता है। इसलिए मंदिर ट्रस्ट ने नए भव्य मंदिर के लिए एक नई प्रतिमा बनवाने का फैसला किया।

आए गए रघुनंदन, सजवा दो द्वार-द्वार

रामलला की नवीन मूर्ति श्याम रंग की है। काले पत्थर से बनी मोहक मूर्ति में रामलला को आभूषण, वस्त्र, मुकुट से तैयार किया गया है। मूर्ति में भगवान विष्णु के 10 अवतार दिखाई दे रहे हैं।रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और परिक्रमा के बाद प्रभु श्रीराम के सामने पीएम मोदी दंडवत हो गए। इसके बाद उन्होंने मंदिर में मौजूद संतों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद भी लिया और पुरोहितों को दक्षिणा दी। प्राण प्रतिष्ठा से पहले अनुष्ठान के लिए 3 दिनों तक एक समय भोजन वर्जित करने को कहा गया था। लेकिन पीएम मोदी 11 दिनों तक अनुष्ठान करते रहे। उन्होंने पूजा के लिए विदेश यात्रा का भी त्याग किया। 3 दिनों तक भूमि शयन करने को कहा गया, 11 दिनों तक जमीन पर सोते रहे।

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, निर्मोही अखाड़े के गोविंद गिरीजी महाराज सहित अन्य गणमान्य मंच पर मौजूद रहे। बड़ी संख्या में साधु और संत मौजूद रहे।

राम आग नहीं ऊर्जा हैं:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि राम आग नहीं ऊर्जा हैं वह विवाद नहीं समाधान हैं वह वर्तमान नहीं अनंतकाल हैं वह भारत के आधार भी हैं और विचार भी हैं ये बातें सोमवार (22 जनवरी, 2024) को उन्होंने यूपी के अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद कहीं पीएम ने कहा- यही समय है, सही समय है। आज से इस समय तक अगले 1000 साल तक की नींव रखनी है. मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर सभी देशवाशी भव्य और दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं। राम के विचार मानस के साथ जनमानस में भी हों, यह राष्ट्रनिर्माण की सीढ़ी है आज के युग की मांग है कि हमें अपने अंतःकरण को विस्तार देना होगा हनुमान की भक्ति, सेवा और समर्पण को हमें बाहर नहीं खोजना पड़ता हर भारतीय में ये गुण निहित हैं यही देव से देश और राम से राष्ट्र का आधार बनेंगे। पीएम

ने राम मंदिर परिसर में संबोधन की शुरुआत "सियावर रामचंद्र की जय" के साथ किया उन्होंने कहा, "आज हमारे राम आ गए सदियों की प्रतीक्षा के बाद आज हमारे राम आ गए यह पल पवित्रतम है यह माहौल, यह वातारण, यह ऊर्जा, यह घड़ी प्रभु श्रीराम का हम सब पर आशीर्वाद है। कितना कुछ कहने को है पर कंठ (गला) अवरुक्त है। मैं अभी गर्भगृह में ऐश्वर्य चेतना का साक्षी बनकर सबके सामने उपस्थित हुआ हूं अब हमारे रामलला टेंट में नहीं रहेंगे।वह इस दिव्य मंदिर में रहेंगे ।22 जनवरी 2024 का यह सूर्य एक अद्भुत आभा लेकर आया है आज की तारीख कैलेंडर पर लिखी डेट नहीं यह एक नए कालचक्र का उद्गम है।

पीएम मोदी ने आगे कहा, "मैं प्रभु राम से क्षमा भी मांगना चाहता हूं...हमारे त्याग और पुरुषार्थ में कुछ तो कमी रह गई जो हम इतनी सदियों तक यह काम कर नहीं पाए। आज वह कमी पूरी हो गई। मुझे विश्वास है कि प्रभु मुझे अवश्य माफ करेंगे। वह आगे यह भी बोले कि जहां राम का काम होता है, वहां हनुमान भी होते हैं। यही वजह है कि मैं हनुमानगढ़ी को भी प्रणाम करता हूं। मैं उनके अलावा और देवताओं और अयोध्यापुरी और सरयू को भी प्रणाम करता हूं।मैं इस वक्त दैवीय अनुभव कर रहा हूं जिनके महान आशीर्वाद से यह काम पूरा हुआ है

मंदिर वहीं बना है, जहां बनाने का संकल्प लिया था:सीएम योगी

रामराज बैठे त्रैलोका। हर्षित भये गए सब सोका।।

सीएम योगी ने प्रधानमंत्री व सर संघचालक को भेंट किया राम मंदिर का रजत मॉडल ।

अयोध्या में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीअयोध्याधाम में श्रीरामलला के बालरूप विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पूर्ण होने के उपरांत अपने मनोभाव प्रकट किया। उन्होंने कहा कि मंदिर वहीं बना है, जहां बनाने का संकल्प लिया था।

रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे।

रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः॥

प्रभु श्रीरामलला की जय! सरयू मइया की जय! भारत माता की जय! जय जय श्रीसीता राम ! प्रभु श्रीरामलला के भव्य- दिव्य और नव्य धाम में विराजने की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई। 500 वर्षों के लंबे अंतराल के उपरांत आज के इस चिरप्रतीक्षित मौके पर अंतर्मन में भावनाएं कुछ ऐसी हैं कि उन्हें व्यक्त करने को शब्द नहीं मिल रहे हैं। मन भावुक है, भाव विभोर है, भाव विह्वल है। निश्चित रूप से आप सब भी ऐसा ही अनुभव कर रहे होंगे।आज इस ऐतिहासिक और अत्यंत पावन अवसर पर भारत का हर नगर- हर ग्राम अयोध्याधाम है। हर मार्ग श्रीरामजन्मभूमि की ओर आ रहा है।

हर मन में राम नाम है। हर आंख हर्ष और संतोष के आंसू से भीगा है। हर जिह्वा राम-राम जप रही है। रोम रोम में राम रमे हैं। पूरा राष्ट्र राममय है। ऐसा लगता है हम त्रेतायुग में आ गए हैं।आज रघुनन्दन राघव रामलला, हमारे हृदय के भावों से भरे संकल्‍प स्‍वरूप सिंहासन पर विराज रहे हैं। आज हर रामभक्त के हृदय में प्रसन्नता है, गर्व है और संतोष के भाव हैं।

आखिर भारत को इसी दिन की तो प्रतीक्षा थी। भाव-विभोर कर देने वाली इस दिन की प्रतीक्षा में लगभग पांच शताब्दियां व्‍यतीत हो गईं, दर्जनों पीढ़ियां अधूरी कामना लिए इस धराधाम से साकेतधाम में लीन हो गईं, किन्‍तु प्रतीक्षा और संघर्ष का क्रम सतत जारी रहा। श्रीरामजन्मभूमि, संभवतः विश्व में पहला ऐसा अनूठा प्रकरण रहा होगा, जिसमें किसी राष्ट्र के बहुसंख्यक समाज ने अपने ही देश में अपने आराध्य के जन्मस्थली पर मंदिर निर्माण के लिए इतने वर्षों तक और इतने स्तरों पर लड़ाई लड़ी हो।

संन्यासियों, संतों, पुजारियों, नागाओं, निहंगों, बुद्धिजीवियों, राजनेताओं, वनवासियों सहित समाज के हर वर्ग ने जाति-पाति, विचार- दर्शन, उपासना पद्धति से ऊपर उठकर राम काज के लिए स्वयं का उत्सर्ग किया। अंततः आज वह शुभ अवसर आ ही गया कि जब कोटि-कोटि सनातनी आस्‍थावानों के त्‍याग और तप को पूर्णता प्राप्त हो रही है। आज संतोष इस बात का भी है कि मंदिर वहीं बना है, जहां बनाने का संकल्प लिया था।संकल्प और साधना की सिद्धि के लिए, हमारी प्रतीक्षा की समाप्ति के लिए, हमारे संकल्प पूर्णता के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हृदय से आभार और अभिनंदन। प्रधानमंत्री जी! 2014 में आपके 'आगमन' के साथ ही भारतीय जनमानस कह उठा था... मोरे जिय भरोस दृढ़ सोई।

मिलिहहिं राम सगुन सुभ होई॥

अभी गर्भगृह में वैदिक विधि-विधान से रामलला के बाल विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा के हम सभी साक्षी बने।

अलौकिक छवि है हमारे प्रभु की। बिल्कुल वैसे, जैसा संत तुलसीदास जी ने वर्णन किया है...

नवकंज लोचन। कंज मुख। कर कंज। पद कन्जारुणम्।धन्य है वह शिल्पी, जिसने हमारे मन में बसे राम की छवि को मूर्त रूप प्रदान किया।

विचारों और भावनाओं की विह्वलता के बीच मुझे पूज्य संतों और अपनी गुरु परम्परा का पुण्‍य स्‍मरण हो रहा है। आज उनकी आत्मा को असीम संतोष और आनन्द की अनुभूति हो रही होगी, जिन परम्पराओं की पीढ़ियां श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ में अपनी आहुति दे चुकी हैं, उनकी पावन स्मृति को यहां पर कोटि-कोटि नमन करता हूँ।श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति महायज्ञ न केवल सनातन आस्था व विश्वास की परीक्षा का काल रहा, बल्कि, संपूर्ण भारत को एकात्मकता के सूत्र में बांधने के लिए राष्ट्र की सामूहिक चेतना जागरण के ध्येय में भी सफल सिद्ध हुआ।सदियों के बाद भारत में हो रहे इस चिरप्रतिक्षित नवविहान को देख अयोध्या समेत भारत का वर्तमान आनन्दित हो उठा है। भाग्यवान है हमारी पीढ़ी, जो इस राम-काज के साक्षी बन रहे हैं और उससे भी बड़भागी हैं वो जिन्होंने सर्वस्व इस राम-काज के लिए समर्पित किया है और करते चले जा रहे हैं। जिस अयोध्या को "अवनि की अमरावती" और "धरती का वैकुंठ" कहा गया, वह सदियों तक अभिशिप्त रही। उपेक्षित रही। सुनियोजित तिरस्कार झेलती रही। अपनी ही भूमि पर सनातन आस्था पददलित होती रही, चोटिल होती रही।राम का जीवन हमें संयम की शिक्षा देता है और भारतीय समाज ने संयम बनाये रखा, लेकिन हर एक नए दिन के साथ हमारा संकल्प और दृढ़ होता गया।

और आज देखिए... पूरी दुनिया अयोध्या जी के वैभव को निहार रही है। हर कोई अयोध्या आने को आतुर है।आज अयोध्या में त्रेतायुगीन वैभव उतर आया है। दिख रहा है। यह धर्म नगरी 'विश्व की सांस्कृतिक राजधानी' के रूप में प्रतिष्ठित हो रही है। पूरा विश्व दिव्य और भव्य अयोध्या का साक्षात्कार कर रहा है।आज जिस सुनियोजित एवं तीव्र गति से अयोध्यापुरी का विकास हो रहा है, वह प्रधानमंत्री जी के दृढ़संकल्प, इच्छाशक्ति एवं दूरदर्शिता के बिना संभव नहीं था। कुछ वर्षों पहले तक यह कल्पना से परे था कि अयोध्या में एयरपोर्ट होगा। यहां नगर के भीतर 04 लेन सड़क होगी। सरयू जी में क्रूज चलेंगे। अयोध्या की खोई गरिमा वापस आएगी, लेकिन मित्रों! डबल इंजन सरकार के प्रयासों से यह सब सपना साकार हो रहा है। "सांस्कृतिक अयोध्या, आयुष्मान अयोध्या, स्वच्छ अयोध्या, सक्षम अयोध्या, सुरम्य अयोध्या, सुगम्य अयोध्या, दिव्य अयोध्या और भव्य अयोध्या" के रूप में पुनरोद्धार के लिए हजारों करोड़ रुपये लग रहे हैं। आज यहां राम जी की पैड़ी, नया घाट, गुप्तार घाट, ब्रह्मकुंड आदि विभिन्न कुंडों के कायाकल्प, संरक्षण, संचालन और रखरखाव का कार्य हो रहा है। रामायण परंपरा की 'कल्चरल मैपिंग' कराई जा रही है, राम वन गमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण हो रहा है। इस नई अयोध्या में पुरातन संस्कृति और सभ्यता का संरक्षण तो हो ही रहा है, भविष्य की जरूरतों को देखते हुए आधुनिक पैमाने के अनुसार सभी नगरीय सुविधाएं भी विकसित हो रहीं हैं। इस मोक्षदायिनी नगरी को आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से 'सोलर सिटी' के रूप में विकसित किया जा रहा।नई अयोध्या पूरे विश्व के सनातन आस्थावानों, संतों, पर्यटकों, शोधार्थियों, जिज्ञासुओं के लिए प्रमुख केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।यह एक नगर या तीर्थ भर का विकास नहीं है, यह उस विश्वास की विजय है, जिसे 'सत्यमेव जयते' के रूप में भारत के राजचिह्न में अंगीकार किया गया है। यह लोकआस्था- जन विश्वास की विजय है। भारत के गौरव की पुनरप्रतिष्ठा है। अयोध्या का दिव्य दीपोत्सव नए भारत की सांस्कृतिक पहचान बन रहा है और श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्‍ठा समारोह भारत की सांस्‍कृतिक अन्‍तरात्‍मा की समरस अभिव्‍यक्ति सिद्ध हो रहा

श्रीरामजन्मभूमि मंदिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आध्यात्मिक अनुष्ठान है, यह राष्ट्र मंदिर है। निःसन्देह! श्रीरामलला विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा राष्ट्रीय गौरव का ऐतिहासिक अवसर है।निश्चिंत रहिए! रामकृपा से अब कभी कोई भी अयोध्या की परिक्रमा में बाधक नहीं बन पाएगा। अयोध्या की गलियों में गोलियों की गड़गड़ाहट नहीं होगी। कर्फ्यू नहीं लगेगा। अपितु राम नाम संकीर्तन से गुंजायमान होगी। अवधपुरी में रामलला का विराजना भारत में रामराज्य की स्थापना की उद्घोषणा है।

रामराज बैठे त्रैलोका। हर्षित भये गए सब सोका।।

रामराज्य, भेदभाव रहित समरस समाज का द्योतक है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी की नीतियों-विचारों और योजनाओं का आधार है।

भव्य दिव्य श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के स्वप्न को साकार रूप देने में योगदान करने वाले सभी वास्तुविदों, अभियंताओं, शिल्पियों और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सभी पदाधिकारियों को हृदय से धन्यवाद।

पुनः आप सभी को श्रीरामलला के विराजने की ऎतिहासिक पुण्य घड़ी की बधाई। जो संकल्प हमारे पूर्वजों ने लिया था, उसकी सिद्धि की सभी को बधाई। प्रभु के चरणों मे नमन। सभी को कोटि-कोटि बधाई।

*मंदिर वहीं बना, जहां संकल्प लिया गया था : सीएम योगी आदित्यनाथ*

शिशिर पटेल

अयोध्या/लखनऊ । अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सबसे पहले श्रीरामलला की जय बोले। इसके सभी अतिथियों का अभिवादन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मोहन भागवत का हृदय से स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं। प्रभु रामलला के विराजने के बाद आप सभी को बहुत बहुत बधाई। पांच सौ वर्षो के बाद प्रभु के विराजने के बाद सभी भावुक व भाव विभोर हैं। आज के ऐतिहासिक अवसर पर भारत का हर ग्राम राम धाम है। हर जीवा राम राम जप रही है। पूरा राष्ट्र राम मय हो गया है। ऐसा लगा रहा है कि जैसे त्रेता युग आ गया है। भारत को इसी दिन की प्रतिक्षा थी। जिसके इंतजार में पांच शताब्दी बीत गया। श्रीराम जन्म भूमि समूचे देश में ऐसा अनूठा प्रकरण होगा जिसमें इतने वर्षो तक लड़ाई लड़ी हो। अत: यह शुभ अवसर आ गया। आज आत्मा प्रफुल्लति है। चूंकि मंदिर बनाने का जहां संकल्प लिया था वहीं पर बना है। इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार एवं अभिनंदन।

अयोध्या को सोलर सिटी बनाया जा रहा है : सीएम

हमारे प्रभु की अलौकिक छबि है। हमारे मन में बसे राम को मूर्ति रूप प्रदान करने वाले शिल्पी को बहुत-बहुत धन्यबाद है। पूरा विश्व अयोध्या के दिव्य व भव्य स्वरूप का साक्षात्कार कर रहा है। लोग सोचे नहीं होगा कि अयोध्या में एयरपोर्ट होगा, चार लेने की सड़के होगी। अयोध्या के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये लग रहे है। नये अयोध्या में पुरातन संस्कृति का संरक्षण किया जा रहा है। इस मोक्ष दायनी नगरी को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह लोग आस्था व जन विश्वास का विजय है। यह राष्ट्र की मंदिर है, प्रभु राम की कृपा से अब परिक्रमा में कोई बाधा नहीं बनेगा। यहां की गलियां गोलियाें की आवाज नहीं राम की धुन से गूंजेगी। भव्य दिव्य राम मंदिर का स्वरूप देने वालों को धन्यबाद।

पीएम मोदी ने तप किया, अब हमें करना होगा : मोहन भागवत

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संपूर्ण विश्व को त्रासदी से राहत देने वाला भारत बनेगा। राम लला के विराजने को लेकर सभी में बहुत ही उत्साह है। प्राण प्रतिष्ठा में प्रधारने से पहले सुना कि पीएम मोदी ने बहुत ही कठोर व्रत रखा। अयोध्या में राम लला आये इसके लिए कठोर तप किया। अयोध्या में कलह हुआ तब राम बाहर गये थे। आज राम लला पांच सौ वर्षो बाद वापस आये है। राम जी के त्याग को कोटि कोटि नमन है। प्रधानमंत्री जी के तप करने के बाद अब हमको भी तप करना होगा। तभी रामराज आएगा। हमको भी सारे कलह को विदाई करनी होगी। छोटे-छोटे विवाद को लेकर लड़ाई को छोड़नी होगी। प्रभु राम में तनिक भी अहंकार नहीं था। ठीक उसी प्रकार से हमे भी आचरण करना होगा। सरकार की कई योजनाएं गरीबों को राहत दे रही है लेकिन हमारा भी कर्तव्य है कि समाज की सेवा करें। नागरिक अनुशासन का पालन करना ही देश भक्ति है। हम मिलकर चलेंगे और इसे विश्व गुरु बनाएंगे। इसके लिए हमें समन्वय बनाकर चलना होगा। रामलला आये हैं हमारे मन को अहलादित करने के लिए।

*वर्ष 1947 में देश को राजनीतिक आजादी मिली थी, लेकिन अब श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही देश को सांस्कृतिक स्वतंत्रता मिलने जा रही है: योग

लखनऊ । प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने आए संतों ने रविवार को राम की पैड़ी पर प्रेस वार्ता की। इस दौरान श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन से लेकर देश के साधु संतों के योगदान और राजनीति पर संतों ने बात की। योगगुरु रामदेव ने वार्ता की शुरुआत करते हुए कहा कि वर्ष 1947 में देश को राजनीतिक आजादी मिली थी, लेकिन अब श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही देश को सांस्कृतिक स्वतंत्रता मिलने जा रही है। इसका सभी देशवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त को लेकर कहा कि मंदिर निर्माण स्वयं प्रभु की इच्छा से हो रहा है और प्राण प्रतिष्ठा जब श्रीराम की हो तो सभी मुहूर्त दिव्य हो जाते हैं। इससे जुड़े सवाल करने वाले लोग अज्ञानी हैं। वहीं वार्ता में मौजूद साध्वी ऋतंभरा ने मंदिर आंदोलन के दिनों को याद करते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा हो रही है, लोग पूछते हैं कि इसका श्रेय किसे दिया जाए।

*वर्ष 1947 में देश को राजनीतिक आजादी मिली थी, लेकिन अब श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही देश को सांस्कृतिक स्वतंत्रता मिलने जा रही है: योग

लखनऊ । प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने आए संतों ने रविवार को राम की पैड़ी पर प्रेस वार्ता की। इस दौरान श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन से लेकर देश के साधु संतों के योगदान और राजनीति पर संतों ने बात की। योगगुरु रामदेव ने वार्ता की शुरुआत करते हुए कहा कि वर्ष 1947 में देश को राजनीतिक आजादी मिली थी, लेकिन अब श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही देश को सांस्कृतिक स्वतंत्रता मिलने जा रही है। इसका सभी देशवासी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त को लेकर कहा कि मंदिर निर्माण स्वयं प्रभु की इच्छा से हो रहा है और प्राण प्रतिष्ठा जब श्रीराम की हो तो सभी मुहूर्त दिव्य हो जाते हैं। इससे जुड़े सवाल करने वाले लोग अज्ञानी हैं। वहीं वार्ता में मौजूद साध्वी ऋतंभरा ने मंदिर आंदोलन के दिनों को याद करते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा हो रही है, लोग पूछते हैं कि इसका श्रेय किसे दिया जाए।

*रामोत्सव 2024 :सीएम योगी ने किया रेत शिल्प का अवलोकन, ली सेल्फी*

अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पद्मश्री सुदर्शन पटनायक द्वारा उकेरी गई रेतशिल्प से बनाई गई भगवान श्रीराम की आकृति का रविवार को अवलोकन किया। सीएम ने यहां सेल्फी भी ली। रेत शिल्प पर बनाई गई इस आकृति को वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इंडिया की तरफ से भगवान श्रीराम के सबसे बड़े रेत शिल्प का सर्टिफिकेट दिया गया है।

सीएम योगी ने रविवार को यह सर्टिफिकेट राज्य ललित कला अकादमी की निदेशिका श्रद्धा शुक्ला को प्रदान किया।

बता दें कि रामोत्सव 2024 के अवसर पर राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की तरफ से रेतशिल्प कला शिविर का आयोजन किया गया था। रेतशिल्प के प्रख्यात कलाकार ओडिशा के पुरी निवासी पद्मश्री सुदर्शन पटनायक ने अपनी टीम संग इसका निर्माण किया था।

इसमें उनके सहयोगी संतोष कुमार नायक, बुलू मोहंती, जितेंद्र, प्रमोद बिसवाल, महेश्वर, केनी कावासी एवं बनामबार पटनायक भी शामिल रहे। सुदर्शन पटनायक की टीम ने 55 फीट लंबी, 35 फीट चौड़ी, 23 फीट ऊंची रेत शिल्प कलाकृति सृजित की। भगवान राम का 500 वर्षों बाद अपनी अयोध्या में आगमन हो रहा है, इसमें राम मंदिर की 500 मिनिएचर कृतियों को भी संयोजित किया गया है।

मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अवनीश अवस्थी आदि मौजूद रहे।

*ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने किया स्थलीय निरीक्षण*

अयोध्या ।सूर्यवंश की गौरवशाली राजधानी अब सूर्य की ही आभा से नव्य-भव्य स्वरूप को प्राप्त करने के साथ ही वैश्विक कीर्तिमान स्थापित करने की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रही है।

 प्रधानमंत्री की प्रेरणा और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा के अथक प्रयासों से अयोध्या को सोलर सिटी के मॉडल के तौर पर प्रोजेक्ट किया जा रहा है। अयोध्या के सरायरासी और रामपुर हलवारा में राज्य सरकार और एनटीपीसी के संयुक्त सहयोग से स्थापित हो रही 40 मेगवाट सौर उर्जा परियोजना का ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा जी ने स्थलीय निरिक्षण किया। निरिक्षण के दौरान मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि अयोध्या धाम श्री राम की नगरी है और भगवान राम सूर्य के उपासक हैं।

 अयोध्या नगर को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के लिये एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा 40 मेगावॉट सौर उर्जा परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है और जल्द ही हम इसे पूर्ण करते हुए श्री राम के चरणों में समर्पित कर देंगे। निरिक्षण के दौरान ऊर्जा मंत्री ने एनटीपीसी के सीएमडी सहित पूरी टीम एवं ऊर्जा परिवार को कार्य नगण्य समय में पूरा करने के लिए बधाई दी है। साथ ही मा. प्रधानमंत्री जी, मा. मुख्यमंत्री जी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह को को भी सादर नमन करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया है। प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा जी ने प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दो दिन पूर्व अयोध्याधाम में ऊर्जा विभाग द्वारा कराये गए कार्यों का निरिक्षण किया। 

उन्होंने सरायरासी और रामपुर हलवारा में राज्य सरकार और एनटीपीसी के संयुक्त सहयोग से स्थापित हो रहे सौर्य ऊर्जा प्लांट की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया। ऊर्जा मंत्री श्री शर्मा ने 14 मेगावाट की क्षमता के प्लांट की शुरुआत होने पर सभी कर्मियों समेत अयोध्या और प्रदेश की जनता को बधाई एवं शुभकामनायें दी हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही सूर्य के उपासक श्री राम की नगरी सौर्य ऊर्जा से जगमगाएगी। 

अयोध्या धाम में स्थापित हो रही सौर उर्जा परियोजना अवधपति की सेवा में समर्पित है। अयोध्या धाम को देश की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के लिये एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा 40 मेगावॉट सौर उर्जा परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है और जल्द ही हम इसे पूर्ण करते हुए श्री राम के चरणों में समर्पित कर देंगे। 

ऊर्जा मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि इस परियोजना से उत्पादित विद्युत, दर्शन नगर बिजलीघर को 132 किलोवोल्ट, 5.5 किमी लम्बी ट्रॅन्समिशन लाइन द्वारा संचारित की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से लगभग 8.65 करोड़ यूनिट का वार्षिक उत्पादन होगा, जो अयोध्या नगर की 30 प्रतिशत ऊर्जा की आपूर्ति करेगा और लगभग 80 हज़ार टेन कार्बन उत्सर्जन में कमी भी आएगी।

 अयोध्या धाम में स्थापित हो रहे 40 मेगावॉट के सौर्य ऊर्जा परियोजना के निर्माण में लगभग 1.04 लाख 550 वॉट के बाईफेसिअल सोलर पैनल लगाये जाने हैं। जिसमें 36 हजार पैनल्स लगायें जा चुके हैं। इस परियोजना को भगवान श्री राम के चरणों में समर्पित करने के लिए के 300 से 350 कार्मिक एवं 25-30 अभियंता अपनी पूर्ण निष्ठा के साथ दिन-रात प्रयासरत हैं। अयोध्या के लिए बनी विशिष्ट कार्ययोजना को क्रियान्वित करते हुए उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) जल्द ही 'दुनिया की सबसे बड़ी सोलर पावर्ड स्ट्रीट लाइट्स लाइन' परियोजना को पूर्ण करके वैश्विक कीर्तिमान स्थापित करने की दिशा में तेजी से प्रयास कर रहा है। श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा का पूरे विश्व में सनातन धर्म उत्सव का माहौल मना रहा है। 

यूपीनेडा भी सूर्यवंश की गौरवगाथा को नया प्रतिमान देते हुए सोलर पावर्ड स्ट्रीट्स लाइट्स की सबसे लंबी श्रृंखला को अयोध्या में संचालित कर दी है। इस परियोजना के तहत 10.15 किमी के स्ट्रेच में 470 सोलर पावर्ड स्ट्रीट लाइट्स लगाकर यूपीनेडा अयोध्या की गौरवगाथा में एक नया अध्याय जोड़ रही है। अयोध्या में लक्ष्मण घाट से लेकर गुप्तार घाट होते हुए निर्मली कुंड तक 10.2 किमी के स्ट्रेच में 470 सोलर स्ट्रीट लाइट्स लगायी गयी हैं. लक्ष्मण घाट से गुप्तार घाट तक 310 सोलर लाइट्स को इम्पैनल्ड करके रोलआउट कर दिया गया है।

 गुप्तारघाट से लेकर निर्मली कुंड तक 1.85 किमी के स्ट्रेच में 160 सोलर पावर्ड स्ट्रीट लाइटें लगाई गयी हैं। यह सभी सोलर पावर्ड स्ट्रीट लाइटें एलईडी बेस्ड हैं जो कि 4.4 वॉट पावर पर कार्य करती हैं तथा स्मार्ट टेक्नोलॉजी युक्त हैं। इनके इंस्टॉलेशन के जरिए लक्ष्मण घाट से लेकर निर्मली कुंड तक 10.2 किमी का स्ट्रेच दूधिया रोशनी से जगमगा रहा है। वहीं 2500 सोलर स्ट्रीट लाइट, 500 स्मार्ट सोलर स्ट्रीट लाइट, 40 सोलर ट्री, अनेक सोलर वॉटर एटीएम तथा सोलर बोट भी कार्यान्वित हैं।

सोलर बोट से अयोध्या धाम के त्रेतायुगीन वैभव को पुनर्स्थापित करने का प्रयास । 

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अयोध्या के त्रेतायुगीन वैभव को पुनर्स्थापित करने के लिए देश की पहली सोलर पावर इनेबल्ड ई-बोट को सरयू में उतारा है। यूपीनेडा ने अयोध्या की सरयू नदी में इस बोट सर्विस के नियमित संचालन शुरू कर दिया है। यह ड्यूअल मोड ऑपरेटिंग बोट है जो 100 प्रतिशत सोलर इलेक्ट्रिक पावर बेस पर काम करती है।

 इसे सोलर एनर्जी से चार्ज करने के साथ ही इलेक्ट्रिक एनर्जी के जरिए भी ऑपरेट किया जा सकता है। बोट संचालन के दौरान किसी प्रकार का ध्वनि या पर्यावरणीय प्रदूषण नहीं होता है। इसमें एक बार में 30 लोग यात्रा कर सकते हैं। बोट 12 किलोवॉट इलेक्ट्रिक आउटबोर्ड ट्विन मोटर आधारित है।

 बोट में 46 किलोवॉट प्रति घंटा क्षमता वाली एलेपटी बैटरी लगाई गई है तथा बोट 30 पैसेंजर्स व 2 क्रू के लिहाज से ऑपरेशनल होगी। यूपीनेडा द्वारा विकसित बोट को 3.3 किलोवॉट रूफ टॉप सोलर पैनल्स के जरिए संचालित किया जा रहा है। बोट की रूफटॉप पर कुल 6 सोलर पैनल लगे हैं जोकि 550 वॉट पॉवर ऊर्जा का उत्पादन करते हैं। 

यह बोट लाइट वेट मैटीरियल और क्लीन एनर्जी बेस्ड होने के कारण नदी में संचालन के दौरान हाई स्पीड पर ऑपरेट होने में सक्षम है और क्रूजिंग के लिहाज से इसकी स्पीड 6 नॉट्स रहेगी जबकि यह 9 नॉट्स की टॉप स्पीड को भी प्राप्त कर सकता है। यह बोट रिमोट व्यूइंग कैपेसिटी से लैस है जिसके जरिए बोट के बैटरी व सोलर पैरामीटर्स का निरीक्षण रिमोट व्यूइंग के जरिए कहीं से भी किया जा सकता है।

*तेजी के साथ बदला विश्वविद्यालय का स्वरूप- डा. परौदा*

अयोध्या।अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक व टास (TAAS) के चेयरमैन डा. आर. एस परौदा कृषि विश्वविद्यालय पहुंचे। उन्होंने नरेंद्र उद्यान में आचार्य नरेंद्र की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उनके आगमन पर सम्मान समारोह आयोजित कर उन्हें सम्मानित किया गया।

इस मौके पर उन्होंने कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह के साथ विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रक्षेत्रों का भ्रमण भी किया। पशु चिकित्सा महाविद्यालय में बने विश्वस्तरीय लैब, अटल बिहारी वाजपेयी क्रीड़ा परिसर, डेरी, प्राकृतिक प्रक्षेत्र, हाईड्रोपोनिक यूनिट, मत्सियकी प्रक्षेत्र और सब्जी विज्ञान प्रक्षेत्र आदि जगहों का भ्रमण किया। डा. आर.एस परौदा ने कुलपति के कार्यों की सराहना की।

उन्होंने कहा कि इतने कम समय में विश्वविद्यालय ने विभिन्न क्षेत्रों में जो मुकाम हासिल किया है व अकल्पनीय है। उन्होंने कहा कि कहा कि विश्वविद्यालय का स्वरूप तेजी के साथ बदला है। शिक्षा हो या शोध का कार्य सभी क्षेत्रों में तेजी के साथ विकास हुआ है। जिस प्रकार से बजर भूमि को उपजाऊ बनाकर प्राकृतिक प्रक्षेत्र के रूप विकसित किया गया यह सराहना के योग्य है।

विवि के पर्यावरण एवं साफ-सफाई की भी उन्होंने जमकर सराहना की । डा. परौदा ने कहा कि वैज्ञानिकों को शोध पर कार्य करना होगा और हर दिन एक नई सोच विकसित करने की जरूरत है। कार्यक्रम का संयोजन डा. प्रतिभा सिंह ने किया।

इस मौके पर विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, वैज्ञानिक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे ।

*अयोध्या में मची है रामोत्सव की धूम*

अयोध्या। "तुलसी उद्यान" अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा की अवसर पर रामोत्सव की धूम मची हुई है। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और समस्त क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों द्वारा भक्तिमय गीत संगीत और नृत्य के कार्यक्रम से प्रभु श्रीराम की आराधना की जा रही है।

20 जनवरी को सायंकाल पहली प्रस्तुति में अयोध्या के कलाकार प्रमोद कुमार सिंह और दल से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। अवधी भाषा के भजनों पर दर्शक उठकर स्टेज के सामने ही मगन होकर नृत्य करने लगे।

दूसरी प्रस्तुति सिक्किम के लोक कलाकारों के दल ने की,कलाकारों के सधे नृत्य और उनकी मुस्कान ने पूरे वातावरण को राममय कर दिया। इसके बाद जब गुजरात के कलाकार मंच पर आए और गुजराती लोकधुन पर तलवारबाजी के हैरतअंगेज कारनामे के साथ नृत्य किया तो तालियों से पूरा पांडाल गूंज गया।

अगली प्रस्तुति हर शुभ अवसर पर किया जाने वाला गुजराती नृत्य "अटेंगी" इस कलाकारों ने किया।हरियाणा से आए दल ने आते ही अपनी विशिष्ट हरियाणवी लोकगीतों की जैसे तान छेड़ी सभी मानो मंच के साथ हो गए और अगले ही पल महिला कलाकारों ने प्रवेश किया और पारंपरिक परिधानों में हरियाणवी नृत्य करके सभी को मोह लिया। मंच पर हिमांचल प्रदेश से आए लोक कलाकारों ने भी नृत्य प्रस्तुत किया।

इन कलाकारों के अंग संचालन और ताल पर थिरकते उनके कदमों ने सभी को झूमने पर बाध्य कर दिया। जम्मू कश्मीर की लोक धुन बजते ही वातावरण में भक्ति भाव घुल गया।इस दल ने डोगरी भाषा में गीतों, संवादों के साथ दर्शकों को अपने साथ जोड़ लिया किया। आंध्र प्रदेश के दल ने मार्शल आर्ट के साथ किया जाने वाला तपेट गुल्लू लोक नृत्य करके सभी को हतप्रभ कर दिया।

गजनना गजानना और जय श्रीराम जय श्रीराम के बोलो पर उनके नृत्य और गीत में पूरा पांडाल साथ दे रहा था। दर्शको से खचाखच भरे पंडाल में कार्यक्रम का संचालन देश दीपक मिश्र ने किया।इस अवसर पर निदेशक उ. प्र.लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान लखनऊ अतुल द्विवेदी,कार्यक्रम अधिकारी एन सी जेड सी सी अजय कुमार गुप्ता, समेत तमाम संत,और श्रद्धालु उपस्थित रहे। अंत में कलाकारों को अंगवस्त्र और रामनामी देकर सम्मानित किया गया।