मानव का रिमोट अब मशीनों के हाथ में होगा ?
संदर्भ : सभी क्षेत्रों में बढ़ती एआई की उपयोगिता
मशीनों का रिमोट मनुष्य के हाथ में है। यह अब मशीनों के हाथ में जा सकता है। एआई ( आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से यह मुमकिन लगता है। जिस तरह से इसकी उपयोगिता बढ़ रही है, उससे जाहिर होता है कि मनुष्य बहुत जल्द इसका आदी हो सकता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पूरी तरह से कंप्यूटरिंग सिस्टम पर आधारित है। अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक जॉन मैकार्थी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक माना जाता है। इसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी।
सरल शब्दों में इसे मशीनों द्वारा प्रदर्शित किया जाने वाला इंटेलिजेंस कह सकते हैं। इसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता भी कहा जा सकता है। इस विषय पर 'स्टार वार', 'मैट्रिक्स', 'रोबोट', 'टर्मिनेटर', 'ब्लेड रनर' जैसी हॉलीवुड फिल्में बन चुकी हैं। 1997 में शतरंज के महान खिलाड़ी गैरी कास्पोरोव को एआई वाले सिस्टम ने ही हराया था।
एआई एक विज्ञान है जो कंप्यूटर और मशीनों को संज्ञान ( किसी भी विषय में जानना ), विचार और निर्णय लेने की क्षमता से लैस करता है। इसका उद्देश्य है कि मशीनें मानव की तरह सोचें , सीखें, कार्य करें और समस्याओं का हल निकालें। आज सारी दुनिया समझ चुकी है कि आने वाला समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ही है। इसमें जितने भी नये-नये शोध हो रहे हैं, उससे शोधकर्ताओं को ब्रह्मांड से लेकर मानव शरीर तक हर चीज को बेहतर ढंग से समझने में आसानी हो रही है।
आने वाले वर्षों में एआई पद्धति द्वारा संचालित स्वास्थ्य देखभाल, यातायात और मनोरंजन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की उम्मीद है। इसका विकास अग्रसर है और यह हमारे दैनिक जीवन में और अधिक स्वीकार्य हो जायेगा, जिससे उत्पादकता, दक्षता और सुविधा बढ़ेगी।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भविष्य में बहुत योगदान हो सकता है। हेल्थ,ऑटो, डिफेंस और सिक्योरिटी , मैन्युफैक्चरिंग, एजुकेशन, इंटरटेनमेंट, वर्चुअल रियलिटी, बैंकिंग एंड फाइनेंस, वर्क प्लेस आदि में एआई एक नयी क्रांति लाने वाला है।
आज बड़े पैमाने पर दुनिया के विकसित देश डाटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास को लेकर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। चैटजीपैट नामक एआई टूल काफी चर्चा में है। ये ऐसा टूल है जिससे आप कोई सवाल पूछते हैं तो यह आपको उसका लिखित जवाब देता है। बच्चे इसे खूब पसंद कर रहे हैं। आज दुनिया के सारे देश अपना- अपना एआई सिस्टम डेवलप कर रहे हैं।
इस तरह जहां एआई से कई तरह के फायदे हैं तो इसके नुकसान भी हो सकते हैं। दुनिया में जिस प्रकार से इसका उपयोग किया जा रहा है, उससे भविष्य में नौकरियां खत्म होने का खतरा बढ़ सकता है। ज्यादा खतरा फिल्म और ग्राफिक्स डिजाइनिंग के क्षेत्र में है। इस क्षेत्र में इसका काफी प्रयोग किया जा रहा है और इसके परिणाम भी आश्चर्य जनक हैं। साथ ही निजी सुरक्षा में भी सेंध लग सकती है। इसका सदुपयोग के साथ - साथ दुरुपयोग भी हो सकता है।
Jan 17 2024, 15:19