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आदिवासियों की जमीन हड़पने की साजिश के विरुद्ध भाकपा माले तथा 'सिदो-कान्हू जन संघर्ष मंच' ने की जनसभा
प्रशासन से की जांच और कार्रवाई की मांग।


16 जनवरी बगोदर चलो का आह्वान।


गिरिडीह :- गिरिडीह के करहरबारी पंचायत क्षेत्र अंतर्गत कुसमाटांड़ के आदिवासियों की जमीन का फर्जी कागजात बनाकर हड़पने तथा रैयत को बेदखल करने की साजिश के खिलाफ भाकपा माले तथा 'सिदो-कान्हू जन संघर्ष मंच' ने संयुक्त बैठक कर आंदोलन हेतु जन सभा का आयोजन किया। सभा मे माले कार्यकर्ताओ ने इस मामले को संज्ञान लेकर उच्च स्तरीय जांच एवं कार्रवाई करने कि मांग प्रशासन से किया है । साथ ही आदिवासियों की जमीन लूट के खिलाफ आंदोलन करने तथा 16 जनवरी महेंद्र सिंह शहादत दिवस में भाग लेने का भी ऐलान किया। जनसभा की अध्यक्षता छोटका किस्कू एवं संचालन जेम्स किस्कू तथा मोलो हांसदा ने किया। जन सभा मे माले नेता सह 'सिदो-कान्हू जन संघर्ष मंच' के संरक्षक राजेश यादव तथा गिरिडीह विस प्रभारी राजेश सिन्हा भी मीटिंग में मौजूद रहे। सभा के दौरान माले नेता राजेश यादव ने कहा कि, अपनी जमीन पर बसे आदिवासियों को कोई उजाड़ नहीं सकता। अगर इसके लिए इन्हें कोई धमकाता है, तो वह गलत है। जो लोग इनकी जमीन को हड़पने की साजिस कर अपना बता रहे हैं उन्हें कोर्ट की शरण में जाना चाहिए न की कानून हाथ में लेकर आदिवासियों की जमीन पर चढ़ना चाहिए। पूर्वजों से बसे हुए आदिवासियों को उजाड़ने की बात तो बहुत दूर, पहले आदिवासी खतियान की जमीन कैसे गैर आदिवासी के पास चली गई, यह खुद ही जांच का विषय है। इस पर उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए। वही विधान सभा प्रभारी राजेश सिन्हा ने कहा कि, उनकी पार्टी आदिवासियों के साथ खड़ी रहेगी। उनकी जमीन उन्हीं की रहेगी। प्रशासन इसकी जांच करें एवं इन्हें धमकाकर कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे। साथ ही सभा के दौरान भाकपा माले और 'सिदो-कान्हू जन संघर्ष मंच' के द्वारा ऐलान किया गया कि, यदि जरूरत पड़ी तो इसे लेकर बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। मौके पर मुख्य रूप से शिबू मरांडी, जामेल किस्कू, संदीप हांसदा, अशोक हंसदा, मनोज हांसदा, रावण हंसदा, हरिलाल हांसदा, मिथुन मुर्मू, प्रभु किस्कू, बिनोद चौड़े, रमेश हांसदा, मनोज चौड़े, मदन मुर्मू, बबलू हांसदा, बगिल हांसदा, प्रेम बास्की, मालती मुर्मू, आशा मुर्मू, सुगुमुनि टुडू, बड़की बेसरा, दुलारी हेंब्रम, रंधो टुडू, सुनीता बेसरा, ललिता मुर्मू, सुरजमुनी मरांडी, धनी बास्की सहित बड़ी तादाद में महिला पुरुष मौजूद थे।
हिट एंड रन मामले मे नये क़ानून के विरुद्ध दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी

  गिरिडीह : हिट एंड रन मामले मे नये क़ानून के खिलाफ ड्राइवर संघ देशव्यापी आंदोलन कर रहे है। ड्राइवर संघ के द्वारा वाहन चालकों से साल के पहले दिन से तीन दिवसीय चक्का जाम आंदोलन करने का आवाहन किया गया है। . इसीके तहत आज दूसरे दिन गिरीडीह में भी बस ट्रक चालक संघ द्वारा चक्का जाम कर आंदोलन किया गया। आंदोलन के कारण सभी बड़ी वाहनों के पहिये थम गए। गिरीडीह बस स्टैंड में सभी गाड़ियां खड़ी रहने के कारण सन्नाटा पसरा रहा। वाहनों का परिचालन बंद रहने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं हड़ताल के कारण वाहन पड़ाव परिसर स्थित दुकान और प्रतिष्ठान में भी सन्नाटा पसरा रहा। . इस संबंध में संघ का कहना है कि सरकार द्वारा हिट एंड रन मामले को लेकर जो नये कानून लाया गया है वह चालकों के लिए काफी मुसीबत भरी साबित होने वाली है. इस नियम से चालको को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। सरकार को इस नए नियम पर पुनर्विचार कर कुछ संशोधन करने करने की जरूरत है ताकि चालक पूर्व की भांति वाहन चला सकें। वहीं स्थानीय व्यवसायिक वर्ग का कहना है कि हड़ताल के कारण व्यापार पर भी असर पड़ रहा है. दुकानों में ग्राहक नहीं पहुंच रहे है जिससे हम दुकानदारों को भी काफ़ी परेशानियो का सामना करना पड रहा है। इधर आंदोलन के तहत गिरीडीह के बेंगाबाद थाना क्षेत्र अंतर्गत बोरोटांड़ के पास दुमका एन एच 114 ए को चालकों ने सड़क को जाम कर ड्राइवर संघ द्वारा नए कानून के विरोध में आवाज बुलंद की। . जिस कारण घंटो सड़क जाम लगा रहा और कई वाहन फंसे रहे. सूचना पाकर बेंगाबाद पुलिस मौके पर पहुंची और आंदोलनकारियों से वार्ता कर जाम हटाया।
मौत के सुरंग में जाकर बैरल का उत्खनन कर रहे हैं मजदूर

गिरिडीह:- जिले की तिसरी प्रखंड के असुरहड्डी जंगलों में इन दिनों बैरल पत्थरों का उत्खनन धड़ल्ले से हो रही है। हैरत की बात है कि वन प्रक्षेत्र में होने के बावजूद वन विभाग द्वारा इस पर कोई रोक नहीं लगाया जा रहा है।

बता दें असुरहड्डी के जंगलों में अवैध तरीके से पूर्व में एक दो सुरंग संचालित होती थी परन्तु वर्तमान मे बेखौफ तस्कर अब लगभग दर्जनों की संख्या मे अवैध सुरंग बनाकर कर खादान संचालित कर रहे है। 

इन अवैध सुरंगों में जाकर कई मजदूर अपनी जान जोखिम में डाल कर बैरल पत्थर का अवैध खनन कर रहे हैं। कईयों कि तो जान भी जा चुकी है। हालांकि पूर्व में वन विभाग के टीम द्वारा कई बार सुरंगों को जेसीबी मशीन के द्वारा ध्वस्त जरूर किया गया परन्तु वर्तमान मे वन विभाग के द्वारा संज्ञान नहीं लेने के कारण तस्कर धड़ल्ले से अवैध खदानों को संचालित कर रहे है। 

मिली जानकारी के अनुसार पहले इस व्यवसाय में एक दो लोग संलिप्त थे किंतु वर्तमान मे इस अवैध कारोबार से दर्जनों से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक इस अवैध कारोबार मे क्षेत्र के कई नामचीन लोगों का नाम शामिल हैं। 

बता दें कि जंगलों में उत्खनन किए जा रहे इन बैरल पत्थरों की बड़े शहरों एवं विदेशी बाजारों में काफी अधिक क़ीमत है जिस कारण लोग इस अवैध कारोबार में जुड़ते जा रहे हैं। ऐसे अवैध तरीके से प्राकृतिक खनिजों का धड़ल्ले से उत्खनन और बिक्री होने से ना सिर्फ सरकार के राजस्व कि बल्कि जंगलों एवं पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है।

इस सम्बन्ध में वनक्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार बात करने पर बताया कि अवैध उत्खनन कि जानकारी मिली है जल्द ही टीम गठित कर कार्रवाई कि जाएगी साथ ही इस धंधे मे जुड़े अवैध कारोबारियों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई भी कि जाएगी। वन प्रक्षेत्र में किसी प्रकार का अवैध उत्खनन नहीं करने दिया जायेगा।

इस्तीफे पर विधायक डॉ सरफराज़ अहमद ने तोड़ी चुपी,कहा झारखंड मुक्ति मोर्चा में रहकर जनसेवा करता रहूंगा

गिरिडीह : जेएमएम के गांडेय विधायक डॉ सरफराज अहमद की विधानसभा से इस्तीफा के बाद सुबह से उनके प्रतिक्रिया का इंतजार कार्यकर्ता एवं लोग कर रहे थे । गांडेय विधायक डॉ सरफराज के इस्तीफे के बाद से गांडेय विधानसभा की सीट रिक्त हो गई है। विधायक डॉ अहमद की इस्तीफा को लेकर सोमवार को पूरे दिन राजनीतिक गलियारों मे चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। बता दें कि 31 दिसंबर 2023 को गांडेय विधायक डॉ सरफराज़ अहमद ने अपने पद से इस्तीफा दिया है और मीडिया को इसकी जानकारी साल कि पहले दिन की सुबह को मिली। डॉ सरफराज ने इस्तीफा क्यों दिया उसपर उनकी चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही थी। इस मामले में शाम को डॉ सरफराज ने दूरभाष बताया कि उनके इस्तीफे का कारण निजी और पारिवारिक वज़ह है। उन्होने कहा कि ये उनका व्यक्तिगत फैसला है वो किसी दूसरे दल में जाने के लिए इस्तीफा नहीं दिए है. जेएमएम में ही रहकर जनसेवा करते रहेंगे। मै झारखंड मुक्ति मोर्चा का सिपाही हूं और आगे भी रहूंगा। बताया जाता है कि झारखंड कांग्रेस के नये प्रभारी गुलाम अहमद मीर से डॉ अहमद का बेहतर संबंध है जिसको लेकर उनके कांग्रेस में वापसी के कयास लगाये जा रहे थे, लेकिन इसपर डॉ सरफराज ने विराम लगाते हुए कहा कि उनका किसी के साथ संबंध खराब नहीं है। उन्होने कहा कि विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद संगठन को मजबूत करने की दिशा में कार्य जारी रहेगा। निशिकांत दुबे के द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉम एक्स पर किये गए पोस्ट पर उन्होने कहा कि निशिकांत दुबे तो रविवार को भी चुनाव आयोग का दफ्तर खोलकर सारी फाइल देखते है। उनके बयानबाजी पर मुझे कुछ नहीं कहना, वो ईडी की छापेमारी से लेकर अन्य सारे मामलों में पहले भी इस तरह की भविष्यवाणी कर चुके है। निशिकांत दुबे ने पोस्ट कर गांडेय की खाली सीट पर हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन कि चुनाव लड़ने का दवा किया था।