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निलंबित सांसदों के चैम्बर-लॉबी और गैलरी में प्रवेश पर रोक, लोकसभा सचिवालय ने जारी किया सर्कुलर

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संसद में विपक्ष के करीब 141 सांसद निलंबित हो चुके हैं। इनमें से 95 लोकसभा सदस्य हैं, जबकि 46 राज्यसभा के सदस्य हैं। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर काफी आक्रमक नजर आ रहा है। इस बीच निलंबन के बाद लोकसभा सचिवालय की तरफ जारी किए गए एक सर्कुलर ने इन निलंबित सांसदों की परेशानी और बढ़ा दी है। दरअसल, लोकसभा सचिवालय ने निलंबित सांसदों को संसद के चैंबर, लॉबी और गैलरी में एंट्री पर भी रोक लगा दी है।

लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी किए गए सर्कुलर में लिखा है कि निलंबन के बाद सांसदों को निलंबन की अवधि के दौरान निम्नलिखित नतीजों का सामना करना पड़ेगा। निलंबित सांसद संसद चैंबर्स, लॉबी और गैलरी में नहीं आ सकते. यदि निलंबित सांसद किसी संसदीय कमेटी का हिस्सा हैं तो उन्हें इससे भी निलंबित ही माना जाएगा। उनके नाम पर संसद में किसी भी तरह का काम नहीं होगा। स्पीकर को उनके द्वारा दिए गए नोटिस भी अस्वीकार कर दिए जाएंगे।

संसद के शीतकालीन सत्र से सांसदों के निलंबन की कार्रवाई के तहत अइब तक 141 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है। 0इसकी वजह है संसद की सुरक्षा में सेंधमारी पर केंद्रीय गृहमंत्री के बयान की मांग कर रहे विपक्ष का हंगामा। लोकसभा में तख्तियां दिखाने और सदन की अवमानना करने को लेकर मंगलवार को लोकसभा से 49 सांसदों को सस्पेंड किया गया है। इससे पहले सोमवार को स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष के 33 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। वहीं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 सांसदों को निलंबित कर दिया। इस तरह राज्यसभा और लोकसभा में सोमवार को कुल 78 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इससे पहले शुक्रवार को दोनों सदनों से कुल 14 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इस तरह इस सत्र में अब तक 141 सांसद निलंबित हो चुके हैं।

पिछले हफ्ते लोकसभा में बड़े पैमाने पर सुरक्षा में हुई चूक को लेकर विपक्षी सांसद संसद के दोनों सदनों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस सुरक्षा विफलता पर संसद को संबोधित करें। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा था कि सदन में सुरक्षा संबंधी कोई भी घटना सचिवालय के दायरे में आती है और वह केंद्र को हस्तक्षेप नहीं करने देंगे।उन्होंने पिछले सप्ताह कहा था, "सरकार लोकसभा सचिवालय की (जिम्मेदारियों में) हस्तक्षेप नहीं कर सकती। हम इसकी अनुमति भी नहीं देंगे।

कितना जानलेवा है कोरोना का नया वेरिएंट JN.1? जानिए, इसके लक्षण और बचाव के तरीके

 दुनिया जैसे ही कोरोना संक्रमण को भूलने लगती है कि वैसे ही कोरोना का एक और वेरिएंट आता है तथा लोगों की नींद उड़ा देता है। ऐसा ही कुछ कोरोना संक्रमण के इस नए वेरिएंट ने भी किया है। दरअसल, कोरोना स्ट्रेन जेएन.1 ने इस वक़्त देश और दुनिया में खलबली मचा रखी है। पहले तो केवल अमेरिका, चीन एवं सिंगापुर में इसके मामले सामने आए थे मगर अब भारत में भी इसके मामले पाए गए हैं। केरल में इसके मामले सामने आने के पश्चात् प्रदेश को अलर्ट कर दिया गया है। यही नहीं, उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी किया गया है तथा आज स्वास्थ्य मंत्रालय की इसे लेकर बैठक होगी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये वेरिएंट इतना खतरनाक है? जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

कितना जानलेवा है कोरोना का नया वेरिएंट JN.1

कोरोना का नया वेरिएंट JN.1 सब-वेरिएंट है, जिसे पहली बार लक्जमबर्ग में पहचाना गया था। ये कोरोना के पिरोला वेरिएंट (BA.2.86) का वंशज है, जो स्वयं ओमिक्रॉन के सब वेरिएंट से बना है। दरअसल, बाकी कोरोना के वेरिएंट के मुकाबले इसमें अधिक म्यूटेशन है जो कि परेशानी की वजह है। यह स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेन करता है जो इसकी संक्रामकता एवं प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं से बचने की क्षमता को बढ़ा सकता है।

क्या है कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 के लक्षण

हाल के मामले को देखें तो केरल में एक 78 वर्षीय महिला जिसमें JN.1 वैरिएंट का पता चला है उसमें इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण मिले हैं। इसके अतिरिक्त खबरों के अनुसार, इसके लक्षण बहुत अधिक अलग नहीं है। इसमें लोगों के गले में खराश, नाक बहना, सिर दर्द तथा बुखार जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं।

ऐसे करें बचाव

कोरोना के किसी भी वेरिएंट से बचाव का यही उपाय है कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए बार-बार हाथ धोएं, मास्क पहनें तथा सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे निवारक उपायों का पालन करें। साथ ही यदि आपने कोरोना का टीका अब तर नहीं लगवाया है तो इस लगवा लें।

मशहूर इन्फ्लुएंसर ‘ओए इंदौरी’ के खिलाफ दर्ज हुआ रेप का केस, शादी का झांसा देकर कर रहा था लड़की का फिजिकली यूज

जाने माने मशहूर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रॉबिन अग्रवाल जिंदल (ओए इंदौरी) पर रेप का मुकदमा दर्ज किया गया है। रॉबिन तलाकशुदा लड़की को शादी का झांसा देकर उसका फिजिकली इस्तेमाल कर रहा था। पीड़िता की शिकायत पर केस पंजीकृत किया गया है। YouTuber रॉबिन के सोशल मीडिया पर मिलियन फॉलोअर्स है।

तलाकशुदा को शादी का झांसा देकर शोषण करने के मामले में यूट्यूबर “ओए इंदौरी” (रॉबिन अग्रवाल जिंदल) के खिलाफ MIG पुलिस ने बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया है। ओए इंदौरी के खिलाफ एक तलाकशुदा प्राइवेट कंपनी में काम करने वाली युवती ने थाने में शिकायत की थी। 16 मार्च को युवती की शिकायत के पश्चात् रॉबिन अग्रवाल ने पीड़िता के हाथ-पैर जोड़कर शादी करने की बात बोलते हुए राजीनामा कर लिया था। 

हालांकि इसके बाद भी उसकी हरकतों में सुधार नहीं आया तथा वह पीड़िता से निरंतर बलात्कार करता रहा। इस मामले में पहले MIG पुलिस ने रॉबिन से सेटिंग कर जांच को दबा दिया था, मगर तलाकशुदा ने हिम्मत नहीं हारी तथा फिर से उसकी शिकायत की। MIG पुलिस ने लंबी तहकीकात के पश्चात् रॉबिन अग्रवाल जिंदल उर्फ ओए इंदौरी पर बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने वाले TMC सांसद के खिलाफ दर्ज हुई FIR

 राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने को लेकर TMC के सांसद कल्याण बनर्जी निशाने पर हैं। इस बीच उनके खिलाफ दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। अभिषेक गौतम नामक शख्स ने पुलिस में लिखित शिकायत देकर सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। DCP साउथ ने बताया कि संसद में भारत के उपराष्ट्रपति की मानहानि का आरोप लगाते हुए एक अधिवक्ता ने शिकायत दी है। उन्हें बताया गया था कि ये मामला नई दिल्ली जिले का है, मगर वह नहीं माने। शिकायत प्राप्त हुई है। इसे नई दिल्ली जिले को भेजा जा रहा है।

दरअसल, शीतकालीन सत्र से निलंबित किए विपक्षी सांसद संसद परिसर में धरना दे रहे थे। इसी के चलते TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करनी आरम्भ कर दी। इस पर धरने पर बैठे विपक्षी सांसद जमकर ठहाके लगाने लगे। वहीं राहुल गांधी इस के चलते अपने फोन में TMC सांसद का वीडियो बनाते दिखाई दिए। इस बर्ताव को उपराष्ट्रपति ने शर्मनाक बताते हुए इसकी आलोचना की। वहीं भारतीय जनता पार्टी निरंतर विपक्ष के सांसदों पर निशाना साध रही है।

उपराष्ट्रपति ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि यह हास्यास्पद एवं अस्वीकार्य है कि एक सांसद मजाक उड़ा रहा है तथा दूसरा सांसद उस घटना का वीडियो बना रहा है। जगदीप धनखड़ ने कहा, "गिरावट की कोई हद नहीं है। मैंने एक वीडियो देखा टीवी पर एक बड़े नेता वीडियो बना रहे थे आपके, जब एक दूसरे सांसद नकल निकाल रहे थे। सदबुद्धि आए उनको। कुछ जगह तो बख्शो।"

सांसदों के निलंबन को लेकर केंद्र पर बरसीं सोनिया गांधी, बोली- इस सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया

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141 विपक्षी सांसदों के निलंबन पर विपक्ष का हंगामा जारी है। कांग्रेस की सीनियर नेता सोनिया गांधी ने सांसदों के निलंबन पर नाराजगी जाहिर की है।कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी ने सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा है कि सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सदन की गरिमा को लेकर भी बात की। 

कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद कांग्रेस सांसदों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संसद की सुरक्षा में चूक की 13 दिसंबर की घटना अक्षम्य है। इस तरह की घटना को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है। पीएम मोदी को राष्ट्र को संबोधित करने और घटना पर अपने विचार व्यक्त करने में चार दिन से ज्यादा लग गए हैं। उन्होंने सदन के बजाए संसद के बाहर बयान देना बेहतर समझा। ऐसा करके उन्होंने संसद का तिरस्कार किया है।मैं ये कल्पना आप लोगों पर छोड़ती हूं कि बीजेपी आज विपक्ष में होती तो क्या करती।

सोनिया गांधी ने कहा, इस सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है। इससे पहले कभी भी इतने सारे विपक्षी सांसदों को सदन से निलंबित नहीं किया गया था वो भी उचित और वैध मांग के लिए। 13 दिसंबर को हुई असाधारण घटना पर विपक्ष के सदस्यों ने लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग की थी। इस अनुरोध का जिस अहंकार के साथ व्यवहार किया गया उसके लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।

भारत के संविधान पर हमला हो रहा है-सोनिया गांधी

केंद्र सरकार पर हमला करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, इस सरकार ने लोकतंत्र और संसद सहित इसके आवश्यक स्तंभों वाली संस्थाओं पर व्यवस्थित हमला किया है। सरकार और बीजेपी के कार्यों ने एकता की भावना को कमजोर कर दिया है। भारत के संविधान पर हमला हो रहा है। आर्थिक असमानताएं बढ़ती जा रही हैं। आर्थिक विकास के बारे में प्रधानमंत्री के दावों और जमीनी हकीकत के बीच एक बहुत बड़ा अंतर है।

ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ के पेश किया जा रहा-सोनिया गांधी

कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि इस शीतकालीन सत्र में जम्मू-कश्मीर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए। ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ के पेश किया जा रहा है। कई लोगों द्वारा भारत के पहले प्रधानमंत्री और महान देशभक्तों को बदनाम करने के लिए इतिहास के ही साथ छेड़छाड़ की जा रही है, जो पूर्ण रूप से अस्वीकार्य है। बदनाम करने के लिए लगातार वे अभियान चला रहे हैं और इस प्रयासों का नेतृत्व पीएम और गृह मंत्री द्वारा किया जा रहा है, जिसका मोर्च वे खुद संभाल रहे हैं। अपने संबोधन में सोनिया गांधी ने कहा कि हम डरने वाले नहीं है और न ही कभी झुकेंगे। हम हमेशा सत्य का ही साथ देंगे, हम सच बोलने पर कायम रहेंगे।

फिर डराने लगा कोरोना वायरस का संक्रमण, 9 दिन में दोगुने हुए मामले, आज केंद्र सरकार की बड़ी बैठक

#corona_cases_increased_health_minister_mansukh_mandaviya_will_hold_meeting 

देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं। देश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 1970 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में केरल में 292 कोविड-19 के नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें तीन की मौत हो गई है। पिछले 9 दिनों के अंदर कोरोना मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। जिसके बाद केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ एहतियाती कदम उठाना जरूरी है ताकि इस वायरस के प्रसार के जोखिम को जितना हो सके, उतना कम किया जा सके।

इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया बुधवार को लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को लेकर राज्यों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। ये बैठक ऑनलाइन होगी, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों, अधिकारी समेत कई लोग मौजूद रहेंगे। बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं और तैयारियों के साथ ही संक्रमण की रोकथाम के उपायों पर चर्चा की जाएगी।

केरल में सबसे ज्यादा कोरोना के केस

भारत में केरल में सबसे ज्यादा कोरोना के केस सामने आए हैं। केरल में बीते 24 घंटे में कोरोना 115 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद राज्य में मरीजों की संख्या बढ़कर 1,749 हो गई है। महाराष्ट्र, गोवा, उत्तर प्रदेश में भी कोरोना के मामले दर्ज किए गए हैं, महाराष्ट्र में जेएन1 का गोवा से 18 मामले सामने आए हैं। 

केरल में मिला था जेएन.1 का पहला केस

आपको बता दें कि कोरोना के नए वैरिएंट जेएन.1 का पहला मामला आठ दिसंबर को केरल में मिला था। 79 साल की एक बुजुर्ग महिला में ये संक्रमण पाया गया था। उधर विदेश में भी कोरोना से हाहाकार मचा है। सबसे बुरा हाल सिंगापुर का है।जहां एक हफ्ते के अंदर करीब 56 हजार से ज्यादा मरीज सामने आए हैं। वहीं मलेशिया, इंडोनेशिया में भी लगातार मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

राज्यसभा सभापति की मिमिक्री को पीएम मोदी ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, उपराष्ट्रपति से फोन पर बात कर जताया दुख

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तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद द्वारा राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल किए जाने के मामले में सियासत गरमा गई है। सभापति धनखड़ ने इस मामले पर सदन में आपत्ति भी जताई है। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा सभापति की मिमिक्री को दुर्भाग्यपूर्ण बतया है। पीएम मोदी ने इस मामले में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से फोन पर बातचीत की है। जगदीप धनखड़ ने एक्स पर ट्वीट कर पीएम मोदी से फोन पर हुई बातचीत की जानकारी दी है।

जगदीप धनखड़ ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का टेलीफोन आया उन्होंने कुछ माननीय सांसदों की घृणित नाटकीयता पर बहुत दुख व्यक्त किया और वह भी कल पवित्र संसद परिसर में। उन्होंने मुझे बताया कि वह पिछले बीस वर्षों से इस तरह के अपमान सहते आ रहे हैं, लेकिन यह तथ्य कि भारत के उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के साथ और वह भी संसद में, ऐसा हो सकता है, दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने उनसे कहा- श्रीमान प्रधान मंत्री, कुछ लोगों की हरकतें मुझे अपना कर्तव्य निभाने और हमारे संविधान में निहित सिद्धांतों को बनाए रखने से नहीं रोकेंगी। मैं तहे दिल से उन मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध हूं। कोई भी अपमान मुझे अपना रास्ता बदलने पर मजबूर नहीं करेगा।

इससे पहले मंगलवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को सीधे संबोधित करते हुए कहा कि मैंने कुछ देर पहले एक टीवी चैनल पर देखा है। आपके एक बड़े नेता एक सांसद के असंसदीय व्यवहार का वीडियो बना रहे थे। आपसे भी बहुत बड़ा नेता है वह। यही कह सकता हूं कि सद्बुद्धि आए। कुछ तो सीमा होती होगी। कुछ जगह तो बक्श दो।गिरावट की कोई हद नहीं है।इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।

दरअसल, विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन के दौरान संसद के मकर द्वार के बाहर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी राज्यसभा चेयरमैन की मिमिक्री कर रहे थे। जब बनर्जी मिमिक्री कर रहे थे तो वहां मौजूद कुछ सांसद उनसे जोर-जोर से बोलने के लिए कह रहे थे। इस दौरान अन्य विपक्षी सांसद ठहाके लगाते नजर आए, वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी कल्याण बनर्जी का वीडियो बनाते नजर आए।इसका एक वीडियो भी सामने आया है।

डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका, अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर लगी रोक

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व्हाइट हाउस की रेस के लिए चुनाव अभियान में जुटे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है। वे 2024 का चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहरा दिए गए हैं।कैपिटल हिल दंगा मामले में कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है।कोलोराडो प्रांत की प्रमुख अदालत ने यूएस कैपिटल हिंसा मामले में मंगलवार को ट्रंप को अमेरिकी संविधान के तहत राष्ट्रपति पद के लिए अयोग्य करार दिया। 

अमेरिका के इतिहास में पहली बार है कि 14वें संशोधन की धारा-3 का इस्तेमाल राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को अयोग्य ठहराने के लिए किया गया है। कोलोराडो हाईकोर्ट ने 4-3 के बहुमत वाले अपने फैसले में कहा, अदालत के बहुमत का मानना है कि ट्रंप 14वें संशोधन की धारा-3 के तहत राष्ट्रपति पद संभालने के लिए अयोग्य हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिस अदालत ने ट्रंप के खिलाफ फैसला दिया है, उसके सभी न्यायाधीश डेमोक्रेटिक पार्टी के गवर्नरों द्वारा नियुक्त किए गए थे।

कोलोराडो की कोर्ट ने अपने फैसले में कहा क‍ि अदालत के बहुमत का मानना है कि राष्ट्रपति ट्रम्प संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के चौदहवें संशोधन की धारा तीन के तहत राष्ट्रपति पद संभालने के लिए अयोग्य हैं। कोर्ट ने फैसले में कहा गया है क‍ि चूंकि वह अयोग्य हैं, इसलिए कोलोराडो राज्य सचिव के लिए उन्हें राष्ट्रपति के प्राथमिक मतदान में उम्मीदवार के रूप में ल‍िस्‍ट करना चुनाव संहिता के तहत एक गलत कार्य होगा।

कोर्ट का कहना है कि राष्ट्रपति रहते ट्रंप ने न केवल हमले को उकसाया, यहां तक कि जब कैपिटल हिल पर घेराबंदी की गई थी उस समय भी उन्होंने बार-बार कहा कि उपराष्ट्रपति (माइक) पेंस अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभाने से इनकार करें। साथ ही साथ सीनेटरों को बुलाकर उन्हें चुनावी वोटों की गिनती रोकने के लिए कहा था। ट्रंप की कैपिटल हिल हमले में भागेदारी रही है।

यह फैसला पहली बार आया है जब कोई अदालत इस बात पर सहमत हुई है कि ट्रम्प जो रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के नामांकन के लिए सबसे आगे हैं। उनको अमेरिकी संवैधानिक प्रावधान के कारण राज्य में मतदान से रोक दिया जाना चाहिए। आपको बता दें क‍ि मिनेसोटा और मिशिगन की अदालतों ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में ट्रम्प की नियुक्ति को चुनौती देने वाले समान मुकदमों को खारिज कर दिया है, लेकिन इस मुद्दे पर कई राज्यों में मुकदमा चल रहे हैं।

बता दें कि साल 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव नतीजों के बाद ट्रंप के समर्थकों ने 6 जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद) पर धावा बोल दिया था। बड़ी संख्या ट्रंप के समर्थक संसद भवन के ऊपर और अंदर घुस आए थे। इस दौरान ट्रंप के समर्थकों ने हिंसा और तोड़फोड़ की थी, जिसमें पांच लोग मारे गए। बाद में ट्रंप पर समर्थकों को संसद की तरफ बढ़ने और हिंसा के लिए उकसाने के आरोप लगे थे।

“इंडिया” की बैठक में ममता ने पीएम पद के लिए प्रस्तावित किया खरगे का नाम, जानें क्या सीट शेयरिंग पर बनी बात?

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दिल्ली में चल रही विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ यानी “इंडिया” की बैठक खत्म हो गई है। करीब 3 घंटे चली बैठक में सभी दलों ने बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए तमाम तरीकों पर चर्चा की। जानकारी के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी ममता के इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। हालांकि खरगे ने यह कहकर इस प्रस्ताव पर चुप्पी साध ली कि चुनावों के रिजल्ट के बाद इस मुद्दे पर डिस्कशन किया जाएगा।

देश भर में 8 से 10 बैठकें करेगा गठबंधन

गठबंधन की बैठक खत्म होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इस चौथी मीटिंग में 28 पार्टियों ने हिस्सा लिया। सभी ने अपने विचार रखा। सभी ने एक होकर ये तय किया है कि देश में 8-10 मीटिंग, प्रदर्शन एक साथ करेंगे। सभी नेता अगर एक मंच पर नहीं दिखेंगे तो लोगों को ये पता नहीं चलेगा कि अब साथ है। इसलिए ये फैसला लिया गया है।इंडिया ब्लॉक के पीएम चेहरे पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि लोकतंत्र को बचाने के लिए हम सभी को लड़ना होगा और हम सभी इसके लिए तैयार हैं।

सस्पेंशन के खिलाफ 22 दिसंबर को देशभर में प्रोटेस्ट

मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि विपक्षी गठबंधन की बैठक में लोकसभा और राज्यसभा से सांसदों को निलंबित किए जाने के फैसले का भी विरोध किया गया है। सब ने ये कहा कि ये लोकतांत्रिक नहीं है। खरगे ने कहा कि बैठक में संसद में सुरक्षा उल्लंघन का मुद्दा उठाया। हम पहले से कह रहे हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह या पीएम मोदी को संसद में आना चाहिए और संसद सुरक्षा चूक के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में बोलना चाहिए, लेकिन वे ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं। खरगे ने कहा कि यह पहली बार है जब देश में 141 संसद सदस्यों को निलंबित किया गया है। यह गलत है, हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। हम इसके खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट हुए हैं। हमने 22 दिसंबर को सांसदों के निलंबन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।

जब कांग्रेस के शासनकाल में एक ही दिन में निलंबित कर दिए गए थे 63 विपक्षी सांसद, जानिए 34 साल पुराना इतिहास

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संसद के शीतकालीन सत्र से सांसदों के निलंबन की कार्रवाई लगातार जारी है। इसकी वजह है संसद की सुरक्षा में सेंधमारी पर केंद्रीय गृहमंत्री के बयान की मांग कर रहे विपक्ष का हंगामा। लोकसभा में तख्तियां दिखाने और सदन की अवमानना करने को लेकर आज यानी मंगलवार को लोकसभा से 49 सांसदों को सस्पेंड किया गया है। इसके साथ ही संसद से अब तक 141 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। इससे पहले सोमवार को स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष के 33 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। वहीं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 सांसदों को निलंबित कर दिया।इस तरह राज्यसभा और लोकसभा में सोमवार को कुल 78 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।इससे पहले शुक्रवार को दोनों सदनों से कुल 14 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इस तरह इस सत्र में अब तक 141 सांसद निलंबित हो चुके हैं।

भारत के संसदीय इतिहास में ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। बीते सात दशक में इस तरह की सबसे बड़ी कार्रवाई 1989 में हुई थी।हालांकि, उस वक्त निलंबित सांसदों की कुल संख्या मौजूदा संख्या की आधी भी नहीं थी। राजीव गांधी सरकार के कार्यकाल का वो किस्सा खासा चर्चित है। उस दौरान आखिर ऐसी क्या बात हो गई थी कि इतनी बड़ी संख्या में सांसद सस्पेंड हो गए थे।आइए जानते हैः

1989 में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और कांग्रेस के पास प्रचंड बहुमत था।अक्तूबर, 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नृशंस हत्या के बाद हुए चुनाव हुए तो कांग्रेस 543 सीटों में 414 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई।सरकार बनने के चंद वर्षों के बाद ही विवाद राजीव सरकार का पीछा करने लगे।

दरअसल, मार्च 1986 में भारत और स्वीडन के बीच बोफोर्स तोप सौदा हुआ। हॉवित्जर तोप की सप्लाई के लिए हुआ यह सौदा घोटाले के आरोपों से घिर गया।1989 आते-आते विपक्ष राजीव सरकार के खिलाफ एकजुट हो चुका था। मार्च 1989 में संसद का बजट सत्र चल रहा था। राजीव गांधी के नेतृत्व वाले कांग्रेस शासन के दौरान इंदिरा गांधी हत्याकांड की जांच के लिए जस्टिस ठक्कर आयोग का गठन किया गया था। जांच के बाद 15 मार्च, 1989 को जस्टिस एमपी ठक्कर के नेतृत्व वाले जांच आयोग की रिपोर्ट पेश किए जाने के दौरान लोकसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ।

भारी हंगामे के बाद विपक्ष के 58 सांसदों को पहले निलंबित किया गया, जिनमें वी पी सिंह, वी सी शुक्ला, आरिफ मोहम्मद खान, इंद्रजीत गुप्ता, गीता मुखर्जी, जयपाल रेड्डी, डी बी पाटिल आदि शामिल थे। इसके बाद पांच अन्य सांसदों जिनमें सोमनाथ चटर्जी, सैफुद्दीन चौधरी, के पी उन्नीकृष्णन आदि शामिल थे, उनके निलंबन के लिए अलग से प्रस्ताव लाया गया। इस तरह कुल 63 सांसदों को निलंबित कर दिया गया।यह कार्रवाई नियम 374 के तहत की गई थी। हालांकि, अगले ही दिन सांसदों ने स्पीकर से माफी मांग ली थी, जिसके बाद उनका निलंबन वापस ले लिया गया था।