विष्णु देव साय को ही बीजेपी ने क्यों चुना सीएम, क्या कांग्रेस का किला ढाहने का मिला इनाम ?
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छत्तीसगढ़ में भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए आदिवासी नेता विष्णुदेव साय का नाम तय किया है। रविवार को विधायक दल की बैठक के बाद उनके नाम की औपचारिक घोषणा की गई।छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद भाजपा ने राज्य के मुख्यमंत्री के रुप में प्रदेश के आदिवासी नेता विष्णुदेव साय पर दांव लगाया है।हालांकि उनके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले बीजेपी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, आईएएस से विधायक बने ओपी चौधरी और राज्य के पूर्व गृह मंत्री रामविचार नेताम के नाम की भी चर्चा थी। लेकिन अंततः पार्टी ने विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लगाई।
59 साल के साय को यह पद बस्तर और सरगुजा के आदिवासी क्षेत्र में कांग्रेस का किला ढहा कर उसके सत्ता बरकरार रखने के सपने पर ग्रहण लगाने लिए इनाम के रूप में मिला है। बीते चुनाव में कांग्रेस ने आदिवासी बहुल बस्तर और सरगुजा संभाग को 26 में से 25 सीटें जीत कर प्रचंड बहुमत से सरकार बनाई थी। इस बार इन दोनों संभागों में रणनीति की कमान साय के हाथ में थी। भाजपा को इस बार इन दोनों संभागों में 21 सीटें मिलीं। पार्टी ने सरगुजा संभाग की सभी सीटों पर कब्जा किया। दरअसल, विष्णुदेव साय ने अपने इलाके में जो किया है। वो कमाल ही कहा जाएगा। उन्होंने क्षेत्र की सभी सीटें कांग्रेस से छीन कर बीजेपी को सौंप दी है।
32 फ़ीसद आदिवासी जनसंख्या वाले छत्तीसगढ़ की विधानसभा में आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित 29 सीटों में से 17 पर भाजपा के कब्ज़े के बाद माना जा रहा था कि किसी आदिवासी विधायक को भाजपा मुख्यमंत्री या उप मुख्यमंत्री बना सकती है। जिस सरगुजा संभाग से विष्णुदेव साय जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं, उस संभाग की सभी 14 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार जीत कर आए हैं। उसके बाद से ही विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा शुरू हो गई थी।
विष्णु देव साय की राज्य के सीएम बनने की एक बड़ी वजह गृहमंत्री अमित शाह का भी बयान है। चुनाव के दौरान अमित शाह ने बस इतना ही कहा था, 'इनके बारे में मैंने कुछ बड़ा सोचा है।' प्रदेश के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में तो कुछ बड़ा सोचा है इसका मतलब मुख्यमंत्री बनाना ही होता है और शाह ने अपना वादा आखिर पूरा किया।
यही नहीं, छत्तीसगढ़ राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी सबसे अधिक है और विष्णु देव साय इसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। विष्णु देव साय को रमन सिंह का करीबी माना जाता है। इसके अलावा उन्हें संघ के करीबी नेताओं में भी माना जाता है। विष्णु देव राय का नाम सीएम के आने के बाद भले ही नया चेहरा लग रहा है, लेकिन उनका राजनीतिक कद काफी बड़ा है। विष्णु देव साय ने काफी लंबी सियासी सफर तय किया है और वह एक जमीनी नेता रहे हैं। उन्होंने 1989 में जशपुर जिले के बगिया गांव से पंच पद पर निर्वाचित होकर राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. इसके बाद वह लगातार ऊंची सीढ़ियां चढ़ते चले गए।
विष्णुदेव साय 1990 में निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए थे। इसके बाद तपकरा से विधायक चुनकर 1990 से 1998 तक वे मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। 1999 में वे 13 वीं लोकसभा के लिए रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। भाजपा ने उन्हें 2006 में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया, जबकि 2009 में 15 वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में वे रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से फिर से सांसद बने। साल 2014 में 16वीं लोकसभा चुनाव में वह एक बार फिर रायगढ़ से सांसद नियुक्त हुए। इस बार केंद्र में मोदी की सरकार ने उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री, इस्पात खान, श्रम, रोजगार मंत्रालय बनाया। 2020 में साय छ्त्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे।
Dec 11 2023, 12:45