5 वर्षीय बच्ची का दर्द: दिव्यांग होने से बचा लो डॉक्टर साहब, इलाज में लापरवाही से बच्ची का बाया पैर सड़ा
गया : बिहार के गया में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था सुधारने की लाख कोशिशे कर ले लेकिन सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की कारगुजारियों के कारण हमेशा से सरकारी अस्पतालों के कारनामे चर्चा में रहते हैं। ऐसा ही एक मामला मगध के सबसे बड़े अस्पताल मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रकाश में आया है। जहां स्कूटी से गिरने के कारण 5 वर्षीय बच्ची की पैर टूटने के बाद उसे मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में भर्ती कराया गया, बच्ची की सही ढंग से इलाज नहीं होने के कारण दिव्यांग होने की कगार पर पहुंच गई है।
दरअसल, गया जिले के बेलागंज थाना क्षेत्र के गंगटी-ढिबर गांव निवासी मनोज यादव की 5 वर्षीय पुत्री सोनाली कुमारी है। जिसका स्कूटी से दुर्घटना के कारण बाया पैर टूट गया था।
दुर्घटना के बाद परिजनों ने 20 नवंबर को सोनाली कुमारी को इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में भर्ती कराया था, जहां 12 दिन से इलाज चल रहा था लेकिन जब बच्ची का पैर सड़ने लगा तो परिजन इधर से उधर दर-दर भटकने लगे। स्थिति यह हो गई की शहर के किसी भी चिकित्सक ने बच्ची का घाव देखने के बाद उसका इलाज करने से मना कर दिया।
सभी चिकित्सकों का यही कहना है कि बच्ची का पैर का स्थिति बहुत ही खराब हो चुकी है। वहीं, परिजनों ने मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हड्डी रोग विभाग के डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाई है।
वही, इस संबंध में हड्डी रोग विभाग के एचओडी डॉ विनोद कुमार सिंह का कहना है कि बच्ची का इलाज मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा था। उसके पैर में घाव हो गए थे। उन घाव को ड्रेसिंग से ठीक किया जा सकता था। हम वह करने को भी तैयार थे। लेकिन उसके परिजन किसी निजी क्लीनिक में लेकर चले गए। जहां उसे तीन दिनों तक रखा गया। उक्त चिकित्सक की लापरवाही के कारण बच्ची की घाव की स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है।
वही, मगध मेडिकल के प्रभारी अधीक्षक डॉ के.के सिन्हा का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। मामले को पूरी तरीके से जांच कराई जाएगी। यदि जांच के दौरान बच्ची की स्थिति के लिए अस्पताल के चिकित्सक दोषी पाए जाते हैं तो उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
गया से मनीष कुमार
Dec 05 2023, 14:53