धरोहर : देवघर पत्थर माफियाओं के कारण मधुपुर के बकुलिया झरना का अस्तित्व खतरे में,इसे बचाने के लिए दर्जनों गांव के लोगों ने किया था आंदोलन
देवघर, (झा.डेस्क )मधुपुर में स्थित बकुलिया झरना पहले लोगों के आकर्षण का केंद्र था। यहां फिल्मों की शूटिंग भी होती थी। बाद में पत्थर माफियाओं की वजह से इसका अस्तित्व खतरे में पड़ गया।
इसकी दुर्दशा देख आसपास के गांवों के लोगों ने एक बड़ा आंदोलन चला कर इस झरने का अस्तित्व बचाया।
झरना को बचाने के लिए संकल्प को दुहराया
माफियाओं द्वारा बकुलिया झरना के आसपास लगातार डायनामाइट लगाकर पत्थर तोड़े जा रहे थे। ट्रैक्टर और ट्रालियों में भरकर उन पत्थरों को अन्यत्र ले जाया जा रहा था। आसपास के जंगल गायब हो चुके थे। सारे पेड़ काट डाले गए। इस झरना की यह स्थिति यहां के सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. उत्तम पीयूष से देखी नहीं गई। उन्होंने इसे बचाने की ठान ली। उन्होंने नवंबर 2008 में बकुलिया झरना को बचाने के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास शुरू किया। उनका यह प्रयास सफल हो गया। लगभग एक दर्जन गांवों के लोगों ने एकत्रित होकर बड़ी मानव श्रृंखला निकाली।
इसमें बुजुर्ग, महिलाएं, युवा और बच्चों समेत सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। यहां के बुद्धिजीवी, पर्यावरणविद्, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा पत्रकारों ने भी इनका साथ दिया। आखिरकार आंदोलन ने रंग लाया। मधुपुर में हर खास और आम लोगों में चर्चा हुई। लोगों ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया। जो बकुलिया झरना लुट रहा था, तबाह और बर्बाद हो रहा था वहां पत्थर कटना बंद हो गया और वहां लगातार जन सक्रियता बढ़ने लगी।
12 जनवरी 2010 को बकुलिया झरना के पास ‘बकुलिया उत्सव’ मनाया गया। जल पुरुष राजेन्द्र सिंह द्वारा प्रेषित जल संकल्प को सबों के द्वारा पढ़ा गया। सबों ने बकुलिया झरना को बचाने के संकल्प को दुहराया। ग्रामीणों का उत्साह और बढ़ गया। स्थानीय युवाओं की आंखों में नई उम्मीदें जग गईं।
आखिरकार मदद के लिए सरकार आई आगे
प्रख्यात लेखिका महाश्वेता देवी, साहित्यकार बासवी, महुआ माजी सहित कई लेखकों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं पर्यावरणविदों के प्रोत्साहन से बकुलिया झरना को बचाने और संवारने का आंदोलन डॉ. उत्तम पीयूष के नेतृत्व में लगभग एक दशक तक चलता रहा। सेमिनार, संगोष्ठी, मोटरसाइकिल रैली के जरिए जनजागरण किया जाता रहा। आखिरकार झारखंड सरकार ने बकुलिया झरना के विकास के लिए एक करोड़ रुपए आवंटित किए जिससे यहां एक पक्की सड़क, एक यात्री विश्राम गृह, बैठने के लिए शेड, चापाकल, महिला तथा पुरुष टॉयलेट आदि का निर्माण कराया जा सका।
मधुपुर-गिरिडीह मुख्य पथ के पास है बकुलिया झरना
देवघर जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूरी पर अब बकुलिया झरना पिकनिक स्पॉट के रूप में चर्चित है। मधुपुर-गिरिडीह मुख्य मार्ग पर बड़ा नारायणपुर से बुढ़ई की ओर एक सड़क सलैया जाती है। इसी सड़क के किनारे बकुलिया झरना है।
Dec 02 2023, 13:13