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महापर्व छठ को लेकर राजधानी पटना की बदली रहेगी आज से कल सुबह तक यातायात व्यवस्था, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के आज तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया जायेगा। इधर इस महापर्व को लेकर राजधानी पटना में सुरक्षा के साथ-साथ यातायात के भी व्यापक प्रबंध किये गए है। राजधानी पटना के अशोक राजपथ से मरीन ड्राइव तक यातायात व्यवस्था बदली रहेगी। 

आज 19 नवंबर की दोपहर 12 बजे से लेकर शाम के सात बजे तक और सुबह के अर्ध्य को लेकर रविवार की देर रात दो बजे से लेकर 20 नवंबर की सुबह आठ बजे तक पटना के यातायात में व्यापक बदलाव किया गया है। प्रतिबंधित इलाकों में सिर्फ एम्बुलेंस, दमकल और पुलिस की गाड़ियों का आवागमन हो सकेगा। करगिल चौक से पटनासिटी दीदारगंज तक किसी भी वाहनों का परिचालन नहीं किया जा सकेगा। वहां सिर्फ छठ व्रतियों के वाहन जा सकेंगे।

जेपी गंगा पथ (मरीन ड्राइव) पर सिर्फ आपातकालीन वाहन ही जा सकेंगे। जबकि अशोक राजपथ पर आम वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। करगिल चौक से पूरब पटनासिटी दीदारगंज तक किसी भी प्रकार के वाहनों के परिचालन पर रोक है।

खजांची रोड से पटना व साइंस कॉलेज परिसर में केवल छठव्रतियों की गाड़ियां पार्किंग के लिए जा सकेंगी। ट्रैफिक एसपी पूरन कुमार झा ने बताया कि छठ व्रतियों के वाहन के खड़ा करने के लिए दीघा और कलेक्ट्रियट घाट पर बड़ी पार्किंग का प्रबंध किया गया है। उन्होंने अपील की है कि लोग परेशानी से बचने के लिए समय से पहले घाटों पर पहुंचे। घाट पर जाने के लिए अशोक राजपथ का प्रयोग करें।

महापर्व छठ का दूसरा दिन आज, खरना के साथ शुरू हुआ निर्जला व्रत

#chhath_puja_kharna

बिहार, झारखंड और यूपी सहित अन्य राज्यों में लोक अस्था के पर्व छठ पूजा की शुरूआत हो चुकी है। आज छठ पूजा का दूसरा दिन है। आज महिलाएं खरना के साथ निर्जला व्रत की शुरूआत करती हैं। 

खरना कार्तिक शुक्ल की पंचमी को मनाया जाता है। खरना में दिन शाम को गुड़ और चावल की खीर बनाकर भोग लगाया जाता है। खरना का प्रसाद गुड़ की खीर बनाने के लिए आम की लकड़ी और मिट्टी के चूल्हे का प्रयोग किया जाता है।

खरना का मतलब होता है शुद्धिकरण। इसे लोहंडा भी कहा जाता है। इस दिन व्रती शुद्ध मन से सूर्य देव और छठ मां की पूजा करके गुड़ की खीर का भोग लगाती हैं। खरना का प्रसाद काफी शुद्ध तरीके से बनाया जाता है। खरना के दिन व्रती महिलाएं सिर्फ एक ही समय भोजन करती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से शरीर से लेकर मन तक शुद्ध हो जाता है।

व्रतियों द्वारा नहाय-खाय के साथ ही खरना के व्रत की भी तैयारी शुरू कर दी गई है। गेहूं को सूखाकर उसे जाता या मील में पिसवाया जा रहा है। इस दौरान महिलाएं छठ मइया के गीत भी गाती सुनी जा रही हैं। महिलाएं शनिवार को घाट पर जाएंगी। वहां सरोवरों में डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना करने के बाद घर लौटकर शुद्ध घी में चुपड़ी रोटी व नया गुड़ तथा नया चावल की खीर तैयार करेंगी। सूर्यदेव को भोग लकाकर ग्रहण करेंगे।

मुजफ्फरपुर:-महाप्रबंधक अनिल कुमार खंडेलवाल ने मुजफ्फरपुर स्टेशन पर छठ पर्व को लेकर की गयी तैयारियों का लिया जायजा

 ज्वलनशील पदार्थ लेकर यात्रा ना करने तथा ट्रेनों में बीड़ी सिगरेट का सेवन नहीं करने किया है अपील

छठ पर्व को लेकर रेलवे द्वारा किया गया तीन गुना ट्रेन के परिचालन का किया जिक्र

छठ पर्व को लेकर के मुजफ्फरपुर स्टेशन पर की गयी तैयारियों का महाप्रबंधक अनिल कुमार खंडेलवाल ने जायजा लिया इस दौरान में GM महाप्रबंधक ने स्टेशन पर सर्कुलेटिंग एरिया, पार्किंग एरिया, पे एंड यूज़ टॉयलेट, पैदल ऊपरगामी पुल, जनता मिल फूड प्लाजा, प्लेटफार्म पर लगे वॉश बेसिन, यात्री सुविधा के क्षेत्र में किया जा रहे विभिन्न कार्यों का अवलोकन किया एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिया । 

इस दौरान में यात्रियों से अपील की कि यात्रा के दौरान ज्वलनशील पदार्थ लेकर ना चलें, यह खतरनाक है ज्वलनशील पदार्थ लेकर यात्रा करने तथा ट्रेनों में बीड़ी सिगरेट का सेवन करने वालों के साथ-साथ में नशाखुरानी गिरोह पर विशेष नजर रखने का महाप्रबंधक ने निर्देश दिया और उन्होंने कहा कि इसके लिए रेल सुरक्षा बल की टीम गठित की गयी है

जो ऐसी गतिविधियों पर निरंतर नजर रख रही है उन्होंने कहा कि पूर्व मध्य रेल द्वारा क्राउड मैनेजमेंट सहित यात्री सुविधा/सुरक्षा के लिए समुचित कदम उठाए गए हैं आज मुजफ्फरपुर जंक्शन पर सर्कुलेटिंग एरिया RPF आरपीएफ द्वारा संदिग्धों की पहचान हेतु लगाए गए सीसीटीवी कैमरा का कंट्रोल रूम पैदल ऊपरगामी पुल के साथ ही एस्केलेटर यात्री सुविधा केंद्र प्लेटफॉर्म विशेष रूप से बनाए गए राहत शिविर और रनिंग रूम का जायजा लिया ।

छठ पूजा के दौरान यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए रेलवे करेगा और स्पेशल ट्रेनों का परिचालन, जानिए पूरा डिटेल

हाजीपुर : यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ के मद्देनजर रेलवे द्वारा अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा।

1. 05522 दरभंगा-अहमदाबाद स्पेशल दिनांक 21.11.2023 को दरभंगा से 18.15 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 17.00 बजे अहमदाबाद पहुंचेगी । यह ट्रेन सीतामढ़ी, रक्सौल, नरकटियागंज, गोरखपुर के रास्ते जाएगी।

2. 05575 सहरसा-अंबाला एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन दिनांक 22.11.2023 को सहरसा से 19.10 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 23.15 बजे अंबाला पहुंचेगी। इस ट्रेन का परिचालन सिमरी बख्तियारपुर, मानसी, खगड़िया, समस्तीपुर, दरभंगा, कमतौल, जनकपुर रोड, सीतामढ़ी, बैरगनिया, रक्सौल, नरकटियागंज के रास्ते की जाएगी। 

3. 05571 जयनगर-आनंद विहार टर्मिनस एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन दिनांक 23.11.2023 को जयनगर से 06.00 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 05.00 बजे आनंद विहार टर्मिनस पहुंचेगी । यह ट्रेन मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर के रास्ते आनंद विहार टर्मिनस जाएगी ।

4. 03045 हावड़ा-रक्सौल स्पेशल ट्रेन दिनांक 20.11.2023 एवं 23.11.2023 को हावड़ा से 23.00 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 14.15 बजे रक्सौल पहुंचेगी । यह स्पेशल जसीडीह, समस्तीपुर, दरभंगा के रास्ते जाएगी ।

5. 03046 रक्सौल-हावड़ा स्पेशल ट्रेन दिनांक 21.11.2023 एवं 24.11.2023 को रक्सौल से 16.55 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 08.50 बजे हावड़ा पहुंचेगी । यह स्पेशल जसीडीह, समस्तीपुर, दरभंगा के रास्ते जाएगी।

6. 03133 कोलकाता-पटना स्पेशल ट्रेन दिनांक 21.11.2023 एवं 23.11.2023 को कोलकाता से 23.55 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 10.30 बजे पटना पहुंचेगी । यह स्पेशल जसीडीह, झाझा, किउल के रास्ते जाएगी।

7. 03134 पटना-कोलकाता स्पेशल ट्रेन दिनांक 22.11.2023 एवं 24.11.2023 को पटना से 14.30 बजे प्रस्थान कर अगली तिथि को 00.25 बजे पटना पहुंचेगी। यह स्पेशल जसीडीह, झाझा, किउल के रास्ते जाएगी।

8. 02261 दरभंगा-नई दिल्ली स्पेशल ट्रेन दिनांक 18.11.2023 को दरभंगा से 22.00 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 18.15 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी । यह स्पेशल समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, पाटलिपुत्र, दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते जाएगी।

9. 02263 सहरसा-नई दिल्ली स्पेशल ट्रेन दिनांक 18.11.2023 को सहरसा से 23.45 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 21.45 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी । यह स्पेशल मानसी, बेगूसराय, मोकामा, पटना दानापुर, आरा, बक्सर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते जाएगी ।

हाजीपुर से संतोष तिवारी

छठ महापर्व को लेकर सरकार ने जारी किया है 25 करोड़ 51 लाख रुपए, सभी 261 नगर निकायों में 4050 घाटों को किया गया है तैयार

डेस्क : छठ महापर्व को लेकर सरकार की ओर से पूरी तैयारी की गई है। राज्यभर के सभी 261 नगर निकायों में 4050 घाटों को तैयार किया जा रहा है। 465 घाट खतरनाक श्रेणी में रखे गए हैं। यहां खासतौर से बैरेकेडिंग की गई है। खतरे के निशान के लिए लाल कपड़ा एवं साइनेज का प्रयोग किया गया है। 

सभी घाटों तक आने वाली छठ व्रतियों के लिए लाइट, घाट तक पहुंचने के लिए समुचित रास्ता, पार्किंग, चेंजिंग रूम, अस्थाई शौचालय, वाटर टैंकर समेत अन्य सभी मूलभूत सुविधाएं बहाल की जा रही हैं। 

सभी नगर निकायों के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग ने 25 करोड़ 51 लाख रुपए जारी किये हैं। इसमें पटना नगर निगम क्षेत्र के लिए 15 करोड़ 50 लाख रुपये जारी किए हैं। पिछले वर्ष 2022 में छठ महापर्व की तैयारी के लिए 15 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। 

गौरतलब है कि छठ पूजा की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 4 नवंबर को की थी। फिर 14 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री ने पटना के सभी छठ घाटों का निरीक्षण किया व सुविधाओं का जायजा लिया।

नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी, जल्द मिल सकता है राज्यकर्मी का दर्जा

डेस्क : बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। राज्य के करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा जल्द मिलने की उम्मीद है। 

इसके लिए नियमावली को शिक्षा विभाग ने अंतिम रूप दे दिया है। जिस पर राज्य सरकार से मंजूरी लेने की तैयारी है। शीघ्र ही इस पर मुहर लगने के आसार हैं।

सरकार की मंजूरी के बाद नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा लेकर उत्तीर्ण होने वालों को राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें बिहार लोक सेवा आयोग से बहाल शिक्षकों के समतुल्य वेतनमान और अन्य सुविधाएं मिलने लगेंगी।

मालूम हो कि विभाग ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 का प्रारूप 11 अक्टूबर को जारी किया था। इस पर सुझाव और आपत्ति की मांग की गई थी। एक लाख से अधिक के सुझाव विभाग को ई-मेल के द्वारा प्राप्त हुए। इन सुझावों पर विचार करने के बाद नियमावली को अंतिम रूप दिया गया है। 

सूत्रों के मुताबिक, शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा नहीं लिये जाने वाले सुझाव को नहीं माना है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इन शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा लेगी। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए अधिकतम तीन मौके दिये जाएंगे। प्रारूप में साफ किया गया था कि सक्षमता परीक्षा पास नहीं करने वालों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी।

आज नहाय-खाय के साथ हुई महापर्व छठ की शुरुआत : व्रतियों ने गंगा में लगाई डूबकी, कद्दू-भात का बनेगा प्रसाद

मुजफ्फरपुर : आज से नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत हो चुकी है। कल 18 नवंबर को खरना होगा। 19 तारीख को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं 20 को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 4 दिन का महापर्व का समापन होगा।

आज के दिन छठ व्रती सुबह-सुबह स्नान कर नए कपड़े पहनते हैं। इसके बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित कर सात्विक भोजन प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। छठ पर्व मुख्य रूप से भगवान भास्कर की उपासना का पर्व है। 

ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा बताते हैं कि छठ पर्व की शुरुआत रवि योग में हो रही है और समापन ध्रुव योग में होगा।

नहाय-खाय में लहसुन-प्याज का नहीं होता इस्तेमाल

छठ महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय है। नहाय-खाय के दिन भोजन में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल नहीं होता है। इस दिन लौकी की सब्जी, अरवा चावल, चने की दाल, आंवला की चटनी, पापड़, तिलौरी, आदि बनते हैं, जिसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।

नहाय-खाय के दिन बनाया गया खाना सबसे पहले व्रत रखने वाली महिलाओं और पुरुषों को परोसा जाता है। इसके बाद ही परिवार के अन्य लोग भोजन ग्रहण करते हैं। इस प्रसाद के सेवन का भी खास महत्व है।

कद्दू भात खाने का क्या महत्व है?

नहाय खाय के दिन छठ व्रत करने वाली महिलाएं सबसे पहले सुबह स्नान कर नए वस्त्र पहनती हैं। कद्दू यानी लौकी और भात यानी चावल का प्रसाद बनाती हैं। इस प्रसाद को खाने के बाद ही छठ व्रत की शुरुआत हो जाती है।

ऐसा माना जाता है कि मन, वचन, पेट और आत्मा की शुद्धि के लिए छठ व्रतियों का पूरे परिवार के साथ कद्दू-भात खाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। 

धार्मिक मान्यताओं के अलावा कद्दू खाने के और भी बहुत सारे फायदे हैं। जैसे कि इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है। जिससे इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है।

36 घंटे तक निर्जला उपवास रखती हैं व्रती

छठ व्रत को काफी कठिन माना जाता है, क्योंकि व्रती महिलाएं और पुरुष करीब 36 घंटे तक निर्जला उपवास करते हैं। वैदिक मान्यताओं के अनुसार नहाय-खाय से छठ व्रतियों पर षष्ठी माता की कृपा बरसती है, जो श्रद्धा पूर्वक व्रत-उपासना करते हैं। इस पर्व को करने से संतान की प्राप्ति होती है। वहीं वैज्ञानिक मान्यता है कि गर्भाशय मजबूत होता है।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

अलग अंदाज में दिखे पीएम मोदी, बच्चों के साथ मस्ती करते आए नजर

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देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे एकदम अलग अंदाज में दिख रहे हैं। पीएम मोदी का ऐसा अंदाज शायद ही आपने पहले कभी देखा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है। जिमसें वह बच्चों के साथ खेल खेलते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में पीएम मोदी कभी बच्चों का सिर लड़ाते हैं तो कभी अपने माथे पर सिक्का चिपकाते दिखाई देते हैं। पीएम मोदी ने अपने इस वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, "मेरे युवा दोस्तों के साथ कुछ यादगार पल!

वीडियो की शुरुआत में नरेंद्र मोदी दो बच्चों के कान पकड़े दिख रहे हैं। वे दोनों का सिर एक-दूसरे से टकराते हैं। इसके बाद वह सिक्का की मदद से उन्हें जादू दिखाते हैं। पीएम सिक्का अपने माथे पर रखते हैं और चिपका लेते हैं। इसके बाद हाथ से अपने सिर के पिछले हिस्से को हल्के से ठोकते हैं, जिससे सिक्का उनके दूसरे हाथ में गिरता है। इसके बाद पीएम मोदी वही जादू बच्चों के साथ करते हैं। पीएम पहले छोटी बच्ची के माथे पर सिक्का रखते हैं और हल्का दबाते हैं मानों चिपकाने की कोशिश कर रहे हों। इसी दौरान वह सिक्के को हाथ में छिपा लेते हैं। वह बच्ची को कहते हैं कि सिर के पिछले हिस्से को हाथ से ठोको। बच्ची ऐसा करती है, लेकिन सिक्का नहीं गिरता। इसी तरह वह छोटे बच्चे के साथ भी करते हैं। बाद में वह सिक्का बच्चे को दे देते हैं।

सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के इस वीडियो को लोग जमकर लाइक कर रहे हैं। इस वीडियो को इंस्टाग्राम में शेयर करने के बाद इसे एक घंटे में 8 लाख से अधिक व्यूज मिल चुके हैं।

यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी ने बच्चों के साथ वक्त बिताया हो। इससे पहले भी वह कई मौकों पर बच्चों के साथ मस्ती करते दिखाई दे चुके हैं। इसी साल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तीन साल पूरे होने के अवसर पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम के उद्घाटन कार्यक्रम में भी पीएम मोदी ने बच्चों से मुलाकात की थी। तब पीएम मोदी ने बच्चों के साथ तस्वीर को एक्स पर साझा करते हुए लिखा था, "मासूम बच्चों के साथ आनंद के कुछ पल! इनकी ऊर्जा और उत्साह से मन उमंग से भर जाता है।

पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच का परिणाम है, समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम

मुजफ्फरपुर : हाल ही में "विश्वकर्मा जयंती" पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने "पीएम विश्वकर्मा योजना" की घोषणा की। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की संयुक्त भूमिका वाली इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने आगामी पांच वित्तीय वर्षों के लिए 13000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।

इसको लेकर गुरुवार को जिला भाजपा की एकदिवसीय कार्यशाला स्थानीय मिठनपुरा स्थित एक होटल के सभागार में संपन्न हुई। 

कार्यशाला में भाजपा के जिला पदाधिकारी, मोर्चा अध्यक्ष, सभी संगठनात्मक मंडलो के अध्यक्ष सहित जिला एवं विधानसभा स्तरीय प्रमुख कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्र के लोगों को इस योजना से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण दिया गया।

कार्यशाला में हर बूथ पर पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों को जोड़ने एवं अंतिम पंक्ति तक योजना का लाभ मिले की रणनीति के तहत विधानसभा स्तर पर संयोजक एवं सहसंयोजक नियुक्त किए गए। 

 कार्यशाला को संबोधित करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार ने पीएम विश्वकर्मा योजना के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच का परिणाम है, समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। 

उन्होंने कहा कि देश के हस्तशिल्प देश के अर्थव्यवस्था की मजबूत कड़ी है। हस्तशिल्प कारीगर परिवारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना आशा की किरण बनकर आई है। हर शहर, गांव, गली, मौहल्ले, मजरों में कारीगर परिवार है जो पीढ़ी दर पीढ़ी मिट्टी के बर्तन बनाने, बाल काटने, गलीचे और दरियां बनाने, खिलोने बनाने, मालाएं गूथने जैसे पारम्परिक व्यवसाय से जुडे़ हुए हैं। देश का यह वर्ग ना सिर्फ परम्परागत उद्योगों को जीवित रखे हुए है बल्कि देश की परम्पराओं का संवाहक भी है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत की विरासत को संजो रहे हैं। लकड़ी का कार्य, नाव बनाने का कार्य, लोहे के बर्तन बनाने वाले, मूर्तिकार, मिट्टी के बर्तन, चमड़े का कार्य, कपड़े की सिलाई, भवन निर्माण जैसे 18 तरह के परम्परागत कार्यों को करने वाले लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य पीएम विश्वकर्मा योजना से संभव होगा।

भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि

योजना के तहत विश्वकर्मा बन्धुओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा आधुनिक टूलकिट के लिए भी 15 हजार रुपये की मदद की जाएगी। इसके साथ ही उत्पादों की ब्रांडिग, पैकेजिंग तथा मार्केटिंग में भी सरकार सहायता करेगी तथा बहुत कम ब्याज दर पर "3 लाख रुपए तक का ऋण" भी योजना के तहत दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी लोकल को वोकल और वोकल को ग्लोबल बनाने के संकल्प के साथ काम कर रहे है। हम सभी को अधिक से अधिक विश्वकर्मा बन्धुओं को योजना से जोड़ने में सहायक बनकर काम करना है। योजना से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए, कारीगर और शिल्पकार 18002677777 पर कॉल कर सकते हैं या पर ईमेल कर सकते है।

साथ ही जानकारी देते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जन कल्याणकारी योजनाओं को समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने के उद्देश्य से कार्य कर रही है। इन योजनाओं के प्रति जागरूकता के लिए जन - भागीदारी के द्वारा भारत सरकार देशव्यापी "विकसित भारत संकल्प यात्रा" प्रारंभ कर रही है। यह यात्रा सभी जिलों के सभी ग्राम पंचायत और शहरी निकायों में जाएगी। इस यात्रा के साथ विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित होगी और ऑन स्पॉट केंद्र सरकार की योजनाओं से अभी तक वंचित लोगों को लाभ मिलेगा। इस यात्रा का शुभारंभ मा० प्रधानमंत्री जी द्वारा "जनजातीय गौरव दिवस" (15 नवंबर) के अवसर पर झारखंड के रांची से देश भर के जनजातीय बाहुल्य जिलों में जाएगा। शेष सभी जिलों में यह यात्रा नवंबर माह के तृतीय सप्ताह से प्रारंभ होकर 26 जनवरी 2024 तक चलेगी।

मौके पर पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार की इस योजना का वह अपने कांटी विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता के साथ जुड़ कर ऐसे सभी विश्वकर्मा मित्रों से सम्पर्क करके उन्हें प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से जोड़ने का काम करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पीएम विश्वकर्मा योजना के द्वारा देश के विश्वकर्मा बन्धुओं को आधुनिक युग से जोड़ने का प्रयास है।उन्होंने कहा कि जब देश के शिल्पी आर्थिक रूप से मजबूत होंगे तो देश भी मजबूत होगा।

 मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विधायक अरुण कुमार ने कहा की यह योजना लोहार, सुनार, मिट्टी के बर्तन (कुम्हार), बढ़ईगीरी और मूर्तिकला जैसे विभिन्न व्यवसायों में लगे पारंपरिक कारीगरों तथा शिल्पकारों के उत्थान के लिये बनाई गई है, जिसमें सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने एवं उन्हें औपचारिक अर्थव्यवस्था व वैश्विक मूल्य शृंखला में एकीकृत करने पर ध्यान दिया गया है।

कार्यशाला में पूर्व प्रदेश महामंत्री पूर्व विधायक बेबी कुमारी,पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, पूर्व विधायक सुरेश चंचल,जिला प्रभारी रमेश श्रीवास्तव, लोकसभा प्रभारी हरेंद्र सिंह, महामंत्री धर्मेंद्र साहू, सहित पूर्व प्रत्याशी अर्जुन राम ने भी कार्यशाला संबोधित किया।

संचालन जिला महामंत्री प्रभु कुशवाहा एवं धन्यवाद ज्ञापन पिछड़ा मोर्चा अध्यक्ष विकास गुप्ता ने किया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से जिला उपाध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद शंभु, रागनी रानी, अंकज कुमार, जिला महामंत्री सचिन कुमार, मंत्री धनंजय झा, नंदकिशोर पासवान, रामश्रेष्ट्र सहनी, जिला मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल, आशीष श्रीवास्तव, मोर्चा प्रभारी रविरंजन शुक्ला, मोर्चा अध्यक्ष भारत रत्न यादव, फेकू राम, विजय पाण्डेय, मो० नफज़ सहित अमित राठौर, शांतनु शेखर, कुमारी ममता,संजय गुप्ता, विशाल कुमार, आकाश पटेल, पंकज सोनी, अभिषेक कुमार, संतोष कुमार, विक्की प्रजापति, राजाराम कुमार गुप्ता, संदीप सोनी एवं सभी मंडल अध्यक्ष उपस्थित रहे।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

चंद्रयान-3 के लॉन्‍चर व्हीकल का एक हिस्सा अनियंत्रित होकर पृथ्वी के वातावरण में वापस लौटा, पैसिफिक ओशन में हो सकता है क्रैश

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इस साल 23 अगस्त की तारीख को भारत ने चांद के दक्षिणी हिस्से में चंद्रयान-3 की लैंडिंग करवा कर इतिहास रच दिया था। चंद्रयान के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर सौरमंडल निर्माण के रहस्य, पानी और कई चीजों पर रिसर्च किया था।इस बीच खबर आ रही है कि चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक निर्धारित कक्षा में ले जाने वाले लॉन्च व्हीकल एलवीएम3एम4 के ऊपरी क्रायोजनिक हिस्से ने बुधवार को धरती के वातावरण में अनियंत्रित वापसी की है। इसकी जानकारी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने दी।

प्रक्षेपण के 124 दिनों के भीतर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश

इसरो ने बताया है कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने वाले एलवीएम3 एम4 प्रक्षेपण यान का ‘क्रायोजेनिक’ ऊपरी हिस्सा बुधवार को पृथ्वी के वायुमंडल में अनियंत्रित रूप से फिर से प्रवेश कर गया है। इसरो की ओर से जानकारी दी गई है कि रॉकेट बॉडी जो कि चंद्रयान-3 यान का हिस्सा था, वह पृथ्वी के वायुमंडल में वापस से प्रवेश कर गया है रॉकेट का यह हिस्सा धरती के वायुमंडल में 15 नवंबर की दोपहर करीब 2.42 बजे दाखिल हुआ। बता दें कि रॉकेट बॉडी के फिर से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश इसके प्रक्षेपण के 124 दिनों के भीतर हुई है।

धरती पर कहां होगा रॉकेट के हिस्से का इम्‍पैक्‍ट

इसरो के मुताबिक, इसका इम्पैक्ट पॉइंट उत्तरी प्रशांत महासागर के ऊपर लगाया गया है। फाइनल ग्राउंड ट्रैक भारत के ऊपर से नहीं गुजरा। इसरो ने कहा कि उसने दुर्घटनावश होने वाले किसी भी संभावित विस्फोट के जोखिम को कम करने के लिए सभी अवशिष्ट प्रणोदक और ऊर्जा स्रोतों को हटाने की प्रक्रिया के तहत यान के इस ऊपरी चरण को निष्क्रिय कर दिया था। ऐसा अंतरिक्ष मलबा निस्तारण के लिए तय संयुक्त राष्ट्र और आईएडीसी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है। इसरो ने कहा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए रॉकेट बॉडी को निष्क्रिय करना और मिशन के बाद उसका निपटान फिर बाहरी अंतरिक्ष गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता को संरक्षित करने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

बता दें कि लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर ने अपने मिशन को सफलता से अंजाम देकर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कई रिसर्च की थी। काम समाप्त होने और चंद्रमा में अंधेरे का समय आने के बाद इसरो ने दोनों उपकरणों को स्लीप मोड में डाल दिया था। हालांकि, विक्रम लैंडर के रिसीवर को ऑन ही रखा गया था ताकि इससे धरती से दोबारा संपर्क स्थापित किया जा सके।