क्या रद्द हो जाएगा अशोक गहलोत का नामांकन? जानें क्या है पूरा मामला*
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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सरदारपुरा विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है।हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के चुनावी हलफनामे पर विवाद खड़ा हो गया है।गहलोत के नामांकन में आपराधिक मामलों को छुपाने की शिकायत सामने आई है। हलफनामे में जानकारी छिपाने को लेकर बीजेपी ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है।बीजेपी ने चुनाव आयोग से गहलोत के नामांकन को खारिज करने की मांग की है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर की सरदारपुरा सीट से नामांकन दाखिल किया है।भारतीय जनता पार्टी ने उन पर बड़ा आरोप लगाया है। बीजेपी का कहना है कि गहलोत ने चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी है।केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि गहलोत ने चुनावी हलफनामे में जानबूझकर एफआईआर की जानकारी नहीं दी। उन पर जो दो आरोप लगे हैं, वो काफी गंभीर हैं। गहलोत को मुकदमों की पूरी जानकारी थी लेकिन उन्होंने हलफनामे में इसका जिक्र नहीं किया।
शपथ पत्र में दो मामले छुपाने का आरोप
बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने सरदारपुरा रिटर्निंग ऑफिसर संजय कुमार बासु को मुख्यमंत्री की ओर से तथ्य छिपाने को लेकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले में शिकायत के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने रिटर्निग ऑफिसर से मामले की जानकारी मांगी है।कार्यकर्ताओं ने एडवोकेट नाथू सिंह राठौड़ के जरिए रिटर्निंग ऑफिसर के पास ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत के बाद भाजपा की ओर से एडवोकेट नाथू सिंह राठौड़ ने बताया कि गहलोत के खिलाफ न्यायालय में पांच मामले चल रहे हैं। लेकिन गहलोत ने सभी मामलों का उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने तथ्य छुपाते हुए दिल्ली के दो मामलों को नहीं बताया है। जबकि उन्होंने अपने शपथ पत्र में पांच की जगह तीन मामलों का उल्लेख किया हैं। इनमें एक दिल्ली और दो जयपुर के बताए गए हैं।
कौन से दो मामलों के तथ्य छिपाए गए है
शिकायत पत्र में बताया गया है कि पहला आपराधिक मामला 8 सितंबर 2015 का है। जो कि जयपुर के गांधीनगर पुलिस थाने में दर्ज कराया गया था। पत्र में एफआईआर की संख्या 409/2015 बताई गई है। इसमें धारा 166, 409, 420, 467, 471 और 120 बी के तहत मामला दर्ज हुआ हैं। इसके बारे में गहलोत ने अपने नामांकन में जानकारी नहीं दी है। यह मामला अभी भी कोर्ट में लंबित है और इसकी अगली सुनवाई 24 नवंबर 2023 को होनी है। जबकि दूसरा मामला 31 मार्च 2022 का बताया गया है। जिसमें शिकायतकर्ता के मुताबिक कोर्ट की ओर से अशोक गहलोत समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश था। शिकायत में मामला भी अभी राजस्थान उच्च न्यायालय में बताया है।
Nov 09 2023, 11:52