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टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर होगा एक्शन? एथिक्स कमिटी की 500 पेज की रिपोर्ट तैयार, आज अहम बैठक

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तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।आज संसद भवन में लोकसभा की एथिक्स कमिटी की बैठक होनी है। इस बैठक में कमेटी महुआ मोइत्रा के खिलाफ लगे आरोप पर तैयार मसौदा रिपोर्ट स्वीकार कर सकती है।सभापति विनोद सोनकर गुरुवार को होने वाली एथिक्स कमिटी की बैठक में इस ड्राफ्ट रिपोर्ट पर मुहर लगवाने की कोशिश करेंगे। ज्यादा संभावना इस बात की है कि कमेटी की इस रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए वोटिंग करवाने की नौबत भी आ सकती है। फिर इस रिपोर्ट को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के सामने रखा जाएगा। 

बता दें कि पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी में कुल 15 मेंबर हैं. इनमें बीजेपी के सात, कांग्रेस के तीन और बसपा, शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और जदयू के एक-एक सदस्य शामिल हैं। बताया जा रहा है कि एथिक्स कमेटी ने इस पूरे मामले में 500 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है।रिपोर्ट में महुआ की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश है।समिति ने महुआ मोइत्रा के एक्शन को अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक बताते हुए कहा कि वह कड़ी सजा की मांग की है। समिति ने यह भी सिफारिश की है कि पूरे मामले की कानूनी, गहन, संस्थागत और समयबद्ध जांच की जाए।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। जिसकी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से शिकायत की थी। इसके बाद एक कमेटी गठित की गई। इस 15 सदस्यीय कमेटी में बीजेपी के सात, कांग्रेस के तीन और बीएसपी, शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) के एक-एक सदस्य हैं।

इससे पहले निशिकांत दुबे ने बुधवार को ये दावा किया कि लोकपाल ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दे दिया है। हालांकि इस मामले में लोकपाल की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इस पर महुआ ने पलटवार करते हुए कहा कि सीबीआई को पहले अडानी समूह के कथित कोयला घोटाले की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए।

टीएमसी महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकपाल ने दिए सीबीआई जांच के आदेश, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का दावा

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भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि लोकपाल ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया है। झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद ने एक्स पर पोस्ट कर ये दावा किया।बता दें कि निशिकांत दुबे ने 21 अक्तूबर को मोइत्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन पर संसद में सवाल उठाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था। दुबे ने मोइत्रा पर मौद्रिक लाभ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप लगाया था।

निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया, 'लोकपाल ने आज मेरी शिकायत पर आरोपी सांसद महुआ के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर CBI inquiry का आदेश दिया।

हालांकि, निशिकांत दुबे के दावे पर अभी तक लोकपाल की ओर से सीबीआई जांच के आदेश की कोई पुष्टि नहीं हुई है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के दावे के जवाब में तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। महुआ ने जांच का स्वागत किया।निशिकांत दुबे के ट्वीट के तुरंत बाद, महुआ मोइत्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सीबीआई पहले कथित 13,000 करोड़ रुपये के अडानी कोयला घोटाले के खिलाफ मामला दर्ज करे।राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा यह है कि कैसे संदिग्ध एफपीआई स्वामित्व वाली (चीनी और संयुक्त अरब अमीरात समेत) अडानी कंपनियां भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खरीद रही हैं और वो भी भारतीय गृह मंत्रायल की मंजूरी के साथ। फिर भी सीबीआई का स्वागत है, आइए, मेरे जूते गिनिए

इससे पहले खबर आई थी कि महुआ मोइत्रा पर ‘पैसे के बदले प्रश्न पूछने’ के आरोपों की जांच कर रही लोकसभा की आचार समिति की अहम बैठक नौ नवंबर को होगी। पहले यह बैठक बीते दिन ही होनी थी। इस दौरान मसौदा रिपोर्ट को स्वीकार करने पर चर्चा की जानी है।

बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा ने संसदीय आईडी का अपना लॉग-इन पासवर्ड शेयर किया था, जहां से किसी दूसरे शख्स ने व्यापारी गौतम अडानी को घेरने वाले सवाल संसद में उठाए।निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि महुआ मोइत्रा ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी को लोकसभा वेबसाइट का लॉगिन एक्सेस दिया था।

वनडे वर्ल्ड कप 2023: सेमीफाइनल के लिए तीन टीमें तय, जानें भारतीय टीम के साथ किसकी होगी भिड़ंत?

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आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 भारत की मेजबानी में खेला जा रहा है। अब तक आधे से ज्यादा मैच खेले जा चुके हैं। अब चर्चा सेमीफाइल में भिड़ने वाली टीमों को लेकर होने लगी है।विश्व कप 2023 में शीर्ष तीन टीमें तय हो चुकी हैं। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बाद ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को अफगानिस्तान को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई।

भारत का शीर्ष पर रहकर लीग राउंड को खत्म करना तय माना जा रहा है। भारतीय क्रिकेट टीम ने इस वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में अपनी जगह और अंक तालिका में अपनी पोजिशन दोनों को फिक्स कर लिया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि टीम इंडिया ने अभी तक के 8 मैचों में से आठों में जीत हासिल की है और 16 अंक हासिल कर लिए हैं। इन अंकों की मदद से टीम इंडिया अंक तालिका के टॉप पर है, और टॉप पर ही रहेगी। वहीं, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे और तीसरे स्थान के लिए जंग होगी। हालांकि, दूसरे या तीसरे स्थान पर जो भी टीम रहे, सेमीफाइनल मुकाबला इन दोनों के बीच खेला जाना तय है। प्लेइंग कंडीशंस के मुताबिक, दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम तीसरे स्थान की टीम से और पहले स्थान पर रहने वाली टीम चौथे स्थान पर रहने वाली टीम से भिड़ेगी। हालांकि, चौथी टीम अब तक तय नहीं हो सकी है। 

चौथे स्थान के लिए ये टीमें दौड़ में

चौथे स्थान के लिए अब न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जंग है।यानी, भारत के खिलाफ खेलने के लिए अभी न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और अफगानिस्तान तीनों दौड़ में हैं। तीनों ही टीमों के आठ-आठ अंक हैं। तीनों ही टीमों को आखिरी लीग मैच खेलना है।न्यूजीलैंड का सामना श्रीलंका से, पाकिस्तान का सामना इंग्लैंड से और अफगानिस्तान को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलना है। 

सेमीफाइनल में इस टीम से भिड़ सकता है भारत

लीग स्टेज में नंबर वन पर रहने वाली टीम का सेमीफाइनल मैच नंबर-4 की टीम के साथ खेला जाएगा। ऐसे में अब सवाल उठता है कि इस वर्ल्ड कप के लीग स्टेज में नंबर-4 पर कौनसी टीम रहेगी। इसके लिए तीन मुख्य दावेदार हैं। पहली दावेदार न्यूज़ीलैंड की टीम है. न्यूज़ीलैंड की टीम के पास इस वक्त 8 अंक है, और अगर उनकी टीम आखिरी लीग मैच में श्रीलंका को हरा देती है, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि मुंबई में भारत बनाम न्यूज़ीलैंड सेमीफाइनल मैच हो सकता है। 

इसके अलावा लीग स्टेज में नंबर-4 पर रहने की दूसरी प्रबल दावेदार टीम पाकिस्तान है। पाकिस्तान टीम के पास भी 8 अंक हैं, लेकिन उनका नेट रन रेट न्यूज़ीलैंड से कम है, इसलिए उनके पास न्यूज़ीलैंड के मुकाबले कम चांस है। हालांकि, अगर पाकिस्तान अपने आखिरी लीग मैच में इंग्लैंड को हरा देती है तो मुंबई में भारत बनाम पाकिस्तान का एक शानदार सेमीफाइनल मैच हो सकता है।

लीग स्टेज में नंबर-4 पर खत्म करने वाली तीसरी प्रबल दावेदार टीम अफगानिस्तान है। अफगानिस्तान की टीम के पास भी 8 ही अंक है, लेकिन नेट रन रेट के मामले में अफगानी टीम ऊपरी दोनों टीमों से पीछे है, इसलिए इनकी संभावना इन तीनों में सबसे कम है। हालांकि, अगर अफगानिस्तान अपने आखिरी लीग मैच में साउथ अफ्रीका को हरा देती है तो मुंबई में भारत बनाम अफगानिस्तान का भी सेमीफाइनल मैच हो सकता है। अब देखना होगा कि टीम इंडिया के खिलाफ इस वर्ल्ड कप का पहला सेमीफाइनल मैच खेलने के लिए न्यूज़ीलैंड, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में से कौनसी टीम मुंबई पहुंचती है।

एमपी चुनाव से ठीक पहले दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर एम. एस. एन. यानी महाराज, शिवराज और नाराज वाला किया वार, जमकर साधा निशाना

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से अपने चुनाव प्रचार में जुटी हैं। इधर नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इस बीच एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर एम. एस. एन. यानी महाराज, शिवराज और नाराज वाला वार किया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी तीन गुटों में बंट गई है। एक गुट महाराज बीजेपी (ज्योतिरादित्य सिंधिया) है। दूसरा शिवराज बीजेपी (सीएम शिवराज सिंह चौहान) और तीसरा नाराज बीजेपी (बागी) है। दिग्विज सिंह ने बुधवार को ग्वालियर जिले में कांग्रेस उम्मीदवार के कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। दिग्विजय सिंह ने बीजेपी और शिवराज पर निशाना साधा।

मुकाबला गद्दार और ईमानदार आदमी के बीच 

दिग्विजय सिंह ने कहा कि 'यह चुनाव उन लोगों के बीच है, जिन्होंने कांग्रेस (2020 की राजनीतिक उथल-पुथल का जिक्र करते हुए) और कांग्रेस को धोखा दिया था। यह चुनाव धनबल और जनबल के बीच, एक गद्दार और एक ईमानदार आदमी के बीच है। 2018 में मुझे और कमल नाथ को केवल पांच महीने मिले थे। तब संगठन भी उतना तैयार नहीं था, जितना होना चाहिए था। हालांकि अब हमारा संगठन तैयार है।'

भाजपा तीन गुटों में विभाजित हो गई है, महाराज भाजपा (केंद्रीय मंत्री सिंधिया), शिवराज भाजपा (सीएम चौहान) और नाराज भाजपा (विद्रोही पार्टी कार्यकर्ता)। पहले, केवल एक भाजपा थी। पहले हमारे पास मजबूत संगठन नहीं था। संगठन को तैयार करने में कई साल लग गए। अब हम पूरी तरह से तैयार हैं।

सीएम शिवराज के खिलाफ जनता में आक्रोश: दिग्विजय

कांग्रेस नेता दिग्विजय ने आगे सीएम चौहान पर हमला बोलते हुए कहा कि आज शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ बहुत आक्रोश है। उन्होंने कहा, 'सीएम चौहान के खिलाफ बहुत नाराजगी है। 2018 में उससे भी ज्यादा नाराजगी थी। बीजेपी भी आज बंटी हुई है। मजदूरों को जितना नुकसान भारतीय जनता पार्टी ने पहुंचाया, उतना कोई और संगठन नहीं पहुंचा सकता।'

कांग्रेस छोड़कर जाने वालों के लिए दरवाजे बंद: दिग्विजय

इसके अलावा पूर्व सीएम सिंह ने उन कांग्रेसियों को भी चेतावनी दी, जो कांग्रेस छोड़कर चले गए। दिग्विजय ने सिंधिया का नाम लिए बना कहा कि 'जो कांग्रेस छोड़कर गए थे, उनके लिए दिग्विजय सिंह के दरवाजे हमेशा बंद रहेंगे।' बता दें, मध्य प्रदेश उन पांच राज्यों में से एक है जहां 17 नवंबर को एक चरण में मतदान होना है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। मतदाता 230 विधानसभा क्षेत्रों से विधायक चुनेंगे।

कोतवाली के मालखाने में रखी शराब पी गए चूहे...', मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा कोतवाली थाने से सामने आई चौंकाने वाली घटना

 मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा कोतवाली थाना से एक अनोखी घटना सामने आई है। कोतवाली के मालखाने में रखीं बरामद की गईं शराब की 60 से बोतलें चूहों ने खाली कर दीं। परेशान पुलिस ने मालखाने में चूहे पकड़े वाले पिंजरे लगाए। कुछ चूहों का पकड़ा भी गया है। अब यह मामला ख़बरों में है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। खबर देते हुए टीआई कोतवाली उमेश गोल्हानी ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई के चलते बरामद किए जाने वाला सामान मालखाने में जमा कर दिया जाता है। जब अदालत में पेश करना होता है। उन्होंने कहा कि बरामद की शराब को अदालत में सबूत के तौर पर पेश करना था।

लेकिन, जब मालखाने में देखा गया तो शराब की बोतलों को चूहों द्वारा कुतर दिया गया था। इसकी वजह से शराब रिस गई थी। थाने के मालखाने में रखे शराब के कार्टन को चूहों द्वारा काट दिया गया था। उसमें रखीं 60-65 शराब की छोटी प्लास्टिक बोतलों को भी कुतर दिया था। इसकी वजह से बोतलों में रखी शराब रिस गई तथा कार्टन खाली हो गया। हमने मालखाने की सफाई की और एविडेंस भी लिया है। 

टीआई ने कहा कि चूहों की वजह से हम लोग बहुत परेशान रहते हैं। यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले भी ऐसा होता रहा है। उन्होंने कहा कि थाने की इमारत पुरानी हो गई। इसकी वजह से चूहों की संख्या बढ़ गई है। मालखाने में चूहों ने कई मार्ग बना रखे हैं, जिससे वह अंदर आ जाते हैं। बरामद की गईं गांजे की बोरियां समेत दूसरा सामान भी चूहे कुतर देते हैं। जिससे परेशानी हो जाती है। सामान को चूहों से बचाने के लिए लोहे- टिन के बक्सों में रखते हैं। TI ने यह भी कहा है कि चूहे आवश्यक फाइलों को भी कुतर देते हैं। इसलिए फाइलों को बचाने के लिए उन्हें सुरक्षित जगह पर रखा जाता है। चूहों के पकड़ने के लिए पिजरें लगाए जाते हैं, उनमें फंसे चूहों को बाहर छुड़वा दिया जाता है। टीआई ने आगे कहा कि चूहे चाहे ऑफिस में हों या घर में नुकसान तो करते ही है।

सेक्स पर बिहार के सीएम के बयान के बाद पीएम मोदी भी उन पर हमलावर, एमपी में रैली के दौरान बोले, शर्म तो आती नहीं, कितना नीचे गिरेंगे

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा में अश्लीलता भरे शब्दों में यौन संबंधों पर बोलकर घिर गए हैं। माफी मांगने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उन पर हमलावर है। बिहार विधानसभा में हंगामे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। मध्य प्रदेश में एक रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि क्या ऐसे नेता माताओं-बहनों का भला कर सकते हैं? 

गुना में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने नीतीश कुमार का नाम लिए बिना उन पर जोरदार प्रहार किया। पीएम मोदी ने कहा, 'जो INDI अलायंस का झंडा लेकर घूम रहे हैं, जो देश की वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भांति-भांति के खेल कर रहे हैं, उन्होंने विधानसभा के अंदर जिस सभा में माताएं-बहने भी मौजूद थीं, कोई कल्पना नहीं कर सकता है ऐसी भाषा में भद्दी बातें कीं। शर्म तो आती नहीं है उनको।'

नीतीश के बयान पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों की चुप्पी पर भी पीएम मोदी ने सवाल उठाया और कहा कि महिलाओं के अपमान पर एक शब्द नहीं कहा गया। पीएम मोदी ने कहा, 'INDI अलायंस का एक भी नेता मताओं-बहनों के भयंकर अपमान के खिलाफ एक शब्द बोलने को तैयार नहीं। जो माताओं-बहनों के प्रति यह दृष्टिकोण रखते हैं, वे क्या आपका भला कर सकते हैं, आपकी इज्जत बता सकते हैं? वह आपका सम्मान कर सकते हैंय़ वह आपका गौरव कर सकते हैं? कैसा दुर्भाग्य आया है इस देश का। कितने नीचे गिरोगे। दुनिया में देश की बेइज्जती करा रहे हो।' पीएम ने यह भी कहा कि वह महिलाओं के सम्मान में कभी पीछे नहीं हटेंगे।

जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए महिलाओं को शिक्षित करने पर जोर देते हुए नीतीश कुमार ने मंगलवार को सदन में कहा था कि कैसे एक शिक्षित महिला अपने पति को संभोग के दौरान 'रोक' सकती है। भाजपा ने नीतीश कुमार पर आक्रामक रुख अपना लिया है। उनसे इस्तीफे की मांग की जा रही है। महिला आयोग ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर नीतीश के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। हंगामे के बीच नीतीश कुमार ने अपने बयान के लिए माफी मांगी है।

खरगे के बाद पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर साधा निशाना, कहा- 'कांग्रेस का मतलब खुद विनाश की गारंटी'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक जनसभा को संबोधित किया। दमोह के इमलाई गांव में अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पार्टी की विफलताओं और भाजपा सरकार के तहत हुई प्रगति सहित विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला।

गरीबी उन्मूलन में कांग्रेस की विफलता

 पीएम मोदी ने जोर दिया कि कांग्रेस पार्टी गरीबी मिटाने में नाकाम रही है क्योंकि उसके नेताओं के पास सही इरादे नहीं हैं। इन वर्षों में, अमीर और अमीर हो गए, और गरीब गरीब ही बने रहे। हालाँकि, भाजपा के शासन में, गरीबी धीरे-धीरे कम हो रही है, और भारत के विकास को दुनिया भर में मान्यता मिल रही है।

भारत की अर्थव्यवस्था के लिए दृष्टिकोण

पीएम मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया की शीर्ष पांच में से एक में बदलने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने उल्लेख किया कि जब वह प्रधान मंत्री के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल शुरू करेंगे, तो वह भारत की अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।

मध्य प्रदेश को केंद्र सरकार की सहायता

इस वर्ष, केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश को हजारों करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान की है, क्योंकि राज्य में कांग्रेस पार्टी का शासन नहीं है। पीएम मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में वापस आती है, तो वह 85% कमीशन लगाएगी, जिससे राज्य के लिए वित्तीय संकट पैदा हो जाएगा।

युवा कांग्रेस से सावधान रहें

पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के युवाओं को कांग्रेस पार्टी के वादों से सावधान रहने के लिए आगाह किया. उन्होंने कांग्रेस के ट्रैक रिकॉर्ड की आलोचना की और कहा कि उसने बुंदेलखण्ड क्षेत्र के विकास की उपेक्षा की है और केवल उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया है जो उसके हितों के अनुकूल हैं।

कांग्रेस: ​​बर्बादी की गारंटी

जब प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पार्टी पर बर्बादी की गारंटी होने का आरोप लगाया तो उन्होंने शब्दों में कोई कमी नहीं की। उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेता उनका अपमान करने के बावजूद वर्तमान में विभिन्न घोटालों और विवादों में फंसे हुए हैं। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।

नोटबंदी याद आ रही 

अतीत को याद करते हुए, पीएम मोदी ने नोटबंदी का कदम उठाया और बताया कि कैसे इसने उन लोगों की नींद में खलल डाला, जिन्होंने अपने गद्दों के नीचे नकदी जमा कर रखी थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता उनका अपमान और आलोचना करते रहते हैं, लेकिन विभिन्न घोटालों में उनकी खुद की संलिप्तता एक स्पष्ट तथ्य है।

मध्य प्रदेश के विकास का संकल्प

पीएम मोदी ने साफ किया कि ये चुनाव सिर्फ विधायकों को चुनने का नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की प्रगति और विकास का चुनाव है. भाजपा का लक्ष्य गरीबों का उत्थान करना और राज्य का विकास सुनिश्चित करना है। अंत में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मध्य प्रदेश के दमोह यात्रा में कांग्रेस पार्टी की विफलताओं की कड़ी आलोचना और राज्य के विकास को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता शामिल थी। भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दृष्टि से, प्रधान मंत्री ने दर्शकों को आशा और प्रगति का स्पष्ट संदेश दिया।

केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के 11वें दीक्षांत समारोह में ये खास व्यंजन होंगे राष्ट्रपति की थाली में, खास है पहाड़ी व्यंजनों का मेन्यू

 इन दिनों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तराखंड के दौरे पर हैं। मंगलवार को उत्तराखंड पहुंची राष्ट्रपति मुर्मू गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के आठ नवंबर को हो रहे 11वें दीक्षा समारोह में मुख्य अतिथि हैं। आज गढ़वाल आगमन पर राष्ट्रपति का भव्य स्वागत होने वाला है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पहाड़ी व्यंजनों का भी रसास्वादन करवाने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं। इस खास दौरे पर खास पकवानों से राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत पहाड़े के लोग करेंगे।

राष्ट्रपति मुर्मू को परोसा जाएगा ये खास व्यंजन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को झंगोरे की खीर के साथ ही कोदे की रोटी, राई, पालक, मेथी से बनी कफली, दाल का फाणू, राई की सब्जी के साथ ही पहाड़ी चटनी और पहाड़ी ककड़ी का रायता भी राष्ट्रपति के भोजन के मीनू में विशेष रूप से शामिल किया है। पहाड़ के तोर की दाल और पहाड़ी लाल चावल भी भोजन में परोसे जाएंगे।

यहां करेंगी दिन का भोजन

राष्ट्रपति दिन का भोजन विवि चौरास परिसर के अतिथि गृह में ही करेंगी। इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा व्यापक तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। पूर्ण भव्यता और आकर्षक व्यवस्थाओं के साथ विवि दीक्षा समारोह को आयोजित कर रहा है।

सुरक्षा के हैं पुख्ता इंतजाम

राष्ट्रपति के कार्यक्रम को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्थाएं की गई हैं। विवि परिसर के साथ ही चौरास क्षेत्र भी पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। डीएम टिहरी मयूर दीक्षित और एसएसपी टिहरी नवनीत भुल्लर बीते रोज से ही क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं।

प्रदूषण की गंभीर मार झेल रही दिल्ली में अब Ola-Uber कैब को लेकर केजरीवाल सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान, पढ़िए, खबर

 दिल्ली-NCR प्रदूषण की मार झेल रहा है। प्रदूषण की परेशानी से निपटने के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार प्रतिदिन नए-नए फैसले ले रही है। अब दिल्ली सरकार ने दूसरे प्रदेशों में पंजीकृत Uber OLA सहित अन्य ऐप आधारित कैब की दिल्ली में एंट्री पर रोक लगा दी है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ये घोषणा की है। केजरीवाल सरकार के इस फैसले के पश्चात् दिल्ली में पंजीकरण वाली यानी केवल DL नंबर वाली ऐप आधारित कैब ही चलेंगी। गोपाल राय ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर ऐप आधारित दिल्ली से बाहर की पंजीकरण वाली गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है।

दिल्ली सरकार ने बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देजनर विंटर वेकेशन की घोषणा कर दी है। सभी विद्यालयों में 09 नवंबर से 18 नवंबर तक विंटर ब्रेक यानी सर्दी की छुट्टियां घोषित की गई हैं। इससे पहले वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली सरकार ने विद्यालयों में 10 नवंबर तक फिजिकल क्लासेस बंद करके ऑनलाइन क्लासेस पर शिफ्ट कर दिया है। सर्दियों की छुट्टियों की घोषणा के पश्चात् अब राष्ट्रीय राजधानी में 18 नवंबर तक स्कूल बंद रहेंगे।

दिल्ली-NCR में लोग प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। बढ़ते प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन एवं एलर्जी जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने इस पर नियंत्रण पाने के लिए तमाम कदम उठा रही है। मगर अब तक ये नाकाफी साबित हो रहे हैं। हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में केजरीवाल सरकार ने बीते दिनों अपने 7 वर्ष पुराने ऑड ईवन फॉर्मूले को 13 नवंबर से लागू करने की घोषणा की है।

किस दिन कौन सी गाड़ी चलेगी

- Odd नंबर वाली कारें यानी जिन कारों के नंबर के अंतिम का अंक (1, 3, 5, 7, 9 है)- 13, 15, 17, 19 नवंबर को चलेंगी।

- Even नंबर वाली कारें, यानी जिन कारों के नंबर के अंतिम का अंक (0, 2, 4, 6, 8, 0)- 14, 16, 18, 20 नवंबर को चलेंगी।

'सनातन धर्म को ख़त्म करेंगे..', DMK नेताओं पर एक्शन नहीं लेने पर भड़की मद्रास हाई कोर्ट, जमकर की पुलिस की खिंचाई

 मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को "विभाजनकारी प्रवृत्ति" वाली टिप्पणियों के खतरे का एहसास होना चाहिए। कोर्ट ने सनातन धर्म विरोधी बैठक में भाग लेने वाले कुछ सत्तारूढ़ द्रमुक मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने में कथित विफलता के लिए पुलिस की खिंचाई की। यह बैठक सितंबर में तमिलनाडु में की गई थी। न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को नशीली दवाओं और अन्य सामाजिक बुराइयों को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

न्यायाधीश ने मगेश कार्तिकेयन द्वारा दायर एक याचिका को खारिज करते हुए हालिया आदेश में ये टिप्पणियां कीं, जिन्होंने पुलिस को "द्रविड़ विचारधारा को खत्म करने और तमिलों के समन्वय के लिए सम्मेलन" करने की अनुमति देने के लिए पुलिस को निर्देश देने की मांग की थी। यह याचिका सितंबर में यहां आयोजित "सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन" के मद्देनजर दायर की गई थी, जिसमें DMK नेता और टीएन युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने भाग लिया था और सनातन धर्म के खिलाफ कुछ कथित टिप्पणियां की थीं, जिसने एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया था। राज्य मंत्री पीके शेखर बाबू भी बैठक में शामिल हुए थे।

सत्तारूढ़ दल DMK के सदस्यों और सनातन धर्म विरोधी सम्मेलन में भाग लेने वाले मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफलता के लिए पुलिस की खिंचाई करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को विभाजनकारी प्रवृत्ति वाले भाषण के खतरे का एहसास होना चाहिए और जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए। ऐसे विचारों का प्रचार करने से खुद को रोकें जो विचारधारा, जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटेंगे।” न्यायाधीश ने कहा, "इसके बजाय वे नशीले पेय और नशीली दवाओं के के उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जो स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार, अस्पृश्यता और अन्य सामाजिक बुराई के लिए हानिकारक हैं।"

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने अभ्यावेदन में 2 सितंबर, 2023 को यहां कामराजार अरंगम में आयोजित सनातन विरोधी बैठक का उल्लेख किया था, जिसका शीर्षक था "सनातन ओझिप्पु मानाडु"। उसी का हवाला देते हुए वह द्रविड़ विचारधारा को खत्म करने और तमिलों के समन्वय के नाम पर एक बैठक करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने पहले इस विषय पर बैठक आयोजित करने पर विचार करने का कोई आदेश पारित नहीं किया था।

न्यायाधीश ने कहा कि कोई भी अदालत से यह उम्मीद नहीं कर सकता कि वह जनता के बीच दुर्भावना पैदा करने वाले विचारों का प्रचार करने में उनकी सहायता करेगी। सत्तारूढ़ दल (द्रमुक) के कुछ सदस्यों और मंत्रियों ने सनातन धर्म को खत्म करने के लिए आयोजित बैठक में भाग लिया और पुलिस द्वारा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो पुलिस की ओर से कर्तव्य में लापरवाही थी। सनातन धर्म को खत्म करने के लिए भड़काऊ भाषण देने वालों पर कार्रवाई करने में पुलिस विफल रही, तो अब द्रविड़ विचारधारा को खत्म करने के लिए बैठक आयोजित कर इसका मुकाबला करने की अनुमति मांगी जा रही है।

जज ने कहा कि, "यदि याचिकाकर्ता के अनुरोध को स्वीकार कर लिया जाता है, तो इससे जनता की शांति और सौहार्द में और अधिक व्यवधान पैदा होगा, जो पहले से ही पद की शपथ लेने वाले व्यक्तियों के समर्थन में कुछ सीमांत समूहों के तरीकों से तंग आ चुके हैं। यह न्यायालय याचिकाकर्ता को द्रविड़ विचारधारा को खत्म करने के लिए एक सम्मेलन आयोजित करने की अनुमति देकर ऐसा नहीं कर सकता।" न्यायाधीश ने आगे कहा कि जहां तक ​​वर्तमान याचिका का सवाल है, अदालत ने पाया है कि रिट याचिका में पारित पिछला आदेश द्रविड़ विचारधारा के बारे में विचार व्यक्त करने के संबंध में था। जबकि, वर्तमान प्रतिनिधित्व, पिछले आदेश पर नाराजगी जताते हुए "सनातन ओझिप्पु मनाडु" के बैनर तले आयोजित बैठक का विरोध करना चाहता है। 

न्यायाधीश ने कहा कि, याचिकाकर्ता का दावा है कि ऐसी बैठक करना मौलिक अधिकार है। लेकिन यह न्यायालय इस दृष्टिकोण से सहमत नहीं हो सकता है। इस देश में किसी भी व्यक्ति को विभाजनकारी विचारों को प्रचारित करने और किसी भी विचारधारा को ख़त्म करने के लिए बैठक करने का अधिकार नहीं हो सकता है। कई और विभिन्न विचारधाराओं का सह-अस्तित्व इस देश की पहचान है। 

 उदयनिधि स्टालिन का बयान

डीएमके नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन बीते दिनों अपनी उस टिप्पणी के लिए सवालों के घेरे में आ गए थे, जिसमें उन्होंने 'सनातन धर्म' की तुलना 'मलेरिया' और 'डेंगू' जैसी बीमारियों से की थी और इसे समूल नष्ट करने की वकालत की थी। इससे न केवल एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया, बल्कि उदयनिधि के खिलाफ कई आपराधिक शिकायतें भी दर्ज की गईं और साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं भी दायर की गईं।  

वहीं, कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी उदयनिधि स्टालिन के बयान का समर्थन किया था, जिसमे कार्ति चिदंबरम, लक्ष्मी रामचंद्रन और कांग्रेस सुप्रीमो मल्लिकर्जुन खड़गे के बेटे एवं कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे का नाम भी शामिल है। जिसके चलते उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में उदयनिधि और उनके समर्थक कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। बता दें कि, अपने बयान के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन के बावजूद उदयनिधि स्टालिन लगातार माफी मांगने से इनकार करते रहे हैं। हालाँकि, विवाद बढ़ने के बाद उदयनिधि ने डैमेज कण्ट्रोल करते हुए कहा था कि, उन्होंने जातिवाद ख़त्म करने की बात कही थी। जातिवाद मिटाने की बात प्रधानमंत्री मोदी, बसपा सुप्रीमो मायावती समेत कई दलों के कई नेता करते रहे हैं, इसे समाज सुधार की कोशिश के रूप में देखा जाता है और कोई विवाद नहीं होता, लेकिन जब पूरे धर्म का ही नाश करने की बात की जाए और नेतागण उसका समर्थन भी करें, तो ये निश्चित ही नफरत फ़ैलाने वाली बात है। यही कारण है कि, कई पूर्व जजों, आईएएस अधिकारीयों (262 गणमान्य नागरिकों) ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर उदयनिधि के बयान पर स्वतः संज्ञान लेने और कार्रवाई करने का आग्रह किया था। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान तो नहीं लिया, याचिका दाखिल किए जाने के बाद भी हाई कोर्ट जाने को कहा, लेकिन अंततः अदालत सुनवाई के लिए राजी हुई और उदयनिधि को नोटिस जारी किया। 

 कुछ समय पहले इसी तरह का एक मामला सामने आया था। जब भगवान शिव का अपमान सुनकर पलटवार के रूप में भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी कर दी थी, जिसका वीडियो मोहम्मद ज़ुबैर ने सोशल मीडिया पर फैलाया था। ​लेकिन, ज़ुबैर ने अपने एडिटेड वीडियो में केवल नूपुर का बयान शामिल किया था, उसके पहले शिव के अपमान वाली बात उसने काट दी थी। जिससे पता चलता कि, पहले हिन्दू देवता का अपमान हुआ, जिसके जवाब में पैगम्बर पर बयान दिया गया। उस समय सुप्रीम कोर्ट ने भी 'केवल' नूपुर को ही जिम्मेदार माना था, शिवलिंग को प्राइवेट पार्ट कहने वाले मौलाना अब भी टीवी डिबेट में आते रहते हैं, किन्तु नूपुर गुमनाम जिंदगी जीने को मजबूर है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि, यदि किसी दूसरे धर्म को खत्म करने की बात कही गई होती, तो क्या यही होता, जो उदयनिधि वाले मामले में हो रहा है ? क्योंकि, जातिवाद तो हर धर्म में है, इस्लाम में भी 72 फिरके हैं, जिनमे से कई एक-दूसरे के विरोधी हैं, तो ईसाईयों में प्रोटेस्टेंट- केथलिक, पेंटिकोस्टल, यहोवा साक्षी में विरोध है। तो क्या समाज सुधारने के लिए उदयनिधि, इन धर्मों को पूरी तरह ख़त्म करने की बात कह सकते हैं ? या फिर दुनिया में एकमात्र धर्म जो वसुधैव कुटुंबकम (पूरा विश्व एक परिवार है), सर्वे भवन्तु सुखिनः (सभी सुखी रहें) जैसे सिद्धांतों पर चलता है, जो पूरी दृढ़ता के साथ यह मानता है कि, ईश्वर एक है और सभी लोग उसे भिन्न-भिन्न रूप में पूजते हैं, उस सनातन को ही निशाना बनाएंगे ?