गिरिडीह:इलाजरत मरीजों की डायलिसिस अचानक रोक देने से मची अफरातफरी;मरीजों ने काटा बवाल,की सड़क जाम
गिरिडीह: ज़िले की चिकित्सा व्यवस्था में भारी गड़बड़ी का मामला आज सामने आया है।जहां इस अस्पताल में इलाजरत मरीजों के अचानक डायलिसिस रोक दिया गया।जिससे आज भारी अफरातफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। मरीजों ने जमकर बवाल काटा।लोगों की मूलभूत सुविधाओं को निजीकरण सेवाओं से जोड़े जाने का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ा।
बताया जाता है कि स्थानीय सदर अस्पताल में राज्य सरकार और प्राइवेट एजेंसी द्वारा संचालित डायलिसिस सेवा को बंद कर दिए जाने से मरीजों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और कोर्ट रोड को जाम कर बीच सड़क पर बैठ गए।परेशान मरीजों को हंगामा करते देखकर उनका सहयोग करने के लिए कुछ नेता भी पहुंच गए।
इस दौरान जिले के दूर दराज इलाके से आए कुछ मरीजों ने कहा एक दो मरीजों की हालत काफी खराब है और जब वह डायलेसिस के लिए सदर अस्पताल पहुंचे तो उन्हें डायलेसिस सेवा का संचालन करने वाली एजेंसी स्काई संजीवनी के टेक्नीशियन ने कहा कि डायलेसिस नही होगा। इस दौरान टेक्नीशीयन ने मरीजों को कहा कि रांची से डायलेसिस की सेवा को बंद करने का निर्देश दिया गया है। जिसके बाद परेशान मरीज और उनके परिजन भड़क उठे और सड़क जाम करते हुए वहीं बैठ गए।
हालांकि मौके पर एसडीएम, सीओ और नगर थाना पुलिस ने मरीजों की परेशानी को देखते हुए डायलेसिस सेवा का संचालन करने वाली एजेंसी के टेक्नीशियन को जमकर फटकार लगाई और जेल भेजने की धमकी दी। तब जाकर टेक्नीशियन ने डायलेसिस करना शुरू किया।
इधर सिविल सर्जन डॉ शिव प्रसाद मिश्रा ने बताया कि बकाया भुगतान नहीं होने का हवाला देकर ही एजेंसी ने सेवा कार्य को ठप कर दिया था।
सिविल सर्जन का कहना था कि न तो एजेंसी की ओर से कोई इंचार्ज भी यहां नही रहता है और बिल भी हमेशा गलत बनाकर देते है। बताया कि मार्च से जुलाई माह तक का बिल पिछले अक्टूबर माह में दिया गया है। बिल की जांच पडताल करने के बाद ही भुगतान संभव हो पायेगा। एजेंसी को हर माह बिल देने के बाद भुगतान संभव है। क्योंकि कई बार एजेंसी ने फाल्स बिल दिया है और भुगतान लेने का प्रयास किया है। इस बार एजेंसी ने मार्च से जुलाई का 12 लाख का बिल थमा दिया।
Nov 06 2023, 20:15