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औरंगाबाद में बेलगाम बालू माफिया दिखा गुंडाराज : बड़ेम ओपी के गृहरक्षक को जानबूझकर रौंदा, हुई मौत

औरंगाबाद : जिले में बालू माफियाओं के हौसले इन दिनों काफी बुलंद है। आए दिन पुलिस पर हमला बालू माफियाओं के द्वारा किया जा रहा है और पुलिस हांथ मलती रह जा रही है। ट्रैक्टर तो जरूर पकड़ में आ जा रही है मगर बालू माफिया नही पकड़े जा रहे। अगर ईमानदारी से पुलिस कारवाई करती तो निश्चित ही कारोबारी पुलिस के गिरफ्त में होते। 

ऐसा ही एक मामला फिर से सामने आया है। मंगलवार की देर रात बालू के अवैध कारोबार से जुड़े ट्रैक्टर ने बड़ेम थाने के गृह रक्षक को टक्कर मारते हुए भाग निकला। हादसे के बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। गृह रक्षक की पहचान रामराज महतो के रूप में हुई है। रामराज महतो मदनपुर थाने के चिल्मी कोयरी बिगहा गांव के रहनेवाले थे।

इस बारे में जब एसडीपीओ मोहम्मद अमानुल्लाह खान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कल देर रात बड़ेम थाने के पुलिस अवर निरीक्षक राजेश कुमार को कंकेर रोड में एक स्वराज ट्रैक्टर पर लदा अवैध बालू लेकर जाने की सूचना प्राप्त हुई थी। जिसका वह पीछा करने लगे तथा थाना अध्यक्ष बड़ेम को सूचना देकर सहायता के लिए एनटीपीसी की गस्ती गाड़ी को भेजने का अनुरोध किया। बड़ेम थाने द्वारा एनटीपीसी थाना अध्यक्ष से गस्ती को भेजने के लिए अनुरोध किया गया। 

तत्पश्चात थाना अध्यक्ष एनटीपीसी अपनी गस्ती गाड़ी को रात्रि में ही भेज दिए। जिसमें गस्ती पदाधिकारी अपने बल के साथ बड़ेम थाने के पदाधिकारी राजेश कुमार के बताए अनुसार आगे से ट्रैक्टर को घेरने का प्रयास किया। उसी क्रम में एक बालू लदा स्वराज ट्रैक्टर को रुकवा रहे गृह रक्षक रामराज महतो को जानबूझकर धक्का मारते हुए भाग निकला। गृह रक्षक रामराज महतो के साथ रहे पुलिस बल के द्वारा तत्काल एनटीपीसी अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

एसडीपीओ ने बताया कि भागे हुए ट्रैक्टर एवं सम्मिलित व्यक्तियों के खिलाफ गिरफ्तारी के लिए सोन दियारा क्षेत्र में रात्रि से ही पुलिस बल के द्वारा छापेमारी की जा रही है। जल्द ही इस व्यवसाय में जो शामिल है उन्हे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

सांसद सुशील सिंह को खरी-खोटी सुनाने वाले स्वामी रंगनाथ आचार्य ने दी सफाई, बताया यह वजह

औरंगाबाद : पिछले दिनों स्वामी रंगनाथ आचार्य से आशीर्वाद लेने गए स्थानीय सांसद सुशील कुमार सिंह को आचार्य ने खूब-खरी-खोटी सुनाई थी। जिसपर बीजेपी के कई नेताओं द्वारा कड़ी आपत्ति जताई गई। मामला तूल पकड़ने के बाद आज कैमरे पर आकर आचार्य ने अपनी सफाई दी। 

उन्होंने कहा कि मैं 4 महीने के अनुष्ठान में था और मेरे ऊपर आत्मघाती हमला हुआ था। उसके बाद अभी तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है और नहीं प्रशासनिक स्तर पर ही कोई कार्रवाई हुई है। मैं सिर्फ सांसद से यह पूछना चाहता था कि अब तुम क्यों आया है? 4 महीने से मैं तुम्हारे क्षेत्र में हूं और तुम नहीं आया तो आज तुम पूर्णाहुति के दिन क्यों आया। सिर्फ और सिर्फ पब्लिसिटी बटोरने के लिए तुम आया है? फिर मैंने पूछा कि आप कौन हो तो सांसद बोला कि हम हिंदू हैं। तो मैंने पूछा कि हिंदू का क्या चिन्ह है तुम्हारे पास। वह भी सांसद के पास नहीं था। 

आचार्य ने कहा कि यह लोग जनता को बरगलाने वाले लोग हैं और पब्लिसिटी लेने वाले लोग हैं। यदि बिहार में हिंदुत्व पर कोई काम करने वाला होता तो आज बिहार में नीतीश की सरकार नहीं होती। यह सब हिंदू को बरगलाने वाले लोग हैं और कहीं ना कहीं यह हिंदुत्व के नाम पर छलावा करने वाले लोग हैं। इस बात का मुझे क्रोध था और इसी क्रोध का उपज में मेरी वाणी थी जो निकल पड़ी। 

उन्होंने संत की परिभाषा बताते हुए कहा कि संत वृगु को कोई जानता है भृगु ने भगवान नारायण के छाती पर लात मारा था। संत वही है जो अन्याय को सहन न करें और न्याय के विषय में अपनी आवाज बंद ना करें वही संत कहलाता है। उन्होंने कहा कि मैं पूर्व में नवादा से एमपी का चुनाव भी लड़ा हूं और फिर मैं चुनाव लड़ूंगा।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

कमल किशोर बने आकाशवाणी संवाददाता संघ के प्रदेश अध्यक्ष , शशांक शेखर महासचिव

औरंगाबाद । वरिष्ठ पत्रकार एवं आकाशवाणी के औरंगाबाद स्थित संवाददाता कमल किशोर बिहार आकाशवाणी संवाददाता संघ के प्रदेश अध्यक्ष चुने गए हैं । आकाशवाणी के मुजफ्फरपुर संवाददाता कौशल किशोर कौशिक संघ के संरक्षक और बक्सर संवाददाता शशांक शेखर महासचिव होंगे । इस आशय का निर्णय आकाशवाणी के प्रदेश भर के संवाददाताओं की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया ।

इसी प्रकार अशोक प्रियदर्शी (नवादा) हरिकांत सिंह (शिवहर), कृष्ण कुमार (समस्तीपुर ) होमी चंदन (पूर्णिया ) , मुकेश कुमार चौधरी (कटिहार ) , आशीष कुमार (पश्चिम चंपारण ) , निरंजन कुमार (नालंदा ) और मणिकांत झा (दरभंगा ) संघ के उपाध्यक्ष बनाए गए हैं जबकि आलोक कुमार (पूर्वी चंपारण) को संघ का कोषाध्यक्ष बनाया गया है । प्रभात सुमन (खगड़िया ) बिदु शेखर (बांका), मनीष कुमार वत्स (मधेपुरा),आरती कुमारी (सहरसा) और मनोज कुमार सिंह (वैशाली) को सचिव पद की जिम्मेवारी दी गई है जबकि मुकेश कुमार सिंह (भोजपुर) तथा पंकज कुमार (जमुई) और विनय कुमार (लखीसराय) संयुक्त सचिव बनाए गए हैं ।

आकाशवाणी संवाददाता संघ का . सचिव श्रीकांत पांडेय (कैमूर), चंद्रभूषण कुमार (अरवल), धर्मवीर भारती (गया), निरंजन कुमार (शेखपुरा ), विजय कुमार झा (बेगूसराय) गौतम सहगल (अररिया ) 'विनोद कुमार (भागलपुर ) पवन कुमार सिंह (सारण) आकाश कुमार '(सिवान), मधेश कुमार तिवारी (गोपालगंज ) ,रवि शंकर चौधरी (सुपौल), विशाल कुमार (किशनगंज), राजेश कुमार (सीतामढ़ी), प्रशांत कुमार सिंह (मुंगेर), आभाष रंजन (जहानाबाद) को बनाया गया है । नवनियुक्त चंदन कुमार (रोहतास),आशीष कुमार (पटना) और मधुबनी संवाददाता कार्यकारिणी समिति के सदस्य होंगे ।

बैठक के बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष कमल किशोर ने कहा कि आकाशवाणी के प्रदेश भर के सभी संवाददाता विकास तथा जनहित से जुड़ी सटीक व सकारात्मक खबरों के लिए नई ऊर्जा तथा जोश के साथ कार्य करेंगे और संवाददाताओं से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए विशेष प्रयास किया जाएगा ।

स्कूटी ऑटो की टक्कर में घायल हुए 15 वर्षीय किशोर की इलाज के दौरान मौत, परिवार मे मचा कोहराम

औरंगाबाद : शहर के सिन्हा कॉलेज के समीप स्कूटी ऑटो की टक्कर में घायल हुए 15 वर्षीय किशोर की 16 वें दिन बनारस के ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मौत हो गई। 

मृतक किशोर की पहचान बारुण थाना क्षेत्र के कचनपुर निवासी बैद्यनाथ यादव के पुत्र राहुल कुमार के रूप में की गई है।फिलहाल बैजनाथ यादव वार्ड 32 के अनुग्रह नगर में मकान बनाकर अपने परिवार के साथ रह रहे हैं और व्यावसायिक कार्यों से जुड़े हुए हैं। 

बताया जाता है कि किशोर शनिवार 14 अक्टूबर की देर शाम बाजार से सब्जी लेकर घर लौट रहा था। तभी कॉलेज के समीप उसके स्कूटी के सामने एक साइकिल सवार आ गया और उसने उसे बचाने की कोशिश की।

लेकिन उसी दौरान दूसरी दिशा से तेज गति से आ रहे एक ऑटो ने उसकी स्कूटी में जोरदार टक्कर मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। 

हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने उसे सदर अस्पताल पहुंचाया। लेकिन उस वक्त तक उसकी पहचान नहीं हुई थी।

इस हादसे की सूचना पर वार्ड 32 की वार्ड पार्षद सुमन देवी के प्रतिनिधि सचिन कुमार उर्फ सोनू एवं सिंह कॉलेज कर्मी अमरेंद्र सिंह सदर अस्पताल पहुंचे और इसकी सूचना परिजनों को देते हुए उसकी स्थिति को गंभीर देख इलाज के वहां पहुंचे और उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल से नारायण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल जमुहार लेकर पहुंचे।

परंतु यहां भी उसकी स्थिति नाजुक बताते हुए चिकित्सकों ने ट्रामा सेंटर बनारस के लिए रेफर कर दिया। जहां 16 वे दिन सोमवार की दोपहर इलाज के दौरान किशोर ने दम तोड़ दिया। 

वार्ड पार्षद प्रतिनिधि सचिन ने बताया कि राहुल घर का इकलौता पुत्र था और इसकी मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मां, पिता, दादा सहित दो छोटी बहनों का रो रोकर हाल बुरा है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

राजीव रंजन सिंह फिर बने जदयू के मुख्य जिला प्रवक्ता, मीडिया को खुद दी जानकारी

औरंगाबाद : जेडीयू के मुख्य जिला प्रवक्ता रहे राजीव रंजन सिंह एकबार फिर से इस पद पर आसीन हो गये है। इस बात की जानकारी आज रविवार को उन्होंने खुद ही मीडिया को दी। 

राजीव रंजन सिंह ने कहा कि मैं आज और अभी से पार्टी का पुनः मुख्य जिला प्रवक्ता हो गया हूं। कहा कि पूर्व में पार्टी के 15 पदाधिकारियों ने पद से इस्तीफा दिया था। इस्तीफे के बाद हमारी मुलाकात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह से हुई। मुलाकात के दौरान उन्होने निर्देश दिया कि आप लोग जिस पद पर थे, उसी पद पर कार्य करते रहेंगे। 

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार सभी 15 पदाधिकारी पदो पर पुनः काबिज हो जाने चाहिए। लेकिन जिलाध्यक्ष ने 15 में से सिर्फ 9 पुराने पद पर बने रहने की रिलीज जारी है। मेरे समेत शेष 6 नेताओं को पार्टी पद से मुक्त करने की बात कर दी। कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश के बाद किसी का इस्तीफा स्वीकार करने की बात गलत है और राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार मैं आज भी पार्टी का मुख्य जिला प्रवक्ता हूं। 

गौरतलब है कि दो दिन पहले ही जेडीयू जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने पार्टी नेता अजिताभ कुमार सिंह उर्फ रिंकू सिंह को पार्टी का मुख्य जिला प्रवक्ता मनोनीत किया। मनोनयन के बाद रिंकू सिंह ने ही रविवार को प्रवक्ता के हैसियत से प्रेस रिलीज जारी कर जानकारी दी है कि इस्तीफा देने वाले 15 में से 9 पद पर पुनः आ गए है जबकि शेष 6 पदमुक्त कर दिए गए है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन का राज्य सम्मेलन संपन्न, बिहार के पत्रकारों ने एकजुट होकर रखी अपने हक और संसाधनों की मांग


औरंगाबाद: बिहार के पत्रकारों ने एकजुट होकर अपने लिए संसाधनों और अपने हक की मांग की है. यह केंद्रीय स्वर रहा बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के औरंगाबाद जिला मुख्यालय में शनिवार को आयोजित राज्य सम्मेलन का। जिसमें बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की नई राज्य कार्यकारिणी का भी गठन किया गया।

इस सम्मेलन को औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह, औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर सिंह, विधान पार्षद तथा निदेशक जाकिर हुसैन संस्थान समीर कुमार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार चौथी दुनिया के संपादक तथा पूर्व सांसद संतोष भारतीय, बिहार के पूर्व पर्यटन मंत्री सुरेश पासवान, भारत सरकार एमएसएमई निर्देशक दैनिक जागरण के पूर्व संपादक हरेंद्र प्रताप सिंह, इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन सिन्हा, बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के नए सत्र के नवनिर्वाचित अध्यक्ष तथा यूएनआई के पूर्व ब्यूरो प्रमुख महेश कुमार सिंह, यूनियन के महासचिव कमलकांत सहाय, यूएनआई रांची के ब्यूरो प्रमुख तथा भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के सलाहकार विनय कुमार, इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमरमोहन प्रसाद, यूनियन के राष्ट्रीय सचिव शिवेंद्र नारायण सिंह, नव बिहार टाइम्स के संपादक और इस आयोजन के संयोजक तथा नवनिर्वाचित कमेटी के उपाध्यक्ष कमल किशोर ने संबोधित किया. कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार तथा टाइम्स आफ इंडिया के ब्यूरो इंचार्ज प्रेमेंद्र मिश्रा ने किया।

इस मौके पर बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने एक प्रस्ताव भी पारित किया। जिसे पटल पर वरिष्ठ पत्रकार कमल किशोर ने रखा। इसमें पत्रकारों के लिए सुविधाएं बढाए जाने, उनकी सुरक्षा के उपाय करने और विकास कार्यों में उनकी भागीदारी बढ़ाने को लेकर 21 प्रस्ताव पारित किए गए थे। इस दौरान एक समारिका चौथा स्तम्भ का भी विमोचन किया गया। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि पत्रकार विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकार बेहद चुनौती पूर्ण वातावरण में कार्य करते हैं। ऐसी स्थिति में उन्होंने पत्रकारों को हर संभव सुविधा दिए जाने की बात का समर्थन करते हुए कहा कि यह बेहद जरूरी है कि पत्रकार बिना आर्थिक दबाव में आए हुए स्वतंत्र रूप से एक सुरक्षित वातावरण में कार्य कर सकें। 

उन्होंने पत्रकारों से भी अपील की कि वे सकारात्मक पत्रकारिता को जारी रखें। उन्होंने पत्रकारों के हितों के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार प्रेस की आजादी के लिए बेहद संवेदनशील है और जो कुछ भी संभव हो सकेगा वह पत्रकारों के हित में किया जाएगा। 

सांसद ने पत्रकारों के हित में उठाए जाने वाले प्रत्येक कदम के साथ अपना समर्थन जताया। वहीं

औरंगाबाद के विधायक आनंद शंकर सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हाल के दौर में पत्रकारों के समक्ष वास्तव में समस्याएं बढ़ी हैं और उनके कार्य क्षेत्र पर भी काफी दबाव आया है।

उन्होंने कहा कि अगर हमें देश के लोकतंत्र को बचाना है तो हमें पत्रकारों का साथ देना होगा। उन्होंने पत्रकारों से भी एकजुट होकर अपनी मांग रखने की बात कही और पत्रकारों की मांगों से संबंधित हर प्रकार के सहयोग करने का आश्वासन दिया।

वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व सांसद संतोष भारतीय ने कहा कि पत्रकारों के संगठन उतने प्रभावी नहीं रह गए हैं और ना वह पत्रकारों की समस्याओं को प्रभावी ढंग से उठा पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा जरूरी है कि पत्रकार एकजुट हो और अपनी मांगों को प्रभावशाली ढंग से रख सकें। इसलिए पत्रकारों तथा उनके संगठनों के बीच में एकता की बहुत आवश्यकता है।

विधान पार्षद समीर कुमार सिंह ने कहा कि वे तीन पीढ़ी से पत्रकारिता और राजनीति से जुड़े हैं और उन्हें पता है कि पत्रकार कितनी मुश्किल परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार बिरादरी अपने आप में एक बेहद सशक्त बिरादरी है जिसे किसी से मांगने की जरूरत नहीं है। अगर वह एकजुट होकर अपनी आवाज़ उठाएं तो किसी की ताकत इतनी नहीं है कि वह उनकी बात को उपेक्षित कर दे। 

उन्होंने यह आश्वासन दिया कि वह पत्रकारों की मांगों को पूरा करने की दिशा में हर संभव प्रयास करेंगे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के संयोजक कमल किशोर ने कहा कि मौजूदा दौर में भारत का मीडिया कई संकटों का सामना कर रहा है. आज के दौर में पत्रकारिता पहले से ज्यादा जोखिम भरे तथा तनावपूर्ण माहौल का सामना कर रही है जिस पर चौतरफा दबाव कायम है. उन्होंने कहा कि पत्रकारों तथा मीडिया से जुड़े गैर पत्रकारों को जो जरूरी सुविधा केंद्र और राज्य सरकारों से मिलनी चाहिए थी उसमें कोई इजाफा तो नहीं हुआ बल्कि पहले की अपेक्षा इन सुविधाओं में और भी ज्यादा कटौती हो गई है. 

श्री किशोर ने श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की 21 सूत्री मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि यह सभी ऐसी मांगे हैं जिससे न केवल पत्रकारों का भला होगा बल्कि समाज का, सरकार का भी भला होगा. उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वह पत्रकारों की समस्याओं को दूर करने में अपनी प्रभावी भूमिका निभाएं. 

लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किए गए राज्य के 8 वरिष्ठ पत्रकार 

बिहार के 8 वरिष्ठ पत्रकारों को बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इनमें शिवेंद्र नारायण सिंह, अमर मोहन प्रसाद, विनय कुमार, अजीत प्रताप सिंह, त्रिपुरारी त्रिवेदी, अनिल कुमार वर्मा, अविनाश चंद्र मिश्र तथा प्रभाकर कुमार शामिल हैं. 

शिवेंद्र नारायण सिंह, अमर मोहन प्रसाद, विनय कुमार तथा अनिल कुमार वर्मा कार्यक्रम में मौजूद थे जिन्हें संसद और विधायक ने लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया.

महेश कुमार सिंह अध्यक्ष, कमलकांत महासचिव तथा कमल किशोर बने उपाध्यक्ष

बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की नवगठित कार्यकारिणी में यूएनआई के पूर्व ब्यूरो प्रमुख महेश कुमार सिंह को अध्यक्ष चुना गया है. इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन सिन्हा ने नई कार्यकारिणी के सदस्यों के नाम की घोषणा करते हुए बताया कि इसमें अध्यक्ष के अतिरिक्त महासचिव पद पर कमलकांत सहाय, उपाध्यक्ष पद पर कमल किशोर एवं विष्णु कांत मिश्रा चुने गए हैं. रजनी शंकर एवं जितेंद्र कुमार सचिव बनाए गए हैं. इसके कोषाध्यक्ष शत्रुघ्न प्रसाद सिंह होंगे. कार्यकारी समिति के सदस्यों में शिवेंद्र नारायण सिंह, अमर मोहन प्रसाद, रवि उपाध्याय, निवेदिता झा, सरोज कुमार सिंह, अभय सिंह, धीरज, सीटू तिवारी, जरीन, लाल रत्नाकर, प्रभाकर सिन्हा, कृष्ण कुमार, सत्येंद्र कुमार सिंह एवं शशि मोहन शामिल हैं.

21 सूत्री प्रस्ताव में बीमा, सुरक्षा, पेंशन और बुनियादी सुविधाओं का मामला शामिल  

बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के राज्य सम्मेलन में 21 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें बीमा, सुरक्षा, पेंशन और बुनियादी सुविधाओं का मामला शामिल था. यूनियन के उपाध्यक्ष कमल किशोर ने ये प्रस्ताव रखे जिन्हें सर्वसम्मति से पारित किया गया. इन प्रस्तावों में जो मांगें रखी गयी हैं उनमें सेवानिवृत पत्रकारों हेतु पेंशन योजना की राशि 6 हजार रु से बढ़ा कर 20 हजार रु करने, पेंशन पत्रकार सम्मान योजना के नियमों / शर्तों को पर्याप्त लचीला करने जिससे राजधानी से लेकर जिला एवं मुफस्सिल स्तर तक के पत्रकारों / संवाददाताओं को भी इस पेंशन योजना का लाभ मिल सके, पत्रकार बीमा योजना में निहित राशि को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने, एवं राज्य सरकार का अंशदान 80 % से बढ़ा कर 90 % करने, बीमा योजना से नहीं जुड़ सके पत्रकारों तथा उनके परिवार को चिकित्सा अनुदान प्रदान करने, पत्रकारों को आवास के लिए 30 लाख रुपए तक की राशि के ऋण की व्यवस्था करने जिसके ब्याज की राशि का वहन राज्य सरकार करे, सभी प्रदेश एवं जिला स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समितियों में कम से कम दो - दो पत्रकारों को शामिल करने, दिशा और अनुमंडल अनुश्रवण समितियों में भी हर स्तर पर दो - दो पत्रकारों को शामिल करने, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की नियुक्तियों में 20 % पदों की भर्ती ( जो 5 से कम नहीं हो ) योग्य एवं पात्र पत्रकारों के बीच से सीधे तौर पर करने, प्रत्येक प्रखंड में प्रखंड सूचना अधिकारी की नियुक्ति करने जो प्रखंड स्तरीय पत्रकारों के साथ सूचनाओं का आदान प्रदान कर सकें और सरकारी योजनाओं से अवगत करा सकें, प्रत्येक अनुमंडल में अपर जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की पदस्थापना करने, राज्य के सभी निकायों / आयोग / बोर्ड में जनसंपर्क पदाधिकारी की नियुक्ति /पदस्थापना करने जिसमें पत्रकारों का भी कोटा निर्धारित हो, राज्य सरकार विकास संबंधी एवं सकारात्मक रिपोर्टिंग करने वाले दो- दो पत्रकारों को प्रतिवर्ष राजधानी स्तर से लेकर जिला स्तर तक सम्मानित करने की व्यवस्था करें, राज्य सरकार के स्तर पर राजधानी प्रेस क्लब एवं जिलों के प्रेस क्लब की पंजीकृत समितियां को प्रेस क्लब भवन एवं उसके प्रबंधन कार्य को हस्तगत करने, राज्य स्तर पर मीडिया आयोग का गठन करने, पत्रकार कल्याण ट्रस्ट को सक्रिय करने ताकि इसका लाभ पत्रकार मित्रों को मिल सके।  

सरकार की महिला सशक्तिकरण नीति के क्रम में जिला स्तर और प्रखंड स्तर पर कार्यरत महिला पत्रकारों को प्रोत्साहित करने की योजना सरकार के स्तर से बनाने, पत्रकारों की सुरक्षा से जुड़े सवालों को लेकर जिला स्तर पर पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष सेल का गठन करने जिसमें पत्रकारों का भी प्रतिनिधित्व हो, पत्रकारों पर चल रहे फर्जी मुकदमों को सम्यक जांचोपरांत वापस लेने, इसके लिए एक विशेष जांच कमेटी भी गठित करने जिसमें पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हो, युवा एवं नए पत्रकारों को नियमित रूप से प्रशिक्षण देने हेतु सरकार के स्तर से पत्रकार संगठनों / यूनियन के माध्यम से विशेष स्थायी व्यवस्था की करने तथा प्रत्येक विश्वविद्यालय में पत्रकारिता की पढ़ाई शुरू करने , प्रत्येक जिले में पत्रकारिता के कोर्स का संचालन सुनिश्चित करने , जिलों में डीएम के मासिक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन हर माह में हर हाल में सुनिश्चित करने और प्रत्येक सप्ताह में एक विभाग के साथ बैठक सुनिश्चित करने की मांग शामिल है. 

बिहार के विभिन्न जिलों से शामिल हुए सैकड़ों पत्रकार प्रतिनिधि 

बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के राज्य सम्मेलन में बिहार के विभिन्न जिलों से सैकड़ों पत्रकार प्रतिनिधि शामिल हुए. अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ पत्रकार कमल किशोर के साथ-साथ रवीन्द्र कुमार सिंह रवि, श्रीराम अम्बष्ट, भूपेंद्र नारायण सिंह, सनोज पांडेय, सुजीत कुमार सिंह, अजय कुमार श्रीवास्तव, सतीश कुमार मिश्रा, संजय सिंह, मनीष कुमार श्रीवास्तव, मनीष तिवारी, अभिनेश सिंह, दीनानाथ मौआर, ओम प्रकाश सिंह विपुल, अरविंद सिंह, जितेंद्र सिंह, यशवंत सिंह, मिथिलेश कुमार दीपक, मंटू कुमार, धीरेंद्र पांडेय, मनोज कुमार सिंह आदि पत्रकारों ने किया. 

गया से आए पत्रकार प्रतिनिधि तथा प्रभात खबर के वरिष्ठ पत्रकार कंचन सिन्हा, रोहतास के वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र मिश्रा, भभुआ के श्रीकांत पांडेय, दैनिक भास्कर के स्नेह रंजन आदि ने कहा कि यह सम्मेलन अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सफल रहा है. इस कार्यक्रम में विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता तथा भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य अनिल कुमार सिंह, ऑल इंडिया हाकर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इरफान अहमद फातमी ,जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश कार्य समिति सदस्य विश्वनाथ सिंह, भाजपा नेता आलोक सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता सैयद शहजादा शाही आदि भी मौजूद थे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद: अस्पताल की लापरवाही उजागर, एक्सपाइरी ग्लूकोज की बोतल चढ़ाने से मरीज की मौत

औरंगाबाद: मॉडल सरकारी अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है जहां अस्पताल की लापरवाही उजागर की । मेल वार्ड में भर्ती मरीज 75 वर्षीय शिवकिंकर प्रसाद सिंह को एक्सपाइरी ग्लूकोज की बोतल चढ़ा दिया गया। जिससे मरीज की मौत हो गई। 

मृतक देव थाना के देव का निवासी था । सदर अस्पताल में लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है। अक्सर ऐसे लापरवाही अस्पताल से सामने आते रहे हैं। चाहे नवजात शिशु की मौत का हो या एंबुलेंस नहीं मिलने का, या फर्श पर मरीज का इलाज, इस बार तो हद ही हो गई मेल वार्ड में भर्ती मरीज को एक्सपायरी ग्लूकोज सितंबर 2023 की बोतल ही चढ़ा दी गई।परिजनों ने वार्ड में ड्यूटी नर्सो पर लापरवाही का आरोप लगाया हैं।

दरअसल, मरीज शिवकिंकर प्रसाद सिंह को लूज मोशन की शिकायत थी। जिसे परिजनों ने इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था इलाज करवाने आए मरीज को ग्लूकोज की एक्सपायरी डेट वाली बोलत चढ़ा दी गयी, लगभग 70 प्रतिशत ग्लूकोज मरीज को चढ़ा दी गयी जब मरीज के परिजनों ने देखा कि बोतल से ग्लूकोज़ रुक-रुक कर जा रहा है। तब उनकी नज़र बोटल के एक्सपायरी डेट पर पड़ी जो सितंबर 2023 में एक्सपायर हो चुका था।वही परिजन लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग कर रहे है।

अस्पताल प्रबंधक हेमंत राजन ने बताया कि मरीज गैस पी में आया था और नर्स के द्वारा बिना देखे एक्सपायरी डेट वाली पानी चढ़ा दी गई जिसकी जांच की जा रही है उन्होंने बताया कि पानी की एक्सपायरी तिथि 30 सितंबर 2023 थी और आज उसे चढ़ाया गया था हालांकि चिकित्सक के अनुसार इस पानी से मरीज के स्वास्थ्य पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा होगा लेकिन लापरवाही बढ़ती गई है इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

 मामले को लेकर विपक्ष भी हमलावर हो गया और भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य अनिल कुमार सिंह ने कहा कि अंधेर नगरी चौपट राजा का एक और उदाहरण है। जब राजद का पहला 15 साल का शासन काल था। उस समय अस्पताल में कुत्ते सोते थे। यह सुनी हुई बात नहीं आंखों से देखा मैं बोल रहा हूं।

 वैसे उसके बाद अस्पताल में थोड़ा बहुत जरूर सुधार हुआ था। यह जो एक्सपायरी पानी अभी शुरुआत है इसके बाद सरकारी अस्पताल में लोग जाना छोड़ देंगे। डॉक्टर का जो अपहरण काल था उसके बाद अब रात में क्लीनिक जो बंद होने का पद्धति बिहार में चालू हुआ वापस अभी तक नहीं शुरू हुआ है। रात में कोई क्लिनिक नहीं खुला रहता है।यहां के लोगों को, बिहार के लोगों को राजद के शासन काल में एकदम सीरिया और पूर्व के अफगानिस्तान सा हालत होने वाला है। यह राक्षसी राज्य है। 

उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए पर वह निर्लज है कभी इस्तीफा नहीं देंगे। बिहारवासी बेवसी की मौत मरने को मजबूर है। इसका यह ज्वलंत उदाहरण है।

वही इस बारे में जब सिविल सर्जन डॉक्टर रवि भूषण श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने अभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि आपसे ही यह जानकारी मिल रही है।

 एक्सपायरी सलाइन चढ़ाने की बात जब उनसे पूछा गया तो तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि ऐसा संभव नहीं है लेकिन एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में यह बात आप मुझे बता रहे हैं तो मैं इसकी जांच करवा रहा हूं। जो भी दोषी इसमें होंगे उन पर निश्चित ही उचित कार्रवाई की जाएगी।

औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह का महागठबंधन में शामिल होने का झूठा खबर प्रसारित, अब करेंगे कानूनी कार्रवाई

औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह ने एक फेक चैनल के द्वारा महागठबंधन में शामिल होने का झूठा खबर प्रसारित किया गया है इसके संबंध में सांसद ने एक ब्यान जारी करते हुए कहा कि एक फेक चैनल के द्वारा मेरे विषय में एक फेक खबर चलाई जा रही है इस संबंध में मैं यह कहना चाहूंगा कि यह खबर बिल्कुल निराधार,असत्य बेबुनियाद और तथ्यहीन है

 इस खबर को चलाने वाले ने पत्रकारिता की मर्यादा को भी तार-तार किया है।अगर इस तरह की बात किसी ने उनको बताई भी थी तो सबसे पहले उनका यह कर्तव्य बनता था कि वह संबंधित व्यक्ति से इसके संबंध में तहकीकात करते और जानकारी लेते जो मुझसे नहीं किया गया और न पूछा गया

 इसीलिए मैं कह रहा हुँ कि यह खबर बिल्कुल ही निराधार और असत्य है 

दूसरी बात यह कहना चाहता हुँ कि जिस किसी व्यक्ति ने इस खबर को चलने और चालवाने के लिए व्यय भी किया होगा तो वह यह उनका मकसद पूरा नहीं होगा व्यर्थ जाएगा ऐसे तथ्यहीन खबरों की सर्वदा निन्दा होनी चाहिए और मैं इसका पूरी तरह से खंडन करता हुँ।

सर्विलांस यूनिट (आईएचआईपी) द्वारा दिए गए विषयक प्रशिक्षण

औरंगाबाद 27 अक्टूबर 2023

जिले के सभी आशा फैसिलिटेटर को समेकित स्वास्थ्य सूचना पोर्टल पर कार्य करने के लिए समझ विकसित करने हेतु सदर अस्पताल स्थित क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र में जिला सर्विलांस यूनिट (आईडीएसपी) द्वारा एक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. 

गुरुवार को प्रारंभ प्रशिक्षण का यह कार्यक्रम शनिवार को समाप्त होगा जिसके अंतर्गत बैचवार जिले के सभी प्रखंडों में कार्यरत आशा फैसिलिटेटर को प्रशिक्षण देने का कार्य पूरा किया जाएगा. 

प्रशिक्षण के पहले दिन उद्घाटन सत्र के दौरान सिविल सर्जन डॉक्टर रवि भूषण श्रीवास्तव द्वारा प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया गया कि सन 2004 में रोगों के नियंत्रण के उद्देश्य से एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) की शुरुआत हुई थी. जिसके अंतर्गत दिल्ली में एक केंद्रीय निगरानी इकाई (सीएसयू), सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश मुख्यालयों पर राज्य निगरानी इकाइयां (एसएसयू) और देश के सभी जिलों में जिला निगरानी इकाइयां (डीएसयू) स्थापित की गई हैं. इन इकाइयों के द्वारा आबादी में रोगों के प्रसार एवं आउटब्रेक की पहचान के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म की स्थापना की गई है. इस डिजिटल प्लेटफॉर्म को नाम दिया गया है आईएचआईपी अर्थात इंटीग्रेटेड हेल्थ इनफॉरमेशन प्लेटफार्म. यह एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम की अगली पीढ़ी का उच्च एवं परिष्कृत संस्करण है. इसके अंतर्गत डेटा विश्लेषण का कार्य किया जाता है. डेटा विश्लेषण के आधार पर आबादी में आउटब्रेक पहचान कर ली जाती है तथा रोकथाम के लिए तुरंत निरोधात्मक एवं उपचारात्मक कार्रवाई किए जाते हैं. 

विश्व व्यापी कोरोना महामारी का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि आबादी के जिस हिस्से में संक्रमण की सूचना मिल रही थी उसी के आधार पर तत्काल प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्य योजना बनाकर कार्य किया जा रहा था. इसके अनुप्रयोग से न सिर्फ विश्व व्यापी महामारियों से बल्कि डायरिया, निमोनिया, संचारी- गैर संचारी रोगों पर भी नियंत्रण संभव है. यह बहुत ही उपयोगी विषय है.

इस आशय की जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो. अनवर आलम द्वारा बताया गया कि रोगों के निगरानी के लिए जिले में जिला सर्वेलेंस यूनिट कार्यरत है. अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी इसके नोडल पदाधिकारी हैं तथा एक एपिडेमियोलॉजिस्ट राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत पदस्थापित हैं. आबादी में रोगों के आउटब्रेक की ससमय पहचान एक महत्वपूर्ण विषय है. इसके लिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र स्तर आबादी में बढ़ रहे किसी रोग की तत्काल पहचान कर ली जाए और जिस आबादी या भौगोलिक क्षेत्र में रोग फैल रही हो वहां स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निरोधात्मक कार्रवाई किया जा सके. आशा फैसिलिटेटरों के साथ-साथ चरणबद्ध तरीके से चिकित्सकों, स्टाफ नर्स/ एएनएम एवं को भी प्रशिक्षण देने का कार्य किया जाएगा. 

प्रशिक्षक के रूप में स्वयं कार्य कर रहे जिला एपिडेमियोलॉजी उपेंद्र कुमार चौबे द्वारा बताया गया कि पहले दिन सदर प्रखंड, गोह, देव एवं रफीगंज के आशा फैसिलिटेटर इस प्रशिक्षण के प्रतिभागी रहे. तीन दिनों में जिले के सभी आशा फैसिलिटेटरों को प्रशिक्षण देने का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा. साथ ही यह बताया गया कि प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र में सिविल सर्जन, डीपीएम सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्यान्य वरीय पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे.

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस वे का भूमि मुआवजा नोटिस लेने से किसानों ने मना किया

औरंगाबाद : भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बन रहे वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेसवे के किसानों ने अब भू-अर्जन विभाग से लेकर नेशनल हाईवे के द्वारा भूमि मुआवजे की नोटिस विरतण पर कङा विरोध जताते हुए तेतरहट और तिवारीडिह गाँवों में भूमि मुआवजे का नोटिस लेने से साफ मना कर दिया। 

किसान संघर्ष समिति के जुझारू नेता सतीश कुमार सिंह ने मौके पर बताया कि भूअर्जन विभाग ने जो मुआवजा राशि भेजा है वो पुराने दर पर तय किया गया है। इतनी मुआवजे की राशि तो उन्हें 2013 में एनटीपीसी प्रोजेक्ट के लिए मिला था। 

आगे समिति महासचिव अमरेश दूबे ने यह पुछा कि क्या 2013 से लेकर 2023 के बीच कोई महंगाई नहीं बढ़ी है? यदि महंगाई बढ़ी है तो फिर किस आधार पर भू-अर्जन विभाग, बिहार सरकार 10 वर्ष बाद भी कुंभकर्ण के जैसा शयन अवस्था में है! मौके पर भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित हो गएं और उन्होंने नेशनल हाईवे के कर्मचारियों के विरोध में अपनी मुखरता से बात रखी। 

ग्रामीणों के अनुसार जब भूमि का अर्जन भू-अर्जन विभाग ने किया है तो फिर नेशनल हाईवे की गाङी से नोटिस क्यों बाँटा जा रहा है? 

तेतरहट में मौके पर बङी संख्या में आसपास के पीङित किसानों ने भी अपना विरोध जताया।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र