बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ द्वारा आहूत अधिकार यात्रा पहुंचा मोतिहारी
मोतिहारी : बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ द्वारा आहूत अधिकार यात्रा आज दूसरे दिन मोतिहारी पंहुचा। इस यात्रा की शुरुआत 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर गाँधी आश्रम भितिहरवा (पश्चिमी चम्पारण) से हुई है।
इस यात्रा का नेतृत्व डॉ० अच्युतानन्द, पूर्व विधायक सह संरक्षक, बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ और संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह कर रहे हैं। उक्त आशय की जानकारी संघ के जिला अध्यक्ष रजनीश कुमार सिंह ने दी।
इस अधिकार यात्रा का उद्देश्य जीविका की दीदी एवं कैडर के 10 सूत्रीय मांगों के साथ-साथ अन्य ज्वलंत मुद्दों पर महामहिम को ज्ञापन सौंपा जाना है।
उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए डॉ अच्युतानंद ने कहा कि भारत में सत्याग्रह का प्रथम प्रयोग था "चंपारण सत्याग्रह" था। वर्ष 1917 में चम्पारण जिले में नील कृषको का ब्रिटिश हुक्मरानों एवं शोषक जमींदारों के अत्याचारों एवं शोषण के विरुद्ध संचालित आंदोलन था।
इस आंदोलन का नेतृत्व सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी द्वारा किया गया था। गांधीजी की अफ्रीका यात्रा के पश्चात भारत में यह सत्याग्रह का प्रथम प्रयोग था। इसी तर्ज पर बिहार की आधी आबादी का नेतृत्व करने वाली जीविका दीदियां और जीविका कैडरों के अधिकारों की लड़ाई उसी उर्वर माटी से की गई है जो प्रारम्भ में अधिकार यात्रा / पदयात्रा के तौर पर है।
बाद में सरकार द्वारा जीविका दीदियों और कैडरों की मांगों को अनदेखा किया जाने के उपरांत यह आंदोलन विशाल रूप लेगी।
वही संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह ने कहाँ कि जीविका” परियोजना ने महिला सशक्तिकरण की अलख जगाने के साथ साथ गांवों की तस्वीर और तक़दीर बदलने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
केंद्र या राज्य सरकार द्वारा दिए गए हरेक दायित्व को पूरा करने में इनके द्वारा कोई कसर नही छोड़ी जाती है। चाहे वो सामाजिक या आर्थिक सशक्तिकरण हो या फिर वित्तीय साक्षरता, शराबबंदी, मानव श्रृंखला, मनरेगा सर्वेक्षण, वृक्षारोपण, दीदी की रसोई, नीरा उत्पादन, विद्यालय सर्वेक्षण या स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण ही क्यों न हो। सबों में जीविका में जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं (कैडरों) और जीविका दीदीयों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है और इनको सफल बनाकर एक कीर्तिमान स्थापित किया है।
पर बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है आज “जीविका” में इतनी बड़ी संख्या में ग्रामीण गरीब महिलाओं के हितो की अनदेखी की जा रही है। वही जमीनी स्तर के कार्यकर्ता “कैडरों” को मिलने वाली पारश्रमिक इतनी कम है कि जीवनयापन की बात तो छोड़िए लोगों को अपनी मिलने वाली पारश्रमिक और मिलने के तरीके भी बताने में शर्म आती है।
वही संघ के प्रदेश सचिव सुनिल जायसवाल ने कहा कि हमारी मुख्य मांगों में सभी कैडरों को जीविका की ओर से नियुक्ति पत्र एवं पहचान पत्र मिलने, मानदेय “कंट्रीब्यूशन सिस्टम” पर अविलंब रोक लगने, मानदेय 25 हजार करने, पांच साल पुराने सभी जीविका दीदियो का ऋण माफ करने एवं परियोजना में तीन साल पूरा करने वाले कैडरों के लिए स्टाफ के रूप में पदोन्नति की व्यवस्था करने के सम्बन्ध में हैं।
यह यात्रा भितिहरवा से 2 अक्टूबर 2023 को चलकर यह अधिकार यात्रा 7 अक्टूबर 2023 को राजभवन, पटना पहुंचेगी। जहाँ महामहिम को ज्ञापन सौंपा जायेगा।
अधिकार यात्रा में राजकुमार गुप्ता, हरेराम मंडल, शशिकांत शेखर, चन्दन कुमार प्रदेश सचिव सुनील जायसवाल यादव, जिला उपाध्यक्ष नंदकिशोर पंडित, जिला कोषाध्यक्ष आर के विनोद, जिला महासचिव रिंकू देवी, पताही प्रखंड अध्यक्ष रीना देवी, तुरकौलिया प्रखंड अध्यक्ष संजय कुमार यादव चकिया प्रखंड अध्यक्ष अमृता देवी बंजरिया प्रखंड अध्यक्ष विन्दु तिवारी, मेहशी प्रखंड अध्यक्ष रामेश्वर राम मोतिहारी प्रखंड अध्यक्ष टिंकू दास, रामगढ़वा प्रखंड अध्यक्ष राजन तिवारी, रमेश कुमार भूषण कुमार मनोज कुमार मैनेजर जी सरस्वती देवी, राकेश जी, दानिश कलाम, उपेंद्र पासवान, मुनी देवी, मंतोष कुमार इत्यादि सहित हजारों लोग शामिल हैं।
Oct 09 2023, 15:26