राघव चड्ढा को बड़ा झटका, खाली करना होगा सरकारी आवास, जानें आप सांसद की प्रतिक्रिया
#raghav_chadha_will_vacate_government_bungalow
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा सरकारी बंगला खाली करना पड़ेगा। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने राघव चड्ढा को टाइप 7 बंगला खाली करने का आदेश दिया है। अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि बंगला का अलॉटमेंट रद्द होने के बाद राघव चड्ढा का उस बंगले में रहने का कोई औचित्य नहीं बनता है। राघव चड्डा ये दावा नहीं कर सकते कि राज्यसभा के सांसद के तौर पर कार्यकाल पूर्ण होने तक उनका इस बंगले पर रहने का अधिकार बनता ही है।
दरअसल, राघव चड्ढा को राज्यसभा सांसद बनने के बाद दिल्ली के पंडारा रोड पर टाइप-7 का बंगला आवंटित हो गया था, लेकिन बाद में पता चला कि पहली बार सांसद बने राघव चड्ढा इसके लिए अधिकृत नहीं थे। नियम के तहत पहली बार सांसद बनने वाले नेताओं को सरकारी फ्लैट आवंटित किया जाता है। अपनी भूल सामने आने के बाद राज्यसभा सचिवालय ने बंगला खाली कराने के लिए नोटिस दिया था, जिसे राघव चड्ढा ने चुनौती दी और कहा कि बतौर सांसद उन्हें एक बार निवास आवंटित हो गया है तो सांसद रहते हुए उसे खाली नहीं करवाया जा सकता।
अब राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को बंगला खाली कराने के मामले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने कहा है कि आप नेता राघव चड्ढा यह दावा नहीं कर सकते कि आवंटन रद्द होने के बाद भी उन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान सरकारी बंगले पर कब्जा कायम रखने का पूर्ण अधिकार है। अतिरिक्त जिला जज सुधांशु कौशिक ने 18 अप्रैल को पारित उस अंतरिम आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें राज्यसभा सचिवालय को चड्ढा को सरकारी बंगले से बेदखल नहीं करने का निर्देश दिया गया था।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बंगला खाली करने के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ परेशान करने का तरीका है। जो लोग मौजूदा केंद्र सरकार के खिलाफ मजबूती से अपनी बात रख रहे हैं उन्हें परेशान किया जा रहा है। सच तो यह है कि ऐसे बहुत से लोग है जिन्हें उनकी पात्रता से बढ़कर आवास आवंटित किया गया है। राघव चड्ढा ने कहा कि बीजेपी नाहक परेशान कर रही है, टाइप 7 बंगला राज्यसभा के सभापति ने उनकी योग्यता को ध्यान में रखकर आवंटित किया था। अब जबकि आवास रद्द किया इसका सीधा अर्थ यह है उन्हें किसी के इसारे पर टारगेट किया गया है। सबसे पहले सदन से निलंबन से यह सिलसिला शुरू और बाद में आवास आवंटन के निलंबन के तौर पर समाप्त हुआ। इससे साफ है कि जो सांसद बीजेपी के खिलाफ मुखर होकर अपनी बात रख रहे हैं उन्हें हर संभव तरीके से परेशान किया जा रहा है।
Oct 07 2023, 14:35