विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी द्वारा विश्व बंधुत्व दिवस मनाया
गया। विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा गया के तत्वाधान में दो स्थान गया के एक निजी हॉल में (आई.एम.ए. हॉल बिसार तालाब गया) एवं केंद्र कार्यालय, डोभी रोड गया में विश्व बंधुत्व दिवस मनाया गया। जिसका विषय था "वैश्विक परिदृश्य में हिंदू चेतना का संचार: विश्व बंधुत्व का आधार" कार्यक्रम की शुरुआत तीन ओंकार शांति पाठ से मंजु गुप्ता ने किया। स्वागत एवं अतिथि परिचय मीनाक्षी सेठ ने दिया। तत्पश्चात केंद्र मुख्यालय कन्याकुमारी का परिचय बीना भदानी ने दिया।
इस कार्यक्रम में देश भक्ति गीत एवं शिकागो व्याख्यान को भी शामिल किया गया। नगर संचालक प्रो. शिव शंकर गुप्ता ने विषय प्रवेश में स्वामी जी के व्यापक व्यक्तित्व दर्शन एवं उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला। साथ ही इन्होंने 11 सितंबर 1893 की वैश्विक परिस्थितियों पर प्रकाश डाला जिस समय सनातन धर्म की पुरातन सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक बौद्धिक धार्मिक तथा शैक्षणिक परंपराओं तथा धरोहरों का विदेशी शासको तथा विदेशी धर्म अनुयायियों द्वारा क्षति पहुंचाई जा रही थी।
मुख्य अतिथि के रूप में आये जगजीवन महाविद्यालय के प्रचार्य डॉ. सत्येंद्र प्रजापति ने अपने वक्तव्य में कहा स्वामी विवेकानंद जी का शिकागो में दिया गया भाषण सनातन संस्कृति तथा परंपराओं से परिपूर्ण था। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद जी ने मानव विकास एवं विश्व शांति हेतु सनातन धर्म तथा जीवन पद्धति के अनुसरण का सुझाव दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि ईश्वर हर प्राणी में निहित है। मानव सेवा ही ईश्वर की सच्ची सेवा है।
मुख्य वक्ता प्रोo (डॉo) रंजीत कुमार वर्मा ने अध्यात्म पर चर्चा की उन्होंने कहा भारत में पूजा पद्धति अलग होने के बाद भी हम एक साथ रह सकते हैं इस समावेशी संस्कृति भारत में ही मिलेगी। स्वामी जी के गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस जी ने बताया था कि अध्यात्म का वास्तविक अर्थ केवल अपने बारे में ही ना सोचकर संपूर्ण मानव समाज के उत्थान और हित की चिंता करें वही वास्तव में अध्यात्म है अध्यात्म का अर्थ केवल पूजा पाठ नहीं है अपितु संपूर्ण राष्ट्र समाज एवं विश्व के विकास एवं कल्याण का चिंतन है। प्रो. वर्मा जी ने बताया कि वर्तमान समय में भी विश्व का लगभग वही वैश्विक परिदृश्य है जो 11 सितंबर 1893 को थी। धर्मांधता, कट्टरवाद तथा विस्तारवादी नीतियों से विश्व में अशांति का विस्तार होता जा रहा है अतः पुनः सनातन जीवन शैली का अनुसरण आवश्यक है, भारत उसी पथ पर आज अग्रसर है। विश्व संकट कोविड के समय संपूर्ण विश्व के लोगों के स्वास्थ्य संरक्षण के लिए किए गए प्रयास, चंद्रयान की सफलता का श्रेय संपूर्ण मानव सभ्यता को समर्पित करना, वातावरण संरक्षण के लिए किए गए प्रयास इत्यादि हैं।
अभी संपन्न हुए G20 के सम्मेलन में "एक पृथ्वी, एक परिवार, तथा एक भविष्य" के सिद्धांत की सर्वमान्य स्वीकृति विश्व बंधुत्व का ही प्रतीक है। धन्यवाद ज्ञापन पटना विभाग संचालक डॉ विजय कुमार करण ने किया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी का उस समय कही गई बातें आज भी प्रासंगिक हैं। कार्यक्रम का संचालन वीणा गुप्ता ने किया। कार्यक्रम का समापन मनोरमा देवी ने शांति मंत्र से किया। इस अवसर पर बलिराम शर्मा अरविंद कुमार, अशोक जी, सुरेश प्रसाद, गणेश सेठ, महेश प्रसाद, अजीत कुमार, बीना भदानी, वीणा गुप्ता, मंजु गुप्ता, विद्वतमा चौधरी,सुनीता कधवे, सुधा गुप्ता, सुधा देवी, बबीता देवी, गया के कई कार्यकर्ता एवं प्रबुद्ध लोग उपस्थित थे। लोगो की संख्या 185 की थी। अंत में प्रसाद वितरण किया गया।
Sep 12 2023, 17:11